@Profdilipmandal
अपनी मातृभाषा और विरासत के इसी कमतरी भाव में जी रहे लोगों को मोदी जी ने इस हीन भावना से बाहर निकाला है। मोदीजी का यह बड़ा योगदान है कि आज अपनी सांस्कृतिक विरासत पर लोग गौरव कर पा रहे हैं।
@TheKPMalik
बचपन के दिनों में सांड़ के पीछे पीछे चल रहे कुत्तों के बारे में जिज्ञासा बस एक बुजुर्ग से पूछने पर उन्होंने बताया था कि कुत्ते इस उम्मीद से सांड के पीछे चल रहें हैं कि कभी भी सांड के अंडकोष जमीन पर गिरेंगे और इन्हें खाकर भरपूर आनंद मिलेगा।
@jpsin1
जिस तरह समाचारपत्रों में किसी घटना के तथ्यों एवं शीर्षक को प्रस्तुत किया जा रहा है, उसमें उस मीडिया हाउस की नीयत में खोट दिखता है। अभी तक सार्वजनिक रूप से चाट पकौड़ी कचौरी के उपयोग में लिए जा रहे ऐसे अखबारों को लोग थूक मूत्र के लिए भी काम में नहीं लेंगे। बेशर्मी की हद है।
@Modified_Hindu9
विघ्न फैलाने के लिए इस नियम को असंवैधानिक घोषित कराने के लिए ऐसे खलिहर सुप्रीम कोर्ट भी गए थे जहां से अप्रैल 2019 में मुंह की खाकर आए थे।2/2
@Modified_Hindu9
लिब्रांडुओं को पता होना चाहिए कि निर्वाचन नियमों 49ma ऑफ कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 में ऐसी स्थिति में पोलिंग रोक कर टेस्ट वोट के प्रावधान है। क्लेम गलत पाया जाने पर सजा के प्रावधान हैं। इस मतदाता के बाद भी और व्यक्तियों ने वोट कास्ट की होगी। 1/2
@BBCHindi
तुम्हारे सोया दूध के चक्कर में कोई नहीं फंसने वाला है। गाय का दूध पीओ और सो जाओ। फिर ऐसी बहकी बहकी बात नहीं करनी। सोया प्रोडक्ट का विज्ञापन है यह न्यूज।
@atsshow7
सर,दुकान पर इनको कोई सौ रुपए महीने भी नहीं रखे। अधिकांश ऐसे लोग भरे पड़े डिग्री ले लेकर। कौशल के नाम पर शून्य ,ज्ञान शून्य बटा सन्नाटा। न्यूटन और गैलीलियो को कहीं का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बता देता। समाज पर बोझा हैं ये। राष्ट्र के शत्रुओं का आसान शिकार बनते हैं ये।
@ocjain4
’इंडिया इन ग्रीस’ (१८५४) के लेखक एडवर्ड पोकोक का मानना है कि आर्य लोगों ने ही ग्रीकों को सभ्य और शिक्षित किया। अपना काम समाप्त कर ये जब लौट कर आ रहे थे तब कुछ लिब्रांडुओं ने उन्हें रास्ते में आते हुए देख लिया और नई थ्योरी गढ़ दी कि ब्राह्मण यूरेशिया से आए थे।
@TheAbhishek_IND
अब तक संशोधनों के साथ अध्ययन संविधान में वो पुष्पक विमान में रामजी सीताजी सहित और गीता उपदेश देते योगिराज कृष्ण कर फोटोग्राफ भी आने चाहिए जो मूल संविधान में हैं।
@Kanchanyadav000
@ombirlakota
मूल संविधान में उकेरे गए चित्रों के साथ ही संविधान की प्रतियां जारी हों। इन चित्रों के बिना प्रकाशित सभी प्रतिलिपियों को अपूर्ण एवं असंवैधानिक मानकर जब्त किया जाए। बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान की आत्मा *उद्देशिका* को मूलस्वरूप में लाया जाए।
इस्लाम का मूल संघर्ष ही NON BILIVEVER यानी #अल्लाह पर ना यकीन करने वालों के खिलाफ है। यही #जिहाद है। जबकि #सनातन में #नास्तिक को भी #धर्महीन नहीं माना गया।
ऐसे में #भगवदगीता में कौन सा #जिहाद देख लिया #शिवराज_पाटिल ने ?
यही सोच #ज़ाकिर_नायक की भी थी।
काशी में अगस्त्य ऋषि के स्थापित शिव मंदिर में #यादव_परिवारों की सेवा। यह केवल एक उदाहरण है, ऐसे अनगिनत उदाहरणों से पटा पड़ा है यह देश। हर जाति/कुल की मंदिर सेवाओं का अनाम दस्तावेज है सनातन।
सर,किसी कृषि अधिकारी ने बताया कि कीड़े जिस हिस्से को खाते हैं या खा रहे होते हैं,उसे छोड़कर फल,तरकारी को खा सकते हैं और खाना ही चाहिए। नियमित आकृति के और कलरफुल फल सब्जी से बचना चाहिए।सादर
@MediaHarshVT
सर,अब जरूरी हो गया है कि तथाकथित रिसर्च के नाम पर भ्रामक सूचनाओं पर रोक लगाई जाए। ऐरा गैरा नत्थू हर विषय पर टिप्पणी कर भ्रम फैला रहा है। भारी अर्थदंड लगाया जाना चाहिए।
यदि वोट डालने के बाद मतदाता को लगता है कि जिसको उसने बैलट यूनिट पर वोट दिया है और Vvpat स्लिप में दूसरा कैंडिडेट सिंबल दिख रहा है तो उसी समय पीठासीन अधिकारी के यहां आपत्ति दर्ज कराने के प्रावधान भी हैं।
यदि वीवीपीएटी मतदाता को दी जाएगी तो यह मतदान गुप्त नहीं रह जाएगा। मतदान गुप्त रहे। कोई किसी को प्रभावित ना करे, इसलिए नहीं दिया जाता।
वह मतदाता को देखने के लिए रहता है। हर कोई पर्ची देखकर आश्वस्त हो जाता है।
फिर चुनाव आयोग के पास प्रमाण रहे इसकी व्य���स्था करनी होगी।
#AskRamaKRoy
@sumantkabir
सर,शानदार। लोग महसूस करते हैं परंतु व्यक्त नहीं कर पाते,अक्षरों के संयोजन से जो शब्द और वाक्य आपने अभिव्यक्त किए हैं उसमे अभिधा, लक्षणा और व्यंजना तीनों हैं,यही शब्द शक्ति है।आज का परम सत्य।
@sumantkabir
सर,आर्थिक दृष्टि से निम्न और उच्च वर्ग को धरती की असलियत का पता है,इनके कांसेप्ट बिलकुल क्लियर हैं,चाहे अर्थ क्षेत्र हो या आस्था का क्षेत्र।इनके बीच का मध्यम और नवधनाढ्य वर्ग भारी कन्फ्यूजन में है,न इधर का है न उधर का।
नोबल विजेता नार्मन बरलाग के साथ हरियाणा के एक किसान के यहां गया। तालाब देख बरलाग बोले, इसमें मछली पलवाया? किसान बोला इसमें मछली नहीं पल सकती। बरलाग ने पूछा, क्यों? किसान ने साथ आदमी से पान थुकवाया। पानी में पीक काला पड़ गया।
किसान बोला , इसलिए! क्या देखा किसान और बरलाग ने?
यह अमेरिका की DR. MARIANNAE TEITELBAUM हैं। देसी गौवंश के घृत पर उन्हीं दुष्प्रचार को आज ध्वस्त कर रही है, जो कल उन्हीं के पश्चिमी जगत ने खड़े किए। भारतीय ज्ञान के प्रति हीनता के बोध से जी रहे भारत के आधुनिक ज्ञानियों को यह वीडियो समर्पित हैं।
@sumantkabir
सर, यदि आप विशिष्ट व्यक्ति नहीं हैं तो कई बार टोल रोड पर गाड़ियों के जाम को जल्दी से क्रॉस करने के लिए अपनी गाड़ी को कभी इस बूथ और कभी उस बूथ पर लेकर जाते हैं और फिर पता चलता है कि बाद वाले वाहन उससे पहले ही बूथ क्रॉस कर चुके हैं। राजनैतिक लालच में इसी कारण दिशाभ्रम हो रहा है। -
@sumantkabir
सर,आपके ट्वीट्स पढ़ने के बाद एक सकारात्मक अनुभूति होती है।जैसे कई टीवी चैनलों को देखकर ऐसा लगता है कि कल जब सोकर उठेंगे तो विश्व युद्ध शुरू हो चुका होगा।परंतु जैसे ही डीडी चैनल देखते हैं तो वहां गोबर से खाद बनाने और पौधे के कीड़े नष्ट करने की बातें सुनकर सकून मिलता है कि
@MediaHarshVT
@priyankagandhi
सर, इस भ्रामक तथ्य के प्रसारण के परिणामों के आधार पर कोर्ट को इस पर दस बीस लाख की पेनल्टी लगानी चाहिए। यह दो चार लाख में बिकी होगी।
माता पिता दसवीं तक बच्चों को नियंत्रित स्वछंदता और आयु सुलभ गतिविधियां करने दें। दसवीं तक अध्ययन किए जाने वाला तथाकथित रटाऊ ज्ञान पुस्तकों से बाद में भी प्राप्त किया जा सकता है परंतु इस वय का अनुभव नहीं। ऐसे बच्चे ही वास्तविक दुनिया के संघर्ष में सफल होते हैं।
बहुसंख्य समाज के 99.99% मां-बाप अपने बच्चों को #आदर्श बनाना चाहते हैं। और 99.99% यही सन्तान बुढ़ापे में साथ नहीं देते। ऐसे मां-बाप को सलाह है, बच्चे को आदर्श बनाने की जगह #बिगाड़ कर देख लो। आदर्श से कहीं ज्यादा #दुर्घष_योद्धा बिगड़े बच्चे बनते हैं।
#अनुभवजन्य_ज्ञान
@ShubhamShuklaMP
सनातन में कहीं भेदभाव नहीं है,यह सब उन लोगों के द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम और मायाजाल है जो अपने समाज के वंचित लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूप से उन���नत नहीं होने देना चाहते है।जय सनातन। सत्य सनातन।
@sumantkabir
सर, आठ दस दाख द्राक्ष को आंच पर सेक कर और इनके ऊपर कालीमिर्च और काले नमक का चूर्ण भुरककर कुछ दिन खाने के बाद स्वाद कलिकाओं के सक्रिय होने की संभावना है।
दूसरे नीबू को दो भागों में बांटकर गर्म कर एक भाग में चीनी चूर्ण और दूसरे भाग में काली मिर्च काले नमक के छिड़कने के बाद बारी
@igopalgoswami
सर,गांव गांव में प्रकृति के उपहारों यथा वर्षा, जीवों,नदी और तालाबों के प्रति इस तरह का आदर और श्रद्धा भाव देखने को मिलता है। सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रामीण भारत की इस व्यापक होती तस्वीर के बारे में भोगी सोच नहीं पाए होंगे।उन्हें लगता होगा कि उनका एजेंडा ही चलता रहेगा।
@Pankaj___Sharma
महोदय आपने हमारे अनुमान के लिए विकल्प छोड़ा ही कहां है, अपने हिसाब को दूसरों पर क्यों थोप रहे हो,सर,ईवीएम में भी नोटा बटन होता है। यह नाइंसाफी है।
@MediaHarshVT
सर ऐसे विपश्यना से क्या लाभ जिसमें स्वयं की कही बातें विस्मृत हो जाएं, बार बार अपनी कही बातों से साधक पलटने लग जाए। विपश्यना से ऐसा ही होता है क्या,सादर
@MediaHarshVT
सर, संशयात्मा विनाश्यति। कुछ भी नहीं होगा,जब कुछ है नहीं है तो। बीस वर्ष के अनुभव से बता रहा हूं, ईवीएम की दो ही स्थितियां होती हैं, या तो काम करना बंद कर देती है या शत प्रतिशत सही परिणाम देती है।तीसरा कोई हैकिंग जैसा विकल्प नहीं है।सादर
@Sabhapa30724463
@realwajidkhan
आगे से कोई धूर्ततापूर्ण कार्य करने से पहले इस तरह के फोटो और वीडियो को देखकर ही शुरुआत करें। यहां न्यूटन का नियम क्रिया की प्रतिक्रिया संशोधित रूप से लागू होती है।
लोकतांत्रिक अधिकारोंं को सीमाओं के बंधन से मुक्त करने की दिशा में नवीनतम पहल
ECI ready to pilot remote voting for domestic migrants;develops prototype Multi-Constituency Remote Electronic Voting Machine (RVM);political parties invited for demo of prototype RVM.
#ECI
#ECISVEEP
@akhileshsharma1
सर,जी कैंडिडेट्स या काउंटिंग एजेंट भी बैठे होते हैं सभी कैंडिडेट्स के,उनको पता होगा।या तो एक से अधिक उम्मीदवार को वोट दिया होगा या खाली छोड़ दिया या अपनी पहचान उजागर की होगी,उनसे पूछने के बाद ही संदर्भ सहित हारे हुए उम्मीदवार या दल को अपना पक्ष रखना चाहिए।
बचपन के दिनों में सांड़ के पीछे पीछे चल रहे कुत्तों के बारे में जिज्ञासा बस एक बुजुर्ग से पूछने पर उन्होंने बताया था कि कुत्ते इस उम्मीद से सांड के पीछे चल रहें हैं कि कभी भी सांड के अंडकोष जमीन पर गिरेंगे और इन्हें खाकर भरपूर आनंद मिलेगा।
विवीतक्षेत्रखलवेश्मद्रव्यहस्तिवनादिपिकमग्निना दाहयेत।
कौटलीय अर्थशास्त्र अधिकरण 4 अध्याय 11 प्रकरण 86
जो व्यक्ति चारागाह,खेत,खलिहान,घर और लकड़ियों तथा हथियारों से सुरक्षित जंगल में आग लगा दे,उसको आग में ही जला दिया जाए।
उत्तराखण्ड की आग को काबू पाने का एक ही रास्ता है, जंगल में आग लगाने वालों को #दंडित करने का अधिकार #मूल_समाज को दे दिया जाए। सहस्रों वर्षों तक यही #व्यवस्था रही, तभी जंगल सुरक्षित रहे। पर #सत्ता अपने अधिकार क्यों बांटे?
@sumantkabir
सर,बड़ा ही विचारणीय प्रश्न है ऐसा क्या है जिससे अभी भी अस्तित्व में हैं और ऐसा क्या था जिसने लंबे समय तक गुलाम बनाए रखा।वर्चस्व बनाम अस्तित्व।
ब्राह्मण पंचायत में क्या अब्राह्मणों का आना मना था? भगवान परशुराम की जय! बोलने पर ब्राह्मण इतर जाति या आस्था पर प्रतिबंध था?
क्यों फिर
@AshwiniVaishnaw
की हिस्सेदारी को लेकर शोर? हंगामा? मुझे तो किसी जाति पंचायत में जाकर उनकी जाति, उनके ईश्वर की जय बोलने में हिचक नहीं।
सबसे महत्वपूर्ण है, मंदिर से पहले गांव का चक्कर मारना। अभिजात्य ने बस गांव का चक्कर मारना छोड़ दिया। घर से मंदिर, और मंदिर से वापस घर। बीच में से समाज गायब।
सराहनीय।
आपके पिताश्री को मेरा विनम्र अभिनन्दन💐
वयोवृद्ध व्यक्ति हैं, सन्यास की बेला है। कहना उचित नहीं है। सब कुछ जानते हुए भी पुत्र के धतकरम के बचाव में आकर खड़ा होना? सवाल पुत्र से नहीं, वयोवृद्ध दंपति से पूछा जाना चाहिए। जीवन के आखिरी पड़ाव पर भी #लिप्सा बची हुई है?
कंगना को थप्पड़ मारना ग़लत है
लोकतंत्र में चोट का माध्यम वोट है
लेकिन
अपनी नौकरी की परवाह किए बिना एक सांसद को थपड़याने के पीछे
उस CISF कर्मी की पीड़ा को
मन की टीस को
मां के अपमान के कड़वे घूंट को
700 किसानों की शहादत के घाव को
मोदी की तानाशाही को
नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
बचपन के दिनों में सांड़ के पीछे पीछे चल रहे कुत्तों के बारे में जिज्ञासा बस एक बुजुर्ग से पूछने पर उन्होंने बताया था कि कुत्ते इस उम्मीद से सांड के पीछे चल रहें हैं कि कभी भी सांड के अंडकोष जमीन पर गिरेंगे और इन्हें खाकर भरपूर आनंद मिलेगा।
बिग ब्रेकिंग, सूत्र:
कांग्रेस के एक बड़े नेता के अनुसार इंडिया गठबंधन ने नीतीश कुमार को पीएम का पद, तीन बड़े मंत्रालय, बिहार के लिए वि���ेष पैकेज; चंद्रबाबू नायडू के लिए स्पीकर का पद, तीन बड़े मंत्रालय, आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा ऑफर किया है। अगर ये दोनों मान गए तो, यह तो वही
@Pankaj___Sharma
@narendramodi
बचपन के दिनों में सांड़ के पीछे पीछे चल रहे कुत्तों के बारे में जिज्ञासा बस एक बुजुर्ग से पूछने पर उन्होंने बताया था कि कुत्ते इस उम्मीद से सांड के पीछे चल रहें हैं कि कभी भी सांड के अंडकोष जमीन पर गिरेंगे और इन्हें खाकर भरपूर आनंद मिलेगा।
यह बहुत ही ख़तरनाक और आपत्तिजनक है कि यह मु०रख भारत को जाने बिना, भारतीय अध्यात्म का विशेषज्ञ बनकर घुम रहा है। यह भारत के अध्यात्म की विकृत छवि दुनियाँ के आगे पेश कर रहा है।
क्या यह संभव है कि अपराध विवेचना के लिए अलग पुलिस हो, जिसका विधान स्पष्ट, सक्षम और तकनीकी दांवपेंचों से मुक्त हो और जिसका नियंत्रण व निदेशन एक आयोग टाइप बाॅडी करे,जिसके सदस्य मंत्री,विपक्ष का नेता,जज,सामाजिक कार्यकर्ता व पुलिस अधिकारी हो। ये कार्यकाल के बाद पदधारण के योग्य न हों।
काशी में देवाधिदेव महादेव बाबा विश्वनाथ के कंठहार के रूप में सुशोभित मां गंगा की गोद का आशीर्वाद तथा बाबा विश्वनाथ के दर्शन एवं उनके चरणों में शीश झुकाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।🙏🏻
@sumantkabir
सत्ताधीशों की इच्छाशक्ति के बाद ही पुलिस और प्रशासन का इकबाल बुलंद होता है।लोग भी तभी वैयक्तिकता चेतना से निकलकर सामूहिक चेतना में आते हैं।भारत गुलाम क्यों रहा है,इस अनुत्तरित प्रश्न का जबाव भी इसी साझा चेतना में निहित है।
@madhukishwar
@sdeo76
थोड़ा सा सम्मान पाकर धूर्तता पर उतर आए हैं तथाकथित हिंदू लठैत। इन्हें भारत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।इनका सोचना है पीएमओ में ये सलाहकार बने और राष्ट्र इनके अनुसार चले।निर्लज्ज कहीं के।
यदि वोट डालने के बाद मतदाता को लगता है कि जिसको उसने बैलट यूनिट पर वोट दिया है और Vvpat स्लिप में दूसरा कैंडिडेट सिंबल दिख रहा है तो उसी समय पीठासीन अधिकारी के यहां आपत्ति दर्ज कराने के प्रावधान भी हैं।
विद्या और बुद्धि का संयोजन एवं अनुपात यदि वय अनुसार हो तो अच्छा माना जाता है। यदि शरीर वयस्क है और इंद्रियां विषयों के भोग हेतु आतुर हैं तब बाल शरीर की बुद्धि से काम नहीं चलता।
बड़ा दर्द हो रहा है, व्हाट्सएप कहकर विचारों और तथ्यों से दूर नहीं भाग सकते।गुणावगुण पर विचार करें। जो तथ्य बाहर आ रहें हैं उनका व्यवस्थागत मूल्यांकन जरूरी है। किस कारण तथ्य छिपाए गए और ऐसा की हुआ जो नई नई चीजें सामने आ रहीं है।
बौने तय कर रहे हैं गांधी-नेहरू-पटेल-सुभाष का क़द क्या था। व्हाट्सऐपी आरियाँ थामे भाड़े के गुलाम इन आदमकदों को काट कर अपने बराबर लाना चाहते हैं क्योंकि इनके घुटनों तक पहुँचने में भी उन्हें कई जन्म लगेंगे। कई नाशुकरे बच्चे अपनी कमियों के लिए माँ-बाप और पुरखों को ही कोसते हैं।
@Rahultahiliani9
देश में करोड़ों मजदूर, छोटे किसान,दुकानदार,रिक्शा ठेले वाले,शिल्पी कारीगर लोग अपनी मेहनत से अपना पेट भी भरते हैं और दूसरों का भी।जिस पब्लिक ने इन्हें सर पर बैठाया है,एक मिनट में धरती पर पटक देगी।कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।
ग्राम हो या समाज। या किन्ही सन्त का आश्रम या गुरुकुल। युवाओं से विमर्श में एक ही बात कहता हूं, केवल #समस्या नहीं, अब #समाधान भी रखो। आगे बढ़ो, नेतृत्व करो। समर्थन करूंगा। मात्र #समस्या का रुदन लाचार और मानसिक अपंग करते हैं। #जन्मना_योद्धा समस्या नहीं, #समाधान_मूलक होता है। करोगे?
मूल संविधान में उकेरे गए चित्रों के साथ ही संविधान की प्रतियां जारी हों। इन चित्रों के बिना प्रकाशित सभी प्रतिलिपियों को अपूर्ण एवं असंवैधानिक मानकर जब्त किया जाए। बाबा साहब द्वारा निर्मित संविधान की आत्मा *उद्देशिका* को मूलस्वरूप में लाया जाए।
@ocjain4
इतना कुछ होने के बाद केजरीवाल जी के जेल जाने पर उनके कार्यकर्ता पगला गए हैं अब देखिए यह क्या कह रहे हैं सब कुछ स्पष्ट है आएगा तो मोदी ही फिर भी यह सिर मुंडवाने पर तुले हुए हैं