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@sahityakaar

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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
आज के दौर में दिल की बात दिल में ही रखना चाहिए, वरना आप हंसी का पात्र बन जाएंगे।
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
दिमाग के हिसाब से चलता तो कब का नौकरी छोड़ देता, लेकिन जब दिल की बात आती है तो घर की हालात याद आती है। ~ आनंद मिलन शाक्य @Anandmilanshaky
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@sahityakaar
साहित्यकार
9 months
जब बर्दाश्त से बाहर हो जायेगी भूख, हम अपना भविष्य खा लेंगे।
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साहित्यकार
9 months
अपने घर की जर्जर हालात याद हो, तो उसे किसी मोटिवेशन की जरूरत नहीं पड़ती।
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
अगर इस देश में जाति न होती तो इस देश से भी सैंकड़ों आइंस्टीन और न्यूटन निकलते। इस देश का न जानें कितना टैलेंट यहां जाति के बोझ तले तबकर दम तोड़ गया। ~ जैकी यादव
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
कक्षा के होशियार बच्चे सरकारी नौकरी करते हैं और कक्षा के कमज़ोर बच्चे सरकार चलाते हैं।
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
पुरुषों ने अपनाईं हैं सदैव स्त्री, मगर स्त्री ने सदा अपनाये हैं क़ाबिल पुरुष। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
जिन्हें वाकई बात करना आता है, वो लोग...अक्सर खामोश रहते हैं।
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
अफ़वाहें बहुत थी मेरे बारे में समय किसको था जो सच टटोले... ~ सूर्यभान
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
खुद्दार दुश्मन के आगे नाक रगड़ देना मगर गद्दार दोस्त से फिर कभी हाथ मत मिलाना।
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साहित्यकार
8 months
खुद्दार दुश्मन के आगे नाक रगड़ देना मगर गद्दार दोस्त से फिर कभी हाथ मत मिलाना। ~ जैकी यादव
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साहित्यकार
7 months
थोड़े थोड़े शिव हम सब में बसते हैं थोड़ा थोड़ा विष सबको ही पीना है ~ अम्बष्ठ
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साहित्यकार
2 years
.. अगर आप अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो लोगों के मन की नहीं अपने मन की सुनो।
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साहित्यकार
6 months
ज़िंदगी कुछ छीनती है कुछ और देने के लिए। ~ अम्बष्ठ
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साहित्यकार
7 months
औकात देखकर बधाई देने वाले शुभचिंतक नहीं, चमचागिरी करने वाले आस्तीन के ��ाँप होते हैं। ~ अमीर चतुर्वेदी
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
बादशाह को स्मरण रहे कि पेट की आग सिंहासन जला देती है। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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साहित्यकार
2 years
दिखावे की कोशिश मत करना, जब परफेक्ट हो जाओगे तो खुद ही नजर आ जाओगे। ~ अज्ञात
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
कोई आता हुआ इंसान सदैव ख़ूबसूरत लगता है किसी जाते हुए इंसान से। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
सुंदर औरत और कमाऊ पुरुष के अलावा यहाँ जो भी है समाज उसे रद्दी समझता है। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
लड़का अगर पैसा और नाम कमाए तो उसकी मेहनत है और लड़की अगर पैसा और नाम कमाए तो उसने इज़्ज़त का सौदा किया, वाह रे समाज! ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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साहित्यकार
8 months
जिंदगी में जिसने समय को मान लिया, उसने अपने आप को जान लिया..!!
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साहित्यकार
2 years
दुनिया में लोग बुद्धि अपने पास और धन दूसरों के पास ज्यादा समझते हैं। ~ शेक्सपीयर
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साहित्यकार
8 months
जिस जंगल का राजा गधा हो वहाँ लोमड़ी की बुद्धि और शेर की ताक़त के साथ कभी न्याय नही हो सकता।
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
वह इंसान जो अकेले रहकर भी खुश है, असल में वही इंसान कहलाने योग्य है ।
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साहित्यकार
2 years
कभी कभी ज़िन्दगी इतना मज़ाक करने लगती है कि हँसते-हँसते आंखें छलक जाती हैं। ~ नेहा यादव @poetessneha22
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
दुनिया का सबसे चरित्रहीन व्यक्ति वह है जो हमेशा दूसरों के चरित्र की तलाशी लेता रहता है। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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साहित्यकार
2 years
ख़ुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। ~ स्वामी विवेकानन्द
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साहित्यकार
2 years
गाँव ने हमे पाला , शहर ने पेट भरा , दोनो का अपना-अपना महत्व है किसी को दोष नही‌ दे सकते । ~ निर देहली
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साहित्यकार
2 years
कोशिश तो कीजिए कोई तो फ़ायदा होगा, कुछ नहीं तो फिर भी शून्य से तो ज़्यादा ही होगा। ~ अज्ञात
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साहित्यकार
9 months
किसी भी क्षेत्र मे जीत उनको मिलती है, जो अपने आप को बचाने की कम से कम कोशिश करते हैँ ~ आचार्य प्रशांत
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साहित्यकार
8 months
क्या सियासत से करें उम्मीद सदियाँ हो गईं इक गली में घर था मेरा, घर में गलियाँ हो गईं ~ जैकी यादव
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
जो आया है उसको जाना रहा है किसके जीवन का ठिकाना रहा है ~ अम्बष्ठ
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साहित्यकार
2 years
शत्रु को ख़त्म करने का सबसे आसान तरीक़ा है कि उसे अपना मित्र बना लो। ~ अब्राहम लिंकन
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साहित्यकार
2 years
"कुत्ते और सियार में दोस्ती हो जाए तो वे भौंकना बंद नहीं करेंगे बल्कि और ज्यादा शोर मचाएँगे।" ~ अमीर चतुर्वेदी @CopSanuOfficial
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साहित्यकार
2 years
इस देश का युवा परात में अंगूठी ढूँढ़ने की उम्र में परीक्षा केंद्र ढूँढ़ रहा है। ~ व्यंग्य
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साहित्यकार
5 months
कभी कभी मौन से दिया गया जवाब तमाचे से भी करारा लगता है। ~ प्रह्लाद पाठक
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साहित्यकार
7 months
पुरूष का दूसरा नाम "संघर्ष" है और औरत का "आत्मसमर्पण"। ~ निधि "मानसिंह"
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
तुम्हारी निश्छल मुस्कान!! मेरे लिए किसी उत्सव से कम नहीं ~ आर्चिश
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साहित्यकार
2 years
प्रतिभा अनुवांशिक नहीं होती है, शिकार न मिलने पर शेर भी अपना मज़बूत साहस खो देता है। ~ सत्यव्रत रजक
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साहित्यकार
2 years
आदमी मरने से कम, बदनाम होने से ज़्यादा डरता है। ~ अटल बिहारी जी
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साहित्यकार
2 years
इग्नोर, कामयाबी का मूलमंत्र है और नाराजगी का जवाब। ~ अमीर चतुर्वेदी
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साहित्यकार
2 years
एक निराश व्यक्ति , बस विरोध के लायक होता है । ~ निर देहली
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साहित्यकार
2 years
कुँए में उछलता हुआ हर मेंढक क्रांतिकारी होता है। - अज्ञेय
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साहित्यकार
2 years
बेरोज़गारी का वो आलम है कि हर घर में युवा नेता और हर कॉलेज में छात्र नेता दिनों दिन बढ़ रहे हैं। ~ राजेश कुमार
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साहित्यकार
8 months
मनुष्य किसी भी दुःख को सहन कर सकता है मगर गृह क्लेश उसकी आत्मा को निचोड़ देता है। ~ जैकी यादव
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साहित्यकार
8 months
अगर वादा करने वाला हर इंसान ईमानदार हो जाए,, तो बेवफाई अनाथ हो जाएगी,, ~ कीर्ति चन्द्रा
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साहित्यकार
8 months
एकांत मूर्ख के लिए कैदखाना है, ज्ञानी के लिए स्वर्ग होता है। ~ ओशो
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2 years
एक का रोना दूसरे के हंसने का और एक का हंसना दूसरे के रोने का कारण बन रहा है। ~ अमीर चतुर्वेदी
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2 years
आज के ज़माने में शुभचिंतक ऐसे होते जा रहे हैं जो आपका शुभ होता देख चिंतित हो जाते हैं। ~ अज्ञात
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7 months
उसके होने से ही है रंगत इसमें वरना मेरी दुनिया बिल्कुल सादी है ~ अम्बष्ठ
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साहित्यकार
2 years
अगर आप जानते हैं कि आप सही हैं तो जो काम कर रहें हैं उसे करते जाइए। ~ मैरी क्यूरी
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साहित्यकार
2 years
तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते हैं जो कि आप नहीं है। ~ ओशो
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2 years
सुख में प्रेम याद आता है और दुख में माँ ॥ ~ अर्चना अनिरुद्ध @archana_anirudh
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साहित्यकार
2 years
गधे की दोस्ती में लात खाने के सिवाय कुछ और नहीं मिलता। ~ भारतीय कहावत
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साहित्यकार
2 years
इंसान को समझना है तो उसे बोलने दो क्योंकि हर इंसान अपनी ज़ुबां के पीछे छुपा है। ~ अज्ञात
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साहित्यकार
7 months
सुख  के साथी याद रहें न रहें मगर, दुख के साथी का रिवीजन करते रहो। ~ सावन
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साहित्यकार
7 months
किराये के किरदार है हम‌ जैसे लोग , परिस्थिति देखकर व्यवहार करते है । ~ निर देहली
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साहित्यकार
2 years
जिस देश में नेता का बच्चा नेता बन जाता हो, उस देश में ग़रीब का बच्चा ग़रीब बनना तय है। ~ जैकी यादव @JaikyYadav16
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साहित्यकार
2 years
जिसकी भुजाओं में बल न हो उसके मस्तिष्क में तो कुछ होना चाहिए! ~ जयशंकर प्रसाद
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साहित्यकार
8 months
जिस बंदे को दिन की पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए इज्जत और मर्यादा सब ढोंग है।
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
मन हारकर मैदान नहीं जीते जाते, न मैदान जीतने से मन जीते जाते हैं। ~ अटल बिहारी वाजपेयी
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साहित्यकार
2 years
दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त ��ुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है। ~ चाणक्य
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साहित्यकार
2 years
एक कामयाब पुरुष के पीछे किसी औरत का हाथ नहीं, पापा की बेल्ट और मम्मी की झाड़ू होती है। ~ व्यंग्य
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साहित्यकार
2 years
आपकी दौलत, आपकी ताकत, आपकी शोहरत बेमानी है, अगर ये दूसरों की मदद करने के काम नहीं आती.
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@sahityakaar
साहित���यकार
2 years
जब आपकी उपयोगिता कम हो जाए तब आपको तवज्जो भी कम मिलती है 'बुढ़ापा' इसका दर्शनीय उदाहरण है । ~ नीरज @likh_neeraj_
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
खेत बेचकर नौकरी लेना आसान है पर नौकरी करके खेत लेना ��हुत मुश्किल है। ~ भारतीय कहावत
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साहित्यकार
2 years
जो रूठ कर दुश्मन हो जाए, यकीन मानिए वो आपका नहीं अपने स्वार्थ का दोस्त था। ~ अतुल कनक
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साहित्यकार
1 year
गाड़ी पैसा आईफोन, अपने पास रखोगे तो लोग तुमसे छोड़ो तुम्हारे गुस्से से भी प्यार करेंगे। ~ हकीकत
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2 years
रिश्तों में वक़्त दीजिए बड़े बड़े तोहफ़े नहीं, ताजमहल दुनिया ने देखा है, मुमताज़ ने नहीं। ~ अज्ञात
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@sahityakaar
साहित्यकार
8 months
अहंकार का बस इतना ही सच है दिल से जुड़े रिश्ते भी खा जाता है। ~ नेहा यादव
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
तुलसी इस संसार में, भांति भांति के लोग सबसे हस मिल बोलिए, नदी नाव संजोग ~ गोस्वामी तुलसीदास
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
दुनिया की आदत है, नाकाम देखती है तो हंसती है, कामयाब देखती है तो जलती है।
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
इंतज़ार करिए अपने वक़्त का , जो सूरज गर्मी में जलाता है वही ठंड आने पर सुकून देता है ॥ ~ अर्चना अनिरुद्ध @archana_anirudh
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं है। ~ विलियम शेक्सपियर
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
बीते गुज़रे लम्हों की कुछ दर्द भरी कहानी है आज भी लब ख़ामोश हैं मगर आंखों में पानी है। ~ नेहा यादव
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
असंभव कहकर किसी काम को करने से पहले, कर्मक्षेत्र में काँपकर लड़खड़ाओ मत। ~ जयशंकर प्रसाद
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
बेटियों को तितली नहीं मधुमक्खी बनाओ, पंख दो पर डंक भी दो। ~ अशेष
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
कभी कभी हर बात से फर्क पड़ता है मुझे कभी कोई भी बात मुझ पर असर नहीं करती.. ~ गुलजार साहेब
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
इश्क़ भी बेरोज़गारी में होता है, नौकरी करने के बाद तो रिश्ते आते हैं। ~ व्यंग्य
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें लेकिन वो कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें। ~ अज्ञात
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
समाज बड़ा दोगला है, बुद्ध जंगल से लौटते हैं तो तथागत हो जाते हैं, सीता लौटती है तो कलंकित हो जाती है। ~ शिवांगी गोयल
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
स्त्री तनख़्वाह वाले पुरुष में प्रेम तलाशती रही, और प्रेमी पागलखाने में होश खोए बैठा रहा। ~ योगेश्वर
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साहित्यकार
2 years
यह विश्वास होना जरूरी है कि जब भी जरूरत होगी, मेरे दोस्त मदद के लिए आगे आएंगे। ~ एपिक्यूरस
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साहित्यकार
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सुंदर पत्नी अपने पति की और मूर्ख पुत्र अपने माता-पिता का शत्रु होता है। ~ आचार्य चाणक्य
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
ज़िन्दा कौमें सरकार बदलने के लिए पांच साल तक इंतज़ार नहीं करतीं. - डॉ. राम मनोहर लोहिया
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
पत्नी के सामने पति को पहुँचायी गयी चोट, मर्द की मर्दानगी पर नहीं औरत के हृदय पर चोट है। ~ अमीर चतुर्वेदी @CopSanuOfficial
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
जड़ जब कमजोर हो तो , समाज पुरुष को प्राथमिकता देता है । ~ निर देहली @Nirdelhi
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साहित्यकार
2 years
“राम को अहंकार का ज्ञान था, जबकि रावण को ज्ञान का अहंकार था.!” ~ कुमार विश्वास
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
आदमी को जो व्यक्ति पसंद आ जाए तो उनकी बातें जँचती हैं और जो ना आये उनकी चुभती हैं। ~ अमीर चतुर्वेदी @CopSanuOfficial
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
तुम्हारे सही होने से कहीं ज़्यादा जरूरी सही वक़्त का होना है। ~ अम्बष्ठ
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार। रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार।। ~ रहीमदास
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
जो व्यक्ति एकांत में प्रसन्न है वो या तो जंगली जानवर है या फिर भगवान। ~ अरस्तु
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साहित्यकार
2 years
माँ के रहते कहाँ कोई बड़ा हो पाता है, और पिता के रहते कहाँ कोई जिम्मेदार हो पाता है। ~ नीरज @likh_neeraj_
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@sahityakaar
साहित्यकार
7 months
रातों को जागो, दिनों को निचोड़ो सपने होंगे पूरे, देखना न छोड़ो ~ अम्बष्ठ
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@sahityakaar
साहित्यकार
6 months
जीवन में अंधकार आँखें खोलने ही आता है। ~ अम्बष्ठ
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
खेतों में काम करते हैं पिता दिन रात गर्मी सर्दी में, सर गर्व से ऊंचा हो जाता है जब बेटा पैर छूता हैं वर्दी में ।
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
“संसार में पाने से पहले और खोने के बाद हर चीज कीमती है”
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
कुत्ते के मालिक को दोस्त बना लीजिए, कुत्ता अपने आप भौंकना बंद कर देगा। ~ डायलॉग
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@sahityakaar
साहित्यकार
2 years
मन अपने भावनाओं के उधेड़बुन में इतना कुचला जाता है कि एक वक्त के बाद सुकून के लिए एकांत ढूंढता है चाहे वो भीड़ का एकांत हो या अकेलेपन का। ~ नेहा यादव
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@sahityakaar
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2 years
अगर हम में संघर्ष करने की हिम्मत नही है तो खुश रहने का भी कोई हक नही है । ~ निर देहली
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