अक्टूबर अंक में:अमृतानंदमयी का तिलस्मी साम्राज्य; मज़दूरों का दम घोंटती सिलिका की धूल; मणिपुर में राज्य प्रायोजित हिंसा का अंतहीन सिलसिला. साथ में, राहुल गांधी की गुमराह करने वाली राजनीति पर नज़रिया; छायावीदी काव्य में अतीत की तलाश और अन्य रिपोर्ट और आलेख.
पीएम केयर्स फंड को आरटीआई के दायरे से बाहर रख और इसके इस्तेमाल में पारदर्शिता के अभाव से सरकार ने जो विश्वास का संकट पैदा किया है उसे अब एक स्वतंत्र जांच करा कर ही बहाल किया जा सकता है.
@vinay_sultan
छात्रों ने बताया कि हिंसक भीड़ ने “घायल छात्र-छात्राओं को अस्पताल ले जाने के लिए आई एम्बुलेंस को भी रोक लिया और उसमें तोड़-फोड़ की और पंचर कर दिया. वहां मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी तमाशा देखती रही.”
#JNUattack
#JNUViolence
#JNU
19-8-19 | किताब में सावरकर की क्षमा याचनाओं को उसकी रणनीति बताया गया है लेकिन इतिहास गवाह है कि जेल से बाहर आने के बाद सावरकर ब्रिटिश साम्राज्य को दिए अपने वचन पर कायम रहा.
30-1-19 | कोबरापोस्ट की रिपोर्ट का दावा है कि डीएचएफसीएल ने शेल कंपनियों को गुजरात और कर्नाटक के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले 1,160 करोड़ रुपए की ये रकम दी है.
1-11-19 | पिछले कुछ सालों तक एकदम कम लाभ या घाटा दिखाने के बाद वित्त वर्ष 2015 में टेंपल एंटरप्राइज ने 50000 रुपए का राजस्व दिखाया था. उसके अगले साल इस कंपनी का कारोबार 80.5 करोड़ रुपए हो गया था.
23-12-19 | "पुलिस ने कहा तुझे उल्टा लटका देंगे अगर तू मुसलमानों की बात करेगा. मैने उनसे कहा कि देखो मुझे उल्टा लटका दो या कत्ल कर दो लेकिन मैं ईमान की बात जरूर करूंगा और मेरा ईमान गवाही देता है कि देश को तोड़ा जा रहा है."
- चंद्रशेखर आजाद
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से दिल्ली पुलिस ने फरवरी में हुई हिंसा के संबंध में पूछताछ की है. अपूर्वानंद देश के उन बुद्धिजीवियों, लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक हैं जो मुस्लिम विरोधी हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.
15-3-21 | 1991 में बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म के बाद से ही अक्षय कुमार को 120 से भी अधिक फिल्मों में देखा गया जिसमें वह अपने कैरियर के एक दौर से दूसरे दौर में प्रवेश करते चले गए. उनकी शुरुआत मारधाड़ करने वाले ऐक्शन हीरो के रूप में हुई.
#AkshayKumar
#Archive
| मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान गोगोई के पास ऐसे अनेक मामले आए जिन पर उनके रुख को देख कर लोग हैरान होते थे कि क्या यह वही जज है जो दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने वालों में से एक था.
14-10-20 | गीता बताती हैं, "अम्मी मानती हैं कि उनके बेटे को किसी ने कहीं जबरदस्ती छुपा कर रखा है और एक दिन वह वापिस जरूर आएगा. उनका संघर्ष और विश्वास है जो हम सभी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है.”
10-9-20 | "आरएसएस में अधिकांश दलित वे हैं जो मध्यम वर्ग के हैं, अमीर हैं, नौकरियों वाले, शहरी, शिक्षित, दलितों के बीच का कुलीन वर्ग- वे पूरी तरह से आरएसएस के साथ हैं. वे विरोध नहीं करते. ऐसा संस्कृतिकरण के चलते है." - भंवर मेघवंशी
अरावली में बगावत : इस इलाके में भीलों की पहचान से जुड़ा यह राजनीतिक आंदोलन तेजी से पकड़ कायम कर रहा है जिससे बीजेपी-कांग्रेस दोनों पार्टियां असज हो रही हैं.
@vinay_sultan
और माधव शर्मा
"इन दो सालों में हमें लगातार धमकियां मिली हैं. हम यह जानते थे कि अर्नब के खिलाफ हमारे मामले के चलते हमें धमकियां मिल रही थी, लेकिन जो लोग हमें धमकियां देते थे हम उन्हें नहीं पहचानते थे."
- अदन्या नाइक.
राजस्थान में मीणा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है और इस सभा ने यह संकेत दिया कि कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन में राज्य की सभी जातियों के लोग समान रूप से भाग ले रहे हैं.
30-11-19 |दिल्ली आने के बाद भी मोदी बहुत नहीं बदले. गुजरात की तरह यहां भी, वह अपने अलावा कहीं गौर नहीं कर पाते. उनकी यह मानसिकता उनकी घोषित योजनाओं में भी प्रकट होती है. किसी योजना का प्रचार पूरा हो जाने के बाद, वह प्रचार का दूसरा जुगाड़ भिड़ाने लगते हैं.
दलितों पर जब भी हिंसा होती है उसे हम कई अलग-अलग रूप में देखते हैं. एक हिंसा परंपरागत होती है. जैसे, ‘तुम मेरे सामने बैठे कैसे? खड़े कैसे हो गए?’ छुआछूत की बात हो गई. ये हिंसा के परंपरागत रूप हैं. यह इन जातियों की मनोस्थिति है, जो परिवर्तित नहीं हुई है.
1-11-19 | वित्त वर्ष 2017 में कुसुम फिनसर्व ने सबसे अधिक 15.68 करोड रुपए का अनसेक्योर्ड लोन हासिल किया. इस वित्त वर्ष के विवरण में कोई नोट संलग्न नहीं है. अगले दो सालों के लिए कंपनी ने कोई अनसेक्योर्ड लोन नहीं दिखाया है.
शुक्ल पर थीसिस चोरी के आरोप की जड़ें बड़ी दूर तक जाती हैं. इस मामले में शुरू से अंत तक आरोप को निराधार साबित करने में प्रमुख पदों पर आसीन कई लोगों की संलिप्तता नजर आती है.
30-1-19 | पटेल ने आरएसएस की गतिविधियों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए गोलवलकर को पत्र में लिखा, “हिंदुओं को एक करना और उनकी मदद करना एक बात है और उनकी तकलीफों के लिए निर्दोष और बेबस आदमियों, औरतों और बच्चों से बदला लेना दूसरी बात है.”
13-10-20 | फरवरी में, दिल्ली में हुई हिंसा भारतीय मुसलमानों के खिलाफ सालों से चले आ रहे दोषारोपण का हिस्सा थी, जिसे भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक पैतृक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदुत्व ताकतों को उकसा कर मुमकिन किया था.
एक फोरेंसिक विशेषज्ञ के अनुसार, डॉक्टरों द्वारा दर्ज की गई चोटों का एकमात्र संभावित स्पष्टीकरण यह है कि नवरीत को दो गोलियां लगीं.
अतुल देव और अर्शु जॉन की रिपोर्ट.
सरकार को खाद्यान्न के भंडार को तुरंत खोल देना चाहिए. उसके पास खाद्यान्न का बहुत बड़ा स्टॉक मौजूद है. उसे इसे खोलने से कौन रोक रहा है. भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में 6 करोड़ टन गेहूं और चावल है.
भारत के लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानियों में से लगभग 70 फिसदी पत्रकार थे. आजादी के लिए उनकी आकांक्षा ने उन्हें लिखने और प्रकाशन की ओर मोड़ा. लेकिन जो समाचार पत्र उन्होंने शुरू किए थे, आजादी के बाद वे बड़े कारोबारियों के कब्जे में आ गए.
अमेरिका में न्यूज चैनलों के रसूख के बावजूद, न्यूयॉर्क टाइम्स या वॉशिंगटन पोस्ट जैसे अखबार राष्ट्रीय बहस को आकार देने में आज भी दखल रखते हैं. यही बात भारत के किसी भी अखबार के बारे में कहना संभव नहीं है.
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू होने से पहले तक किसान नेता होने की उनकी पहचान बीजेपी के साथ उनके संबंधों के पर्दे से ढक गई थी. वह और उनके भाई नरेश टिकैत, जो बीकेयू के अध्यक्ष हैं, हिंदुत्व की राजनीति और बीजेपी की नीतियों के मुखर समर्थक रहे थे.
19-8-19 | के आखिरी अध्याय में लेखक पाठकों को यह मनवाने का भरसक प्रयास करते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या में सावरकर का हाथ नहीं था बल्कि वह जवाहरलाल नेहरू के रचे षडयंत्र का शिकार बना था क्योंकि नेहरू ने सावरकर या हिंदू महासभा पर कभी विश्वास नहीं किया.
शुक्ल द्वारा नकल की गई थीसिस चोरी प्रथम दृष्टया यूजीसी के तय कानूनों के तृतीय स्तर में देखने को मिलती है. कानून के तृतीय स्तर में अकादमिक चोरी करने वालों पर कठोर दंड का प्रावधान है.
@gauravgulmohar
की पड़ताल.
जारी आंदोलन का एक महत्वपूर्ण चरित्र है कि हर आंदोलनकारी की जुबान पर एक ही संदेश है : कानूनों को वापस लो. यह इस लिहाज से भी जबर्दस्त है कि यह आंदोलन तीन भौगोलिक स्थानों पर फैला है और विस्तार कर रहा है.
6-8-20 | लड़के ने बताया कि उसने और उसके साथ��यों ने मुस्लिम संपत्ति और वाहनों को निशाना बनाया. वाहनों के शीशे तोड़े और कई दुकानों को नष्ट कर दिया. उसने कहा, "करावल नगर से कालीघाट रोड तक कितने वाहनों को जलाया गया, इसकी कोई गिनती नहीं है."
भाषणों के वीडियो ना देखने के लिए मुरलीधर ने मेहता और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अदालत में जमकर लताड़ा, "मैं दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीके को देखकर चकित हूं" पीठ ने भरी अदालत में मेहता और दिल्ली पुलिस के लिए बीजेपी के चार नेताओं के भाषण चलाए.
#अयोध्या | राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (आरजेटीके) मंदिर परिसर विस्तार के लिए 71 एकड़ ज़मीन अतिरिक्त खरीदी. सीधे मालिकों के बजाए कई बिचौलियों के माध्यम से यह काम किया. वे ज़मीन को बाज़ार के मूल्य में खरीदकर उसका दाम बढ़ाकर बेचते थे.
पढ़िए सागर की रिपोर्ट :
9-11-20 | न्यायाधीशों तक ने कहा है कि इस जांच में पूर्वाग्रह दिखता है. एक सत्र अदालत के न्यायाधीश ने यह कहा है कि यह एकतरफा है. कोई भी समझदार व्यक्ति समझ सकता है कि यह कहानी एक खास परिणाम हासिल करने के लिए बनाई जा रही है.
#अयोध्या सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को बाबरी मस्जिद की ज़मीन इसलिए सौंपी क्योंकि उसने माना की अधिकांश हिंदू उस जगह को रामजन्मभूमि मानते हैं. मतलब ज़मीन सौंपने का आधार हिंदुओं की आस्था थी, न कि पुरातात्विक सबूत.
पढ़िए सागर की रिपोर्ट :
"मीडिया के पास समाज को बांटने की बड़ी ताकत है. गलतियों के लिए मीडिया को ज्यादा कड़ी सजा दी जाने की जरूरत है. जो लोग देश को बांटना चाहते हैं, वे लोग देश के शत्रु हैं और इसीलिए टेलीविजन के नियमन की जरूरत है."
- पीबी सावंत
5-1-19 | कुसुम फिनसर्व ने सानंद औद्योगिक परिसर के 15754.83 वर्ग मीटर के प्लाट को गिरवी रख 17 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. यह प्लाट उसने गुजरात औद्योगिक विकास कारपोरेशन (जीआईडीसी) से जुलाई 2017 में लीज पर लिया था. फिलहाल इस प्लाट में एक फैक्ट्री है.
अकाल तख्त और पंजाबी एकता पार्टी के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा जैसे नेताओं की और से आई गंभीर आलोचना के बावजूद राज्य पुलिस ऐसी बयानबाजी कर रही है जो पंजाब में खालिस्तान और उसके फैलाव के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ती है.
डोकलाम में तनाव खत्म हो जाने के छह महीनों के अंदर ही जनवरी 2018 में ऐसी खबर आने लगी थीं कि डोकलाम पठार में चीन की निर्माण गतिविधियों की सेटेलाइट तस्वीरें मिल रही हैं. इसके बावजूद इस मामले में भारत सरकार खामोश रही.
दिसंबर 2019 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार उनकी जांच में लगभग साठ देशों में संचालित कम से कम 265 फर्जी समाचार वेबसाइटें शामिल थीं, जो सभी भारतीय हितों से जुड़ी थीं.
5-3-19 | मुकेश अंबानी ने एक छोटी सी गुमनाम फर्म हासिल करके दूर संचार उद्योग में अपनी जगह स्थापित की. उन्होंने इसे राष्ट्रीय वायरलेस स्पेक्ट्रम के लिए होने वाली नीलामी से एक दिन पहले प्राप्त किया था.
"हिंदुत्व की पैरोकारी करने वाले हमेशा से ही अपनी विचारधारा को बढ़ाने के लिए दूसरों पर हमले करना, धमकियां देना और हिंसा जैसी चीजों पर ही निर्भर रहे हैं."
- ऑड्रे ट्रुस्के
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिग्रहण के खिलाफ मामला दायर करने वाले वहां के निवासी अरविंद कुमार यादव के अनुसार, इस फैसले का असर एक हजार परिवारों पर पड़ेगा. उनमें से अधिकांश बेहद गरीब हैं जो पिछड़े और दलित समूहों से हैं और कृषि क्षेत्र में काम करते हैं.
मिल्खा ने बताया कि उनके गांव में एक समिति उनके दौरे का कार्यक्रम तय करती है. उन्होंने कहा, "मैं यहां चौथी बार आया हूं और मैं यहां एक महीने तक रुकूंगा. फिर दूसरा समूह आएगा.”
@Prabhtalks
की रिपोर्ट.
गुजरात के आधिकारिक आंकड़े उन संदिग्ध और संभावित मामलों को नजरअंदाज करते हैं जिनकी मृत्यु के समय परीक्षण द्वारा पुष्टि नहीं हो सकी थी.सूरत और अहमदाबाद में श्मशान घाटों पर शव सफेद प्लास्टिक बॉडी-बैग में थे और उन पर "कोविड संदिग्ध" या"कोविड पॉजिटिव"अंकित था.
30-11-19 | दिल्ली आने के बाद भी मोदी बहुत नहीं बदले. गुजरात की तरह यहां भी, वह अपने अलावा कहीं गौर नहीं कर पाते. उनकी यह मानसिकता उनकी घोषित योजनाओं में भी प्रकट होती है. किसी योजना का प्रचार पूरा हो जाने के बाद, वह प्रचार का दूसरा जुगाड़ भिड़ाने लगते हैं.
4-11-19 | मोदी को काबू में करना इतना आसान नहीं है जितना ठाकरे को था. केंद्र सरकार ने कई संस्थानों पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली है, खासकर न्यायपालिका के सदस्यों पर.
कश्मीर में जारी द्वंद्व में बच्चों की मौत आम है. 2003 और 2017 के बीच कश्मीर में कम से कम 318 बच्चों की हत्या हुई है. यह बात जम्मू-कश्मीर कोअलिशन ऑफ सिविल सोसाइटी की एक रिपोर्ट में है.
30-11-19 | राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने की दोनों की सनक, विशेषज्ञों से परामर्श न करना, लोकतांत्रिक सहमति लेने की अनिच्छा और विफलता का आंकलन न कर पाना, सरकार के कामकाज का ऐसा तरीका बन चुका है जिसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
सिख धर्म ने यह सुनिश्चित किया है कि उसके अनुयायियों का विशाल समूह, जिसमें जाट समुदाय 50 प्रतिशत से अधिक है, बौद्धिक और वित्तीय रूप से, देश की आबादी के पांच प्रतिशत से कम, ब्राह्मण या बनिया सवर्ण अल्पसंख्यक द्वारा नियंत्रित न हों.
ऑक्सफैम इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट में पाया गया कि देश के 84 प्रतिशत परिवारों ने 2021 में आय में गिरावट का अनुभव किया, जबकि मार��च 2020 और नवंबर 2021 के बीच भारत के अरबपतियों की संपत्ति दोगुनी से अधिक हो गई.
21-6-20 | भाषणों के वीडियो ना देखने के लिए मुरलीधर ने मेहता और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को अदालत में जमकर लताड़ा. मुरलीधर ने कहा, "मैं दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीके को देखकर चकित हूं."
6-11-20 | "एक झूठ को छुपाने के लिए आपको दस हजार झूठ बोलने पड़ते हैं. सिर्फ इसलिए कि आप चीख लेते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप सच कह रहे हैं. जो हमारे साथ हुआ है वह सच है. मेरे पिता ने खुद सुसाइड नोट लिखा था. इसमें कोई शक नहीं है." - अदन्या नाइक
मोदी के शासनकाल में न्यायपालिका का पूरी तरह रूपांतरण हुआ है. अपने पहले कार्यकाल में कार्यपालिका ने आहिस्ता-आहिस्ता अदालतों का घेराव किया और मोदी के दुबारा चुने जाने के बाद इस पर धावा बोल दिया गया.
9-3-19 | शूद्रों की स्थिति को समझने के लिए हम एम वेंकैया नायडू के साथ किए गए बर्ताव को देख सकते हैं जिन्हें 2017 में कई महत्वपूर्ण कैबिनेट पदों से इस्तीफा देने को मजबूर किया गया और उपाध्यक्ष के औपचारिक पद तक सीमित कर दिया.
रिपोर्ट में गुजरात राज्य सरकार को भी इंगित करते हुए कहा गया है कि "मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे तौर पर इसके जिम्मेदार हैं." वीएचपी और उसके सहयोगियों ने राज्य सरकार के समर्थन से काम किया.
अनिर्धारित उदारवादियों के समूह और यूपीए सरकार के लिए गोस्वामी अक्सर “लॉबी” शब्द इस्तेमाल करते रहे हैं. इसी तरह से रिपब्लिक टीवी का बीजेपी के प्रति झुकाव बीजेपी के समर्थन में हुई बहसों में बहुत स्पष्ट रूप से सामने आया है.
देश के बाकी लोग आंदोलन में दिखे प्रतीकों के प्रति अपनी अज्ञानता का हवाला दे सकते हैं लेकिन 1980 के दशक से पंजाब के मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जैसे राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े लोगों से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती.
कई पीएसयू ने अपने सीएसआर बजट से ज्यादा पैसा पीएम केयर्स में दान दिया. पॉवर फाइनेंस कॉरपोरेशन का 2020-21 का अनुमानित सीएसआर बजट 150 करोड़ था लेकिन इसने पीएम केयर्स में पूरे 150 करोड़ दान कर दिए.
गोधरा अग्निकांड के तुरंत बाद शवों की हैंडलिंग के संबंध में एसआईटी ने जो सबूत जुटाए, वे बताते हैं कि सभी मानदंडों के उल्लंघन में विहिप ने अनुचित हस्तक्षेप किया हैं और यहां तक कि अहमदाबाद में 12 शवों के अंतिम संस्कार का जुलूस निकाले जाने का सबूत भी देते हैं.
8-1-19 | नेशनहुड में गोलवलकर बेहिचक हिंदू संस्कृति को फैलाने के प्रोजेक्ट की तुलना जमर्नी के यहूदी विरोध के साथ करते हैं. वे लिखते हैं, “नस्ल और संस्कृति को शुद्ध बनाए रखने के लिए जमर्नी ने यहूदियों का सफाया कर दुनिया को चौंका दिया.”
सर्जरी के पूर्व प्रोफेसर और पंजाब विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान संकाय में डीन रहे डॉ. प्यारे लाल गर्ग ने कहा, ''पोस्टमार्टम में दिखाई गई चोटों और उनके स्वभाव, ���कार, मार्जिन और साइट को आकस्मिक रूप से ट्रैक्टर से गिर कर लगी चोट नहीं कहा जा सकता है.''
19-8-19 | किताब में सावरकर की क्षमा याचनाओं को उसकी रणनीति बताया गया है लेकिन इतिहास गवाह है कि जेल से बाहर आने के बाद सावरकर ब्रिटिश साम्राज्य को दिए अपने वचन पर कायम रहा.
#VeerSavarkar
#Replug
खान रिपोर्टरों के लिए एनडीटीवी के स्टूडियो की स्टार निधि कुलपति और नगमा सहर जैसे एंकरों का जवाब थे. अगर स्टार होने की परिभाषा यह है कि जो दर्शकों को खींचता है तो खान उस परिभाषा में फिट बैठते हैं.
"मीडिया को भी इस बारे में सोचना होगा. यह उनकी विश्वसनीयता का सवाल है. जब तक जनता देख रही है, आप नाच रहे हैं लेकिन जिस दिन तकनीक बदल जाएगी कोई भी आपकी तरफ नहीं देखेगा. कई मीडिया के लोग सब्सक्रिप्शन मॉडल ला रहे हैं."
- जयंत सिंह चौधरी
दिल्ली पुलिस के समक्ष कपिल मिश्रा सहित कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. फरवरी और मार्च में उत्तर पूर्व दिल्ली के लोगों ने शिकायत की थी कि वे लोग बीजेपी के नेताओं और उनके समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के गवाह है.
- प्रभजीत सिंह की रिपोर्ट
1-2-20 | गोडसे के जीवन की कहानी, संघ के साथ उसके सतत और पेचीदा संबंध को उजागर करती है. गोडसे को बचपन से ही अतिवादी बनने की दीक्षा सावरकर से मिली थी. उसका पालन-पोषण एक ऐसे माहौल में हुआ जहां उसे एक खास किस्म की राजनीति की तरफ धकेला गया.
"सरकार बेशक जिद्द पर अड़ी हुई है पर सच्चाई यह है कि जिस मुकाम पर यह किसान आंदोलन पहुंच चुका है, सरकार दबाव में है. मोदी सरकार ने जो अपनी छवि बनाई हुई थी कि एक बार जो बोल दिया वह वापिस नहीं होता, वह छवि टूटी है."
- जोगिंदर सिंह उगराहां
तमिलनाडु में बौद्ध धर्म केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं थी. भारत के आधुनिक बौद्ध पुनरुत्थान को भी राज्य में खोजा जा सकता है. उन्नीसवीं सदी के जाति-विरोधी कार्यकर्ता और समाज सुधारक योति थास ने 1898 में प्रसिद्ध रूप से बौद्ध धर्म अपना लिया था.
पटेल ने आरएसएस की गतिविधियों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए गोलवलकर को पत्र में लिखा, “हिंदुओं को एक करना और उनकी मदद करना एक बात है और उनकी तकलीफों के लिए निर्दोष और बेबस आदमियों, औरतों और बच्चों से बदला लेना दूसरी बात है."
#MahatmaGandhi
3-4-19 | देश-विदेश के चैनलों को वीडियो न्यूज प्रदान कराने वाली, भारत की यह सबसे बड़ी एजेंसी दशकों से इस स्पेस में अपना प्रभुत्व जमाए हुए है. एएनआई देश भर में 400 से ज्यादा चैनलों के जरिए, खामोशी से समाचारों के एक बड़े हिस्से को प्रभावित कर रही है.
“जौनपुर के रामघाट पर लाश जलाने की जगह कम पड़ रही है. लोग अब हर नदी- गोमती, सई, पीली- के किनारे शवदाह कर रहे हैं. जौनपुर में प्रतिदिन कम से कम 300 लोग मर रहे हैं लेकिन सरकार आंकड़े छिपा रही है.”
29वें सीजेआई ए.एस. आनंद पर भाई–भतीजावाद और रियल एस्टेट के भ्रष्ट सौदों में संलिप्त होने का आरोप लगा था. पदोन्नति के बाद आरोप पत्र सामने आया और उन्होंने महाभियोग की कार्यवाही का सामना नहीं किया.
जौला ने कहा कि राकेश उस ऊंचाई तक आंदोलनों को उठाने और नेतृत्व करने में कभी सक्षम नहीं हुए जो उनके पिता किया करते थे. “गाजीपुर आंदोलन में मोड़ आने से पहले मैंने उनसे बात की थी. उस समय वह आंदोलन के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित लग रहे थे."
सेबी ने जांच में पाया कि इन ट्रेडों से घई को 2.95 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था. अभी तक, हेमंत या एमएएस सलाहकारों के खिलाफ पुलिस ने कोई दंडात्मक कार्रवाई न��ीं की गई है. हेमंत घई को सीएनबीसी आवाज की मूल कंपनी नेटवर्क18 समूह से निकाल दिया गया है.
जर्मन कवि हेनरिक हाइन ने कहा है, “जहां वे किताबें जलाते हैं, वहीं वे लोगों को भी जलाते हैं.” त्योहारों का मौसम हो या चुनाव का मौसम, हर महीने नफरत का एक ऐसा माहौल तैयार होता है जो हमें राष्ट्र की स्थापना करने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर ले जाता है.
14-2-19 | 2014 में मोदी ने चुनावों के दौरान कोयला ब्लॉकों के गैरकानूनी आवंटन को भले ही बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन पिछले चार सालों में उनकी सरकार भी कोयला क्षेत्र में अनियमितताओं से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में विफल रही है.
1-1-19 | असल में सरकार का सोशल मीडिया भी पत्रकारों के लिए सूचना का प्राथमिक स्रोत बन गया है. ज्यादातर दिनों में मोदी या सरकार के मंत्री का ट्वीट अखबारों के लिए प्रमुख खबर होता है.
5-7-19 | मोदी ने पांड्या से वह सीट छीन ली जिसका वह 15 सालों से प्रतिनिधित्व करते आए थे. बीजेपी और आरएसएस के नेतृत्व ने मोदी से ऐसा नहीं करने को कहा. लेकिन मोदी अड़े रहे.
26 जनवरी को घटी घटनाओं ने यह दिखा दिया कि किसान नेतृत्व ने आंदोलनकारियों की भावनाओं को व्यक्त तो किया लेकिन वह उन्हें नियंत्रित नहीं रख सका. आंदोलन को करीब से देखने वाले लोगों को इसका आभास पहले से ही था.
@HartoshSinghBal
अनारा ने इस बात को जोर देकर कहा कि अपनी भूमि पर क्या हो रहा है इस पर निवासियों का कोई बस नहीं है. उन्होंने हमें बताया कि जब अधिकारी गांव की जमीन नापने के लिए यहां आए थे तब, "सैकड़ों परिवार हाथ जोड़कर कह रहे थे, 'हमारे घरों को मत नापो.'"
रजनीश कुमार शुक्ल ने सुधा पांडेय की थीसिस से हू-ब-हू कॉपी किया है. जैसे डॉक्टर सुधा पांडेय की थीसिस में जहां काण्ट को उद्धृत करते हुए लिखा मिलता कि "काण्ट कहते हैं" वहां डॉक्टर रजनीश कुमार शुक्ल की थीसिस में भी वही लिखा मिलता है.
#Archive
मुसलमानों की संपत्तियों को हुए नुकसान के अनुपात को देखते हुए पुलिस के इस दावे पर फिर से सवाल उठता है कि दंगे मुसलमानों ने भड़काये थे. इसी तरह, मरने वालों की सूची भी पुलिसिया दावे की चुगली करती है.
अपनी शुरुआत के बाद से ही आरएसएस ने अक्सर खुद को एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन के रूप में पेश किया है. 2020 में भी, वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत ने दावा किया कि संघ का राजनीति से कोई संबंध नहीं है. लेकिन यह तथ्य कि राजनीति हमेशा आरएसएस के मूल में रही है.
30-1-19 | कोबरापोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ने बीजेपी के 2014-15 में 10 करोड़ की रकम दी. ये रकम कंपनी को 2012-13 में हुए 25 लाख के घाटे के बावजूद दी गई. वहीं, कंपनी ने अगले तीन सालों में महज 18 लाख का शुद्ध मुनाफा दिखाया था.
13-10-20 | सुनवाई के दौरान मेहता और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उन्होंने सवालों के घेरे में नेताओं के भाषणों के वीडियो को अभी तक देखा नहीं है. हालांकि तब तक वह वीडियो व्यापक रूप से वायरल हो चुका था.
विफलता मीडिया के लिए प्राय: वित्तीय गिरावट ला देती है राजस्व के रूप में लंबे समय से चले आ रहे उस रुझान में गिरावट आयी है, जिसमें कई मीडिया हाउस इस उद्योग पर अपनी शक्ति के विस्तार में लगी सरकार से मिलने वाले विज्ञापन पर निर्भर रहे हैं.
मेरे पास इस जंग को जारी रखने के अलावा कोई रास्ता नहीं है. यहां एक सवाल यह भी है कि अगर अभी नहीं तो कब? अगर हम नहीं तो कौन? मैं सभी नागरिकों से सड़क पर उतर कर इसके खिलाफ खड़े होने का आग्रह करती हूं.
@sadafjafar
4-1-20 | जब तक कोई मुसलमान “गुड” साबित नहीं होता तब तक वह “बेड” है. अब सभी मुसलमानों पर यह दायित्व डाल दिया गया था कि जब तक वे अपनी प्रतिबद्धता युद्ध में शरीक होकर साबित नहीं कर लेते तब तक वे “बेड मुस्लिम” माने जाएंगे.
"जिन किसानों से मैं मिला उन्होंने मुझे अपने परिवार वालों के फोन नंबर दिए. ज्यादातर ने अपने परिवार वालों से ज्यादा कुछ नहीं कहा. वे चाहते थे कि मैं उनके घर जाकर उनके परिवार वालों को यह हौसला दूं कि वह ठीक हैं."
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@mandeeppunia1
आंबेडकर का मानना था, “पूर्व में कभी भी नायक वंदना के लिए देश के हितों का बलिदान उस तरह नहीं किया गया जैसा अब किया जाता है. इससे पहले कभी भी अंधभक्ति इतनी विकराल नहीं थी जितनी आज के भारत में है”.
#WorldPressFreedomDay
19-8-19 | अपनी अंतिम याचिकाओं में सावरकर ने ब्रिटिश शासन को आश्वासन देते हुए लिखा है कि भारत से प्रेम करने वाला हर बुद्धिमान व्यक्ति भारत के हित के लिए ब्रिटिश जनता का पूरी निष्ठा और हृदय से सहयोग करेगा.
13-6-20 | "जातिवाद और नस्लवाद का इतिहास अलग-अलग होने के बावजूद भी ये दोनों ज्यादा अलग नहीं हैं सिवाए इसके कि जातिवाद किसी दैवीय आदेश का दावा करता है." - अरुंधति रॉय