हँसी झूठी,ख़ुशी झूठी,ये ग़म झूठा,क़लम झूठा
वो सर से पाँव तक मक्कार है और बेशरम,झूठा
मोहब्बत तेरी बस्ती क्या फक़त झूठों की मण्डी है
वफ़ा झूठी, हया झूठी, क़सम झूठी, सनम झूठा
तेरी दुनिया से खुदा तेरी पनाह माँगता हूँ
यहाँ झूठा, वहाँ झूठा, इधर झूठा, उधर झूठा