और कितना विकास चाहिए मीटरों
जो आंटिया दिन रात भगवान के ट्वीट करती थी
वो अब ऐसी ऐसी जानकारियां पेल रही है कि उन मासूमों को खुद उन जानकारियों की जानकारी तक नहीं
😝🤦
#एलन_है_तो_मुमकिन_है
मैं बैंगलौर में था तब होटल पहुंचा तो रूम बहुत गंदा था
मैंने हिंदी में बोला “रुम में झाडू लगा दो” तो उसे कुछ समझ में नहीं आया।
कन्नड मुझे आती नही थी और उसे हिंदी
फिर मैने सोचा और दो बार बोला “रुम केजरीवाल, रूम केजरीवाल”।
वो फौरन दौडा और झाडू लाके पूरा रूम साफ कर दिया 😂😂
अभी मेरे शब्द हैं मेरे पास
जिनमें भाव हैं और अर्थ भी
इनमें संदर्भ नहीं हैं
मैं लिख ज़रूर देता हूँ
प्यार, आसमान, मुस्कान और चाँद
लेकिन तुमसे अलग रहकर
वे खड़े नहीं रहते
संदर्भ को मैं
नींव मानता हूँ
हम दोनों की
कविता की
मैं तुम्हारे प्यार को
सात आसमान कह देता हूँ
तुम्हारी मुस्कान
ज़िंदगी की धुन बजाई है मैंने वक़्त के साज़ पर,
कभी दर्द पर तो कभी ख़ुशियों की आवाज़ पर
टूटते ही नहीं हैं तार कभी मेरी जीवन-वीणा के,
ग़ज़ल गाई है मैंने हसीन हौसलों के आग़ाज़ पर
इक-इक शेर नाचता है तौफ़ीक़ की धुन जो बजे,
मतला तो बेपर्दा है पर मक़्ता है गहरे राज़ पर
ग़मों से
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
नवरात्रि के प्रथम दिवस पर माँ शैलपुत्री के चरणों में प्रणाम, माँ की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे।
"शुभ प्रभात 🌞🙏
आज का दिन आपके लिए सभी प्रकार से शुभ हो जय माता दी
बहुत दिन बाद
पकड़ में आई...
थोड़ी सी खुशी...
तो पूछा ?
कहाँ रहती हो आजकल.... ?
ज्यादा मिलती नहीं..?
"यही तो हूँ"
जवाब मिला।
बहुत भाव
खाती हो खुशी ?..
कुछ सीखो
अपनी बहन से...
हर दूसरे दिन आती है
हमसे मिलने.. "परेशानी"।
आती तो मैं भी हूं...
पर आप ध्यान नही देते।
@justicierope
Francia ya fue ahora es República PROGRE y dentro de poco Islámica,el COI hizo mal en darle la sede de los juegos Olímpicos 2024 , sabiendo que los PROGRES están haciendo 💩💩a Francia.
वर्षा की बूंद कहीं भी गिरे पर्वत घाटी नदी नाले
गंतव्य मे उसके सागर की जल राशि ही रहती है....
पद और कद चाहे जिस रूप मे बढ़े
सोच का नजरिया वही रहता है....
जय महाकाल🙏
कुछ प्रेम
मिलन के लिए नहीं होते…
वे नहीं होते
साथ चलने के लिए
वे वनवास काटते हुए
अनकहे और अनसुने रहने के लिए होते हैं
वे एक दूसरे के पूरक होते हुए भी
अधूरे रहने के लिए होते हैं
वे मात्र यही संतोष
कर पाते हैं…कि वे किसी के हृदय में हैं
कि वे किसी के मस्तिष्क में हैं
कि कोई
बाहर निकलना जरूरी है !
बाहर निकलो, दुनिया देखो,
धोखा खाओ, अनुभव करो,
मजबूत बनो!
शक्ति ऐसे ही आएगी,
वरना घर में पड़े-पड़े
कब उम्र गुजर जाती है
पता भी नहीं चलता........
जय महाकाल🙏
अपने जीवन में कभी किसी को बहुत खास मत बनाओ...
क्योंकि जब वे बदलते हैं, तो आप उनसे नफरत..
.
नहीं करते बल्कि आप खुद से नफरत करने लगते हैं..!!!
जय महाकाल🙏