![Dr. Ashish Dwivedi Profile](https://pbs.twimg.com/profile_images/1773268034112925696/sgA_ILBm_x96.jpg)
Dr. Ashish Dwivedi
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Proud Indian; Proud Hindu; Philosopher; Thinker; Non-Political Idiology; Nation Building Aim
Jalaun
Joined January 2015
@JaikyYadav16 एक बात बताना भूल गए बो है शिक्षा का विनास कर दिया Private शिक्षा तो मानो धंधा बना दिया
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@rghavndrac21850 कुछ धार्मिक मान्यताएँ भी कुछ चीज होती है हिंदुओ से तो तुम्हे बहुत दिक्कत है मुस्लिम से भी बोलो की चालिसा पर आडंबर ना किया करे अधिनियम किसी व्यक्ति, समाज, धर्म, रीति रिवाजो पर लागू नही होता, ये आपके सिर्फ अंबेडकर जी का संविधान नही है बल्कि 389 विद्वानों का है
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@talk2anuradha They will do caste based policies again and again till all GC withdraw support to BJP
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Fact 1 मैने हिंदू समान्य बर्ग का डाटा दिया इसमे मुस्लिम सिख जैन इत्यादि शामिल नही Fact 2 SC ST की जमीन समान्य बर्ग का व्यक्ति नही खरीद सकता, केवल OBC कर सकता शर्त पहले SC को अपनी जमीन SC व्यक्ति को बेचनी पड़ेगी फिर OBC खरीद सकता Fact 3 जमीन का छोटा आकार होने का कारण ज्यादा बच्चे पैदा करना है जबकि सवर्णो की दर मात्र 1.15 फीसद है
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@SurajKrBauddh आपकी पीड़ा में समझ सकता हूँ कि कैसे एक व्यक्ति जो आजादी के धुर विरोधी थे उनकी प्रतिमा पर नोटिस भेजने की हिम्मत कैसे की भले ही AAP ने गरीब दलितो के बच्चो को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का कार्य किया हो लेकिन भारत ठहरा मुर्खो का देश
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थोड़ा बहनजी के शासन को भी याद कर लेते की कितने राज्यसभा सांसद ब्राह्मण थे राज्यसभा बुद्धिजीवियो के लिए होता है जो लोकतंत्र के लिए सबसे अहम है जँहा राजनीति वाला चूहा बिल्ली का खेल नही होता भाजपा आरक्षण बर्गीकरण की मुखर विरोधी है जबकि केजरीवाल इसके पक्ष में तो उत्साह तो बनता है
आम आदमी पार्टी की नई दिल्ली में दुर्गति दिख रही है। यह भविष्य में बहुजन समाज की पार्टियों के लिए काफी शुभ संकेत है क्योंकि केजरीवाल ने ��ाजपा का नही बल्कि अधिकतर बहुजन समाज की पार्टियों का वोट झटका था। यह काफी अच्छा है। क्योंकि; 1.एक पक्ष होता है। 2.दुसरा विपक्ष होता है। 3.तीसरा न पक्ष होता और न ही विपक्ष होता है। अब राजनीती ही नही बल्कि सामाजिक उत्थान के दौर में "पक्ष व विपक्ष" लोगो के लिए लाभदायक है। सीधा पता होता है कि कौन किसके पक्ष में है और कौन विपक्ष में है। जबकि आम आदमी पार्टी की राजनीति "एससी/एसटी/अल्पसंख्यक" के सहारे चल रही थी लेकिन आम आदमी पार्टी का एक भी कार्य इन वर्गों के लिए नही था। राज्यसभा में 12 से ज्यादा सांसद में एक भी "एससी/एसटी/अल्पसंख्यक" नही था व ओबीसी भी केवल एक ही था जबकि यह सभी भारत की जनसँख्या का 85% से ऊपर है। लेकिन 95% राज्यसभा सदस्य केजरीवाल "ब्राह्मण, बनिया, वैश्य" से बनाएंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी का हारना एससी/एसटी व ओबीसी वर्गों के लिए काफी अच्छा संकेत है। दुश्मन व दोस्त सीधा सीधा आमने सामने दिखना चाहिए। केजरीवाल सीधा सीधा एससी/एसटी को यह सन्देश था कि; "में तुम्हे जीने भी नही दूँगा, और मरने भी नही दूँगा, गला इस प्रकार पकड़े रखूँगा की तुम विरोध भी न कर सको" विकास कुमार जाटव @Mayawati
@AnandAkash_BSP
@BhimArmyChief
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