हमारे पूर्वाचार्यों ने शास्त्रार्थ किया, आन्दोलन किया, अनशन किया, चुनाव लड़वाया, सन्धि की। सभी को कोटिश वंदन।
अबकी बार जिनसे पाला पड़ा है वे शास्त्रार्थ, आन्दोलन, अनशन, चुनाव, सन्धि कुछ नहीं करेंगे फिर भी पूरे शासनतन्त्र को रसातल में पहुँचाकर अपेक्षित भारत बना देंगे।