Shobha Akshar
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Currently with @HansMagazine Former CEO @PakhiPublishingHouse Former Asso Editor @Vani_Prakashan. Former Asstt Editor @PakhiPatrika. #Literature #Cinema #Art
Ayodhya, India
Joined December 2017
शशांक को ‘तितली’ फ़िल्म देखने के बाद से फ़ॉलो कर रही हूँ। मेरे ख़याल से समकालीन भारतीय सिनेमा में मौजूद उन कुछ चुनिंदा अभिनेताओं में शशांक एक हैं जो सिनेमा के सरोकार को अपने अभिनय से सशक्त अभिव्यक्त करते हैं। लगता है एक गंभीर उपन्यास गहरे पढ़ते जा रही हूँ। आपके लेखन में यह फ़िल्म देखना, अच्छा सिनेमा देखने जैसा ही युग्म है।
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आइए मिलते हैं आज, कथाकार प्रमोद द्विवेदी की कहानियों से। विश्व पुस्तक मेले में @Vani_Prakashan के मंच पर, उनकी किताब ‘पिलखुआ की जहाँआरा और अन्य कहानियाँ’ के साथ। दोपहर 01 बजे।
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@MrinalPande1 ये सोनू निगम सिंह हैं, क्रिमिनल लॉयर हैं मैम। स्त्रीद्वेष और बुजुर्गों का अपमान करता हुआ यह पोस्ट! उफ़्फ़। इनके फॉलोवर में प्रधानमंत्री जी भी हैं।
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RT @sauravyadav1133: मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया चेनबाम ने ट्रम्प को संबोधित करते हुए कहा ⬇️ तो, आपने दीवार बनाने के लिए वोट दिया... खैर…
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आइए, मिलते हैं। आज शाम 06:30 बजे @Rajpal_Sons पर। मेले में ‘तिराहे पर तीन’ से मिलना भी ज़रूरी है। स्त्री-विमर्श के इस आयाम को और गहरे समझेंगे, @RajniGupt जी के इस उपन्यास के साथ। इस वैचारिक और गंभीर परिचर्चा में अपनी बात रखूंगी। अगर समय निकाल सकें, तो ज़रूर आएं। मेले में मिलिए पुस्तक पर चर्चा हॉल सं. 2, स्टॉल सं. N-01 भारत मंडपम, नई दिल्ली
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@Profdilipmandal @myogiadityanath @Ramlal @narendramodi अमेरिका भारतीयों को बेड़ियों में बाँधकर डिपोर्ट कर रहा है। उसपर भी अपने तर्क से हमें आच्छादित करें।
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@theanilsharda बेहद सक्रिय और सृजनात्मक सफ़र रहा। आगे भी आपकी रचनात्मकता निश्चित ही बरक़रार रहेगी ।
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@ambar_parmindar नहीं, यह वह नहीं है, बहरूपिया है। अपनी आइडेंटीटी को ओन ना करने वाले सभी बहरूपिये हैं।
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@rajkumarbhatisp धर्मांधता की ऐसी घुट्टी पिला दी गई है कि इन्हें न तो कोरोना में लाशों का अम्बार दिखा था, ना ही कुंभ में। अंतिम संस्कार के लिए भी जिन परिजनों को अपने लोगों की लाशे नहीं मिलीं, इन अंधभक्तों को वो भी नहीं दिख रहे! अंधभक्तों का देश था पहले, अब मुर्दों का देश बना दिया है।
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दोनों के पास किस्सागोई का अपना अलग अंदाज़ है। एक का सक्रिय एक्टिविज़्म आकर्षित करता है तो दूसरे की उत्तर-आधुनिकता की समझ। हम दोनों को पढ़ते हैं। एक फ्रेम में दोनों को क़ैद करने के लिए, आप सभी मुझे बधाई भी दे सकते है। @skmeel @prabhatranjann
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धार्मिक कट्टरता, बेरोज़गारी, अव्यवस्था, अन्याय, जातिवाद, स्त्री-द्वेष, होमोफोबिक, ट्रांसफोबिक, धर्मान्धता, कुतर्क, अंध भक्ति से लबरेज़ देशों की सूची आने देते हैं। वहाँ तो ज़रूर विश्व गुरु शीर्ष पर होंगे! —————————————————— सब कुछ धुआँ है, अंधभक्तों के चारो-ओर। भ्रम उनके शायद कभी टूटें। उफ़्फ़।
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