Jagwant Singh Sandhu
4 months
कॉरपोरेट अपने उत्पादन का मूल्य, इनपुट माल लागत, लेबर/वर्कर सैलरी, ट्रांसपोर्ट, मार्केटिंग कॉस्ट, ब्याज, फैक्ट्री/गोदाम किराया, इंस्योरेन्स को काटकर, फिर अपने मुनाफे की रकम जोड़कर, ख़ुद तय करता है।
किसान को सिर्फ़ बताया जाता है, “नहीं, यह है तुम्हारी कॉस्ट और सेल प्राइस”।