वही कच्चे आमों के दिन गाँव में हैं,
वही नर्म छाँवों के दिन गाँव में हैं ।
मगर ये शहर की अजब उलझने हैं
न तुम गाँव में हो न हम गाँव में हैं।।💥
डॉ. कुमार विश्वास
@DrKumarVishwas
तुमको पथ में कुछ मर्यादाएँ रोकेंगी
जानी-अनजानी सौ बाधाएँ रोकेंगी
लेकिन तुम चन्दन सी, सुरभित कस्तूरी सी
सारी बाधाएँ तज, बल खाती नदिया बन
मेरे तट आना....
एक भीगा उल्लास लिये
#कुमार_विश्वास
@DrKumarVishwas
@Hindinama2
फ़ना के बाद भी मुझको , सता रहा है कोई
चराग़ क़ब्र पे मेरी जला रहा है कोई
मेरे खुदा मुझे थोड़ी सी ज़िन्दगी दे दे
उदास मेरे ज़नाज़े से जा रहा है कोई
#नरेश_कुमार ' शाद '
ये उर्दू बज़्म है और मैं तो हिंदी माँ का जाया हूँ
ज़बानें मुल्क़ की बहनें हैं ये पैग़ाम लाया हूँ
मुझे दुगनी मुहब्बत से सुनो उर्दू ज़बाँ वालों
मैं हिंदी माँ का बेटा हूँ, मैं घर मौसी के आया हूँ।
#कुमार_विश्वास
@DrKumarVishwas
#काव्य_कृति✍️ #काव्य✍️
#विश्व_हिंदी_दिवस_10_जनवरी
Good morning ,Madam!🙏
वही प्यास के अनगढ़ मोती,
वही धूप की सुर्ख कहानी,
वही आंख में घुटकर मरती,
आंसू की खुद्दार जवानी,
हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जाने ..!
हार जीत तय करती है वे, आज कौन से घर ठहरेंगे !!
कुमार विश्वास
@ArtiParmar23