दुर्बल को ना सताइए जाकी मोटी हाय...
6 महीने पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर विनीत की पत्नी और उनकी बच्ची की दुनिया उजड़ गई थी। गुनहगार फोर्टिस अस्पताल था। विनीत के परिवार ने हर जगह न्याय की फरियाद लगाई, लेकिन मेडिकल क्षेत्र के माफिया के आगे इस परिवार की एक ना चली। परिवार कमज़ोर पड़
रविंद्र सिंह भाटी आज गुजरात की उस ज़मीन पर हैं... जिसने आधे दशक से भी कम समय में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी जैसे तीन फायर ब्रांड युवा नेताओं को उगते, पनपते और फ़िर कुंद होते देखा है... भाजपा के विरोध की जाजम पर अपनी सियासी ज़मीन तलाशने-तराशने वाले हार्दिक और
*तुम्हें यहां, ऐसे नहीं होना था हर्ष*- 22 फ्रैक्चर, 10 ऑपरेशन, कई ज़ख्म, बेइंतहा तकलीफ़, बेहिसाब आंसू और कई टूट चुके मिथकों के साथ एईएन हर्षाधिपति पिछले 15 महीने से एसएमएस के धनवंतरि ओपीडी ब्लॉक में एक कॉटेज में भर्ती हैं।
(यह तस्वीर 14 जून शाम की है)
'वाम' से लेकर 'राम' तक एक ही दुहाई- राजस्थान विवि के द्वार पर बैठे ये अभ्यर्थी-आवाज़ दो हम एक हैं, इंकलाब जिंदाबाद और लड़ेंगे-जीतेंगे जैसे नारों से लेकर भगवान श्रीराम तक की सौगंध खा रहे हैं। 'रामराज्य' में इनकी एक ही दुहाई है- तारीख आगे बढ़ाओ सरकार!
#RAS_MAINS_
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हर बार की तरह 2020 और 2021 में भी संघ लोक सेवा आयोग ने तय तिथियों पर आईएएस परीक्षा का आयोजन किया था। लेकिन हजारों अभ्यर्थियों के लिए ये दोनों मौके ‘अवसर’ की बजाय ‘आपदा’ साबित हुए।
अकबर का भूत अब कांग्रेस की बजाय @𝗞𝘂𝗺𝗮𝗿𝗶𝗗𝗶𝘆𝗮 को ज़्यादा डराता होगा…
सियासत के कई जानकार मानते हैं कि भाजपा हाईकमान वर्षों से दिया कुमारी की शक्ल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का विकल्प तलाश और तराश रहा था। उन्हें उपमुख्यमंत्री पद पर नियुक्त कर पार्टी नेतृत्व ने इन
सियासत से इतर... बड़े से बड़े राजनीतिक भंवर के बीच भी गहलोत राखी पर बड़ी बहन के पास जरूर आते थे!
6 अगस्त 2017... एक दिन बाद गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना था... कांग्रेस की तरफ से अहमद पटेल मैदान में थे... भारतीय सियासत के लिहाज से ये बेहद अहम मोड़ था...
दिल्ली को मुठ्ठीभर बाजरे की ये ठसक शायद हमेशा कसकती रहेगी ...
पर्दे के पीछे की कहानी चाहे जो रही हो, लेकिन किसी भी लोकतांत्रिक दल के लिए यह निशानी सुखद है कि उसके नेताओं ने सवाल पूछने का माद्दा नहीं खोया है। करीब एक दशक से ये अभ्यास लगभग खत्म हो चुका था। लेकिन राजस्थान भाजपा के
आखिर मेरा गुनाह क्या था...?
क्या मैं ईमानदार नहीं था ?
क्या मैं मेहनती नहीं था ?
क्या मैं निष्ठावान नहीं था ?
क्या मैं दागदार था ?
क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ?
मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था।
ओर क्या
भावनाओं के ज्वार से जूझते होंगे अशोक गहलोत!
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री
@ashokgehlot51
निश्चित तौर पर भावनाओं के ज्वार से जूझ रहे होंगे। क्योंकि जालोर-सिरोही सीट पर उनके बेटे वैभव गहलोत करीब दो लाख वोटों के अंतर से पीछे चल रहे हैं... दूसरी तरफ जिस अमेठी के वे सीनियर ऑव्जर्बर
जयपुर में गोपालपुरा बाईपास पर बेकाबू कार ने एक्टिवा सवार को टक्कर मारी… भारी भीड़ जमा… परिजनों का आरोप- शराब पीकर इंस्पेक्टर चला रहा था कार… मौके पर पहुँची पुलिस ने आरोपी को बचाकर निकलने की कोशिश की…
डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने 7 में से एक भी सीट हारने पर इस्तीफा देने की बात कही थी... रुझानों में तो सातों की सात जाती दिख रही हैं... क्या बाबा को पक्का इनपुट मिल गया था?
राजस्थान का बजट और पूंछरी कौ लौठा,
ना कछू खावै, ना कछू पीवै, कैसो पड़ौ है सिलौटा।
@BhajanlalBjp
के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही राजस्थान में जमकर ‘पूंछरी के लौठा’ और गिरिराज गोवर्धन महाराज के जयकारे लग रहे हैं। शपथ लेने के बाद भी भजनलाल गोवर्धन गए थे और हाल ही में अपने गृहजिले
वैभव गहलोत का 'कैंपेन सॉन्ग' बनाम लुंबाराम चौधरी का 'गैर'...
2006 में 12वीं की पढ़ाई के लिए गांव से जिला मुख्यालय पर सरकारी स्कूल में दाखिला लिया... पिता शिक्षक थे, तो उसी आर्थिक सीमा के लिहाज से हॉस्टल चुना गया... ज़ाहिर तौर पर वहां सभी स्टूडेंट लगभग उसी आयवर्ग और जीवनशैली से
हमारे अपने मर रहे हैं! ना जाने कितने लोग नाचते-खेलते-कूदते मर गए... ना जाने कितने और मरेंगे... ना जाने अगला कौन होगा... लेकिन हमारी रीढ़ में कोई सिहरन नहीं उठ रही... हमारे अपनों का मर जाना हमारे लिए सामान्य हो चुका है... हम इतने विशुद्ध #$$# हैं कि इन मौतों को भगवान की मर्जी
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 2014 में कहा था- ‘कोई इस गुमान में न रहे कि उसकी वजह से पार्टी राजस्थान में लोकसभा की 25 और विधानसभा की 163 सीटें जीती है. जनता जिताने निकलती है तो दिल खोलकर और हराने निकलती है तो घर भेज देती है.’ करीब एक दशक बाद राजेंद्र राठौड़ ने वैसी ही बात दोहराई है
2022 में राजस्थान में कुल 12,85,699 वाहन बिके थे इनमें से 78,239 इलेक्ट्रिक थे, यानी कि 6.08%, जबकि नेशनल आंकड़ा 4.71% ही है।
10,17,417 इलेक्ट्रिक वाहन हैं देश में, इनमें से 8 फीसदी राजस्थान में। देश में पांचवा नंबर।
#MyReport
'केसरिया बालम बालम आवो नी पधारो म्हारे देस...'
माटी की महक से भीगा मरुधरा का ये आमंत्रण गीत जिन अल्लाह जिलाई बाई ने लोकप्रिय बना दिया, आज उनका जन्मदिन है...
... हो सकता है कि आप कभी राजस्थान न गए हों. लेकिन यह तय है कि राजस्थान आप तक कभी न कभी जरूर आया होगा. कभी गले में
भारत में किसानों पर औसतन 74,121 रुपए का कर्ज, 70% के पास 1 हेक्टेयर से कम खेत, 55% खेतीहर मजदूर हैं... हर घंटे में एक से ज्यादा किसान अपनी जान दे रहे...
भारत सरकार के मुताबिक देश की करीब 52 फीसदी आबादी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के लिए कृषि पर निर्भर है। जीडीपी में कृषि
किसी की आवाज़ बन पाना और उस आवाज़ का व्यवस्था द्वारा सुना जाना सुकून देता है। गर्भवतियों की पीड़ा पर संज्ञान लेने के लिए राजस्थान मानव अधिकार आयोग का आभार। आयोग ने 108 एंबुलेंस में महिला नर्सिंगकर्मियों की तत्काल नियुक्ति के आदेश दिए हैं।
शुक्रिया
@pantlp
सर मार्गदर्शन के लिए।
बाड़मेर-जैसलमेर से प्रत्याशी समर्थकों की बजाय पुलिस के साथ विवाद के वीडियो ज्यादा सामने आ रहे हैं... क्या कारण है?
राजस्थान की सियासत हो ना हो यहां की डेमोग्राफी जरूर पानी जितनी गहरी है... शासन से लेकर प्रशासन और कानून व्यवस्था तक जाति फैक्टर हावी है। नीचे से ऊपर तक... सही
आज मुख्यमंत्री बाड़ी दौरे पर हैं। उन लोगों के साथ मंच साझा करेंगे, जिन पर हर्ष को इस स्थिति में पहुंचाने का इल्ज़ाम है। दलील दी जा सकती है कि मामला क़ानून के हाथ में है। लेकिन यक़ीन मानिए ऐसी हर दलील हर्ष और उनके परिवार को मिली वेदना के आगे बौनी नज़र आती है।
जिस उम्र में उन्हें नए ख़्वाब देखने थे, उनकी ताबीर करनी थी, हर्षाधिपति की 450 स्याह रातें जागते हुए गुजरी हैं, सिर्फ इस उम्मीद में कि एक दिन वे बिस्तर से अपने पैरों पर खड़े हो पाएंगे। हाथों की हड्डियां जुड़ गई हैं। लेकिन एक पैर सिलाइयों से बींधा हुआ है।
I-PAC की एंट्री के बाद से इलेक्शन कैंपेन्स में कलर साइकोलॉजी को ज्यादा ही गंभीरता से लिया जाने लगा है, जो मतदाताओं को सबकॉन्शियसली आकर्षित और प्रभावित करती है। बड़े प्रयोग के तौर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में सीएम केजरीवाल के कैंपेन के लिए काले रंग के इस्तेमाल को देखा जा सकता है।
हमलावर हर्ष का हौंसला तो नहीं तोड़ पाए, लेकिन उन्हें कई शिकायतें दे गए। शिकायतें सिस्टम से, शिकायतें हुक्मरानों से। ये शिकायतें जब टीस बनकर उनकी जुबां से निकलती हैं, तो सुनने वालों को सालती हैं।
बाहर से आए नेता जिन्हें राजस्थान ने बांहें फैलाकर स्वीकारा
इस फ़ेहरिस्त में पहला नाम सुरेंद्र कुमार डे का है… देश के पहले पंचायती राज मंत्री रहे डे ने 1962 का चुनाव नागौर से लड़ा था। निर्दलीय उम्मीदवार मदन सिंह को तीस हजार से अधिक वोटों से हराकर डे तीसरी नेहरू सरकार में
उनकी हम-उम्र बहनें डेढ़ साल से अपना सब कुछ भूल भाई की तीमारदारी में जुटी हैं। मां कम ही आती हैं। उनसे अपने बच्चे को इस हालत में देखा नहीं जाता। कैलेंडर में तारीख बदल जाती है, लेकिन पूरे परिवार की ज़िंदगी उस खौफनाक दिन के बाद ठहर सी गई है।
विवादित अपील...
राजस्थान में राजपूत लंबे समय से बॉलिवुड पर ऐसे नामों या संज्ञाओं के इस्तेमाल का आरोप लगाते रहे हैं, जिससे इस समाज की सामंतवादी, क्रूर या शोषक छवि पुष्ट होती है... मसलन ‘ठाकुर दुर्जन सिंह, शैतान सिंह’! कई मामलों में साहित्य भी इस शिकायत के दायरे में आता है...
जॉमेटो ने सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद शाकाहारी खाने की डिलेवरी करने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रीन ड्रेसकोड के फैसले को वापिस ले लिया है। लेकिन इस पूरे विवाद ने देश में शाकाहार बनाम मांसाहार की बहस को फिर से खड़ा कर दिया। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक शाकाहारी आबादी के
हर ऑपरेशन के साथ एक सिलाई निकाल दी जाती है। सभी को निकलने में कितना समय लगेगा, कुछ तय नहीं। एक नौजवान को 8*8 के कॉटेज से आज़ाद होने में कितना समय लगेगा, कुछ तय नहीं। हर्ष बताते हैं कि इस दौरान दूसरे वार्डों में जाने कितने मरीज आए, जाने कितने गए। एक वही हैं जो अटके रह गए।
राजस्थान में पूरा लोकसभा चुनाव तीन-चार सीटों पर सिमट गया है...
1- बाड़मेर-जैसलमेर
2- चूरू
3- सीकर
और थोड़ी बहुत नागौर...
बाकी 21 सीटों का क्या हाल है?
#LokSabhaElection2024
क़ानून ने सरकार और संगठन के हाथ तो नहीं बांधे! कम से कम न्याय की लड़ाई तो तेज की ही जा सकती थी! एक सख़्त फ़ैसला नज़ीर पेश कर सकता था जो हर्ष के ज़ख़्मों पर मलहम का काम करता। ज़िंदगी समीकरणों पर तौलने के लिए नहीं होती।
भाजपा आलाकमान ने एकध्रुवी नेतृत्व का जो अहंकारी और हठी अश्व छोड़ा हुआ था, राजस्थान के नेताओं ने उसकी लगाम पकड़कर इरादे ज़ाहिर कर दिए हैं। यह ठीक भी है। लोकतांत्रिक देश के किसी भी सत्ताधारी दल में आंतरिक लोकतंत्र होना ज़रूरी है। सहमति का बेहतर अभ्यास घर से ही हो सकता है।
#election
लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान के मतदाताओं का मतभार देश में सबसे कम है… लोकसभा सीटें बढ़ने पर ही संसद में हमारा प्रतिनिधित्व और मतभार; दोनों बढ़ेंगे
हमारे 21.40 लाख मतदाता एक सांसद चुनते हैं… जबकि अरुणाचल प्रदेश में 4.44 लाख वोटर्स को एक सांसद चुनने का मौका मिलता है। राष्ट्रीय
@Rajesh__Jamaal
@Dileep4BJP
करीब एक दशक पहले डिजिटल कंटेंट को तोड़-मरोड़ कर पेश करने
और ट्रोलिंग के खतरनाक ट्रेंड की शुरुआत की गई। बाद में यह इन्फेक्शन की तरह हर तरफ फैल गया। अब स्थिति यह है कि कई बार सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपने कंटेंट का गेटकीपर खुद ही को बनना होगा।
कहते हैं न कि 'पूरी दुनिया के लिए वह सिर्फ़ एक शख्स होता है, लेकिन अपने परिवार के लिए वही शख़्स पूरी दुनिया होता है।' शुक्रिया @ Shaitan Regar जी साहब और
@bhanwarmegh
जी साहब; एक परिवार को उसकी दुनिया लौटाने के लिए।🙏
तीन बरस पहले
@Anand_DB
सर को पहला रामनाथ गोयनका मिलने पर उन्हें मैसेज में लिखा था-
'सर... आपसे कभी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन बड़ी बेतक्कलुफ़ी से कहूं तो आपके इस अवॉर्ड में मुझे अपना भी एक हिस्सा महसूस हो रहा है...
यहां दिल्ली की भीड़ में कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ता है,
1: जब तक हादसों को नियति मानने की बजाय जिम्मेदारी तय नहीं होगी, तब तक लोग मारे जाते रहेंगे। केरल ने ट्रोमा केयर को लेकर सराहनीय प्रयास किए हैं। वहां 8048 एक्सीडेंट्स में 975 लोगों ने जान गंवाई, जबकि राजस्थान में 6424 में 3829 लोगों ने।
राजस्थान में बिजली संकट क्यों??
हमारे पास देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा भंडार, लेकिन इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में उत्पादन तो दूर हम सही समय पर तय मात्रा में इसे खरीद तक नहीं पाते…
ये रिपोर्ट करीब तीन साल पहले लिखी थी। भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची ने इसे प्रासंगिक बना दिया है!
क्या भाजपा और संघ दिया कुमारी में वसुंधरा राजे का विकल्प देख रहे हैं?
#RajasthanElection2023
कुछ दर्द ऐसे भी जिन्हें दर्दमंद हासिल नहीं- राजस्थान में करीब 80 लाख मनोरोगी हैं। मानसिक बीमारियों पर प्रतिमाह खर्च के मामले में प्रदेश दूसरे पायदान पर है। 4 लाख परिवार मानसिक बीमारियों के इलाज के चलते गरीबी रेखा से नीचे जा चुके हैं।
‘म्हे ही खेल्या, म्हे ही बुझाण्या’: जब पहले आम चुनाव से पहले ही कांग्रेस में फूट पड़ गई और जनता पार्टी का नाम पहली बार सामने आया
8 सितंबर 1951। राजस्थान से आई एक खबर ने पंडित नेहरू को चिंता में डाल दिया। जिन हीरालाल शास्त्री को पार्टी ने 21 महीने पहले ही प्रदेश का पहला
@Rajesh__Jamaal
@Dileep4BJP
यदि हर भ्रामक जानकारी देने वाला आपकी तरह यह स्वीकार करने की हिम्मत जुटा ले कि उससे ग़लती हुई थी, तो शासन और व्यवस्था की नई सूरत देखने को मिल सकती है।
जब बिसमिल्लाह खान साहब ने शिकागो यूनिवर्सिटी के नौकरी के प्रपोजल को यह कहकर इन्कार कर दिया कि- तुम सब कर लोगे लेकिन मेरी गंगा कहां से लाओगे?
'सुखन रा नाजिशे-मीनू क्फुमाशी जे गुलबांगे- समाइश हाय काशी
बनारस राकसे-गुफ्ता चुनीनस्त हुनूज अज गंगे-चीनश बरजबीं अस्त
(काशी की तारीफ का फल
संसद में घट रहा राजस्थान का युवा प्रतिनिधित्व... 1952 में प्रदेश के सांसदों की औसत आयु 40 वर्ष थी, 2019 तक बढ़ते-बढ़ते 54 वर्ष पहुंची।
* कांग्रेस और भाजपा की बजाय निर्दलीय चुनाव लड़कर कम उम्र में संसद पहुंचने की संभावना अधिक...
* दोनों दलों के अब तक चुने गए सांसदों की औसत आयु
एक बार फिर तसल्ली है कि किसी की आवाज़ बनने का मौका मिला और वह आवाज़ सुनी भी गई। मानसिक रोगियों की देखभाल के लिए राजस्थान सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन किया है।
शुक्रिया
@pantlp
सर मौका देने के लिए!
कुछ दर्द ऐसे भी जिन्हें दर्दमंद हासिल नहीं- राजस्थान में करीब 80 लाख मनोरोगी हैं। मानसिक बीमारियों पर प्रतिमाह खर्च के मामले में प्रदेश दूसरे पायदान पर है। 4 लाख परिवार मानसिक बीमारियों के इलाज के चलते गरीबी रेखा से नीचे जा चुके हैं।
ज़मीन पर राय है कि अगस्त तक कांग्रेस बढ़त में थी, लेकिन सितंबर में हालात बदले हैं। इसकी एक बड़ी वजह यही परसेप्शन था कि इकबाल के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवज़ा मिला और कन्हैयालाल के आश्रितों को कम। पूरी मशीनरी होने के बावजूद कांग्रेस इसका काउंटर करने में बुरी तरह नाकाम रही (1)
किसान जब अपने कंधों से अन्नदाता होने का जबरन थोपा हुआ नैतिक बोझ उतारकर अपने हक़ बात करना चाहता है तो अखरता क्यों है?
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP, जिसके लिए ये पूरी लड़ाई है? समझें आसान भाषा में
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की लीगल गारंटी की मांग को लेकर किसानों ने एक
#myreports
कुछ अतिरिक्त-
1- विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में सबसे बड़ी भागीदारी किसानों की, लेकिन सबसे बदतर हालत भी उन्हीं की। भारत का हर चौथा मतदाता खेती से जुड़ा, लेकिन देश का हर दूसरा किसान कर्जदार है।
23- मंत्री और 21- अधिकारी
क्या किसी और ने भी इस संख्या पर ध्यान दिया है? अयोध्या की ये यात्रा जैसे राजस्थान में शासन-प्रशासन के शक्ति-संतुलन को दिखा रही है।
#AyodhyaDham
@Rajesh__Jamaal
@Dileep4BJP
ग़लत कंटेंट पब्लिश होने के बाद खेद जताने और उसे डिलीट करने में कतई कोई बुराई नहीं। आपने ऐसा कर के जिम्मेदार होने का परिचय दिया है। लेकिन ये जिम्मेदारी हर पक्ष को उठाने की जरूरत है। शीर्ष से लेकर बूथ तक झूठ के प्रचार पर रोक लगनी चाहिए।
सांसद साहब ने केसरी सिंह और कांग्रेस को फौरी तौर पर बड़ी राहत दे दी है… गणित में स्टेप्स से ज्यादा महत्व कॉन्सेप्ट्स का है, चाहे वो राजनीतिक ही क्यों ना हो…
@hanumanbeniwal
मुद्दों के नेता नहीं हैं। ऐसे हमले उन्हें उनके प्रभाव वाले क्षेत्र में मजबूत ही करेंगे
#RajasthanElection
RLP के साथ चुनावों से पहले खेला हो गया ?
पेपर लीक मामले में ED के रडार पर अब हनुमान बेनीवाल की पार्टी वाया स्पर्धा चौधरी आ गई है, किरोड़ी लाल मीणा ने संगीन आरोप लगाए हैं.
ईडी की इस कार्रवाई के बाद बेनीवाल की नैतिकता पर बट्टा लगा है जो पेपर लीक जैसे मुद्दे पर युवाओं को लामबंद
अयोध्या में 'अवधेश' बढ़त बनाए हुए हैं...
नतीजा रुझानों के ही अनुरूप रहा तो फैजाबाद सीट भी सियासी इतिहास में दर्ज होगी... जहां राम मंदिर बना, समाजवादी पार्टी ने भाजपा को वहीं घेर लिया है... बसपा के पांडे जी भी भाजपा के लल्लू सिंह जी के लिए फायदेमंद साबित नहीं होते दिख रहे...
राजस्थान में हर दिन 123 महिलाओं को अपराध का सामना करना पड़ता है… देश के प्रमुख शहरों में जयपुर में महिला अपराध दर ज्यादा… एफआईआर की प्रतिबद्धता बेहतर कदम, लेकिन अपराधियों में डर पैदा होना जरूरी!
#myreport
जैपुर रो मोटियार...
द क्विंट ने जयपुर के सिद्धार्थ महान को T-20 वर्ल्डकप की कवरेज के लिए न्यूयॉर्क भेजा है.... वे अमेरिका जाकर स्पोर्ट्स कवर करने वाले संभवत: राजस्थान के इकलौते पत्रकार हैं...
@siddhaarthmahan
खामोशी से काम करने में यकीन रखते हैं, लेकिन उनका काम अपने हिस्से की
सिद्धार्थ महान से जुड़िए....जबर मेहनत कर रहे हैं.
वैसे मैं तो निजी तौर पर सिद्धार्थ को जानता हूं, उनके क्रिकेट पर अलग-अलग वेबसाइटों पर लिखे रोचक आर्टिकल लगातार पढ़ता और शेयर करता रहा हूं.
अब आज मैं इनका जिक्र क्यों कर रहा हूं...उसके पीछे वजह है सिद्धार्थ का न्यूयॉर्क जाना और
‘मरीज अब खतरे से बाहर है’
‘मुबारक हो आप पिता बन गए’
‘आप अब पहले की तरह चल सकेंगे’
‘आपका दिल अब पूरी तरह स्वस्थ है’
‘आपकी रोशनी लौट आएगी’
‘आपको घबराने की जरूरत नहीं’
दुनिया की सबसे ज्यादा सुकून और खुशी देने वाली ऐसी तमाम खबरों के लिए…
शुक्रिया Doctors!
#DoctorsDay
A Confession-
2014 से पहले लड़कपन में हम भी इस जुमले
पर बलिहारी जाते थे-
त्यागमूर्ति ने सेवा के लिए परिवार तक छोड़ दिया, ये किसके लिए ‘खाएंगे…’
जवाब 10 साल बाद मिल रहा है…
#ElectoralBondScam
#ElectoralBond
समझाइश हुई थी कि कार्यकाल का पहला ही धरना है, वह भी मुठ्ठीभर अभ्यर्थियों का... अभी से झुकने की रवायत डाली तो आगे मुश्किल होगी... लेकिन सीएम ने पब्लिक सेंटिमेंट को तवज्जो दी। श्रीराम की सौगंध काम आई, अभ्यर्थियों का संघर्ष जीता, आरएएस मेंस की तारीख बढ़ी।
#RAS
#rasmains
'वाम' से लेकर 'राम' तक एक ही दुहाई- राजस्थान विवि के द्वार पर बैठे ये अभ्यर्थी-आवाज़ दो हम एक हैं, इंकलाब जिंदाबाद और लड़ेंगे-जीतेंगे जैसे नारों से लेकर भगवान श्रीराम तक की सौगंध खा रहे हैं। 'रामराज्य' में इनकी एक ही दुहाई है- तारीख आगे बढ़ाओ सरकार!
#RAS_MAINS_
आगे_बढ़ाओ
इतनी सुरक्षा एक बलात्कारी और हत्यारा दोषी अपराधी को क्यों ?
देश के टैक्स पेयर के पैसों का इतना दुरुपयोग क्यों ???
देश के कानून का मजाक बनाया जा रहा है..
7 गाड़ियो के काफिले के साथ दो रेप एक हत्या का दोषी अपराधी गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर निकला है !!
बाइक #चोरी की ये वारदात राजधानी जयपुर की है. कल रात करीब 3 बजे आत्मविश्वास से लबरेज दो चोर एक बाइक पर सवार होकर #जयपुर की एक कथित गेटेड एंड सिक्योर कॉलोनी में आते हैं…
उनमें से एक आराम से #बाइक से उतरता है और देखते ही देखते ‘मास्टर की’ से वहां खड़ी बाइक का लॉक खोलता है, और
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कुर्सी लोकसभा नतीजों के साथ ही सुरक्षित हो गई थी… हालांकि कुछ विश्लेषकों के कयास इसके विपरीत थे, लेकिन वे शायद सिक्के का दूसरा पहलू नहीं देख पा रहे थे… प्रदेशाध्यक्ष पद से सीपी जोशी के इस्तीफ़े की पेशकश ने सीएम भजनलाल शर्मा का भविष्य कम
जून में
@Harshadhipati
से हुई इस मुलाकात ने रूह तक को झकझोर दिया था। हैरानी यह भी थी कि तब 15 महीनों से अस्पताल में भर्ती हर्ष को हर कोई भुला चुका था। सिस्टम भी, सरकार भी। तब इस युवा की आवाज़ बनने की कोशिश की थी। आज 'बाड़ी' के मतदाताओं ने इन ज़ख़्मों के साथ इंसाफ किया है।
*तुम्हें यहां, ऐसे नहीं होना था हर्ष*- 22 फ्रैक्चर, 10 ऑपरेशन, कई ज़ख्म, बेइंतहा तकलीफ़, बेहिसाब आंसू और कई टूट चुके मिथकों के साथ एईएन हर्षाधिपति पिछले 15 महीने से एसएमएस के धनवंतरि ओपीडी ब्लॉक में एक कॉटेज में भर्ती हैं।
(यह तस्वीर 14 जून शाम की है)
2014 के बाद सीबीआई के 95% छापों में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया। जबकि 2004 से 2014 के बीच यूपीए शासन में यह आंकड़ा 60% से कम था।
आज दैनिक भास्कर में
@rajanmahan
सर का ‘नज़रिया’- रेड राज भय की संस्कृति को बढ़ाता है!
इस मुल्क ने हर शख्स को जो काम था सौंप… उस शख्स ने उस काम कि माचिस जला के छोड़ दी…
वाह रे गूदड़ी के लालों… 1500 लोगों की
जान ख़तरे में डाल दी, 40 को घायल कर दिया…
Unintended attempt to mass murder जैसा कोई सेक्शन नहीं है क्या हमारे क़ानून में?
राजस्थान या 'दहेज'स्थान? ये आंकड़े शर्मसार करते हैं...
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दहेज हत्या के मामले में राजस्थान देश में पांचवे स्थान पर। हमसे ऊपर क्रमश: उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।
रोचक खबर है- असम के लखीमपुर में मतदान से पहले ही एक ईवीएम में गड़बड़ दर्ज हुई... इसे बदलने के लिए ले जाया जा रहा था... बीच रास्ते नदी में पानी बढ़ गया... ईवीएम बह गई...
@meevkt
@lkopolice
आप वरिष्ठ पत्रकार हैं! आप से न्यूनतम संवेदनशीलता और समझ की अपेक्षा की जाती है कि किसी के आत्महत्या के प्रयास के वीडियो शेयर ना करें। आप चाहते तो गुमशुदा की पहचान के लिए उसकी तस्वीर का इस्तेमाल कर सकते थे। लेकिन आपके पूरा वीडियो डाल दिया। दुनियाभर की रिसर्च और सामाजिक संस्थाएं इस