@DrKumarVishwas
"होली जैसा उत्सव पृथ्वी पर खोजने से न मिलेगा। रंग गुलाल है। आनंद उत्सव है। तल्लीनता का, मदहोशी का, मस्ती का, नृत्य का, नाच का--बड़ा सतरंगी उत्सव है। हंसी के फव्वारों का, उल्लास का, एक महोत्सव है। दीवाली भी उदास है, होली के सामने। होली की बात ही और है। ऐसा नृत्य करता उत्सव
ओशो