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कहीं नहीं, तो कविताओं में ही सही- कुछ असंभव पर- घटता रहे ।।

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@Kitabganj1
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3 years
तुम किताबें पढोगे नहीं- तो कहानी तुम्हारी यूँ ही रह जायेगी तुम्हारे चीखने को कह कर संगीत कोई इतिहास की किताब बिक जायेगी।। (फ़ोटो: जय भीम, 2021)
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1 year
कुछ फिल्में वक़्त से पहले बूढ़ी हो जाती हैं। (फिल्म: MNIK, 2010)
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1 year
मेहनत को कोई नहीं देखता है। लोग आएंगे, फेलियर का मैडल डालेंगे और बोलेंगे, ' सिन्सियर नहीं था न तो कर नहीं पाया'।। 🔹 एस्पिरेंट्स (2021)
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1 year
मैं हारा तो क्या, मेरी कोशिश की कहानी मेरे लोगों के जेहन में बाकी है। मैं गिरा तो क्या, मेरे उड़ने के निशान आसमान में बाकी हैं।
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2 years
एक उम्र के बाद सुंदरता नही सहजता आकर्षित करती है ।। 🔹सुमित रिंगवाल
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6 months
एक उम्र के बाद सुंदरता नही सहजता आकर्षित करती है ।। 🔹सुमित रिंगवाल
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1 year
लड़कियां कितना वक्त लगाती हैं खूबसूरत दिखने को। वो जब मेरी क्लासमेट बनी, तो ठीक ही दिखती थी। फिर वो मेरी बेस्ट फ्रेंड बनी साल भर बाद और वो खूबसूरत हुई। चार सालों की दोस्ती के बाद मुझे उससे प्रेम हो गया- अब वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है। 1/2
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2 years
तुम गए तो घर मैंने किताबों से भर दिया। तुम गए तो मैंने तुम्हें किताबों में घर दिया।। (फ़ोटो : आशुतोष गर्ग) #पुरानीKavita
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11 months
मैंने उसको उतना देखा जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था? ~ वसी शाह (फ़ोटो : मसान, 2015)
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1 year
वो सोचते थे हर फूल बेरहमी से तोड़ लेंगे। बागीचा उफ़ की हिम्मत भी न करेगा। उनका फूलों में फूलन से मिलना बाकी था।। (फ़ोटो : फूलन देवी)
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1 year
मैं मिला न मिला, कोई बात नहीं। पर तू खोज में मेरी निकला इतना बहुत है।। (फ़ोटो : अज्ञात) #पुरानीKavita
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1 year
बहुत से झूठ बोले हैं तुमसे, मैंने कई बार सोने जा रहा हूँ बोल कर देर रात तक पढ़ाई की है। क्योंकि तुम जल्द सोने की जिद करते थे। मैंने बहुत बार पढ़ने का बोलकर अपने उस शराबी दोस्त के साथ वक़्त काटा है जिसे तुम पसन्द नहीं करते थे। 1/2
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1 year
तुम किताबों सी महकती हो, जाने कितनी कहानियाँ दफ़न है-जेहन में । कभी मिले, तो बताना, कि कौन से भूले पन्ने पे, तुमने लिखी है वो शाम, और किस कहानी की फुटनोट पे, रखा है मेरा नाम।। और गुज़ारिश रह गयी, कि, जब मिले कभी हम फिर से, तो एक पन्ने पे, अब कविता लिखेंगे-कहानी नही, 1/2
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11 months
मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं, इस तरह, कि तुम्हें पता ना चले, कभी अगर भूले भटके तुम पूछो, "कैसे हो?" तो मैं कहूं, "सब ठीक ही चल रहा है" बात यह नहीं, कि मैं तुममें देखता हूं, चांद और सूरज, बात तो यह है कि, इस बेमतलब सी दुनिया में, मुझे कोई अच्छा तो लगता है, 1/N
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11 months
अपने प्रेयस से मिलने को बोला गया घर पर कोई झूठ- ईश्वर जानता होगा उस झूठ की पवित्रता को।। (फ़ोटो: तरुण चौहान)
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2 years
तुम्हें पता हो न हो, पर अरबों सालों तक ब्रह्मांड में सारे ग्रहों-आकाशगंगाओं के निर्माण के बाद, धरती पर भी जीवन के करोड़ों सालों के बाद। ईश्वर को ब्रह्मांड में कुछ कमी लगी- और इसलिए कुछ पच्चीस साल पहले उसने तुम्हें बनाया।। (फ़ोटो : The Namesake, 2006) #पुरानीKavita
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9 months
सब तरफ कैलेंडर दिख रहे थे, और लोग पूछ भी रहे थे तो कल रात ये किताबगंज का 2024 का कैलेंडर बनाया। नववर्ष की शुभकामनाएं आप सभी को। 🌻 1/N
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2 years
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें- मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं ।। 🔹जौन एलिया (फ़ोटो: Shreya Wankhede)
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11 months
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें- मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं ।। 🔹जौन एलिया (फ़ोटो: @Shreya Wankhede)
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9 months
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला।। ◆ प्यासा, 1957। अलविदा दिसंबर।।
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1 year
प्रेम बहुत ही आसान है- बेहद सुविधाजनक। तुम किसी को खुलेआम सब बता कर प्रेम कर सकते हो। या ताउम्र चुप्पी बना कर प्रेम कर लो। तुम चाहो, किसी की हाँ-होने के बाद करो प्रेम। और ना होने पर भी तुम्हें कोई रोक नहीं सकता प्रेम से। 1/2
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10 months
बहुत कुछ बचा है जीवन में, अभी तक मैंने ताजमहल नहीं देखा, उस नए कवि की किताब नहीं पढ़ी, पहाड़ों की ओर नहीं गया, समुन्दर को देख उसे आसमान से नहीं तौला, हवाई जहाज से नीचे नहीं झांका, बादलों को खा कर उनका स्वाद नहीं जाना और तुम्हें नहीं बताया कि तुमसे मैं अबतलक प्रेम में हूँ। 1/2
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2 years
वो सोचते थे हर फूल बेरहमी से तोड़ लेंगे। बागीचा उफ़ की हिम्मत भी न करेगा। उनका फूलों में फूलन से मिलना बाकी था।। (फ़ोटो : फूलन देवी) #internationalwomensday2022 #womensday2022 #Womensday
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2 years
हम जिस गली भी मिले बसंत वही आया। इस शहर में हमारा मिलना कोई घटना नहीं बल्कि एक मौसम है।। (फ़ोटो: सौम्य दास)
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1 year
किसी रोज़ मैं याद करके लिखूंगा वो तमाम यात्राएं तुमसे मिलने को- जो मैंने सोची जरूर पर कभी कर नहीं पाया।। (फ़ोटो: TabrezTheThird)
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2 years
बहुत बोलने वाले लड़के एक उम्र के बाद चुप रहने लगते हैं वे लड़के गेहूँ की बाली होते हैं जो झुक गये होते हैं दाने के भार से। एक समय के बाद किसी के घर की रोटी बनते हैं वे लड़के! 🔹आदित्य रहबर @Adityarahbar120 आवाज़- सन्नी यादव
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11 months
तुम इस शहर पढ़ने आये थे। तुमने शहर पढ़ लिया।। (फ़ोटो: @dabblepen )
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1 year
उसकी सबसे बड़ी क्रांति ये थी कि तमाम सबूतों के होते हुए भी- उसने दुनिया को एक बुरी जगह मानने से इंकार कर दिया था।। (फ़ोटो : अफ़ग़ानिस्तान रेस्क्यू) #पुरानीKavita
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5 months
कुछ फिल्में वक़्त से पहले बूढ़ी हो जाती हैं। (फिल्म: MNIK, 2010)
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1 year
खेत से चूहा पकड़ कर खाने को मजबूर कर दिए गए मेरे दादाओं-पूर्वजों ने नहीं सुना था अम्बेडकर कौन था। स्कूल में अपना खाना अलग बैठ कर खाते मेरे पिता ने पढ़ा था अम्बेडकर कौन था। मैं बचपन से जान गया था अम्बेडकर कौन हैं। 1/2
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1 year
लड़कियां ब्याही जाती है सरकारी मुलाज़िमों से ज़मीनों से दुकानों से, बस वो ब्याही नहीं जाती तो सिर्फ अपने प्रेमियों से..। 🔹सीमा सिंह बौद्ध (पोस्टर: आदित्य रहबर)
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2 years
निशान पड़ गए मेरी लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर- यहाँ आती नदियाँ समुंदर बन निकलती हैं।। (फ़ोटो: @geetanshvivek )
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11 months
और ये दीया उनको नज़र जो अपनी-अपनी शिद्दत से जले अपने अपने राम के लिए।। (आर्ट : अज्ञात)
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1 year
ये कितनी बुरी बात है कि इस दुनिया में याद रखने को इतना कुछ था- और मुझे बस तुम याद रहे।। (फ़ोटो: NFAI)
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8 months
एक लड़का , जो दुनिया जहान की बातें किया करता था, एक पहाड़ी लड़की की बालियों से पार नहीं पा सका । वो लड़की, जो सब कुछ हासिल करने का दम रखती थी, उस लड़के की बाहों में धुआँ हो गई ।। (वीडियो: लिबरल आर्ट्स, 2012)
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5 months
लोग तब तक नहीं खो सकते जब तक कोई-कहीं उन्हें ढूंढता रहे।। (फ़ोटो: लापता लेडीज, 2024)
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11 months
मैं उन जगहों को भुला सकता हूँ, जहां मैं तुमसे मिला. मैं उन सब दिनों को मिटा सकता हूं, जब वक़्त तुम्हारे साथ गुज़रा पर उन जगहों और दिनों का बताओ क्या करूँ, जब मैंने तुम्हारे होने की कल्पना की, जहाँ तुम्हारे न होते हुए भी, मैं तुम्हारे साथ रहा. पढ़ा है : सुनीत करण ने
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1 year
अंतिम पल में जब मौत सामने खड़ी हो साँसे अपने आरोह-अवरोह में उलझी हों, तब एक पल के लिए मेरे सामने आना मैं देखना चाहती हूँ जो साँसे तुम्हारे नाम से थमती थी! जो देह तुम्हारी आवाज़ सुनकर शिथिल हो जाती थी वो अंतिम क्षण में खुली आँखों से तुम्हें देखकर क्रियाशील होतीं हैं ! 1/2
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2 years
एक लड़का , जो दुनिया जहान की बातें किया करता था, एक पहाड़ी लड़की की बालियों से पार नहीं पा सका । वो लड़की, जो सब कुछ हासिल करने का दम रखती थी, उस लड़के की बाहों में धुआँ हो गई ।। (वीडियो: लिबरल आर्ट्स, 2012)
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11 months
एक नदी गुज़रती है मेरे मन के बिल्कुल बीच से। इस पार सब है तुम नहीं उस पार तुम हो सब नहीं। वो नदी जो है मेरे मन की पिछले दिनों से उफान पे है बाढ़ आयी है और एक किनारा डूबेगा। मैं चाहता हूँ कि जिधर तुम खड़े हो वो रह जाये मेरे मन का बाकी हर कोना बह जाये।। (पढ़ा है : सुनीत करण ने)
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1 year
मुझे तुम चाहिए, पूरे के पूरे, उससे कम पर नहीं चलेगा मेरा काम। मुझे चाहिए तुम्हारा हड़बड़ाना जब हो रही हो देर। और रोक लेना कभी कभी यूँ बोल के की देर तो हो ही चुकी। मुझे जब दे रहे हो सब कुछ तो तुम्हारा बेवज़ह किसी बात पर गुस्सा होना भी मिलना चाहिए। 1/N
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1 year
कभी कभी मैं बहुत फिक्र करता हूँ तुम्हारी। फिर मैं रुक कर जाँच करता हूँ अपने फिक्र की- कि कहीं फिक्र के शक्ल में मैं तुम्हें दबाना तो नहीं चाहता। मैं पितृसत्ता वाले समाज में बड़ा हुआ हूँ- इसलिए खुद को हमेशा शक के घेरे में रखता हूँ। 1/N
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1 year
तुम्हें पता हो न हो, पर अरबों सालों तक ब्रह्मांड में सारे ग्रहों-आकाशगंगाओं के निर्माण के बाद, धरती पर भी जीवन के करोड़ों सालों के बाद। ईश्वर को ब्रह्मांड में कुछ कमी लगी- और इसलिए कुछ पच्चीस साल पहले उसने तुम्हें बनाया।। (फ़ोटो : The Namesake, 2006) #पुरानीKavita
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1 year
हर रोज़ तुम्हें निकालता हूँ एक लोटा भर अपने जेहन से, हर रोज़ एक दरिया मुझपे हँसता है।। (आर्ट : @ameteurphotographer33 ) #पुरानीKavita
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2 years
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला।। ◆ प्यासा, 1957। अलविदा दिसंबर।।
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10 months
तुम सर्द पड़ते इस शहर में एक गर्म अफ़वाह हो।। (फ़ोटो : अज्ञात)
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11 months
सुख तीन बार आता है। पहले उम्मीद बनकर, फिर सांत्वना और अन्त में समझौता बनकर। 🔹शैल त्यागी बेज़ार (फ़ोटो: अज्ञात)
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9 months
अगर बहुत पढने के बाद आप इस निष्कर्ष पे निकलते हैं कि आपका धर्म-देश-सभ्यता ही सर्वश्रेष्ठ है। तो मित्र, अभी बहुत पढ़ना शेष है।। (फ़ोटो : जोधपुर के शिक्षक सम्मेलन से, जीत यायावर)
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8 months
एक पाठक ने भेजा 🌻💙
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3 months
शहर बदले जा सकते हैं। पर चाँद नहीं।। (फ़ोटो : अज्ञात)
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2 years
उस शहर में देखने लायक बस वहाँ के अधिकारी का कमरा था। आखिर विकास की गंगा का पानी सबसे ज्यादा गंगोत्री पर क्यों न हो। उस कुर्सी पर बैठा लड़का वही नहीं था जो एक रोज़ लाइब्रेरी में बैठा था- 1/2
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1 year
अभी लगेगा वक़्त तुम्हें, गांधी को मिटाने में । सालों लगा दिए तुमने, उसका महत्व घटाने को। पर वो वापस आता रहा, हर ताकत से लड़ जाने को। वो लूथर किंग बन लड़ता रहा, अश्वेतों को हक़ दिलाने को। वो बन नेल्सन, गिनता रहा उस अफ़्रीकी जेल दीवारों को। 1/2
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1 year
मेरी पसंदीदा सफेद शर्ट पहनकर, आओ तुम मुलाकात पर, तुम्हारे पसंदीदा रंग की काली साड़ी में मैं आऊं, पास में ही कहीं गुलज़ार की लिखी गज़ल जगजीत सिंह की आवाज़ में बजती हो, दोनों ही हम अपनी पसंदीदा कॉफी साथ में पीकर, घंटो तक एक दूसरे को देखें 1/2
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1 year
इस धरती पर बम फोड़ने की जगह है। बलात्कार की जगह है। दंगों के लिए जगह है। ईश्वर और अल्लाह के। पसरने की भी जगह है। मगर तुमसे मुलाकात के लिये पंजे भर ज़मीन नहीं है इस धरती के पास। 🔹पराग पावन (फ़ोटो : अमृता-इमरोज़)
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2 years
कभी कभी मैं बहुत फिक्र करता हूँ तुम्हारी। फिर मैं रुक कर जाँच करता हूँ अपने फिक्र की- कि कहीं फिक्र के शक्ल में मैं तुम्हें दबाना तो नहीं चाहता। मैं पितृसत्ता वाले समाज में बड़ा हुआ हूँ- इसलिए खुद को हमेशा शक के घेरे में रखता हूँ। 1/N
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2 years
तुम सर्द पड़ते इस शहर में एक गर्म अफ़वाह हो।। (फ़ोटो : अज्ञात)
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2 years
पहले ईश्वर शूद्रों से डरा, फिर वो अछूतों से डरा, फिर उसे औरतें अशुद्ध कर गयीं। शूद्रों का खून खराब था, और औरतें खून के साथ खराब थीं। पर- विज्ञान ने अपना दरवाज़ा खुला रखा, मंदिर की घंटी से पहले स्कूल की घंटी बज गयी। इस तरह, मेरे अशुद्ध होते ईश्वर को मुझसे मुक्ति मिल गयी।।
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8 months
हम दुनिया में लगा देंगे इतने गुलाब कि सेनाओं के पास खड़े होने की जगह न बचे।। (फ़ोटो: अज्ञात) #Roseday
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1 year
तुम्हारे कहने न कहने से कुछ न होगा। रात है? खत्म होगी। दिन है? खत्म होगा।। (फ़ोटो : KalaClicks)
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2 years
मानव इतिहास के किसी अभागे क्षण में हमने ये तय किया कि हमें नग्नता विचलित करेगी- पर युद्ध सहज लगेगा।। (आर्ट : Olivia Bee) #पुरानीKavita
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9 months
पहाड़ देख कर नदी याद आयी। नदी में मैंने कंकड़ हो चुके पहाड़ देखे- कैसे लोग मुझे देख कर आज भी तुम्हारा हाल पूछ लेते हैं।। (फ़ोटो: Namesake, 2006)
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1 year
उस फकीर के जाने के बाद दुनिया इतनी गरीब हो गई कि उसकी विरासत पर दुनिया के तमाम बादशाहों की भीड़ लगने लगी। (फ़ोटो: राजघाट, 2023)
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1 year
कोई बात नहीं। पौधे को पानी याद रहता है बारिश नहीं।। (आर्ट: @parichay .bhasha )
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1 year
मैं चाहता था, कि इस सदी बस तुम मेरे लिए मुस्कुराओ। मुझे नहीं पता था, कि कितनी क्रांतियों के बाद हासिल की थी तुमने ये हँसी अपनी।। (फ़ोटो : अज्ञात) #पुरानीKavita
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1 year
मैं उतना भी अच्छा इंसान नहीं हूँ। काफ़ी कमियों से भरा हूँ, कई विरोधाभास लिए खड़ा हूँ। कई बार मैंने अपनी कविताओं को धोखा दिया है। जो लिखा था- वो कभी नहीं किया है। मुझसे सवाल होने चाहिए, कविताओं की जांच होनी चाहिए। 1/2
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1 year
हम छतों पे सोते थे, उन दिनों। उन दिनों जब हमारे रात के सपने हमारे कमरों में न समाते थे। उन दिनों हम छतों पे सोते थे।। (2000 : जब आसमान मेरे छत के नीचे था) #पुरानीKavita
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8 months
धरती गोल है- सो लाज़िम है कि दूर जाता व्यक्ति करीब आ जायेगा एक रोज़।। (पोस्टर : परिचय )
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7 months
तुम गए तो घर मैंने किताबों से भर दिया। तुम गए तो मैंने तुम्हें किताबों में घर दिया।। (फ़ोटो : आशुतोष गर्ग)
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8 months
प्रेमिका द्वारा छोड़े गए लड़कों ने जब गोल रोटी बनानी सीखी तब इस दुनिया ने देखा पुरूषों की कोमलता को जिन्हें नाज़ हुआ अपनी परिपक्वता पर और हंसी आई अपने अल्हड़पन पर।। 🔹पूरण
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7 months
किसी रोज़ मैं याद करके लिखूंगा वो तमाम यात्राएं तुमसे मिलने को- जो मैंने सोची जरूर पर कभी कर नहीं पाया।। (फ़ोटो: TabrezTheThird)
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1 year
मिस्टर अम्बेडकर! तुम्हारी किताब में ये काफ़ी खतरनाक विचार हैं कि पूरी आदम जात का एक आधार है। कि कोई किसी भी जुल्म न करे, जो जिससे मर्जी प्रेम करे- कि हक मिले हर हकदार को- खेत मिले हर हलदार को। जड़ और जंगल मिले वहाँ के वासी को- रोटी मिले हर निवासी को। 1/2
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8 months
मैंने हर बार सोचा कि ये बार आखिरी है- ये शख्स आखिरी है- ये इश्क़ आखिरी है। मैं हर बार- से एक और बार एक आखिरी बार की यात्रा ताउम्र करता रहा।। (फ़ोटो : रॉकस्टार, 2011)
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1 year
एक शहर रात को तुम्हारे नाम की थपकियां देने पर ही सोता है। एक शहर है जो कभी अचानक तुम्हें याद कर रो देता है।। (फ़ोटो : Jealousy,2013)
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2 years
प्रेम युद्ध से ज्यादा भयावह होता है, क्योंकि इसे करने आप किसी और को नहीं भेज सकते। इसलिए समाज प्रेम से डरता है। इसलिए समाज में बस युद्ध का उन्माद होता है- युद्ध खुले मैदान होता है। और होठ चूमने की खातिर कमरे के दरवाजे लगाने पड़ते हैं।। (फ़ोटो : Shiraj) #KissDay
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6 months
मेरे पास तुम्हें देने के लिए बसन्त है। तुम्हारे शहर की गलियां पर बेहद तंग हैं।। (फ़ोटो : अज्ञात )
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1 year
मैं मिला न मिला, कोई बात नहीं। पर तू खोज में मेरी निकला इतना बहुत है।। (फ़ोटो : @lines_lekh )
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1 year
एक नदी गुज़रती है मेरे मन के बिल्कुल बीच से। इस पार सब है तुम नहीं उस पार तुम हो सब नहीं। वो नदी जो है मेरे मन की पिछले दिनों से उफान पे है- बाढ़ आयी है- और एक किनारा डूबेगा। मैं चाहता हूँ कि जिधर तुम खड़े हो, वो रह जाये, मेरे मन का बाकी हर कोना बह जाये।। 🔹 फफूंद किताब से
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2 years
मुझे मालूम है- मेरे न पूरे किए गए वादों का सच। पर तू उन वादों में छुपी हिम्मत तो देख। मुझे मालूम है कि एक कश्ती पलट गई- पर उसे बचाने को मैंने समुंदर पलटना चाहा था मेरी कोशिशों की हिमाक़त तो देख।। (वादों की मौत पर) (फ़ोटो: इजाज़त, 1987) #पुरानीKavita
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6 months
सिर्फ एक पुष्प की कमी से जंगल बागीचा न हो पाया। इतना जरूरी था तुम्हारा होना मेरे जीवन में।। (आर्ट: @thedelhiwalla )
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1 year
जब मैं बात करूंगा समलैंगिकों के हक़ में आप ढूँढेंगे मेरे अंदर एक समलैंगिक जब मैं मुस्लिमों के हक़ की बात करूंगा आप ढूँढेंगे मेरे अंदर का मुस्लिम फिर मैं पेड़ों के हक़ में बोलूंगा तो मुझे उम्मीद है आप मेरे भीतर एक जंगल ढूँढेंगे 1/N
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@Kitabganj1
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6 months
लड़कियां कितना वक्त लगाती हैं खूबसूरत दिखने को। वो जब मेरी क्लासमेट बनी, तो ठीक ही दिखती थी। फिर वो मेरी बेस्ट फ्रेंड बनी साल भर बाद और वो खूबसूरत हुई। चार सालों की दोस्ती के बाद मुझे उससे प्रेम हो गया- अब वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है। 1/2
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7 months
वो सोचते थे हर फूल बेरहमी से तोड़ लेंगे। बागीचा उफ़ की हिम्मत भी न करेगा। उनका फूलों में फूलन से मिलना बाकी था।। (फ़ोटो : फूलन देवी) #internationalwomensday2024 #womensday2024 #Womensday
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@Kitabganj1
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11 months
ज़रा सी लम्बाई कम पड़ गयी ज़रा सा ही बढ़ गया वज़न ज़रा सा दबा हुआ रंग है नौकरी ज़रा छोटी है, और छोटा है घर ज़रा दहेज़ भी नहीं हो सकेगा मन का ज़रा कम मिल रही खानदानी विरासत ...और कुंडली के गुण ये ज़रा ज़रा से चक्करों में ज़रा सा टूटता है कोई मन और ज़रा सा स्वाभिमान 1/N
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11 months
मेरा तुम्हारे शहर से गुजरना मेरा तुमसे होकर गुजरना है, मेरा तुम्हारे शहर से इश्क़ मेरा तुमसे इश्क़ है। बहाने ढेरों रहे होंगे कोई समंदर, कोई रास्ता, कोई ईमारत, वहां का मौसम, या शायद पराठे और चाय। उन सतही बहानों में मेरे उस शहर से मोहब्बत की अकेली वजह 'तुम' थी! 🔹 सौरभ भुवानिया
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11 months
तुम किताबें पढोगे नहीं- तो कहानी तुम्हारी यूँ ही रह जायेगी तुम्हारे चीखने को कह कर संगीत कोई इतिहास की किताब बिक जायेगी।। (फ़ोटो: जय भीम, 2021)
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2 years
वो किताब जो कहीं रख कर भूल गया था पढ़ना। वो भूली किताब तुम्हें देख याद आयी।। (2018: जब मैं किताबें भूल आता था)
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2 years
कुछ मरुस्थलों में कभी नहीं होगी बारिश, समुन्दर हरदम खारे ही रहेंगे, और कुछ ज़ख्म कभी नहीं भर पाएंगे।। (देर रात के लिए शिव कुमार बटालवी) (साभार: बीबीसी)
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1 year
मेरे और तुम्हारे में वक़्त की इतनी दूरी हो चुकी है कि एक पूरी पीढ़ी बसाई जा सकती है उसमें। एक ताजमहल का काम खत्म हो सकता है। सनकी राजाओं के भव्य महल बनाये जा सकते हैं। सरकारें कई बार बदली जा सकती हैं। मेरे और तुम्हारे बीच में एक पहाड़ उगता जा रहा है- 1/N
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1 year
तुम्हारे साथ रहकर अक्सर मुझे लगा है कि हम असमर्थताओं से नहीं सम्भावनाओं से घिरे हैं, हर दिवार में द्वार बन सकता है और हर द्वार से पूरा का पूरा पहाड़ गुज़र सकता है। 🔹सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
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1 year
हम सब को उन माँओं के हिस्से की किताबें भी पढ़नी हैं जिनके गाँव-काल-जात तक किताबें कभी पहुँच न पायी ।। (फ़ोटो :Artidote) #पुरानीKavita
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8 months
मैं अब अपने घर एक स्वप्न की तरह ही आता हूँ साल में एक दो बार बस कुछ देर के लिए। अपने माँ-बाप के सपनों का पीछा करते करते मैं इतनी दूर आ निकला जहां से सिर्फ स्वप्न बनकर वापिस आया जा सकता है व्यक्ति बनकर नहीं।। (फ़ोटो: Close-Up, 1990)
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1 year
एक दिन मैं उठूंगा और मुझे याद नहीं आएगा कि मैंने पूरे जीवन क्या लिखा और फिर दुनिया की हर कविता मेरी होगी वैसे ही जैसे उस पहले दिन थी जब मैंने बचपन में पहली कविता किसी पुरानी मैगज़ीन में पढ़ी थी।। (फ़ोटो: अज्ञात)
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1 year
उसकी नज़रों में बसन्त, हथेलियों में ग्रीष्म और सांसों में शरद है। वो व्यक्ति एक पूर्ण मौसम है।। (फ़ोटो : अज्ञात)
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1 year
तुम्हारा अस्तित्व समुंदर है- मेरी आँखें बस एक लोटा। कितना बेबुनियादी है तुम्हें अपनी आंखों में भर लेने का मेरा दावा।। (फ़ोटो: धोबी घाट, 2010)
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1 year
यूँ सब धुआँ है- ये बदन मेरा उतना ही बचा है- जितना तुमने छुआ है।।
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1 year
तुम्हारे लिए एक फूल लाना चाह था पहाड़ों से- पर वो रस्ते में ही मुरझा गया। शहर बहुत दूर है यहाँ के फूलों के लिए।। (फ़ोटो: किताबगंज)
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1 year
पहाड़ रुका रहा और नदी बह चली। दोनों ने कभी एक दूसरे की शिकायत नहीं की।। (फ़ोटो : Ansel Adams) #पुरानीKavita
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8 months
किसी सुबह मैं देर उठूं और तुम घर के आंगन में बाल बनाती मिलो- और पूछो कि क्या ये वक़्त है उठने का। तुम्हारी मीठी डाँट के बीच मैं चेहरा धोता जाऊँ- तुमसे पूछ कर- गैस पर दो चाय चढ़ाऊँ। -ये कविता लिखता जाऊँ -ये कविता खत्म न कर पाऊँ। 1/2
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2 years
मेरे बच्चे तुम इतना प्रेम करना कि एक नफ़रत से भरते समाज में तुम्हारा बस होना भर ही विद्रोह लगे।। (फ़ोटो: अज्ञात) #valentine मुबारक
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@Kitabganj1
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1 year
बहुत ही लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप था। मुझे किताबें पसन्द थी, और वो कविताओं में बोर हो जाती थी। उसे दुनिया की सैर करनी थी- और मेरी गाड़ी उसके मुहल्ले तक ही जाती थी। मुझे नहीं था पता कि बादल आते कहाँ से हैं। वो घर के गमलों में सावन लगाती थी। 1/N
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