Ganesh chandra
@itsmegcshastri
Followers
3K
Following
4K
Statuses
10K
Joined August 2016
@KraantiKumar थोड़ा अपना ज्ञान , सॉरी अज्ञान ही सही दुरुस्त कर के बयान दिया करो , मारने वाले दलित , मार खाने वाले दलित, वो भी चोरी और बलात्कार के जुर्म में , तो किस समाज की बात कर रहे हो जो ऐसे लोगों को सजा भी न दे वो समाज कहलाता है क्या ? लेकिन तुम्हे तो दलित का चश्मा लगा हुआ है
0
0
0
@iamAKstalin ये वो संस्कृति नहीं है जहां औरत को सिर्फ एक समान की नजर से देखा जाता है, उस मजे हब और इस सनातन जीवन में फर्क क्या है इसको समझ पाना कम से कम उनके लिए तो मुश्किल है जो इंसान को शरीर के तौर पर पहचानते हैं,
0
0
0
@LautanRamNish ऐसे बयानों पर देश द्रोह का मामला बनता है, जो भारत को परतंत्र रहने की पैरवी करता हो उसको जेल के अंदर होना चाहिए, उम्मीद है जल्दी ऐसा होगा
0
0
0
@LautanRamNish निषाद भी हिंदू ही हैं , और जो आज राजनीति के चश्मे से अंधे नहीं हैं वो जानते हैं, भगवान के प्रिय रहे हैं और समाज में सम्मान के पात्र रहे हैं,लेकिन दोगलों को कोई भी इज्जत नहीं मिलती वो चाहे कितना भी दिखावट कर लें
0
0
0
@Parthroy123 @B_L__VERMA @KraantiKumar देश में रोजगार मंदिर से नहीं उद्योगों से मिलता है, बड़े बड़े व्यापारों से मिलता है, मंदिर सिर्फ वो लोग देखते हैं जो निठल्ले हैं , योग्य व्यक्ति मैनेजमेंट, अकाउंटिंग, मार्केटिंग, काउंसलिंग की बात करते हैं और इन पोस्टों के लिए आरक्षण काम नहीं आता वहां सिर्फ काबिल बंदा ही कामयाब है
0
0
0
@NareshSingh1985 @banarasi__ajay @ocjain4 मेरे भाई ये कोई एक महीने की चांदनी नहीं है, लेकिन अपने अपने देखने का दायरा जरूर है, इसका प्रभ��व हर व्यक्ति पर उसकी सोच के हिसाब से पड़ता है जैसे कि एक फूल माला बनाने वाला सिर्फ एक महीने का काम सोच पाएगा जबकि दीपक बनाने वाला 6 महीने का बजट निकाल लेगा और तेल का व्यापारी एक साल का
1
0
0
@KraantiKumar नकल करने के लिए भी अकल चाहिए, 1181–1218+1400साल मतलब करीब सन् 2618 में अशोक पैदा हुआ , अकल के मारो ये तो सबको पता है कि माइनस के नंबर ला के भी भारत में आरक्षण की वैशाखी से और मंदबुद्धि इतिहासकारों के भरोसे ऐसे ही नमूने दिखेंगे
0
0
0
@rajbodhkaul @ScienceJourney2 तालिबान के बौद्ध स्थलों पर भेजो सो कॉल्ड, बनावटी, नकली, मौका देख के बने हुए बौद्धों को वहां बहुत जगह पड़ी है और काठ के उल्लू बौद्धों की बिरादरी बुला भी रही है वहां , पिछवाड़े में दम है तो ये करो तुम्हारी हिम्मत दिखाओ वहां तुम्हारे लिए वहां नए मौके इंतजार कर रहे हैं
0
0
0
@B_L__VERMA @KraantiKumar ये वीरता तब मानी जाएगी जब बहुजन ये कहेगा कि हमें योग्यता के आधार पर आदर दिया जाए, न कि आरक्षण के आधार पर , आरक्षण की शरण भी लो , जिस संविधान ने सदा के लिए इनको दलित बना दिया उसको मानो जो मनुस्मृति योग्यता के आधार पर वर्ण व्यवस्था दे उसको मत मानो , अजीब दोगलापन है ,
2
0
1
@KraantiKumar ये समझ नहीं आया इतने ही बहादुर थे तो आजतक भी आरक्षण के लिए क्यों खड़े हैं , ये कहो न कि हम बहादुर हैं आरक्षण जीवी नहीं हैं, फालतू बकवास चला दी 500 ने 28000 को मारा अरे सोते हुए को चाहे जितना मार लो उसको बहादुरी नहीं गद्दारी और कायरपन कहते हैं ,
0
0
0
@LautanRamNish तुम्हें किसने कहा तुम मान ही जाओ तुम्हे 75 साल से तुम्हारी तरक्की करने का संविधान दिया है इतने समय बाद भी तुम दूसरों के तर्कों पर ही जिंदा हो , तुम ये साबित करो कि तुम योग्य हो ��ज भी उसी आरक्षण पर क्यों जिंदा रहना चाहते हो और तो और आज भी तुम बराबरी पर नहीं सिर्फ जलन पर टिके हो
0
1
2
@KraantiKumar ये तो जो भी कह रहा है अपनी नेतागिरी कर रहा है लेकिन ये क्रान्ति कुमार नाम का जो समाज के हर घड़ी जाति वर्ग की गंदगी फैलाता रहता है उसके अलावा इसको कुछ आता जाता भी नहीं है, जिस संविधान ने दलित वंचित वर्ग बनाए हैं और हमेशा के लिए बने रहें ये कोशिश की है उसके बारे में कुछकहेगा क्या ?
0
0
1
@raju_botana @KraantiKumar ये कुछ नहीं सिर्फ कुंठा ग्रस्त लोगों का समूह सनातन के विरोध में खंभा नोंचते रहते हैं और ऐसा हमेशा ही होता आया है, ऐसे वर्णशंकर सोच के लोग हर युग में आते रहे हैं लेकिन सनातन के प्रवाह को क्या सब विचलित कर सकते हैं? अनादि अनंत के बीच ��ें बुलबुले उगते और मिटते रहते हैं
0
0
0
@KraantiKumar जिसे मूर्ख को राजेंद्र प्रसाद को मानना है वो माने , कोई चाहे अपना बाप बदल के किसी को कोई दिक्कत नहीं है, ऐसे धूर्त लेखन से सत्यता नहीं छिपती, कुंठाग्रस्त लेखक ने कुछ गंद फैला दी इसका मतलब वो सत्य हो गया , हां उसके लिए सत्य हो सकता है जिसकी बुद्धि की सीमा इतनी ही हो
0
0
0
@Krishan88701400 @JaikyYadav16 इसको ही कुंठित बुद्धि विवेक कहा जाता है, इसको कहते हैं डिप्रेशन का शिकार , ऐसे लोगों को सिर्फ शिकायतें रहती है, किसी भी चीज से , क्योंकि मन बुद्धि कलुषित रहती है , ज्ञान विवेक का कोई संबंध नहीं रहता तो ऐसे ही अनर्गल बाते करते हैं , ये लोग हर समाधान के लिए समस्या ढूंढतेहैं
1
2
15
@KraantiKumar तो दलित कैसे बन गए? कैसे संविधान से भी दलित ही बने रहना चाहते हो, क्यों अपने ही देश में आरक्षण मांगते हो , योग्यता से आगे बढ़ के क्यों नहीं दिखाते , सब से बड़ी बात सब कुछ तुमने किया तो तुम्हारा शोषण कैसे हो सका ?
0
0
1
@Omprakash3644 @KraantiKumar इसको राजनीति खेलनी है , इसके अलावा कुछ नहीं, अरे जो जिस काबिल होगा वो ही तो बनेगा , तुम बना लो जिसको शंकराचार्य बनाना चाहती हों, बन जाएगा कोई ? और एक दो नहीं सैकड़ों मंदिरों में दलित ��ुजारी हैं इस बात को तो नहीं मान रही , जबरदस्ती सीधे शंकराचार्य बनना है , क्या ही गंदा जोक है
0
0
1