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Vikas Kumar Jatav
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An Ambedkarite, Political Analyst, Bahujan Thinker, A lawyer. LLB, BTC, B.Ed, https://t.co/3tkoGru9rK, M.A (Education & Political Science), NET Qualified (Commerce)
Dehradun, India
Joined December 2011
डॉक्टर अम्बेडकर को संविधान सभा चुनाव में वोट करने वालो में एक भी मुस्लिम विधायक नही था। ********************************************* मुस्लिम मित्र रोजाना किसी न किसी लेख पर कह देते है कि बाबा साहब को उन्होंने जितवाकर सँविधान सभा भेजा। यह सबसे बड़ी अज्ञानता है। डॉक्टर बाबा साहब अम्बेडकर के बारे में जबसे मेने बताया कि; "बंगाल की जिस जैसोर खुलना एरिया से बाबा साहब को जोगेंद्रनाथ मण्डल ने जितवाकर भेजा, उस चुनाव मे वोट करने वाला एक भी मुस्लिम नही था। तबसे काफी मित्रो ने निम्न सवाल पूछे है; 1.मुस्लिम ने बाबा साहब को जितवाकर सँविधान सभा मे पहुचाया। 2.बाबा साहब के सहायक काजोलकर ने बाबा साहब को हराया तब मुस्लिम लीग ने सीट खाली करवाकर बाबा साहब को संविधान सभा मे भेजा। 3.जब हिन्दू बहुल जैसोर खुलना एरिया को नेहरू ने बाबा साहब को सँविधान से दूर रखने के लिए पाकिस्तान को दिया तब बाबा साहब कैसे सँविधान सभा पहुँचे? वास्तव में इसे समझने के लिए क्रम से तथ्य यह है कि; 1. वर्ष 1945-46 में प्रान्तों के सदस्य (विधायक) चुनने के लिए चुनाव हुए। बाबा साहब की पार्टी अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ की तरफ से पूरे देश केवल बंगाल मे जोगेंद्रनाथ मण्डल चुने गए। 3.अंग्रेजी शासन ने 1946 में कैबिनेट मिशन को सत्ता हस्तांतरण के लिए भारत भेजा। संविधान सभा के लिए चुनाव कराने की घोषणा हुई। 4. 1945-46 में जो प्रान्तों के चुनाव से विधायक चुने गए थे उनके वोट से संविधान सभा के सदस्य चुने गए। बिल्कुल वर्तमान के राज्यसभा चुनाव की तरह। 5.कोंग्रेस ने बाबा साहब को संविधान सभा से दूर रखने के लिए प्रान्तों के चुनाव से ही कोशिस शुरू कर दी थी, और इसे नेहरू-पटेल ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया था। 6. नई दिल्ली में अखिल भारतीय अनुसूचित जाति संघ की मीटिंग हुई, बंगाल में जोगेंद्रनाथ मण्डल एकमात्र सदस्य थे जो बाबा साहब की पार्टी के विधायक बने थे। जोगेंद्रनाथ मण्डल ने बाबा साहब को संविधान सभा मे भेजने का जिम्मा अपने ऊपर लिया। 7.जोगेन्द्रनाथ मण्डल ने कोंग्रेस के एससी, निर्दलीय, आदिवासी विधायको को समझाया कि बाबा साहब का सँविधान सभा मे पहुचना कितना जरूरी है। 8.इसके बाद डॉक्टर अम्बेडकर को मण्डल ने बंगाल आमंत्रित किया। डॉक्टर अम्बेडकर जब बंगाल आये तब चुनाव में केवल 3 सफ्ताह का समय रह गया था। डॉक्टर अंबेडकर ने पर्चा भरा जिसके प्रस्तावक समर्थक जोगेंद्रनाथ मण्डल व एक एससी कोंग्रेस विधायक थे। 9.चुनाव हुए, लेकिन कलकत्ता की सड़कों पर दंगा हो रहा था जिससे की अंबेडकर जीत न सके, कहा जाता है कि पंजाब से एससी सिख बड़ी तादात में अम्बेडकर को प्रोटेक्ट करने के लिए कलकत्ता गए व दंगो का सामना नामसूद्र जाति के शूरवीरो के साथ मिलकर किया। कोंग्रेस ने एक सदस्य को किडनैप करवा लिया लेकिन वो किसी तरह से भाग गया और बाबा साहब को वोट दिया। 10.जोगेंद्रनाथ मण्डल के सहयोग से कोंग्रेस सहित अन्य पार्टी के कुल 6 एससी व एक आदिवासी विधायक ने अपनी पार्टी की जगह डॉक्टर अंबेडकर को वोट दिया जो निम्न है; 1. जोगेन्द्रनाथ मंडल (नाशूद्रर), बारीसाल, शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन। 2. मुकुन्दबिहारी मलिक (नामशूद्र), स्वतंत्र, खुलना। 3. द्वारिकानाथ बरूरी (नामशूद्र), कांग्रेस, फरीदपुर। 4. गयानाथ बिस्वास, (नामशूद्र), कांग्रेस, टंगेल। 5. नागेन्द्र नारायण रे, (राजबंशी), स्वतंत्र, रंगपुर। 6. क्षेत्रनाथसिंहा (राजबंशी), कांग्रेस, रंगपुर। 7. बीरबिरसा, कांग्रेस (आदिवासी), मुर्शीदाबाद। 11.सुभाष चन्द्र बोस के भाई शरत चन्द्र बोस को बाबा साहब ने एक वोट से हरा दिया। अब पुनः शुरू के प्रश्नों पर आते है। 1.बाबा साहब को 3 जिलो के 7 विधायकों ने वोट किया जिनमे एक भी मुस्लिम नही था। मुस्लिम लीग इस मामले मे तटस्थ रहे, पंगा नही लिया क्योंकि जोगेंद्रनाथ मण्डल का अलग ही रुतबा था। 2.काजोलकर का विषय सँविधान सभा से सम्बंधित नही है। सँविधान बनने के बाद व उसके लागू होने के बाद भारत के पहले आम चुनाव 1951-52 मे जब बाबा साहब ने चुनाव लड़ा तब उनके सहायक काजोलकर ने उन्हे हराया था। 3.तीसरे का उत्तर यह है की जैसोर खुलना को पाकिस्तान को देने का षडयंत्र सभी ने देखा, दलित संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी। बाबा साहब ने संविधान सभा को न मानने व आंदोलन की धमकी दे दी, जिसके कारण कोंग्रेस को भय हो गया कि बाबा साहब अड़चन पैदा कर सकते है व एक सन्देश जा सकता है कि देश की एससी जातियो को संविधान बनाने से दूर रखा गया. नेहरू को प्रधानमंत्री बनने में खतरा महसूस हुआ। अंग्रेजी शासन का दवाब भी था। इसलिए नेहरू व गाँधी जी ने बॉम्बे से अपने एक सदस्य जयकर का इस्तीफा दिलवाकर बाबा साहब को पुनः हुए उपचुनाब मे बॉम्बे से जितवाकर संविधान सभा मे भेजा। विकास कुमार जाटव
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बाबा साहब पर गाए गए इस सॉन्ग में काफी अच्छी आवाज दी गयी है, यह बहन बधाई की पात्र है। भाषा समस्या के कारण समझ मे नही आया लेकिन महसूस जरूर किया जा सकता है। फिर भी काफी अच्छी वॉइस है। विकास कुमार जाटव Video from @RajeevVihari
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@The___brahmans जब जातिगत जनगणना नही हुई तब कैसे पता लगा कि ब्राह्मण कितने है व क्षत्रिय जाट, गुर्जर नई दिल्ली में कितने है। जातिगत जनगणना केवल एससी व एसटी की होती है।
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आप भाजपा से आर्टिकल 30 में परिवर्तन क्यो नही करवा देते। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि; "शिक्षा का अधिकार अधिनियम" के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों में 25% गरीब बच्चो को एडमिशन देने का प्रावधान अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू नही होता है। इसलिए लॉटरी के समय जिले के सभी अल्पसंख्यक स्कूल लिस्ट में नही दिखते। गरीब इंहा तक कि गरीब मुस्लिम के का बच्चा सरकारी फीस पर इन स्कूलों में नही पढ़ पाता।
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बसपा नई दिल्ली में 6ठे नम्बर पर रही है। दशमलव 57 प्रतिशत वोट मिला है। लेकिन में उत्तर प्रदेश से बाहर बसपा के प्रदर्शन की अपेक्षा नही करता, न ही उत्साहित या निराश होता हूँ क्योंकि उत्तर प्रदेश बसपा के लिए पावर हाउस है जँहा से वो अन्य राज्यो में बसपा व अपने शोषित समाज को मनोबल ट्रांसफर करती है। जब तक उत्तर प्रदेश के पावर हाउस को मजबूत नही किया जाएगा तब तक अन्य राज्यो के परिणाम को में ज्यादा गम्भीरता से नही लेता। प्रश्न ही कि उत्तर प्रदेश के पावर हाउस को कैसे मजबूत किया जाए। उसका उत्तर इस नीचे के लेख में है। विकास कुमार जाटव
प्रश्न : बसपा का वोटर्स कैसे वापस आ सकता है? उत्तर : बहुत आसान है। मान्यवर कांशीराम साहब व बहनजी ने जँहा से व जिस तरीके से शुरुआत की थी, उसी प्रकार से। 1.क्योंकि जैसे; 1.सपा व आरजेडी की रणनीति है कि मुस्लिम को भाजपा का डर दिखाओ और उसमे यादव जोड़ दो। नई नीति में मान्यवर व बहनजी की "बहुजन" का नाम बदलकर "पीडीए" रख दो। 2.भाजपा की रणनीति हिंदुत्व थी। लेकिन मोदी ने परिवर्तन करके हिंदुत्व+मान्यवर के बहुजन मिशन की रणनीति के तहत एससी/एसटी व ओबीसी को जोड़ने का लक्ष्य रख। जिसमे मान्यवर के "कैडर" की तरह "गाँव चलो" अभियान। 3.कोंग्रेस की रणनीति का कुछ पता नही है। सत्ता मिलते ही परिवर्तित हों जाती है जिसमे एससी/एसटी को ठेंगा दिखाना है। अब कोंग्रेस भी मान्यवर के बहुजन विचारधारा को सम्मलित कर रही है। 2.अब; "इंहा यह अंतर है कि एससी/एसटी की पार्टी के लिए उतना आसान नही है जितना सपा, आरजेडी, कोंग्रेस व भाजपा व अन्य के लिए है क्योंकि दलित पार्टियों के विरुद्ध यह सभी पर्दे के पीछे से एक हो जाते है" 3.अब इंहा एससी ऐसा समाज है जिसका बेवकूफ/मूर्ख आसानी से बना दिया जाता है। जैसे बाबा साहब व मान्यवर कह गए कि आपको शासक बनना है, वंही कोंग्रेस कमजोर डीएनए वाले एससी से ही कहलवा देते है कि जो ऐसा कहेगा वो समझो आरएसएस द्वारा भेजा गया है। 4.ऐसे मे समाज के सामने जाकर ऐसा भाषण व तथ्य पेश करने पड़ेंगे की सभी सोचने के लिए मजबूर हो जाये। आँखों मे आंसु आ जाए। प्रश्न है कि यह कौन कर सकता है? ब्राह्मण, त्यागी, भूमिहार श्रीवास्तव, अन्य कायस्थ बनिया, अग्रवाल या फिर "अनुसूचित जाति का व्यक्ति?" उत्तर : अनुसूचित जाति का व्यक्ति और वो भी वो ही एससी जिसका सीधा कनेक्ट इसी समाज से रहा हो। कारण : वो इसी समाज मे पैदा हुआ, उसी में बड़ा हुआ। उसे समाज का दर्द पता है। 5.उदाहरण के लिए; "सहारनपुर के बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर स्पोर्ट्स स्टेडियम में हर वर्ष 14 अप्रैल को सभ्यता के दायरे में व्यवस्तिथ तरीके से कार्यक्रम होता है। जाटव नगर सहारनपुर की संस्था "प्रगतिशील युवा मंच" इसका आयोजन करती है। यह उत्तर प्रदेश की सबसे पुरानी संस्था में से है, जो मान्यवर के बीएसफोर के समय पूर्व प्रेरित होने से बनी थी। " मेरे आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट के वकील श्री @rrbag_ पिछले साल 14 अप्रैल को मुख्य वक्ता के तौर पर सम्मलित हुए। जिस समय वो भाषण दे रहे थे उस समय मे नही था। लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही सभी उनसे मिलने के लिए उत्सुक थे। मेरे परिवार वाले तक मुझे बता रहे थे कि उन्होंने ऐसा भाषण दिया जो जबरदस्त था। अथार्त पूरे जनसमुह को एकाएक सोचने के लिए मजबूर कर दिया। इस स्तर तक की 99.99% प्रभावित हुए। अब उन्होंने पूरी भीड़ को ऐसा क्या कहा कि पूरी भीड़ मनोवैज्ञानिक तरीके से एकाएक आकर्षित हो गयी। वास्तव में वो इसी समाज से है। मान्यवर साहब, बहनजी की तरह जानते है कि इस समाज की जरूरत क्या है, उसे क्या चाहिए, उसे कैसे समझाए की आपको जो चाहिए उसे प्राप्त करने का रास्ता क्या है। 6.एक अन्य उदाहरण दूँगा की। जय प्रकाश के बारे में आप दस नेगेटिव बात कर लीजिए। लेकिन उस बन्दे में एक खूबी मेने देखी की वो समाज को जोड़ने की कलाकारी रखता है। में अपने घर से चला, अपनी भाई की दुकान पर पहुचा। ��ेखा क्या की एक बन्दा अपनी कार से माइक निकालकर गाड़ी के ऊपर रखे लाउडस्पीकर से बहुजन समाज के महापुरषो के बारे में अकेला ही खड़ा होकर बता रहे थे। इस स्तर तक कि जो दलित भाजपा से जुड़ गए वो तक आकर सुन रहे थे। यह कलाकारी बसपा को आगे ले जा सकती है। 7.बसपा को समझ लेना चाहिए कि उसका कोर वोटर्स ही उसकी जड़ है। यह कोर वोटर्स सस्ते राशन, योजनाओं से , होर्डिंग से, पम्पलेट से, किसी अनावश्यक भाषण से प्रभावित नही होता है बल्कि उसे एहसास करवाने से होता है कि; "तुम्हारे मानव अधिकार छीन लिए गए थे, उसे बाबा साहब, मान्यवर कांशीराम व बहनजी ने फिर से वापस दिलवाए, लेकिन यह स्थाई वापस नही मिले है, फिर छीने जा सकते है, और उसी जगह आपको पहुचाया जा सकता है। " 8.महत्वपूर्ण यह है कि आर आर बाग जैसे काफी बुद्धिजीवी इस समाज मे है, उनकी सहायता लेकर फिर से बसपा को खड़ा किया जा सकता है। विकास कुमार जाटव @Mayawati
@AnandAkash_BSP
@rrbag_
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RT @vkjatav84: आम आदमी पार्टी की नई दिल्ली में दुर्गति दिख रही है। यह भविष्य में बहुजन समाज की पार्टियों के लिए काफी शुभ संकेत है क्योंकि…
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@azizkavish इससे समझ सकते है कि भारतीय धर्मो को मानने वाले कभी भी धार्मिक कट्टरवादी नही रहे है। जैसे जूनियर औवेशी 15 मिनट पुलिस हटाने का बयान देकर विधायक बनता आया है क्योंकि उसके बयान से एक वर्ग उसका जबरदस्त फैन हो गया, उस प्रकार विधूड़ी का हिन्दू नही हुआ।
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उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर उपचुनाव हुआ। उसमे; भाजपा को मिले = 1 लाख 46 हजार सपा को मिले = 84 हजार भाजपा प्रत्याशी अपने विरोधी सपा उम्मीदवार से 61 हजार वोट से जीत गयी जबकिं यह शीट सपा विधायक के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। कारण? उपचुनाव में बसपा नही लड़ी। क्योंकि; "जँहा बसपा नही लड़ती उसका वोटर्स सपा के 2012 से 2017 के राज को याद करके डर जाता है। तब खुलेआम दलितो को आजम खान जैसे धमकियां देते थे, बाबा साहब को भूमाफिया कहते थे। प्रमोशन में आरक्षण, भूमि सुधार अधिनियम में दलितो को भूमिहीन करने की योजना, बहुजन महापुरुषों जिसमे अधिकतर ओबीसी ही थे के नाम से बनी योजनाओं को खत्म करना से लेकर तमाम बातें याद आ जाती है" हालाँकि लोकसभा में एक बार सँविधान बदलने के नाम पर वो अफवाहों में आ गया इसलिए थोड़ा स्विंग हुआ ओर भाजपा 35 से नीचे आ गयी। लेकिन उसके बाद उसने देखा कि; " लोकसभा के बाद सपा दलित मुद्दों से गायब हो गयी। उसकी जगह अखिलेश धार्मिक यात्राओं पर निकल लिए। इंहा तक कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जो कि आरक्षण विरोध में बाते करते है, अखिलेश उनके चरणों मे नतमस्तक हो जाते है। इसलिए दलित वर्ग के सर पर जो सँविधान खत्म होने का बुखार चढ़ा था वो हट गया" अब अखिलेश यादव "दलितो" को "मुस्लिम" की तरह समझ लिए की कँहा जाएंगे दौड़कर हमारे पास आएंगे। अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी ने एक टीवी साक्षात्कार में मुस्लिम को मुस्लिम देश जाने की सलाह दी लेकिन एक भी मुस्लिम ने अखिलेश दे नही पूछा कि यह आपके गुरुजी क्या कह रहे है। अब दलित ऐसे नही है। उन्हें दिख गया कि अखिलेश यादव जी शंकराचार्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी के चरणों मे बैठे है और वो आरक्षण के विरोध में बयान दे रहे है। इसलिए अखिलेश गलती कर गए कि जैसा वो "मुस्लिम" के बारे में सोचते है वैसा ही दलित वर्ग होगा। इसलिए; "जितना बसपा कमजोर होगी उतना ही गैर भाजपा पार्टियों को खत्म होगी" विकास कुमार जाटव
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आम आदमी पार्टी की नई दिल्ली में दुर्गति दिख रही है। यह भविष्य में बहुजन समाज की पार्टियों के लिए काफी शुभ संकेत है क्योंकि केजरीवाल ने भाजपा का नही बल्कि अधिकतर बहुजन समाज की पार्टियों का वोट झटका था। यह काफी अच्छा है। क्योंकि; 1.एक पक्ष होता है। 2.दुसरा विपक्ष होता है। 3.तीसरा न पक्ष होता और न ही विपक्ष होता है। अब राजनीती ही नही बल्कि सामाजिक उत्थान के दौर में "पक्ष व विपक्ष" लोगो के लिए लाभदायक है। सीधा पता होता है कि कौन किसके पक्ष में है और कौन विपक्ष में है। जबकि आम आदमी पार्टी की राजनीति "एससी/एसटी/अल्पसंख्यक" के सहारे चल रही थी लेकिन आम आदमी पार्टी का एक भी कार्य इन वर्गों के लिए नही था। राज्यसभा में 12 से ज्यादा सांसद में एक भी "एससी/एसटी/अल्पसंख्यक" नही था व ओबीसी भी केवल एक ही था जबकि यह सभी भारत की जनसँख्या का 85% से ऊपर है। लेकिन 95% राज्यसभा सदस्य केजरीवाल "ब्राह्मण, बनिया, वैश्य" से बनाएंगे। इसलिए आम आदमी पार्टी का हारना एससी/एसटी व ओबीसी वर्गों के लिए काफी अच्छा संकेत है। दुश्मन व दोस्त सीधा सीधा आमने सामने दिखना चाहिए। केजरीवाल सीधा सीधा एससी/एसटी को यह सन्देश था कि; "में तुम्हे जीने भी नही दूँगा, और मरने भी नही दूँगा, गला इस प्रकार पकड़े रखूँगा की तुम विरोध भी न कर सको" विकास कुमार जाटव @Mayawati
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अमरीका से अवैध प्रवासी भारतीयों को जो सीमा में घुसते हुए पकड़े गए थे, को हथकड़ियां व पैरों में जंजीर बाँधकर भारत वापस भेजा गया है। यह अपमान है। इसमे कोई दो राय नही। उससे बड़ा भारतीय सम्प्रभुता पर हमला यह है कि मिल्ट्री एयरबस से भेजे गए है। बाकी जिस प्रकार अमरीका असभ्यता दिखा रहा है उससे यह सिद्ध हुआ कि; "पूरी दुनिया मे भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जँहा अब अपराधी तक को हथकड़ी पहनाना बन्द कर दिया गया है। ऐसा करने पर अदालत हड़का तक देती है। " वास्तव में यह सभी हमे इसलिए महसूस नही हो रहा है क्योंकि विदेशी देशों की कार्यप्रणाली पर हम रिसर्च नही करते है। वास्तव में हमे भाग्यशाली समझना चाहिए कि हम एक शांत देश मे है। नही तो पूरी दुनिया मे अधिकतर देश समस्याओं से घिरे हुए है। इसका मुख्य कारण; "भारत मे एक विशाल सँविधान का होना है। वास्तव में जैसा सँविधान इस समय भारत मे लागू है, वो नही होता तो दुनिया का सबसे बड़ा समस्याग्रस्त देश भारत ही होता क्योंकि इंहा विभिन्न धर्म, भिन्न भिन्न पंथ, विचारधारा, वर्ण व्यवस्था, जातिवाद जैसी समस्या है जो पूरी दुनिया मे किसी देश मे एक साथ नही है" लेकिन भारतीय संविधान सभी मे समन्यव बनाकर रखता है। सँविधान की जय। सँविधान निर्माताओं की जय। विकास कुमार जाटव
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@DrBPASHOKIPS गौरवशाली रूप से सामाजिक कार्य करते हुए सरकारी सेवा करके सेवानिवृत्त होने पर आपको बधाई।
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तीसरी बार मूर्खता। मध्य प्रदेश में 11 करोड़ एससी कँहा से आ जाएंगे जबकिं मध्य प्रदेश की 2011 में जनसँख्या ही 7 करोड़ से 8 करोड़ के बीच थी। कोई आपको तरह ही लास्ट में गलती से जीरो बढ़ा गया जिसका स्क्रीनशॉट आप लगा रहे है और तुमने मान भी लिया। इससे अपकीं मानसिक योग्यता नर्सरी के बच्चे जैसी दिख रही है।
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@Jadoun2002 दुबारा मूर्खता। यह भारत सरकार द्वारा 2011 की जनगणना रिपोर्ट है। जो पब्लिक में है। कभी मंगवाकर पढ़ना। नेट तक पर है। कुछ मेहनत करना सीखें। सर्च करे। मिल जाएगी।
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अज्ञानता मूर्खता प्रदर्शित करती है इसलिए में कई बार कह चुका हूँ कि मेरे लेख पर कमेंट करने से पहले अच्छी तरह पढ़कर आया करो। मध्य प्रदेश का 2011 का यह आंकड़ा है जिसमे 1 करोड़ 10 लाख लगभग में 54 लाख के लगभग अकेले चमार व उसकी उपजाति जाति से है। इसके अलावा इस लिस्ट में कुछ जातियो को अलग दिखाया गया है जबकि व्व6 वास्तव में चमार वर्ग से ही है।
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@hdbfsl I have already DM you but I couldn't get satisfaction reply from your side, only getting messages in the email that we are working and reverting you within 7 days.
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