“दरिया अब तेरी खैर नहीं, बूंदों ने बगावत कर ली है,
नादान समझ बुझदिलीन को लहरों ने बगावत कर ली है।
हम परवाने है मौत समां, मरने का किसको खौफ यहाँ,
रे तलवार तुझे झुकना होगा, गर्दन ने बगावत कर ली है।”
— आशुतोष राणा ★ तर्क वाणी
“कुछ भी नहीं है
मगर है सब कुछ भी,
क्या अजब चीज है
ये कागज भी।
बारिशों में है नाव कागज की,
सर्दियों में अलाव कागज की।
आसमान में पतंग कागज की,
सारी दुनिया में जंग कागज की।”
— सतीश कौशिक जी ★ तर्क वाणी
“जो दुनिया को सुनाई दे, उसे कहते है खामोशी,
और जो आंखों को दिखाई दे, उसे तूफान कहते है।
मेरे अंदर से एक एक करके सब हो गया रुखसत मगर
एक चीज बाकी है, जिसे ईमान कहते है।”
— राहत इंदौरी ★ तर्क वाणी
“पहचान बनाने का जुनून, आगे बढ़ने का हौसला और दुनिया का सामना करने की ताकत... ये मेरे वजूद का हिस्सा है।
जब तक यह हौसला कायम है... मेरा सफर यूहीं चलता रहेगा।”
— अज्ञात ★ तर्क वाणी🌷
“जब तुझसे ना सुलझे तेरे उलझे हुए धंधे,
भगवान के इंसाफ पर सब छोड़ दे बंदे।
खुद ही तेरी मुश्किल को वो आसान करेगा,
जो तू नहीं कर पाया, वो भगवान करेगा।”
— अज्ञात ★ तर्क वाणी
#शुभदीपावली #शुभ_दीपावली 🌼
“नस्लों का करे जो बंटवारा, रहबर वो कौम का ढोंगी है,
क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है?”
— आशुतोष राणा ★ तर्क वाणी
तर्क वाणी की ओर से आदरणीय कवि एवं अभिनेता श्री आशुतोष जी राणा को अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।🌼
यह हार एक विराम है
जीवन महासंग्राम है
तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं।
वरदान माँगूँगा नहीं।
शिवमंगल सिंह सुमन अपनी एक रचना का पाठ करते हुए। अत्यंत दुर्लभ वीडियो।
वीडियो क्रेडिट :- (
@Hindinama2
)