.
Follow/RT/Like करने मत आइये - मैं हर्फों के इस बाज़ार में इन सबके लिए नहीं हूँ...
दुआओं की बेशुमार दौलत है मेरे पास - वो लेनी हो, तो जब चाहे चले आओ...
.
#D
̲i̲s̲c̲l̲a̲i̲m̲e̲r̲ :-
लफ़्ज़ों के इस बाज़ार में
मेरे हर्फ़ सिर्फ आपके हर्फों से गुफ्तगू करते हैं,
और वो भी पूरे अदब के साथ...
किसी से भी मेरा कोई रिश्ता-नाता नहीं है,
सिवाय एक रिश्ते के - दुआओं का रिश्ता...
यकीनन, मेरे हर्फ़ कभी गुस्ताख़ नहीं होंगे...
#𝑅𝑒𝑠𝑝𝑒𝑐𝑡
मेरे ह्रदय में
कैसे समाये तुम्हारा असीमित प्रेम
तुम ह्रदय का निरीक्षण करके चले गए
काश देखा होता मेरी हर नस को
जहां रक्त तुम्हारे प्रेम के बिना प्रवाह नहीं होता
सुनो, आपत्ति औचक निरीक्षण की नहीं
आपकी जल्दबाज़ी और निरीक्षणोपरांत
जल्दी में दिए गलत फैसले पर है
on
#Bio
of
@_Vaaridri_
.
खुद को जान चुका हूँ
कि तुम्हारे बिना मेरा कोई वजूद नहीं
लोग क्या कर रहे हैं
उससे मेरा कोई सरोकार नहीं
तुमको समर्पित मेरे सजदे
मेरे अपने आंकलन के आधार पर हैं
अधूरी अवधारणा नहीं
अधूरी जिंदगी का अक्स हैं - मेरे सजदे
पर सुनो,
मेरे सजदों को विकार मत कहो
#मेरी_इबादत_हैं_ये
.
कुछ लोगों को ख़ुद के बारे में जानने से ज़्यादा
दूसरे क्या कर रहे हैं
क्या कह रहे हैं
क्या लिख रहे हैं
इस आधार पर उनके चरित्र का आकलन करके अपने मन में एक अधूरी अवधारणा बना कर
उनपे तंज कसने में बड़ा मज़ा आता है
पर उनको ये नहीं पता कि ऐसा करके वो अपने मन का विकार ज़ाहिर कर रहे हैं
शराब से दूर रहना है
पर नसें नशे की आदी हो चुकी हैं
तुम्हारे पुराने पत्र निकाले
गहन अन्धेरा
कैसे पढूं
काश तूने पत��र में कुछ रोशनी भी भेजी होती
अचानक तेरी वफ़ा की किरण चमकी
हर शब्द महक गया
हर हर्फ़ से निकलकर
चाहत की खुशबू का नशा
हर सू फ़ैल गया
बिन पिए
तेरी यादों का नशा हो गया
.
#5th
Paradise साहित्य #प्रतियोगिता,
"#पत्र"
इस शब्द पर लिखें...
22 अगस्त, रात 12 बजे से पहले की स्वरचित रचनाएं ही स्वीकार्य है,
#परिणाम 23 अगस्त, को #घोषित किया जायेगा।
Note ~ एक लेखक की केवल एक ही रचना
स्वीकार्य है।
@paradise_sahity
@paradise_books_
@retweet_sahity
.
शाखों पे पत्ते थे
पत्तों पे बूँदें थी
बूंदों में पानी था
पानी में आंसू थे...
छोटी सी कहानी से
बारिशों के पानी से
सारी वादी भर गयी...
न जाने क्यों दिल भर गया...
न जाने क्यों आँख भर गयी...
.
#Respect
.
————-
मैं नहीं जानती
कि तुम मुझमें कही अटके हो
या मैं …तुममें कही भटकती हूं
किंतु इतना जानती हूँ
कि इस बंधन से मैं मोक्ष नहीं चाहती
लेकिन तुम्हें …बांधना नहीं चाहती
तुम्हें ख़ुद से आज़ाद करके
बस तुम्हें खुश देखना चाहती हूँ ।
—————
सरिता डांगी #सरूँ
.
कोई फूल तुमसे ज्यादा सुंदर नहीं
कोई प्रेम पत्र तेरे सजदे के काबिल नहीं
जो पैरों में गिरे, वो तोहफा तेरे काबिल नहीं
तुम्हें
भारती, नागर, पाश की किताबें
समझ नहीं आती
उनमें मेरी भी एक किताब थी-
#मोक्ष_को_तरसता_इश्क़
वो पढ़ते, समझ आ जाती
किसी और की नहीं, हम दोनों की कहानी है
.
तुमने न कभी एक फूल दिया
न ही भेजा कोई प्रेम पत्र
ना ही कोई चाँदी की पायल
भिजवाई तो सिर्फ़ किताबें
गुनाहों का देवता
शेखर..एक जीवनी
मानस का हंस
धूमिल और पाश की कविताएँ
अब तुम ही कहो
मैं ठहरी नासमझ नादान
इन किताबों में कैसे ढूँढ पाती
तुम्हारी अनकही बेइंतहा मुहब्बत
~मधुलिका
.
शाखों पे पत्ते थे
पत्तों पे बूँदें थी
बूंदों में पानी था
पानी में आंसू थे...
छोटी सी कहानी से
बारिशों के पानी से
सारी वादी भर गयी...
न जाने क्यों दिल भर गया...
न जाने क्यों आँख भर गयी...
.
These words of Gulzar Sahib are unbeatable
on this picture
#Respect
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तुम्हारा माफ़ीनामा खोये हुए भरोसे को कैसे वापस लायेगा। बस यही एक बात मुझे खाये जा रही है।
#ये_इश्क़_नहीं_आसां by
@sanjeevpaliwal
*******
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अब जो मेरी नज़्मों में, तुम्हारा नाम तक नहीं है
इसे मुआ'फ़ी समझ लेना, ये मेरा इंतिक़ाम नहीं
.
शब्द-दुनिया असीमित
तुम्हारी सोच शब्दों तक सीमित?
तुम्हारे लिए मेरा प्रेम हर परिमाप पार कर गया
ब्रह्माण्ड के सभी ग्रह छोटे पड़ गए
जन्नत तक पार कर चुका मेरा प्रेम
जाने तुम्हारा आँचल कितना बड़ा है
उसे नहीं भर पा रहा, मेरा प्रेम
सुनो, अपने आँचल में डालकर देखो, मेरा एक कतरा प्रेम
समर्पण के रिश्ते में बंधा
कल मैं पूछता था
कि तुम मेरे कौन हो?
तुम्हारी बेरुखी हंस देती थी
आज मैं पूछता हूँ
कि तुम मेरे कौन हो
जो मुझसे पूछ रहे हो कि मैं तुम्हारा कौन हूँ
तुम्हारी बेरुखी ने कुछ पूछने का हक़ छीन लिया
पर मेरे सजदे फ़र्ज़ निभाते रहेंगे
वैसे मैं तुम्हारा इश्क़ हूँ
बोलो तो सही
कौन हो तुम मेरे
रिश्ता कौन सा जुड़ा है तुमसे
बंधन ये कौन सा बँधा है तुमसे
क्यों तेरा ग़म मेरी आँखों से है बहता
क्यों तेरी खुशी मेरे होंठों पर है रहती
क्यों तेरी हर बात का असर हम पर है होता
क्यों तेरे दूर चले जाने से दर्द मुझे है होता
कहो तो सही
कौन हो तुम मेरे
आज खुदा ने #अमृता की एक किताब पढ़ी
जन्नत में ऐसी कोई शायरा न थी जो हूर भी हो
खुदा को सबकुछ एक ही रूह में मिल गया
हुक्म सुनाया- अमृता की तस्वीर दरबार में लगाई जाए
पर अमृता की तस्वीर बनाने की हैसियत किसकी?
आज खुद खुदा #इमरोज़ को ले गया
अमृता की तस्वीर बनवाने को
#Heartfelt_Tribute
कौन सा क़िस्सा सुनाऊँ आपको...मुश्किल ये है...
आँसुओ की अपनी ज़िद...कहकहों की अपनी है
@JJazbata80446
***
.
तुम अपने आँसूओं का किस्सा सुनाओ
दर्द में डूबे मेरे कहकहे उन्हें पी लेंगे...
#Respect
.
मेरी खामोश आँखों को तुम समझ नहीं सकते
चीखते हर्फों की #नज़्म तुम समझ नहीं सकते
अपने होंठों से तो मैं अब कुछ कह नहीं सकता
किसी और ज़रिये से तुम्हे ये समझा नहीं सकता -
"मुझे मेरी आवाज़ दे दो, बोलने की आज़ादी दे दो"
सुनो..., मुझे "तुमसे" अपना इश्क़ कहना है...
.
#Regards
तुम पर अविश्वास करके जीने से ज़्यादा तकलीफ़देह,
अब कुछ और नहीं है। तुम पर खुद से ज़्यादा भरोसा था...
#येइश्क़नहींआसां
@sanjeevpaliwal
****
.
इसे तुम मेरा इश्क़ कहो, या मेरा भरोसा...
मैंने तो तुम्हारी हर बात पर "आमीन" कहा
.
मुझे मालूम है बहुत
साधारण सी दिखती हूँ मैं
कुछ भी ख़ास नहीं है मुझमें
मगर उसकी नज़रें बताती हैं
बहुत ख़ूबसूरत हूँ मैं
उसकी भावनायें जता जाती हैं
कितनी मख़्सूस हूँ मैं
भाषा और व्याकरण पर पूर्ण नियंत्रण के साथ
जज़्बातों को सुंदरता के साथ
@_Vaaridri_
के लिपिबद्ध करने के हुनर को सलाम
सुनो बेटा, आप जो कोई भी हो...
भाषा को ज़िंदा रखने की दिशा में
आपका प्रयास निसंदेह प्रशंसनीय है...
अल्लाह करे कलम पर आपकी पकड़ मजबूत रहे
#ढेरों_ढेर_दुआएं
दूर जाकर भी हर दफ़ा
उसका मेरे पास रह जाना इश्क़ है…❤️
@_Sukoon
*******
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मेरे दिल को रहती है तलब, सिर्फ वफ़ा की
तेरे पास रह कर, मेरे दिल को क्या मिलेगा
.
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गम-ओ-ख़ुशी की तिज़ारत का हुनर मुझे नहीं आता
खुशियां न दे सकूं, न सही... पर गम देना नहीं आता
खुदा से भी लड़ सकता हूँ, आप की खुशियों के लिए
बस अपनी ख़ुशी के लिए, झोली पसारना नहीं आता
.
#ढेरों_ढेर_दुआएं
.
@Unending_Poetry
@_Sukoon
———-
हम ख़रीदेंगे …सारे …ग़म तेरे
सहलायेंगे सारे …फिर ग़म तेरे
मोहब्बत से मेरी अभी तेरा
राब्ता ही …कहा हुआ।
मिलके जलायेंगे हम सारे ग़म तेरे …#सरूँ
———-
तुम चुन लेना जो सही समझो
मैं गलत और सही से परे तुम्हें चुनूँगी...
@ruuhaaniyat
***
.
तुम फूल चुनते रहे और तुम्हें ख़बर तक न हुई
इक शख़्स तेरे शहर आया, और चला भी गया
.
सारा प्रेम रख लिया
उफ्फ
काश
मेरे प्रेम का शताँश भी समझा होता
तो मुझे कभी जाने के लिए न कहते
तुम उतना भी न समझे
जो तुमने देखा
खैर
तुम्हारी दहलीज पर
वह "सारा प्रेम" रखकर जा रहा हूं
जो मैंने तुम्हें किया
मुख्य द्वार खोलते हुए
कहीं तुम्हारी आंखें न चुंधिया जाएं
ध्यान रखना...
.
पहले पोर पर बेरुखी का दरिया
दूसरे पोर पर जिद का पहाड़
बिना इन दोनों पोरों को पार किये
कैसे पहुंचे मेरे जज़्बात
तुम्हारी अनामिका के तीसरे पोर तक
सुनो
तुम्हारे दिल के अंदरूनी हिस्से में
मेरे जज़्बात तूफ़ान तो पैदा करते ही होंगे...
याद आ रहा है
कसौली से वापिसी पर
मैं चिल्ला दिया
ब्रेक-फेल ब्रेक-फेल
तुमने मुझे कमर से कसकर पकड़कर कहा
~इससे हसीन क्या होगी, जो मौत तुम्हारे साथ आये
बुलेट रोककर
मैंने मुआफी माँगी
मज़ाक किया था
जब तुम्हारा बेफिक्र चेहरा देखा
तो कितनी देर हम
एक दूसरे को बाहों में जकड़े खड़े रहे
.
मैं क्यों रास्ते बदल दूं, दुनिया के डर से। मुझे रब पर भरोसा है, मेरा रास्ता सही है
@archana67827913
***
सिर्फ खुद पर भरोसा रखो, बस...
काबिल-ऐ-एहतराम कलम है आपकी
गर कोई मुझे पढ़ने वाला होता, तो जरूर उसे कहता
कि आपके लफ़्ज़ों को मुकम्मल इज्ज़त दे
Anyhow, Bless u beta
#keep_it_up
आज सारी दुनिया में हरियाली देख हैरान हूँ
सोना चांदी ख़ुशी से पागल हैं
स्टॉक मार्केट्स नई बुलंदियों पर
मौसम रंगीन
तफ्तीश पर पता चला
कि जन्नत से खुद खुदा धरती पर उतरा हुआ है
आज किसी
@sarita_dangi1
के जन्मदिन पर
खुदा ने हर तरफ बहारों को बिखरने का हुक्म दिया है
तुम्हारे शब्दों का रक्त मेरी धमनियों में बहकर
मेरी निस्तेज देह को पोषित करते हुए
सिर्फ इक लाश को ज़िंदा रखे हुए है
सुनो, उम्र भर तो वफ़ा नहीं कर सके हो
हो सके तो अपनी क्षणिकाओं में
वफ़ा की वर्णमाला से स्वर-व्यंजन��ं का चुनाव करना
शायद मेरे इश्क़ को मोक्ष मिल जाए
#Blessings
मुझे नहीं दर्ज़ करवाना है अपना नाम
तुम्हारे नाम के साथ
उस फेहरिस्त में
जहां उर्मिला-लखन जैसी
प्रतीक्षारत जोड़ियों का इतिहास हो
सुनो..., जल्द उठो...
और हुस्न के क़दमों को इश्क़ की और बढ़ाओ...
अब और इंतज़ार काबिल-ऐ-बर्दाश्त नहीं...
#Respect
.
चार आने... सांस
बारह आने... एहसास
सुनो
तुम्हारी मुस्कुराहटों की कीमत में चुकता कर दी
अपनी ये एक रुपया ज़िन्दगी...
देखो ना-
अपनी खुद की मुस्कराहट के लिए
मैंने एक लम्हा भी नहीं रखा....
.
#Stay_blessed____always
.
सुनो
अबकी बार बुलाना, तो ऐसे बुलाना
कि फिर मुझे जाने के लिए मत कहना
अबकी बार मुस्कुराने को कहो
तो पहले बेरुखी के तीर मेरे दिल पर मत चलाना
सुनो, गर आऊंगा, तो तुम्हारी आँखों में अश्क नहीं
अपने लबों से तुम्हारे माथे पर दिए निशाँ के अक्स
और रूहानी #सुकून की निशानियां छोड़ जाऊंगा
तुम्हे सकून देता है एहसास, कि कोई है कहीं
जो तुमसे बेइंतिहा मुहब्बत करता है
मुझे सकून देता है एहसास, कि वो जानता है
कि मैं उससे बेइंतिहा मुहब्बत करता हूँ
इश्क़ मुलाकातों का मोहताज़ नहीं
परछाई सा संग खड़ा होना फ़िज़ूल है मेरे लिए
सुनो, तुम्हारे सजदे में हूँ, मुझे वहीं रहने दो
कितना सुकून से भरा होता है
सिर्फ़ ये ‘एहसास’
कि कोई है कहीं
जो आपसे बेइंतहा मोहब्बत करता है
आपके पास नहीं
मगर हमेशा आपके साथ रहता है
शायद कभी मुलाक़ात ना हो उस से
मगर ये यक़ीन हमेशा हो दिल में
कि जब कभी नाम उसका पुकारें
परछाई सा वो संग खड़ा नज़र आये
खो गए हैं कहीं, हम खुद को ढूंढते हैं, न जाने कब सूरज ढल जाए, न जाने कब बरसात हो।
@archana67827913
***
.
मैं सूरज, बहुत जल्द ढल कर कम्बख्त खुदा के पास जा रहा हूँ
उसे मज़बूर करूंगा- तुम पर रहमतों की बरसात करने को
#Tons_of_blessings
.
कुछ इबारतें इधर उधर भटक जरूर रही हैं
लेकिन याद रहे-
इन इबारतों की पैदाइश
उन जज़्बातों से हुई है
जो सिर्फ तुमसे वाबस्ता थे - हैं - रहेंगे...
#Tons_of_respect_for_YOU
.
मेरी दुआएं तुम तक नहीं,
उस खुदा के दरबार में जाती हैं...
जहां से कबूलियत का हुक्म जारी होता है...
कभी पूछना अपने खुदा से
कितनी दुआएं माँगी हैं तुम्हारे लिए...
और हाँ,
अब अपनी दुआओं में तुम्हे मांगना छोड़ दिया है...
#Respect
इतिहास ग़लतियों से सबक़ सीखने के लिए होता है
नई ग़लतियाँ करने के लिए नहीं
@sanjeevpaliwal
****
मेरा इतिहास गलतियों से सबक सिखाने वाला उस्ताद नहीं
इतिहास शर्मिंदगी से सर झुकाये खड़ा है
मुआफी मांग कर कह रहा है
अगली बार मेरी तकदीर में खुशनसीबी लाएगा
#मैं_बिना_शर्त_माफ़_कर_देता_हूँ
सब तो लिखा था इन नजरों में,
फिर नजरें क्यूं फेर ली तुमने...
@rathore_ranika
*****
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मुआफ करना, तुम्हारे लिखे किसी भी हर्फ़ से
वफ़ा की खुशबू नहीं आ रही...
सुनो, मेरी नज़रें सिर्फ वफ़ा पढ़ना जानती हैं...
.
दिसंबर अब के जाओं तो मुझे भी साथ लें जाना,
मुझे भी शाम होना है मुझे गुमनाम होना है...
@ruuhaaniyat
***
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दिसंबर के साथ जाकर तुम तो अगले बरस लौट आओगे
अगरचे मैं एक बार चला गया, तो मेरा लौटना मुश्किल है
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उदास मन से वियोग होता है
श्रृंगार नहीं
किसी के नाम के श्रृंगार के लिए
बिंदी-चूड़ा इतना दरकार नहीं
जितना होंठों पर मुस्कान का लिबास
ज्यादा नहीं पता
बस ये पता है
खुदा ने फरिश्तों को भेजा है
तुम्हारे सर पर खुशियों के सितारे सजाने को
फ़रिश्ते तुम्हारी मुस्कान मांगें, तो हंस देना
.
सुनो…
जब भी होती हूँ उदास
तेरे नाम का श्रृंगार कर लेती हूँ
तेरे नाम की एक काली बिंदिया
तेरे नाम की वो पीली साड़ी
तेरे नाम की चंद लाल चूड़ियाँ पहन
खुद को ही निहारती हूँ
आईने में बसी तेरी
आँखों की पुतलियों में
कुछ अधूरा सा मगर हर बार रह जाता है
मेरी सूनी माँग की तरह
होती होगी सुबह सूरज के निकलने से मेरे लिए तो तुम्हारी एक मुस्कान ही काफ़ी है…
@_Sukoon
***
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सुनो..., तुम्हारी बेरुखी के पाँव के नीचे मेरी मुस्कान है
इजाजत हो तो वहां से उठाकर अपने होंठों पर रख लूँ
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सुनो मिठाई,
कागज़ पर तुम्हारी तस्वीर बना रहा हूँ...
हर बार उसमें से तुम्हारे होंठ -
तितली की तरह उड़कर - मेरे होंठों पर आ जाते हैं
उफ्फ्फ... इतनी मिठास...
सुनो, जिंदगी जीने की तलब पैदा करने का शुक्रिया
#Love_you_
बेहिसाब
मुखाग्नि के लिए अभिलाषी अर्धमृत देह
@abhishapt
***
शर्मिन्दा हूँ दोस्त
तेरी मुखाग्नि की अभिलाषा पूरी नहीं कर सकता
शास्त्र कहते हैं, किसी मृत के हाथ में जलती लकड़ी देकर
दूसरे मृत को मुखाग्नि नहीं दिलवा सकते
मैं इश्क़ की रूह हूँ
जो जिस्म का लबादा ओढ़े मोक्ष को तरस रही है
#Bless_U
इतने इलज़ाम मत लगाओ मुझपर
मेरे खिलखिलाने की सदा...???
उफ्फ्फ
जिस दिन से तुमने
मेरे लब सी दिए हैं
उस दिन से आजतक
मैं मुस्कुराया तक नहीं
तुम खिलखिलाने की बात करते हो
यकीनन तुम्हारे हंसने की गूँज होगी
जो तुम्हे सुनाई दी
सुनो
हमेशा ऐसे ही हँसते रहना
इससे वादियां महकी रहती हैं...
ख़ुश्बू तुम्हारे प्यार की
घुल रही है फ़िज़ाओं में
तेरे आने का पैग़ाम
हवा संग लेकर आयी है
ये जो उठ रहा है ख़ुशियों का
ग़ुबार हर तरफ़
तेरे खिलखिलाने की सदा
कहीं दूर से आई है
————-
मैं नहीं जानती
कि तुम मुझमें कही अटके हो
या मैं …तुममें कही भटकती हूं
किंतु इतना जानती हूँ
कि इस बंधन से मैं मोक्ष नहीं चाहती
लेकिन तुम्हें …बांधना नहीं चाहती
तुम्हें ख़ुद से आज़ाद करके
बस तुम्हें खुश देखना चाहती हूँ ।
—————
सरिता डांगी #सरूँ
Listen, I have no knowledge of
dermatology and cosmetology...
May be Betadine will work better than me.
Use that on physical wounds
and if wounds are emotional
sip RED LABEL 4 pegs daily like me...
#Best_prescription
#Sorry
मेरे हर्फों का
तुम्हारे हर्फों से गुफ्तगू करते हुए
मोहभंग नहीं हुआ
सुनो, माँ कहती है
अति हर शह की बुरी होती है
आज बहुत गुफ्तगू कर ली
मोहभंग नहीं
अपने हर्फों को धक्के से जुदा कर रहा हूँ
तुम्हारे हर्फों से
देखो
मेरे साथ मेरे हर्फ़ भी
तुम्हारे लिए दुआ मांग रहे हैं
.
#Respect
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सुनो , कुछ लिखो , एक लंबा सा लेख
मेरा पढ़ने का मन है कोई प्रेम कहानी फिर से
@IfWe08
***
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सुनो, प्रेम कहानी पढ़ने का तो तुम्हारा मन करता है
कभी मन ये नहीं करता कि हम खुद एक प्रेम कहानी रचें
सुनो, इस बार तुम नायिका बन जाओ,
मेरे इश्क़ की किताब की...
#Respect
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एक नेक रूह ने पूछा है
कि मैं ठीक तो हूँ?
आप जैसी नेक रूहों की दुआओं से
खैरियत से हूँ...
बहुत बहुत शुक्रिया...
.
खुदा हमेशा आपको खुशियों से नवाजे...
.
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दो किनारों वाले उस धागे के
अब चारों किनारे
तुम्ह��री तरफ उम्मीद की निगाहों से देख रहे हैं...
काश तुमने एक कोशिश और की होती
सुलझाने की...
.
#Blessings
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अहंकार है ही कुछ नहीं, तो त्यागना क्या
जो कुछ है, वो हमने खुद एकत्र किया है
शिक्षा-शिष्टाचार-सभ्यता, रीती-रिवाज़ से
इसे बनाते हुए इतना बड़ा बना बैठे
कि खुद की असलियत भूल गए
कमाल ये
कि अहंकार त्यागकर आत्मज्ञान न मिलेगा
पहले आत्मज्ञान पाओ
उसी लम्हे अहंकार से मुक्ति मिल जाएगी
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आहूति बाकी है, इसलिए यज्ञ अधूरा है
बस, तेरी इक बेरुखी के विघ्न ने घेरा है
मैंने सजदों को इबादत में रख दिया है
तूँ कबूल न करे, तो सबकुछ अधूरा है
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#Blessings
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@star_jogan
@ruuhaaniyat
Expiry तो नसीब पर छोड़ दो...
रुको, मुझे रिश्ते की Starting Date दर्ज़ करने दो
.
सुनो, तुम कहो तो आज की तारीख डाल दूँ...
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#Respect
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मेरे मुस्कुराते हुए चेहरे को
बिना पलकें झपकाये
तेरा एक टक निहारते रहना
हरगिज़ इश्क़ नहीं है…
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अपनी नज़्मों से
तेरे लबों पर
मुस्कुराहटों को ज़िंदा रखना
जरूर मेरा इश्क़ है...
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#Respect
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@prakritiIN2
@ruuhaaniyat
ख्वाब, मिलन, हकीकत - कहीं �� कहीं तो घट��त होंगे
वो कोई गली हो, कोई शहर हो
कोई स्कूल-कॉलेज-यूनिवर्सिटी हो
या फिर ट्विटर पर लफ़्ज़ों का बाज़ार ही क्यों न हो
मिलन सौ फीसदी "नसीब" से होता है
पर मिलन का ख्वाब में ही रह जाना
बदनसीबी के साथ इंसान की गलतियों पर भी निर्भर है
#Respect