shriram choudhary
13 days
""माटी के पुतले ही तो है हम, यह गुमान किस काम का?
जब हरकतें छोटी ही है, तो यह बड़ा नाम किस काम का?
देखो! इज्जत ,रुतबा ,रूआब ,हैसियत सब ठीक है,
पर..... जब खाली हाथ जाना है, तो यह अभियान किस काम का?""
चार दिन की जिंदगी में सबसे प्रेम व्यवहार से रहना चाहिए कभी भी अभिमान नहीं करना