वो अल्लाह ही है जिसने अपने रसूल (ﷺ) को हिदायत और सच्चे दीन के साथ भेजा है, ताकि उसे दीन की पूरी की पूरी जिंस पर ग़ालिब कर दे।
📓(कुरआन सूरह तौबा आयत 33)
रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फ़रमाया:
मेरी ख़ाहिश है कि अल्लाह की राह में मारा जाऊँ फिर ज़िन्दा किया जाऊँ, फिर मारा जाऊँ फिर ज़िन्दा किया जाऊँ फिर मारा जाऊँ।
📓(सहीह बुखारी : 36)
#jihad
जानी मानी साउथ इंडियन मोटिवेशनल स्पीकर सबरीमालय इस्लाम कुबूल करने के बाद मक्का के सफ़र पर गईं हैं।
अब इन्होंने अपना नाम फ़ातिमा रखा है, वह कहतीं है
"मैंने ख़ुद से सवाल किया कि इस देश (भारत) में मुसलमानों से इतनी नफ़रत क्यों है, और मैंने निष्पक्ष होकर क़ुरआन पढ़ना शुरु किया,
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पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“मजलूम (अत्याचार से पीड़ित) की बददुआ से डरते रहना, क्योंकि उसके और अल्लाह के दरमियान कोई पर्दा नहीं रहता।”
📓(सहीह मुस्लिम : 2448)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“कामयाब हो गया वो शख्स जिस को इस्लाम की हिदायत नसीब हुई और जरूरत के मुताबिक रोज़ी मिली और उसने उस पर इत्मीनान किया।”
📓(इब्ने माजा : 4138)
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“में जब जन्नत के दरवाजे पर खड़ा हुआ तो वहां अक्सर दाखिल होने वाले मोहताज लोग थे और मेहनत मजदूरी करने वाले थे।”
📓(सहीह बुखारी : 6547)
फिलिस्तीनी मुजाहिदों के मुताल्लिक हदीस ए मुबारका!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
मेरी उम्मत का एक गिरोह कयामत तक दीन पर साबित कदम और दुश्मन पर गालिब रहेगा, उनसे इख्तिलाफ करने वाले उनका कुछ न बिगाड़ सकेंगे, सिवाए इसके की इन्हे कुछ माआशी तंगदस्ती का सामना करने पड़े,
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पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिस शख्स के दिल में राई के दाने के बराबर तकब्बुर (अहंकार) होगा, वो जन्नत में दाखिल नहीं होगा
और जिस शख्स के दिल में राई के दाने के बराबर ईमान होगा, वो जहन्नुम में दाखिल नहीं होगा।”
📓(इब्ने माजा : 59)
जान, माल और इज्जत आबरू की हिफाजत करते हुए मरने का सबाब!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो अपने माल की हिफाजत करते हुए मारा जाए वह शहीद है, जो अपनी जान बचाते हुए मारा जाए वो भी शहीद है, और जो शख्स अपने घरवालों को बचाते हुए मारा जाए वो भी शहीद है।”
📓(सुनन निसाई : 4099)
अश्लीलता फैलाने का अंजाम!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिस कौम में फहाशी और बेहयाई (अश्लीलता) आम हो जाए और उसे खुले आम किया जाए तो उनमें ताउन (महामारी) और ऐसी बीमारियां फुट पडती है जो उनसे पहले के लोगों में न थी।”
📓(इब्ने माजा : 4019)
किसी की मुसीबत पर खुश न हो!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“अपने भाई की मुसीबत पर खुशी का इजहार न करो, हो सकता है अल्लाह तआला उस पर रहम फरमा कर (उससे मुसीबत दूर कर दे) और तुमको (उस मुसीबत) में मुब्तिला कर दें।”
📓(जामे तिरमिजी : 2506)
दिल्ली में नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा: में दुनिया से इस्लाम को खत्म कर दूंगा।
जबकि दुनिया और समस्त ब्रह्माण्ड का मालिक अल्लाह फरमाता है:-
उसी ने अपने रसूल (पैगम्बर) को भेजा है हिदायत और दीन ए हक (सत्य धर्म इस्लाम) के साथ ताकि उसको सारे दीन (धर्म) पर गालिब कर दे,
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रसूल अल्लाह ﷺ फरमाया:-
" जो शख्स किसी जालिम को तक्वियत देने के लिए उसके साथ चला, ये जानते हुए भी कि वो जालिम है तो वो इसलाम से निकल गया "
📓(मिशकात : 5135)
इस्लाम में परिवार का महत्व!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“तुम में सबसे बेहतर वो है जो अपने अहलो अयाल (परिवार) के लिए बेहतर हो।”
📓(इब्ने माजा : 1977)
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बेटियों की वजह से तकलीफ उठाने वाले!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिस शख्स को बेटियों की (परवरिश व तरबियत) की वजह से मामूली सी तकलीफ भी उठानी पड़ी, तो ये बेटियां उसके लिए जहन्नुम से बचाव के लिए आड़ बन जाएंगी।”
📓(सहीह बुखारी : 1418)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“जो शख्स (रोज़े की हालत में) झूठ बोलना और दगाबाज़ी करना न छोड़े, तो अल्लाह तआला को उसकी कोई जरूरत नहीं की वह अपना खाना पीना छोड़े।”
📓(सहीह बुखारी : 1903)
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
एक समय ऐसा आएगा जब आप देखोगे की जिसमे एक सफर करने वाली महिला हीरा (इराक की एक बस्ती है वहां) से सफर करेगी और मक्का में काबा का तवाफ करेगी, मगर उसे अल्लाह के सिवाए और किसी (चोर, डाकू, बलात्कारी, गुंडे इत्यादि) का भेय नही होगा।
📓(सहीह बुखारी:3595)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“जिसने किसी रोज़ेदार को इफ़्तार कराया तो उसे भी उसके बराबर सवाब मिलेगा, बग़ैर इसके के रोज़ेदार के सवाब में से ज़रा भी कमी की जाये।”
📓(जामे तिरमिजी : 807)
रसूल अल्लाह ﷺ लोगों में सबसे ज़्यादा सख़ी (सदका देने वाले) आदमी थे, और रमज़ान में जिस वक़्त जिब्राईल अलैहिस-सलाम आप से मिलते थे आप और ज़्यादा सदका देने वाले हो जाते, जिब्राईल अलैहिस-सलाम आप से माहे रमज़ान में हर रात मुलाक़ात करते (और) क़ुरआन का दौर कराते थे।
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हर तंगी से निकलने का रास्ता!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो बंदा अस्तगफार को लाज़िम कर ले (यानी अल्लाह से बराबर अपने गुनाहों की माफी मांगता रहे) तो अल्लाह उसके लिए हर तंगी और मुश्किल से निकलने का रास्ता निकाल देगा और उसे ऐसी जगह से रिज्क देगा, जहां से वो सोच भी नहीं सकता।”
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ का चरित्र!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने जिंदगी भर कभी झूठ नहीं बोला, हालांकि जिस माहौल (समाज) में आपने आँख खोली, उस की नीव ही झूठ, गलत सूचना और धोखा धडी पर थी।
झूठ को हालांकि बुरा जाना जाता था मगर उसका चलन इस कदर आम था
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पैगम्बर मुहम्मद ﷺ घर में दाखिल हुए तो रोटी का एक टुकड़ा गिरा हुआ देखा, आप ने उसे उठाया, साफ किया और उसे खा लिया और फरमाया:
ऐ आयशा: सम्मान के योग्य अर्थात अल्लाह के रिज्क की इज्जत करो। इसलिए की जब कभी किसी कौम से अल्लाह का रिज्क छीन गया तो उसकी तरफ वापस न आया।
(इब्ने माजा:3353)
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“अगर इंसान को एक वादी सोना भर के दे दिया जाए तो वह दूसरी का ख्वाहिशमंद रहेगा। और अगर दूसरी दे दी जाए तो तीसरी का ख्वाहिशमंद रहेगा।
और इंसान का पेट कब्र की मिट्टी के सिवा और कोई चीज नहीं भर सकती।”
📓(सहीह बुखारी : 6438)
उम्मुल मोमिनीन हज़र�� आईशा र•अ फरमाती हैं:-
जब (रमज़ान का) आख़िरी अशरा आता तो नबी करीम ﷺ अपना तहबंद मज़बूत बाँधते (यानी अपनी कमर पूरी तरह कस लेते) और उन रातों में आप ख़ुद भी जागते और अपने घर वालों को भी जगाया करते थे।
📓(सहीह बुखारी : 2024)
17 रमजानुल मुबारक, जंग ए बद्र (हक़ और बातिल की जंग)
अल्लाह फरमाता है:-
आख़िर इससे पहले बद्र की लड़ाई में अल्लाह तुम्हारी मदद कर चुका था, हालाँकि उस वक़्त तुम बहुत कमज़ोर थे। इसलिये तुमको चाहिये कि अल्लाह की नाशुक्री से बचो, उम्मीद है कि अब तुम शुक्रगुज़ार बनोगे।
#Quran
3:123
जुल्म पर खामोशी भी जुल्म है!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जब लोग जालिम को देखकर उसका हाथ न पकड़े (यानी जुल्म करने से न रोक दें) तो करीब है कि अल्लाह उसका अजाब लोगों पर आम कर दें।”
📓(जामे तिरमिजी : 2168)
अल्लाह फरमाता है:-
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रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“जब तुम ( रमज़ान का ) चांद देख लो तो रोज़ा रखो, ( इसी तरह ) जब ( ईद उल फ़ित्र का चांद ) देख लो तो रोज़ा रखना बंद करो, ( और ) जब तुम पर बादल छाए हों तो तीस की गिनती पूरी करो।”
📓(सुनन निसाई : 2127)
नाप तौल में कमी का अंजाम!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो लोग नाप तौल में कमी करने लग जाते है तो वो कहतसाली, मआशी (आर्थिक) तंगी और अपने हुक्मरान की ज्यादती का शिकार हो जाते है।”
📓(इब्ने माजा : 4019)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
जिसने ईमान के साथ और सवाब की नियत से रमज़ान के रोज़े रखे और उसकी रातों में क़ियाम किया तो उसके पिछले गुनाह बख़्श दीए जाऐंगे। और जिसने ईमान के साथ और सवाब की नीयत से शब-ए-क़द्र में क़ियाम किया तो उसके भी पिछले गुनाह बख़्श दीए जाऐंगे।
📓(तिरमिजी : 683)
मज़ाक में भी झूठ न बोलने का इनाम!!
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“में उस शख्स के लिए जन्नत में एक घर की जमानत देता हु, जो झूठ बोलना छोड़ दे, अगरचे हसीं मजाक में ही क्यों न हो।”
📓(अबू दाऊद : 4800)
फल दरख़्त के अंदर ने नही आता यकीन नहीं हो तो दरख़्त काट कर देख लें, लकड़ी ही लकड़ी मिलेगी।
रिज्क जमीन के अंदर से नहीं आता। यकीन नहीं हो तो खुदाई करके देख लो मिट्टी ही मिट्टी मिलेगी।
ये सब तो अल्लाह के हुक्म से आता है, चाहे जमीन से निकाले या आसमान से उतारे।
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“कबीरा गुनाह अल्लाह के साथ शिर्क करना, वालिदैन की ना-फ़रमानी करना, किसी को नाहक़ कतल करना और झूटी क़सम खाना।”
📓(सहीह बुखारी : 6675)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
जब रमज़ान की पहली रात होती है तो शैतान और सरकश जिन ज़ंजीरों में जकड़ दीए जाते हैं, जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दीए जाते हैं, और उसका कोई भी दरवाज़ा खुला हुआ नहीं रहता, जन्नत के दरवाज़े खोल दीए जाते हैं, और उसका कोई भी दरवाज़ा बंद नहीं रहता,👇👇
अल्लाह फरमाता है:
जो रिज़्क़ हमने तुम्हें दिया है उसमें से ख़र्च करो इससे पहले कि तुम में से किसी की मौत का वक़्त आ जाए और उस वक़्त वो कहे कि
ऐ मेरे रब, क्यों न तू ने मुझे थोड़ी सी मोहलत और दे दी कि मैं सदक़ा देता और नेक लोगों में शामिल हो जाता।
#Quran
63:10
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“ऐ अली (अजनबी औरत पर) एक मर्तबा नजर पड़ जाने के बाद दोबारा मत देखों, क्योंकि पहली नजर तो माफ है, जबकि दूसरी की तुझे इजाजत नहीं।”
📓(अबु दाऊद : 2148, मुसनद अहमद:6658, तिरमिजी:2777)
अगर पहली नजर अचानक पड़ गई तो फौरन हटाने और झुकाने का हुक्म है।
इंसान कितनी नाशुक्री करता है!!
अल्लाह फरमाता है:-
इंसान का हाल ये है कि जब उसपर कोई मुश्किल वक़्त आता है तो खड़े और बैठे और लेटे हमको पुकारता है, मगर जब हम उसकी मुसीबत टाल देते हैं तो ऐसा चल निकलता है कि मानो उसने कभी अपने किसी बुरे वक़्त पर हमको पुकारा ही न था।👇👇
रमज़ान आया तो रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:-
ये महीना आ गया और इस में एक ऐसी रात है (शब ए कद्र) जो हज़ार महीनों से बेहतर है, जो उस से मेहरूम रहा वो हर तरह के ख़ैर (भलाई) से मेहरूम रहा, और उसकी भलाई से मेहरूम वही रहेगा जो (वाक़ई) मेहरूम हो।
📓(मिश्कात : 1905)
दज्जाली फितना!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“आदम अलैहिस्सलाम की तखलीक से लेकर कयामत के कायम होने तक कोई ऐसा फितना जाहिर नहीं हुआ, जो दज्जाल के फितनें से ज्यादा संगीन हो।”
📓(मुसनद अहमद : 12972)
मियां-बीवी का एक दूसरे को नमाज के लिए जगाना!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“अल्लाह उस शख्स पर रहम फरमाए, जो रात को उठे, फिर नमाज पढ़े, अपनी बीवी को भी जगाए तो वो भी नमाज पढ़े और अगर वो न उठे तो उसके चेहरे पर पानी के छींटे मारें...
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दूसरों को नुकसान पहुंचाना, अपने आप को नुकसान पहुंचाना!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो दूसरों को नुकसान पहुंचाएगा, अल्लाह उसे नुकसान पहुंचाएगा और जो दूसरों को तकलीफ देगा, अल्लाह उसे तकलीफ देगा।”
📓(जामे तिरमिजी : 1940)
इच्छाओं का अंत नहीं!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
अगर इंसान को एक वादी सोना भर के दे दिया जाए तो वो दूसरी की तमन्ना करेगा अगर दूसरी दे दी जाए तो तीसरी की तमन्ना करेगा।
और इंसान का पेट कब्र की मिट्टी के सिवा और कोई चीज नहीं भर सकती और अल्लाह पाक उसकी तौबा कुबूल करता है,
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कुरान का चमत्कार!!
مَرَجَ الۡبَحۡرَیۡنِ یَلۡتَقِیٰنِ
दो समन्दरों को उसने (अल्लाह ने) छोड़ दिया कि आपस में मिल जाएँ,
بَیۡنَہُمَا بَرۡزَخٌ لَّا یَبۡغِیٰنِ
फिर भी उनके बीच एक पर्दा रुकावट है जिससे वो आगे नहीं बढ़ते।
#कुरान 55:19-20
#WorldOceansDay
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“कयामत के दिन मोमिन के मिजान में हुस्ने अखलाक से भारी कोई चीज न होगी। और अल्लाह तआला बेहया और बदजवान से नफरत करता है।”
📓(जामे तिरमिजी : 2002)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“जब ( इन्सान ) कबीरा गुनाहों से इजतिनाब कर रहा हो तो पाँच नमाज़ें, एक जुमा से (दूसरे) जुमा तक और एक रमज़ान से दूसरे रमज़ान तक, दरमियान के अर्से में होने वाले गुनाहों को मिटाने का सबब हैं।”
📓(सहीह मुस्लिम : 552)
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिसने किसी तंगदस्त को मोहलत दी या उसका कर्ज माफ कर दिया, तो रोजे कयामत अल्लाह तआला उसे अपने अर्श का साया देगा।”
📓(मुसनद अहमद : 6057)
तंगदस्त= आर्थिक संकट वाला
व्यक्ति
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो आदमी इल्म तलाश करने के लिए किसी रास्ते पर चलता है, अल्लाह तआला उसके लिए जन्नत के रास्ते को आसान कर देता है।”
📓(मुसनद अहमद : 250)
अल्लाह फरमाता है:-
गवाह है गुजरता समय! कि इंसान वास्तव में घाटे में है,
सिवाए उन लोगों के जो ईमान लाए, और अच्छे कर्म किए, और एक दूसरे को हक (सत्य) की याद दिलाते रहे और सब्र करते रहते है।
#Quran
103:1-3
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिस शख्स को इस हाल में मौत आए कि वो तकब्बुर, खयानत और कर्ज से पाक हो तो वो जन्नत में दाखिल होगा।”
📓(जामे तिरमिजी : 1572)
तकब्बुर= अहंकार
खयानत= धरोहर रखी हुई वस्तु न देना अथवा कम देना।
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“हमेशा मेरी उम्मत का एक गिरोह हक पर कायम रहेगा। कोई उनको नुकसान न पहुंचा सकेगा, यहां तक कि अल्लाह का हुक्म आ पहुंचेगा (यानी कयामत) और वो इसी हाल में होंगे।”
📓(सहीह मुस्लिम : 4950, 1920)
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जिस शख्स के दुनिया ने दो चेहरे होंगे (अर्थात सामने कुछ, और पीछे कुछ) कयामत के दिन उसके लिए आग की दो जुबानें होंगी।”
📓(अबू दाऊद : 4873)
Note: जो आपके अंदर हो वही बाहर हो। जो बाहर हो वही अं���र हो।
रिज्क देने वाली सिर्फ अल्लाह की जात है!!
कुरआन: ﷽ कितने ही जानवर हैं जो अपनी रोज़ी उठाए नहीं फिरते, अल्लाह उनको रोज़ी देता है और तुम्हें भी रोज़ी देनेवाला भी वही है, वो सब कुछ सुनता और जानता है।
#कुरान 29:60
सुन्नतें रसूल की पैरवी कीजिए!!
अल्लाह फरमाता है:-
ऐ नबी! लोगों से कह दो कि “अगर तुम हक़ीक़त में अल्लाह से मुहब्बत रखते हो तो मेरी पैरवी करो, अल्लाह तुमसे मुहब्बत करेगा और तुम्हारी ग़लतियों को माफ़ कर देगा। वो बड़ा माफ़ करनेवाला और रहम करनेवाला है।”
#Quran
3:31
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
क्या में तुम्हें उस चीज के बारे में न बता दूं जिसका दर्जा रोजे, नमाज, जकात से भी ज्यादा है?
लोगों ने कहा: ऐ अल्लाह के रसूल! हमे जरूर बताएं!
आप ﷺ ने फरमाया:
उन लोगों में सुलह समझोता करा देना जिनमे फुट पड़ी हो,
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रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
दुआ ही इबादत है, फिर आपने आयत पढ़ी: "तुम्हारे रब का फ़रमान है, तुम मुझे पुकारो, मैं तुम्हारी पुकार ( दुआ ) को क़बूल करूँगा, जो लोग मुझसे मांगने से घमंड करते हैं, वो बहुत जल्द जहन्नुम में ज़लील हो कर दाखिल होगें।"(अल कुरान 40:60)
📓(अबु दाऊद : 1479)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“उपर वाला हाथ, नीचे वाले हाथ से बेहतर है। उपर का हाथ खर्च (सदका) करने वाले का है और नीचे का हाथ मांगने वाले का है।”
📓(सहीह बुखारी : 1429)
शैतान उकसाता है!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“हरगिज कोई आदमी किसी औरत के साथ तन्हाई (एकांत) इख्तियार न करे, क्योंकि उनका तीसरा शैतान होता है।”
📓(सहीह बुखारी : 6670)
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“बहुत से रोज़ा रखने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने रोज़े से भूक के सिवा कुछ नहीं हासिल होता, और बहुत से रात में क़ियाम ( नमाज़ ) करने वाले ऐसे हैं कि उनको अपने क़ियाम से जागने के सिवा कुछ भी हासिल नहीं होता।”
📓(इब्ने माजा : 1690)
मजलूम की मदद करें!!
अल्लाह फरमाता है:-
आख़िर क्या वजह है कि तुम अल्लाह की राह में उन बेबस मर्दों, औरतों और बच्चों की ख़ातिर न लड़ो जो कमज़ोर पाकर दबा लिये गए हैं
और फ़रियाद कर रहे हैं कि ऐ हमारे रब! हमको इस बस्ती से निकाल जिसके बाशिन्दे ज़ालिम हैं,
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बहुत से सहाबा रिज़वान अल्लाह अलैहिम अजमईन ने नबी करीम ﷺ से अपने ख़्वाब बयान किया के, शब-ए-क़द्र (रमज़ान की) सत्ताईसवीं (27th) रात है, उस पर नबी करीम ﷺ ने फ़रमाया की मैं देख रहा हूँ की तुम सब के ख्वाब रमज़ान के आख़िरी अशरे में (शब-ए-क़द्र के होने पर) मुत्तफ़िक़ हो गए हैं।
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दूसरों की बात छुपकर सुनना!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“जो शख्स दूसरों की बात सुनने के लिए कान लगाए, जो उसे (दूसरों को सुनाना) पसंद नहीं करते या उससे भागते है तो कयामत के दिन उसके कानों में शीशा पिघला कर डाला जाएगा।”
📓(सहीह बुखारी : 7042)
अल्लाह फरमाता है:-
ज़मीन में चलनेवाला कोई जानदार ऐसा नहीं है जिसकी रोज़ी अल्लाह के ज़िम्मे न हो और जिसके बारे में वो न जानता हो कि कहाँ वो रहता है और कहाँ वो सौंपा जाता है, सब कुछ एक साफ़ दफ़्तर में दर्ज है।
#Quran
11:6
कुरआन सुनकर रोंगटे खड़े हो जाना!!
अल्लाह ने बेहतरीन कलाम उतारा है, एक ऐसी किताब जिसके तमाम हिस्से आपस में मिलते-जुलते हैं और जिसमें बार-बार बातें दोहराई गई हैं। उसे सुनकर उन लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं जो अपने रब से डरनेवाले हैं
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रब की पकड़ बड़ी शख्त है!!!
पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया:-
“अल्लाह तआला जालिम को चंद रोज दुनिया में मोहलत देता रहता है, लेकिन जब पकड़ता है तो फिर नहीं छोड़ता।”
📓(सहीह बुखारी : 4686)
हिज़ाब-नारी सुरक्षा कवच!!
अल्लाह फरमाता है:-
ऐ नबी! अपनी बीवियों और बेटियों और ईमानवालों की औरतों से कह दो कि अपने ऊपर अपनी चादरों के पल्लू लटका लिया करें। ये ज़्यादा मुनासिब तरीक़ा है ताकि वो पहचान ली जाएँ और न सताई जाएँ। अल्लाह माफ़ करनेवाल और रहम करनेवाला है।
#Quran
33:59
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:-
“अगर तुम गुनाह करो यहां तक कि तुम्हारे गुनाह आसमान तक पहुंच जाएं, फिर तुम तौबा करो तो अल्लाह ताला ज़रूर तुम्हारी तौबा क़बूल करेगा।”
📓(इब्ने माजा : 4248)
हज़रत आइशा र•अ ने कहा:-
अल्लाह के रसूल! अगर मुझे मालूम हो जाये की कौन सी रात लैलत-अल-क़द्र है तो में उसमें क्या पढ़ू?
आप ﷺ फ़रमाया: पढ़ो
_अल्लाह हुम्मा इन्नका अफुवुन तुहिब्बुल अफवा फफु अन्नी_
तर्जुमा: ए अल्लाह! तू माफ और दरगुज़र करने वाला मेहरबान है,
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