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Yunus Khan

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RJ. विविध भारती। Poet, Columnist, translator, writer an Film & Film Music Enthusiast. हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं। Retweets are not endorsements.

Mumbai
Joined June 2009
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Yunus Khan
2 years
कल शाम राजकमल प्रकाशन के किताब उत्सव में नेहरू सेंटर में गुलज़ार साहब ने "जिया जले" का विमोचन किया। नसरीन मुन्नी कबीर से गुलज़ार साहब की बातचीत पर आधारित इस किताब का अनुवाद मैंने किया है। इस मौक़े पर मैंने और सलीम आरिफ़ साहब ने गुलज़ार साहब से बातचीत की।
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Yunus Khan
2 years
ये सिर्फ एक क्लिप नहीं है। रस—वर्षा है। उस्ताद विलायत खां और उस्ताद बिस्मिल्लाह खां जुगलबंदी करते हुए "मोहे पनघट पर" बजा रहे हैं। सितार और शहनाई की मधुर रस वर्षा में भीगते हुए आप कहीं खो जाते हैं।. अचानक दोनों उस्तादों का मन गुनगुनाने का हो उठता है.और फिर रोशनी बिखर जाती है।
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4 years
बहुत कम लोग जानते हैं कि दिलीप साहब को क्रिकेट का बहुत शौक़ था। मैं उन खुशनसीब लोगों में से रहा हूं जिन्होंने उनसे क्रिकेट पर बात की। वह भी भारत पाकिस्तान सीरीज पर। अलग-अलग मौकों पर दिलीप साहब क्रिकेट खेलते देखे गए। कुछ दोस्ताना मैच फिल्म इंडस्ट्री के और कुछ शौकिया क्रिकेट।
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2 years
देश में फेरीवालों की अपनी परंपरा रही है, सबका अपना निराला तरीका। अपनी टाइम लाइन पर मैंने इससे पहले सिवनी के एक लड्डू वाले और भोपाल के नमकीनवाले के दिलचस्प वीडियो पोस्ट किए थे। ये पंजाब के किसी शहर के कुल्फी वाले हैं। और कितने शानदार हैं खुद देखिए सुनिए।
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2 years
9 अगस्त को सतीश कौशिक ने सोशल मीडिया पर ये चश्मे वाली तस्वीर डालकर लिखा, मुंबई मेरी जान, आज ही के दिन 1979 में तूने मुझे गले लगाया था, ताक़त देते रहना क्योंकि अभी बहुत सपने बाक़ी हैं। . आज सुबह अपने सपनों को अपने दिल में समेटे सतीश जी चल दिए इस संसार से। सतीश कौशिक नहीं रहे।
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2 years
ये हैं बेहद प्रतिभाशाली सरगम ख़ान। तबले में PhD कर रही हैं। आप जानते ही हैं कि तबला वादन के क्षेत्र में महिलाएं ज्यादा नहीं हैं। अनुराधा पाल ने इस मैदान में अपने झंडे गाड़े हैं। बहरहाल, यहां सरगम अली सेठी और शाए गिल के मशहूर गाने "पसूरी" पर jamming कर रही हैं।
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3 months
चली गईं जीजी. शारदा जीजी से बीते कुछ सालों का नाता था। बातें होती थीं। उनका आशीष मिलता था। जब वो घर आईं तो मैंने कहा, कुछ अपने मन का गाइए, वो देर तक मुकेश के फिल्मी गाने गाती रहीं।. आखिरी मुलाकात, चव्हाण सेंटर में थी।.जब उन्होंने खूब रंग जमाया था अपनी गायकी का।
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2 years
फिल्म श्री 420 का ये दृश्य सिनेमा में मानवीय मूल्यों का बेमिसाल दस्तावेज है। अपनी कल्पनाशीलता, यथार्थ और लेखन में बेजोड़। जितनी बार इसे देखें, मन भीग जाता है। ये सिनेमा के परदे पर जीवन को धड़काता है। . ऐसे और कौन कौन से दृश्य आपको याद आते हैं?.#Shri420.#KhwajaAhmedAbbas
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2 years
धारदार परसाई
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2 years
सी रामचंद्र बेमिसाल संगीतकार थे। उन्होंने जहां एक तरफ "मेरी जान संडे के संडे", "मेरे पिया गए रंगून" या "गोरे गोरे ओ बांके छोरे" जैसे गाने दिए वहीं "नवरंग" जैसी फिल्म में उनकी शास्त्रीयता खूब उभरी। 1978 में BBC के महेंद्र कौल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने.
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2 years
कबीर 5.कबीर गायकों की श्रृंखला में आज बात फरीद अयाज़ की। मुंशी रजीउद्दीन के बेटे और मशहूर कव्वाल फरीद अयाज़ कबीर को भी गाते हैं। उनका गाया"भला हुआ मोरी गगरी फूटी" खासा प्रसिद्ध है। कव्वाली में कबीर को गाना मुझे अनूठा प्रयोग लगता है। . #कबीरगायक
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3 years
पद्मश्री प्रह्लाद सिंह टिपणिया का स्वर किसी और ही दुनिया में ले जाता है। निर्गुणी रचनाओं का संसार जहां "अहं" की जगह सब "वयं" है। .#PrahlaSinghTipaniya
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2 years
कव्वाली में कन्हैया की याद। फरीद अयाज़ क़व्वाल मुंशी रज़ीउद्दीन के बेटे हैं। ये "क़व्वाल बच्चों का घराना" कहलाता है। इसका ताल्लुक दिल्ली के दरबार से रहा है। फ़रीद अयाज़ कबीर भी गाते हैं और उनकी क़व्वाली में कन्हैया भी आते हैं। .#FaridAyaz.#KanhaiyaYaadHai
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5 months
स्वानंद किरकिरे का नया गाना आया है। ये किसी आम प्रेमगीत से अलग है। इसमें मेहबूब या मेहबूबा की कोरी तारीफ़ नहीं है। @swanandkirkire कहते हैं कि ये गाना असल में एक दूसरे को उसकी कमियों और खूबियों के साथ स्वीकार करने का गीत है। मुझे ये गाना इस मायने में बहुत अनमोल लगता है।
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2 years
बेगम अख़्तर ने संगीतकार मदन मोहन से जुड़ी एक दिलचस्प याद साझा की है। कहते हैं कि उस दौर में बेगम अख्तर ने मदन मोहन को ट्रंक कॉल किया था और उनसे बार बार "कदर जाने ना" सुनती रही थीं। इस वीडियो में मदन जी की आवाज़ में इसकी कुछ पंक्तियां आप सुन सकते हैं।
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2 years
ईद मुबारक।।
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2 years
रवींद्र जैन ने कहा था कि अगर कभी वो संसार का देख पाये, तो सबसे पहले येसुदास को देखना पसंद करेंगे, क्‍योंकि वो ईश्‍वर का स्‍वर हैं। किसी गायक के लिए इससे बड़ा कोई तमग़ा नहीं हो सकता। इसे रूपक कहूं, विशेषण कहूं. मुझे समझ नहीं आता। #Yesudas
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Yunus Khan
4 years
वो कैंची साइकल चलाने के दिन. आज के ज़माने में नहीं रहा कैंची सायकल चलाने का चलन।
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1 year
नहीं रहे जूनियर मेहमूद।. बाल कलाकार की हैसियत से अपना करियर शुरू करने वाले जूनियर मेहमूद का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। उनका असली नाम था नईम सय्यद। ब्रह्मचारी, परिवार, हाथी मेरे साथी. जाने कितनी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय से हमारा ध्यान खींचा। . नमन।
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2 years
जरूरी नहीं कि अच्छे शायर अपने अशआर की अच्छी अदायगी भी करें। फ़ैज़ को ज़िया मोहिउद्दीन ने जितनी अच्छी तरह पढ़ा, उतना तो ख़ुद फ़ैज़ ने भी नहीं पढ़ा। "मुझसे पहली मुहब्बत मेरे मेहबूब ना मांग" की एक लाइन है "तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है"।.#faiz .#ziyamohiuddin
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2 years
कल सी रामचंद्र की आवाज़ के जरिए जिक्र छिड़ा भरत व्यास जी का। हिंदी फिल्मों के विरले गीतकार जिन्होंने शुद्ध हिंदी के ललित शब्दों से गीत बुने और वे लोकप्रिय भी हुए। यहां नवरंग फिल्म का एक बेमिसाल गीत उनकी आवाज़ में "कविराजा कविता के मत अब कान मरोड़ो/
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2 years
संगीत के विराट समुद्र में कुछ अनमोल मोती हैं, जिन्हें आप सहेज कर अपने साथ रखना चाहते हैं। ये आपका संबल हैं। आपकी ताक़त बनते हैं।. आज महादेवी वर्मा का जन्मदिन है।.उनकी कुछ रचनाएं आशा भोसले ने जयदेव के संगीत निर्देशन में गाई थीं।
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2 years
बीते दिनों ये जादुई लम्हा घटते देखा।.म्यूजिशियन निर्मल मुखर्जी की याद में आयोजित एक कंसर्ट में (लक्ष्मीकांत–प्यारेलाल की जोड़ी के) प्यारेलाल जी और राजेश रोशन मौजूद थे। किशोर सोढा ट्रंपेट लेकर पहली कतार में आ गए और उन्होंने कुछ इस तरह प्यारेलाल जी को सलाम किया। . #Kisoresodha
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4 years
बारिश में भीगा था मुंबई शहर उस दिन। दोस्तों के साथ "सत्या" देखने की योजना बनी। ये फ़िल्म आज तक ज़ेहन पर छाई है।.कुछ पटकथाएं समय से परे जाने की ताक़त रखती हैं। "सत्या" में वो जादू था. कितने करियर बने। बधाई @BajpayeeManoj @RGVzoomin @VishalBhardwaj @Apurvasrani @anuragkashyap72
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1 year
इरशाद कामिल की एक प्यारी बात.@Irshad_Kamil
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5 years
हम जानते हैं कि अमूमन फिल्‍म के किरदार काल्‍पनिक होते हैं। पर कभी कभी वो इतने वास्‍तविक लगते हैं मानो हमारे अपने हों। आज से पैंसठ बरस पहले ख्‍वाजा अहमद अब्‍बास ने एक किरदार गढ़ा था गंगा माई का। गंगामाई का ये केले बेचने वाला दृश्‍य फिल्‍म-इतिहास में अमर हो चुका है।
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2 years
डॉक्टर राही मासूम रज़ा को ज्यादातर एक उपन्यासकार माना जाता है। या फिर फिल्म लेखक। पर उन्होंने गजलें भी लिखीं और कमाल की लिखीं। उनकी ग़ज़ल है "अजनबी शहर के अजनबी रास्ते", इसे कई गायकों ने गाया है। यहां मैंने यात्रा के दौरान रिकॉर्ड किए वीडियो फुटेज पर इसे पढ़ा है। सुनिएगा।
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2 years
चांद ईद का।।
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3 years
दिलीप कुमार ऐसे इकलौते अदाकार रहे हैं, जिन्‍हें कई ज़बानों में महारत हासिल थी। उर्दू बोलते तो ऐसी शाइस्‍ता की दिल अश-अश कर उठे। हिंदी, अंग्रेज़ी, पंजाबी या पश्‍तो बोलते तो लगता कि कोई झरना बह रहा है। पढ़ने का ऐसा शौक़ के क्‍लासि��� साहित्‍य पर घंटों बोल सकते थे। .#urdu.#DilipKumar
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2 years
पंचम के दीवाने सारी दुनिया में फैले हैं।.जबलपुर का श्याम बैंड खासा मशहूर है। .जरा देखिए सुनिए, ऐसा बैंड और ऐसी बारात होगी तो भला कोई क्यों ना थिरकेगा। .@p1j @irfaniyat @Raaggiri .#pancham.#RDBurman.#DuniyaMein
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2 years
गीतकार शैलेंद्र को केवल फिल्मी गीतों के लिए नहीं जाना जाये। उन्हें उनकी कविताओं के लिए भी याद किया जाना चाहिए। इप्टा मुम्बई ने कभी उनका यह जनगीत रिकॉर्ड किया था। संगीत सलिल चौधरी का था। पूरे देश में इप्टा की टोलियां इसे गाती रही हैं। .#IPTA.#शैलेन्द्र.#shailendra.#TuZindaHai
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2 years
दो दिसंबर की रात जब सोए, तो अंदाजा नहीं था कि अचानक आधी रात को दुनिया बदल जाएगी। तकरीबन किशोर वय. वो वक्त था साइकिल, क्रिकेट, गिल्ली डंडा, कॉमिक्स और सपनों की दुनिया का। तब जल्दी यानी रात नौ बजे सुला दिया जाता था, सुबह स्कूल जाना होता था। #BhopalGasTragedy . /2
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2 years
खुमार बाराबंकवी बेमिसाल शायर थे। उनका तरन्नुम में पढ़ने का वो अंदाज़। मुझे याद है दूरदर्शन पर जब मुशायरे आते थे, उन्हें खूब सुना। . दुश्मनों से प्यार होता जाएगा.दोस्तों को आजमाते जाइए।. वही फिर मुझे याद आने लगे हैं.जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं।.#khumar #खुमार
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Yunus Khan
2 years
1988 का ज़माना था शायद। तब टीवी ब्लैक एंड व्हाइट था हमारे घर। चेतन आनंद का एक धारावाहिक जोश पैदा कर देता था। इसका टाइटल सॉन्ग जेहन में बस गया था। आज खोजा, इत्तेफाक से मिल गया। कितनी कितनी यादें ताजा हो गईं। . खोजने पर ये भी पता चला कि इसे अमिंद्र पाल ने गाया था.
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3 years
समय की धार पर धड़कता हुआ एक पल।.#LataMangeshkar
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Yunus Khan
1 year
देव आनंद के सौ बरस का मौक़ा है। कल हमने मुंबई के एक थियेटर में सीआईडी और गाइड देखी। वो भी बैक टू बैक। जैसे ही फिल्में शुरू हुईं, तालियां सीटियां गूंज उठीं। अद्भुत अनुभव था ये।. आज दैनिक हिंदुस्तान में देव जन्मशती पर मेरा लेख प्रकाशित हुआ है "देव आनंद होने का मतलब". पढ़िएगा।
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2 years
दिल बैठा जा रहा है, लोग बिछड़ते जा रहे हैं। लोकेंद्र जी और शरद दत्त के बाद अब ये दिल चीरने वाली ख़बर आई है। आवाज़ की दुनिया में हमारे लिए रोशनी, हमारे आदर्श ज़िया मोहिउद्दीन नहीं रहे। . उनकी आवाज़ में फ़ैज़ को सुनिए "अब यहां कोई नहीं आएगा".#ZiyaMohiuddin
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Yunus Khan
2 years
मुंशी रजीउद्दीन के बेटे फरीद अयाज़ को लेकर दीवानगी रही है। फरीद अयाज़ और अबू मोहम्मद की आवाज़ में सुनिए "बाजूबंद". बस महफिल की रवानी देखिए। शिद्दत देखिए। ये रचना दूर तक और देर तक आपके जेहन पर छाई रहेगी। . वीडियो साभार: द ड्रीम जर्नी
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2 years
एक आवाज़. एक ताज़गी।।.
@Badka_Bokrait
Ketan | کیتن
2 years
तभी कहता हूं कि उदित नारायण ने "Test of time' 100 में 100 नंबर से पास किया हुआ है.
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2 years
एक युग का अंत:.विविध भारती में आया तो लोकेंद्र जी से परिचय हुआ। ये वो दौर था जब पिटारा की परिकल्पना की जा रही थी। इसमें लोकेंद्र जी का बड़ा योगदान था। तभी "बाइस्कोप की बातें" शुरू हुआ। लोकेंद्र जी के साथ लंबा नाता रहा। बहुत कुछ सीखा। देखकर सीखा, बातें करके, साथ काम करके।
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2 years
एक पूरा दौर रहा है, जब हमारे आसपास की लगने वाली इन अभिनेत्रियों के दीवाने थे लोग। इनके जैसी साड़ियां खोजी जातीं। लोग इ��की तारीफ करते नहीं थकते थे।. आपकी क्या यादें हैं उस दौर की?
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2 years
ज़ोहरा सहगल एक रोशनी हैं।.एक बिंदास रचनात्मक जीवन। सोने पर सुहागा तब हुआ जब उन्होंने फ़ैज़ को पढ़ा। "मुझसे पहली सी मोहब्बत" ज़ोहरा से सुनने का मतलब है जज़्बात की बौछार। ख़ास तौर पर तब जब आप फ़ैज़ और ज़ोहरा दोनों के शैदाई हों। तो सुनिएगा:. #faiz .#zohrasehgal
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2 years
बशीर बद्र बहुत ही अज़ीज़ शायर हैं। उन्हें मुशायरों में पढ़ते देखा सुना है। मुंबई के कुछ random videos शूट किए थे। उन्हें इस्तेमाल करके बशीर साहब के अशआर जोड़ दिए हैं, अपनी आवाज़ में। . #bashirbadr
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2 years
बरसों पहले जब विवेक नहीं रहा, चित्रा जी ने कहा कि "someone somewhere" उनका आखिरी अलबम होगा, वो अब नहीं गाएंगी। तब बतौर फैन एक चिट्ठी लिखी थी चित्रा को। तलत महमूद का पता एक पत्रिका में मिला तो उन्हें भी चिट्ठी लिखकर बताया था कि हम उन्हें कितना पसंद करते हैं। .
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Yunus Khan
1 month
*सौ बरस नीरज के*.नीरज के लिए हमारी दीवानगी इतनी ज्यादा थी कि किशोरावस्था के दिनों में आशीष Ashish Deolia से उनकी किताब मिली, वह जेरॉक्स का जमाना नहीं था इसलिए अपने हाथों से उस किताब की कॉपी हमने कर ली थी। हम उन दिनों से नीरज के पढ़ने की शैली की नकल करते रहे।
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Yunus Khan
3 years
कुछ तस्वीरों के बारे में कहा जा सकता है कि ये दुनिया की सबसे खूबसूरत तस्वीरें हैं। ऐसी तस्वीरों को बचाकर रखा जाना चाहिए। अगर ऐसी तस्वीरों की फेहरिस्त मैं बनाऊं तो उसमें यह तस्वीर ज़रूर आएगी। मुझे इस तस्वीर पर बड़ा प्यार आता है। इस आवाज़ को सलाम। इस तस्वीर के सदक़े। #JagjitSingh
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Yunus Khan
1 year
भोपाल की बात है।.बचपन की बात। पापा ट्रांसिस्टर पर बुधवार की शाम बिनाका गीतमाला लगाते थे। हर बार। बिना नागा। और एक सुनहरी आवाज़ गूंजती, "बहनो और भाईयो, नमस्कार। मैं हूं आपका दोस्त अमीन सायानी". और फिर दुनिया उस आवाज़ की उंगली पकड़कर पायदान दर पायदान चढ़ती।
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1 year
ये हैं मास्टर कमलेश जाधम। लौह तरंग वादक हैं। कल रात एक विवाह समारोह में इन्हें मधुर गीतों की धुनें बजाते हुए देखा और बातें भी की। जाधम सनावद खरगोन में रहते हैं और देश भर में लौह अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। लौह तरंग का स्वर भले जल तरंग की तरह हो पर इसे बजाने वाले बहुत कम हैं।
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2 years
दस बरस हुए मन्ना डे को इस दुनिया से गए। वे 1919 में जन्में और 2013 में संसार से गए। कल एक मई को मन्ना दा का जन्मदिन है। और मुझे उनकी रिकॉर्ड की मधुशाला की रुबाइयां याद आ रही हैं, जो उन्होंने 1973 में जयदेव के संगीत निर्देशन में रिकॉर्ड की थीं। मन्ना दा की याद में एक अंश:
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3 years
गीतांजलि श्री का संक्षिप्त भाषण, कल रात बुकर जीतने के बाद।
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2 years
आज विश्व पुस्तक दिवस है। किताबों से मुहब्बत के नाम गुलज़ार साहब की ये नज़्म:. #gulzar.#WorldBookDay .#WorldBookDay2023
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2 years
और एक ये मुलाक़ात. रवीश कुमार के साथ।।
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2 years
अस्‍सी का दशक बड़ा प्‍यारा था। भोपाल शहर था और टीन-एज। 1984 का वो दौर रहा होगा। 1983 में क्रिकेट विश्‍व विजेता बनी थी भारतीय टीम। उसके बाद एक बदहवासी थी। दीवानगी थी क्रिकेट को लेकर। . @sachin_rt @rohangava9 .@cricketwallah .@imVkohli
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5 years
हमारा बचपन मध्यप्रदेश का है।.वहां हिंदी की पुस्तक बालभारती कहलाती थी .और ये संभवतः जीवन की पहली कविता थी जो याद की थी।
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2 years
चाचा की चक्की पे एक लड़का अपना गेहूं का डब्बा धर आया था। बोला, चच्चा जल्दी पीस देना। हम अब्बइं आए। . कछु तीसेक साल बीत गए। चाचा के बाल पहले आटे से सफेद होते थे, अब सच्ची मुच्ची सफेद हो गए।. चच्चा को साइकल वाले उस लड़के की तलाश है अब तक।
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2 years
तुम अपनी आवाज़ का तावीज़ बना के दे दो, मैं पहन लूं.--------------------------------------------------.आज गायक भूपिंदर सिंह की याद का दिन है। बीते बरस आज ही की तारीख़ थी जब हमने उन्‍हें खो दिया था। गुलज़ार साहब के पास भूपी जी के अनगिनत किस्‍से हैं। उनमें से एक 'जिया जले' से
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2 years
दुष्यंत कुमार, डॉक्टर राही मासूम राजा, हबीब तनवीर और विजयदान देथा की याद का दिन।
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2 years
कुछ तस्वीरों के बारे में कहा जा सकता है कि ये दुनिया की सबसे खूबसूरत तस्वीरें हैं। ऐसी तस्वीरों को बचाकर रखा जाना चाहिए। मुझे इस तस्वीर पर बड़ा प्यार आता है। . Rinnkie K Gill जी की इस तस्वीर में हमारे जगजीत साइकिल चला रहे हैं। .इस आवाज़ को सलाम। इस तस्वीर के सदक़े।. #JagjitSingh
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2 years
बशीर बद्र से बेइंतिहा मुहब्बत रही है। उनके बहुत सारे शेर ज़बान पर रहते हैं। .एक मिनट के इस वीडियो में उनके कुछ बेमिसाल चुनिंदा अशआर हैं। . #bashirbadr @kavitaseth
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2 years
कबीर—1.कबीर गायकों पर मैं आज से एक श्रृंखला लिख रहा हूं। आज युवा गायक नीरज आर्या का जिक्र। नई पीढ़ी तक अपने "कबीर कैफे" के जरिए कबीर गायकी का विस्तार करने वाले नीरज की ऊर्जा और उनका संयम कमाल है। ये रचना सुनिए. मत कर माया को अहंकार,.मत कर काया को अभिमान .काया गार से कांची.#kabir
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2 years
जानेमाने सैक्सोफोन वादक मनोहारी सिंह मेटल फ्लूट भी बजाते थे और कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में उन्होंने whistling भी की है। उनकी बजाई सीटी से कई गीत सज गए हैं। ये वीडियो @p1j के यूट्यूब चैनल से। .#ManohariSingh
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2 years
विविध भारती में आने के बाद पहला इंटरव्यू करने का मौक़ा आया-- तो सामने योगेश जी थे। सच बताऊं रात भर नींद नहीं आई कि कल योगेश जी आएंगे-- वो गीतकार जिसके गानों की एक-एक पंक्ति को हमने टूटकर चाहा है। योगेश जी से वो पहली मुलाक़ात अद्भुत रही।
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2 years
बेमिसाल गायिका वाणी जयराम का निधन हो गया है। वसंत देसाई ने उनसे 1971 में गुड्डी में "बोले रे पपीहरा" गवाया था। 1978 में पंडित रविशंकर के संगीत निर्देशन में उन्होंने गुलज़ार की फिल्म मीरा के सारे गाने गाए थे। ये मेरा पसंदीदा भजन। विनम्र नमन.#VaniJayaram
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4 years
शैलेन्द्र का लिखा यह जनगीत कालजयी है। .नमन।.#Shailendra #TuZindaHai
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2 years
राहुल देव बर्मन लाइव कंसर्ट। .शोले का टाइटल म्यूजिक। सारे लीजेंड्स एक फ्रेम में। और अनाउंसमेंट दिलीप साहब की जुबानी। ऐतिहासिक पल। .#RDBurman
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2 years
बेटे जादू की रचनात्मकता और प्रकाशन की यात्रा आज से शुरू हुई है। दैनिक भास्कर मुंबई में इसका कॉलम शुरू हुआ है "जादू की चिट्ठी". किशोरों की दुनिया पर केन्द्रित इस कॉलम का ये पहला अंक पढ़िएगा। . शुक्रिया भुवेंद्र त्यागी जी.शुक्रिया दैनिक भास्कर. आप सबका आशीष मिले जादू को।
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2 years
नजीर अकबराबादी की रचना.पीनाज मसानी की आवाज़. यारो सुनो ! यह दधि के लुटैया का बालपन.और मधुपुरी नगर के बसैया का बालपन॥.मोहन सरूप निरत करैया का बालपन.बन-बन के ग्वाल गाय चरैया का बालपन॥
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2 years
आज प्राण का जन्मदिन है। उन पर @Archana__AIR ने फेसबुक पर एक दिलचस्प लेख लिखा है। उसका अनुवाद: . लता मंगेशकर ने एक बार अपने इंटरव्यू में कहा था कि कभी कभी किशोर कुमार के साथ गाना रिकॉर्ड क��वाना बड़ा मुश्किल हो जाता था। उन्होंने फिल्म "हाफ टिकट" की बात कर रही थीं। #Pran #HalfTicket
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2 years
वे हिंदी सिनेमा में सौम्यता, शराफत, बौद्धिकता और असीम प्रतिभा की नज़ीर हैं। एक खानदान जो प्रतिभाओं की उर्वर जमीन बना। जहां से बलराज, भीष्म और फिर अजय यानी परीक्षित जैसे नगीने निकले।. #balrajsahni
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2 years
बुंदेली लोकगीतों की अपनी मिठास होती है। जबलपुर के ज़माने के मित्र और अब मुंबई में सक्रिय अभिनेता नरोत्तम बेन ने "चिलम तंबाकू को डब्बा" अपनी मौज में गाया है। ये बड़ा ही लोकप्रिय लोकगीत है, जिसके बहुत संस्करण मिलते हैं। इसे सुनिए। मौज आ जाएगी आपको।
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2 years
दादा मुनि से एक अकेली मुलाकात हुई थी। शायद सन 1999 या 2000 की बात होगी। हम यूनियन पार्क गए थे। उनका बंगला कायम था। आज वहां ऊंची इमारतों वाला कॉम्प्लेक्स है। पहली मंजिल पर वो बैठे थे अपनी व्हील चेयर पर। खिड़की के पार गोल्फ कोर्स का मैदान। . 2
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Yunus Khan
2 years
दूरदर्शन का वो दौर तिलस्मी था। और तब एक मासूम सा धारावाहिक आता था, (आज के संदर्भों में बेहद मासूम) "फिर वही तलाश"। .सबको मुहब्बत वाली इस कहानी से मुहब्बत थी। जाहिर है इसके जरिए भी मुहब्बत परवान चढ़ी होंगी। इसका टाइटल गीत चंदन दास ने गाया था। #phirwohitalash
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2 years
विजय आनंद की गाने फिल्माने की कुशलता कमाल की थी। एक शख्स से जो कुतुबमीनार की सीढ़ियों पर बेहतरीन तरीके से गाना फिल्मा लेता है। या जिसकी नायिका खिड़कियों पर खिड़कियां बंद किए चली जाती है और नायक प्यार के इज़हार का गाना गाते चला जाता है। गाइड विजय आनंद की कला की ऊंचाई है.
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2 years
निदा फ़ाज़ली ने जब ये कहा, "दुनिया जिसे कहते हैं मिट्टी का खिलौना है" तो वो ज़िंदगी का निचोड़ लिख रहे थे। इसे जगजीत ने क्या ख़ूब गाया है। पर यहां किसी शाम शूट किए एक वीडियो पर हमने इस ग़ज़ल के कुछ शेर पढ़ दिए हैं और इस तरह एक शाम की याद को संजो लिया है। . #nidafazli.#निदाफ़ाज़ली
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3 years
आज फणीश्वर नाथ रेणु का जन्मदिन है।."मैला आंचल" के रचनाकर को हमारा नमन।.1954 में आया था यह उपन्यास। .और ये है पहले संस्करण की भूमिका. #renu.#phanishwarnathrenu .#फणीश्वरनाथरेणु
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2 years
आज मन्नू भंडारी की याद का दिन है। बासु दा ने "यही सच है" पर फिल्म बनाई थी "रजनीगंधा"। और फिल्म की कितनी कितनी बातें हैं जो बहुत प्रिय रही हैं। . ये फिल्म एक मिसाल है साहित्यिक कृतियों पर किस तरह सटीक फिल्में बनाई जा सकती हैं। नमन.#MannuBhandari #rajanigandha
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2 years
वो आवाज़ की दुनिया की रोशनी हैं।.उनसे मुलाकात भर हो जाना एक सौभाग्य है।.उनके स्टूडियो में बिखरी हैं यादें सुनहरे अतीत की। इतिहास की। अमीन सयानी साहब को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
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2 years
स्‍वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं। .आज एक ऐसा गीत, जो कम लोगों ने सुना है। 1949 में किशोर कुमार ने ये गीत रिकॉर्ड किया था। यह एक ग़ैर फिल्‍मी गीत है, इसे लिखा है केशव त्रिवेदी ने जिन्‍होंने उस दौर में कई फिल्‍मों के गाने रचे थे। और संगीतकार हैं, बाला सिंह। .#IndependenceDay2022
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विविध भारती की सालगिरह सबको मुबारक। सन 1957 से आज तक गूंज रही है "विविध भारती". #vividhbharati #विविधभारती
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2 years
मजरूह ने कहा था "रक्स करना है तो फिर पांव की जंजीरें ना देख"। यहां ज़ंजीरों का रूपक कितना गहरा है। पर सचमुच की जेल में थे फ़ैज़। और वहां से छनकर आता था उनके अशआर का उजाला। . आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो .दस्त-अफ़्शाँ चलो मस्त ओ रक़्साँ चलो।।
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2 years
निर्मल वर्मा के जन्मदिन पर "लाल टीन की छत" के एक अंश का पाठ। मेरे पास इस उपन्यास का पहला संस्करण है, 1974 में प्रकाशित। निर्मल जी की लेखनी से बहुत लगाव सदा से रहा है। एक नशे के तहत एक के बाद एक उनकी रचनाएं पढ़ी थीं। आज ये अंश उन्हें नमन करते हुए।.#nirmalverma
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2 years
निज़ामुद्दीन दरग़ाह पर जाएं तो मिर्ज़ा ग़ालिब की मज़ार से होकर जाना पड़ता है।.चारों तरफ़ अहाता तना है, ताला लगा है। दूर से देखिए—यहां ग़ालिब आराम फ़रमा रहे हैं।अहाते के पार देखें—सूनापन पसरा है। हवा के झोंके में पेड़ों के पत्‍ते सरग़ोशी कर रहे हैं।
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3 years
सोशल मीडिया पर कहीं से निदा फ़ाज़ली की राइटिंग में उनकी ये कविता मिली है। कमाल है।
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2 years
वसीम बरेलवी को दूरदर्शन के ज़माने में मुशायरों में सुनते तो उनके अशआर डायरी में उतार लेते थे। ऑडियो रिकॉर्ड भी कर लेते थे। आज ये ग़ज़ब के शेर सुने तो क्या क्या याद आ गया। #waseemBarelvi.#वसीमबरेलवी
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2 years
‘मेरी समझ में नहीं आया, कल तक आप लगती थीं चालीस साल की एक औरत, जो ज़िंदगी की हर ख़ुशी, हर उमंग, हर उम्मीद पीछे कहीं रास्‍ते में खो आयी है और आज लगती हैं सोलह साल की बच्‍ची. भोली, नादान, बचपन की शरारत से भरपूर. ’ .रोज़ी एक रिबेल है। #waheedarehman
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2 years
हिंदी सिनेमा में टेलीफोन पर बहुत सारे गाने फिल्माए गए हैं और सबसे पहले जो गाना याद आता है वो है "मेरे पिया गए रंगून", जो 1949 में आई फिल्म "पतंगा" का है। एक बड़ी लंबी फेहरिस्त है टेलीफोन गीतों की। ये गाना 1961 में आई फिल्म "बॉम्बे का चोर" का है। किशोर कुमार और माला सिन्हा पर.
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3 years
मनोहारी सिंह फ़िल्‍म संगीत के महान सेक्‍सोफ़ोन वादक और म्‍यूजिक अरेन्‍जर रहे हैं। पंचम यानी आर डी बर्मन के संगीत-सहायकों बासु-मनोहारी की जोड़ी का हिस्‍सा। ये उन दिनों की बात है जब यू्ट्यूब ने अपनी दुनिया नहीं रची थी। वो कैसेट्स वाली दुनिया थी और जैसे कैसेट्स हमें सुनने होते थे,
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2 years
आज मोहम्मद रफ़ी का जन्मदिन है। .दो दिन बाद नौशाद का जन्मदिन आता है। .जाता हुआ दिसंबर इन कलाकारों की के सुरों और इनकी याद से सजा है. #rafi #naushad
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3 years
आज बाल दिवस है।.हिंदी के कुछ प्रसिद्ध कवियों ने बाल कविताएं रची हैं। ये है सुमित्रानंदन पंत की कविता "चांद का कुर्ता". @SrBachchan @satya_nirupam @Hindi_Kavitaa
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इस तस्वीर में मजरूह और देव को देखना मज़ेदार है।
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कुंदनलाल सहगल हिंदी फिल्म संगीत के अनमोल रत्न हैं। दिल दुखता है जब आम जिंदगी या सिनेमा या विज्ञापनों में कोई उन्हें कैरीकेचर करता है। मज़ाक वाले मिज़ाज में उनकी बात करता है।. सहगल महान थे। रफी, किशोर, मुकेश, लता सब पर सहगल का गहरा असर रहा है। #KLSehgal
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कुछ छबियाँ अनमोल होती हैं।.ऐसी सी एक छबि
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कबीर 2. कबीर गायकी की श्रृंखला में आज हमारे मध्यप्रदेश का वो स्वर, जिसे बचपन से सुना है, प्रहलाद सिंह टिपानिया। उनके स्वर की गूंज सात समंदर पार तक गई है। जब वो कबीर को गाते हैं तो अलग ही कैफियत हो जाती है। .#Kabir.#PrahladSinghTipania
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राजकमल किताब उत्सव 2023.आज की खरीदी। .@RajkamalBooks
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2 years
सतीश कौशिक मुंबई में फिरोज़ अब्बास खान के निर्देशन में आर्थर मिलर का प्ले "death of a salesman" करते थे। हिंदी में इसे "सेल्समैन रामलाल" के नाम से किया जाता था। .मुझसे इस नाटक का एक प्रोमो मिला है।.पृथ्वी थियेटर के यूट्यूब चैनल से साभार।
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शहंशाह की इन बेहिसाब बख्शिशों के बदले ये कनीज़ ज़िल्ले इलाही जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर को अपना खून माफ करती है. दुनिया की तमाम खूबसूरत नायिकाओं की जिंदगी पर किसी अभिशाप का साया रहा है। . Remembering #Madhubala
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1 year
धर्मेंद्र इस मामले में ख़ास हैं कि उन्‍होंने एक तरफ़ ठेठ कमर्शियल फ़िल्‍में कीं दूसरी तरफ़ वो फ़िल्‍में जिन्‍होंने धर्मेंद्र को मायने दिए। हमारे लिए धर्मेंद्र जहां टंकी पर चढ़कर ड्रामा करते ‘वीरू’ हैं वहीं वो भ्रष्‍टाचार से लड़ते ‘सत्‍यकाम’ भी हैं।
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