@ArunrajbharSbsp
पहले अपने दिमाग का ताला इसी चाभी से खोलो, जिसमें जंग लग चुका है।
और एक बात,
दोष तुम्हारे चुनाव चिन्ह में नही बल्कि दोष तुम्हारे परवरिस में हुआ है।
कब, क्या, कहाँ, क्या बोलना है, कुछ नहीं पता - गवारों वाला आचरण है तुम्हारा और तुम्हारे बाप का।