*
पुरुष प्रेम सतत करता है
परंतु प्रायः थोड़ा थोड़ा,
नारी प्रेम बहुत करती है,सच है,
लेकिन कभी कभी ।
~ रामधारी सिंह दिनकर
#हिंदी #साहित्य #कविताएँ #प्रेम
*
मैं तुम्हें गाली नहीं दूंगा, ना ही तुम पर पत्थर फेंकूँगा। मैं तुम्हें अपनी नज़रों से गिरा दूंगा, इतनी ऊँचाई से गिरने पर तुम आप ही मर जाओगे।
~विवेक शुक्ल
@vivek_uoa
@paradise_sahity
*
वक्त और मुस्कुराहट से ज्यादा बेशकीमती
कुछ और नहीं हो सकता,
इसलिए
किसी को कुछ देना ही है
तो मुस्कुराते हुए अपना वक्त दो ।
~योगेश्वर
@Yogeshwar0013
@paradise_sahity
नंगे जिस्म को ढकने के लिए कोई एक पैसा नहीं खर्चता,
लेकिन
जिस्म को नंगा करने के लिए लोग दौलत लूटा देते हैं ।
अज्ञात : PARADISE साहित्य
#काव्यांजलि
@retweet_sahity
*
क्रोध को प्रेम से,बुराई को अच्छाई से,
स्वार्थी को उदारता से और
झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है।
~बुद्ध
#काव्यांजलि #शब्दनिधि #बुद्धपौर्णिमा #बुद्धजयंती
*
मुझे लगा
सरकार मेरा साथ देगी
फॉर्म भरने के पैसे जुटाए
तो सेंटर इतना दूर धकेला
की पहुँचते-पहुँचते
ओवर-एज हो गया ।
~गीतांश विवेक
#बेरोजगार #युवा #शब्दनिधि #काव्यांजलि
*
शहर की बड़ी सड़के देखकर
वो लोग भूल गए गांव की पगडंडियाँ ,
लेकिन
उनको याद होना चाहिए था कि
शहर पहुंचाने में उनका कितना योगदान था।
~ सूर्यभान
@ImSury9
#काव्यांजलि #शब्दनिधि
*
सड़क जब कच्ची थी
मिट्टी सुंगध आती थी
संग संग अपने पैरों में
कुछ माटी भी लाती थी।
अब वो पक्की बन गई
मोटर गाड़ी चलने लगी
धुआं डीजल का कुगंध
अब घर घर छाने लगी!
लोग दौड़ने भागने लगे
अब गाड़ी चढ़ जाने लगे
विरान हो रहे घर दलान
मसान बने खेत खलिहान।
~ भारती बिंदु
@Bharatibindoo2
#प्रतियोगिता
इस पर लिखें....
*
इस प्रतियोगिता में 5 विजेता चुने जाएंगे ।
सभी विजेताओं को सहभागिता प्रमाण पत्र के साथ हाईलाइट किया जायेगा ।
#परिणाम 16/03/2023 को रात 10 से 11 के बीच घोषित होगा ।
*
नए लेखक अधिक से अधिक हिस्सा लें ।
*
#जुड़ें~
@paradise_sahity
@Sahityik_kritya
झूठे होते हैं वो लोग
जो कहते हैं
लोग मर कर
प्रेम अमर कर देते हैं
मैंने मां को जीते जी
प्रेम को अमर करते देखा है ।
योगेश्वर अनंत : Paradise साहित्य
@retweet_sahity
#मातृ_दिवस
#MothersDay
*
खुद की समझदारी भी मायने रखती है,
वरना राजनीतिज्ञ धर्म बेच रहे,
फ़िल्म स्टार तम्बाकू, शराब का प्रचार कर रहे
और
क्रिकेटर जुवा सट्टेबाजी से करोड़पति बना रहे ।
~ सूर्यभान
@ImSury9
@paradise_sahity
*
प्रेम में होते हुए दो लोगों का,
मिलना इसलिए भी असंभव रहा..
जैसे...
प्रकृति में होते हुए भी,
किन्हीं दो ऋतुओं का मिलना ।
#पंक्तियां ~ प्रज्ञा शुक्ला
@pragya1003
#जन्मदिन मुबारक
#हिंदी #साहित्य #कविताएं
एक स्त्री को चाहिए
अपने भरोसे का ऐसा साथी,
जिसे प्रेम करते हुए
उसकी पूजा भी कर सके,
हवस या वासना से नहीं
श्रद्धा से जिसके
चरणों को चूम कर
मस्तक में लगाकर
अपनी मांग सजा सके।
जिसके स्पर्श मात्र से
पुलकित हो उठे रोम रोम
जहां बेझिझक कर दे
स्त्री तन ही नहीं
मन भी अर्पण।
~ राध्या
तुम्हारा
"आलिंगन"
वसंत__ सा होगा
जो मेरे 'मृत'... 'जर्जर' ...
ह्रदय रुपी जंगल के
असंख्य पिड़ाओ की
ठूंठी डालियों पर
सुकुन के नए कोंपलों को
जन्म देगा ।
जिज्ञासा : PARADISE साहित्य
@Jigyasa19551421
@retweet_sahity
चाय की टपरी पर बात होती है
विकास की
अधिकारों की
शिक्षा की
उसी टपरी पर आवाज़ आती है
छोटू: दो चाय लाना ।
सानिध्य : PARADISE साहित्य
#काव्यांजलि
@retweet_sahity
*
मैंने प्रेम खोजा
हवाओं में, पानी में,
गुलमोहर के पत्तों में,
फूलों में, किताबों में,
अतीत में, भविष्य में,
प्रेम नहीं मिला,
मिली है
कुछ उम्मीदें,
कुछ प्रश्न,
कुछ यादें
और
बहुत सारा अनुभव।
~अहमद
@Ahmads_voice
#काव्यांजलि
*
वो तुम से मिलना
मिल कर बिछड़ना
इस बीच बीते खूबसूरत लम्हों को संभालकर रखा है,
वो पहली दफ़ा नज़रे मिलाना
और तेरा मंद-मंद मुस्काना
महसूस हुए उस एहसास को संभालकर रखा है
बीते उस साल को
तुमसे हुई आखिरी मुलाक़ात को
टूटे बिखरे ख्वाबों को और तेरी यादों को संभालकर रखा है ।
~ पूजा
*
माँ को वृद्ध आश्रम छोड़ने वाले घर अनाथ हो जाते है, पर माँ जहाँ भी रहे वे घर आबाद हो जाते है।
~ अमीर चतुर्वेदी
@CopSanuOfficial
#HappyMothersDay
#मातृदिवस
*
काँटो में बबूल का फूल
उगता देख
मैं समझ गया
कोई विद्रोह उग रहा है
क्रांति में कविता का।
#पंक्तियां ~ सत्यव्रत रजक
@Satyavrat_R
@Satyavrat_R
#जन्मदिन
#हिंदी #साहित्य #कविताएं
धन से किताबों का ढेर लगाया जा सकता है,
ज्ञान का समंदर बनाने के लिए
तुम्हे किताबें पढ़नी ही पड़ेंगी ।
सूर्यभान : Paradise साहित्य
@ImSury9
@retweet_sahity
*
प्रेमिकाओं
को नही मिलते
सुहागन के सोलह श्रृंगार ,
______
प्रेमिकाओं
की श्रृंगारदानी में होती है
प्रेमी की लिखी प्रेम कविताऍं ।
~ज्योति
@JyotiGupta0205
#काव्यांजलि #ज्योतिG
*
सारे कार्य इसी क्षण में पूर्ण कर लो,
मृत्यु अकस्मात तुमसे आलिंगन करने आएगी ।
#पंक्तियां ~ योगेश्वर
@Yogeshwar0013
#सुविचार #मोटिवेशन #शब्दनिधि
@mpanktiya
*
सिंदूर ब्याहता की निशानी है ,
प्रीत की निशानी तो
मुख कमल का खिलना है ।
रश्मों ने तो तन को बाँध लिया है ,
मन को बांध सका न कोई भी डोर ।
मन बांधने को केवल ,
स्नेह की चाहिए थी एक डोर ।
फिर जब तुम मिले
तुमने मेरा माथा चूमा ,
आंखों से बहने लगे
अनवरत निरंतर नोर ।
~
@Radhya_S
*
माता-पिता का घर छोड़कर
अपना घर बसाने वाली स्त्री का
समाज में सम्मान होता है और
संसार के कल्याण के लिए
अपना घर छोड़ने वाला पुरुष कलंकित ।
~ अमीर चतुर्वेदी
@CopSanuOfficial
#Buddhism
#buddhapurnima2023
#काव्यांजलि #शब्दनिधि
आज विश्व कविता दिवस पर अपनी सबसे बेहतरीन पंक्तियां लिख भेजें,
*
आज सबकी पंक्तियां पोस्ट की जाएंगी,
कुछ को रीट्वीट भी किया जायेगा ।
*
जल्दी लिख भेजिए....
*
(नोट ~ राइम ठीक होनी चाहिए ।)
*
जीवन के अंतिम क्षणों में ,
जब इस सफ़र से विदाई ले रही होंगी,
उस समय मुझे देखने मेरे पास आओगे न!
मेरी दुःख मेरी पीड़ाओं को अपनाकर ,
मुझे उस क्षण में भी गले लगाओगे न !
राध्या : PARADISE साहित्य
@Radhya_S
@retweet_sahity
*
था दरवाजा बंद,
फिर किवाड़े हिली,
चिटकनी कुनमुनाई
हवाओं के दस्तक से
जैसे उम्मीदों के पल्लू को थामे
तुम मेरे दहलीज पर आई ।
#पंक्तियां ~मुकेश कुमार सिन्हा
@Tweetmukesh
*
रंग लाल, हरा, पीला, नीला
तुम हमपे मत बर्बाद करो,
हम साँवरे-से लड़कों पे
बस प्रेम रंग ही जचता है।
#पंक्तियां ~सावन
@poet_savan
#होलिकोत्सव #रंगोत्सव #प्रेम
*
यदि तुम रेत होना चुनोगी,
तो मैं भी समंदर होना चाहूंगा,
हर लहर में तुम्हें बाहों में समेटना चाहूंगा ।
~योगेश्वर
@Yogeshwar0013
#प्रेम #आलिंगन #वियोग #मिलन #साहित्य #शब्दनिधि #कविताएं
@kavitaaayein