Priyanshu Tripathii
1 year
शूद्र का आंटा, शूद्र का घी,
मजे उड़ावैं ओबीसी ।
शूद्र बेचारे फसल लगावैं,
फसल काट लेई ओबीसी।
पैदा होई जब शूद्र के बेटा,
बंधुआ बनावैं ओबीसी।
आरक्षण से मिलल, नौकरी,
आरक्षण चुरावैं ओबीसी।
शूद्रन के चपरासी बनवावैं,
हाकिम बनिगै ओबीसी।
कर्जा लेके घर बनावैं,
कब्जा लेवै ओबीसी।