अरविंद कुमार मिश्रा
2 years
1. भस्म उड़ा कर मिट्टी की, सिर हाथी के चढ़ जाता था, राणा प्रताप तेरा घोड़ा भी #क्षत्रिय_धर्म निभाता था, चिर हवा सा उड़ता था चेतक, पवन देख थर्राता था, महाराणा में तेरा सिंहासन,मृत्यु तक का नाता था, नमन तुम्हें हे महाअश्व ,तेरी व्यर्थ नहीं कुर्बानी है