Arif Khan||عارف خان
11 months
आओ तुम्हे राज़ों से बा खबर कर दूं,
पहले वक्तों में दुनिया की खवाहिशातें , दुनिया की तरक्की , दुनिया का सामान ,कुफ्फार का मकसद होता था,
मुसलमान तालिब ए आखिरत थे, यही उनके गलबे का राज़ था,
फिर मुसलमानों ने अपनी सोच , फिक्र , और अमल, कुफ्फार जैसा बना लिया,यह उनकी मगलूबियत का राज़ है