किससे कहें ? सुनेगा भी कौन ? सब तो व्यस्त हैं,कोई जीतने में, कोई हारने में।हर बार बेबस होकर बस रो लेते हैं,सो रो रहे हैं 😢बचाते रहो अपनी-अपनी पार्टियाँ और अपने-अपने देवता। हम कंधार से बर्मा तक फैले भारत थे ! मरते-लुटत�� रहे थे,रहे हैं...कभी बाहर कभी अंदर वालों से😡👎🏿
#NaxalAttack