अकेली छुट्टियां मना रहें हूँ उदयपुर मे
आपकी इंतज़ार में ये दिल धड़कता है
आपकी याद में ये जिस्म मचलता है
जल्दी से यया जाओ मेरी जान
अब तो रहा भी नहीं जाता
कमी तुझमे ना थी,,मेरी मजबूरियों में थी ,
अधूरी में ही थी,
इक हमसफ़र की तलाश थी,
पर इ�� दुनिया के कायदे है अजीब
प्यार करना नहीं है मेरे नसीब
कोई क्यों पतझड़ चुनेगा खुद के खातिर ये क्यों ना समझते यारो
यक़ीन है मुझे आप पर ,
पर इस दुनिया के सामने मजबूर हू
हमसफ़र खूबसूरत हो या ना हो,
लेकिन सच्चा होना चाहिए,
है मुझे अब यकीन
के मिलेंगे हम भी
तुमसे कभी ,
मेरी कहानी होगी पूरी
आएगा एक दिन
जब सितारों तले
होंगे संग संग हम
अकेले रहने का भी एक अलग सकुन है….
ना किसी के लौट आने कि उम्मीद…!
ना किसी से अलग होने का डर…!!
जिस दिन खुद से दोस्ती हो जायेगी,
इस कमबख्त अकेलेपन से निजात मिल जायेगी
क्या करोगे इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,
क्या मिलेंगे इस अधूरे सपने से मोहब्बत करके।
पर इश्क उसी से करो जिसमे कमिया बेमुशार हो,
ये खूबियों से भरे चेहरे इतराते बहुत है।
और इश्क उसी से करो जिसका दिल साफ़ हो ,
सुंदर अप्सराओ का तो शायद गुरुर कम नहीं होगा।
हर दिन नयी सुबह से शुरूआत होती है,
अगर हो जाये किसी अपने से बात तो बहुत ख़ास होती है,
कोई अगर मुस्कुराहट के साथ गुड मॉर्निंग बोल दे,
तो पूरा दिन खुशियों की बरसात होती है।
Good morning....
ऐ चाँद
मन्नतो वाली इस शाम में,
इक मन्नत मेरी कबुल कर दे,
ख्यालो में आने वाले सजना को ,
तू हकीकत में बदल दे .
तपस्या सार्थक कीजो मेरी ।
आज है करवा चौथ,
पूरा दिन किया उपवास,
ऐ चाँद दौडे आओ हमारे पास।
कल भी अकेली थी
आज भी अकेली हूँ
कोई साथी न मिला
जो मुझे प्यारा सा नाम दे
पुरानी होकर भी खास होती जा रही हू
सौंन्दर्य देखने वालो की आँखों में होता है
सुंदरता चेहरे में नहीं होती
सुंदरता विचारो में होनी चाहिए
सुंदरता आपके दिल और आत्मा में होनी चाहिए
चांदनी रात अलविदा कह रही है,
ठंडी सी हवा दस्तक दे रही है,
जरा उठाकर देखो नज़ारों को,
एक प्यारी सी सुबह आपको शुभ दिवस कह रही है!
ठंडी हवा लेके आई पैगाम हमारा, जागो, उठो, तैयार हो जाओ, खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा
ना जाने कब मिलेंगे तेरे बाहों के घेरे
ना जाने कब पूरे होंगे ख्वाब यह मेरे
हर पल तुम्हारे साथ गुजरे
रात साथ सोएं और साथ जागे सवेरे
प्यार की हसीन दुनिया में खोना है
मुझे तेरी बांहों में सोना है
बहुत मन कर रहा है तुमसे मिलने का
हो सको तो कुछ पल के लिए आज खवाबो में आ जाना,
आओ खवाबो में दो पल साथ गुजर ले प्यार से
फिर ऐसा मिलन हो न हो
शुभ रात्री .
कुछ लम्हों की ज़िन्दगी है, ज़ी लो इसे खुशनसीबों के जैसा,
महकते रहो सदा फूलों के जैसा, अगर बिखरो तो बिखरो खुशबू के जैसा।
सुबह-सवेरे सूरज का साथ है, चहकते हुए पंछियों की मधुर आवाज है,
हाथ में चाय का प्याला और यादों में कोई ख़ास है,
गुज़रेगा दिन यह खुशनुमां दोस्तों
शुभ प्रभात..
डार्लिंग, जब तुम मुझे छूते हो, तो यह स्पष्ट हो जाता है,आप मेरे लिए कितना मायने रखते हैं
मैं अपने दिल की धड़कन को आपके दिल क़े साथ ताल में सुनती हूं,
हर धड़कन के साथ कि गर्मजोशी भरा प्यार मुझे आपके और करीब लाता है |
गुजरते साल के साथ मैं भी थोङे सी गुजरी हूँ बिखर कर अब नयी सी निखरी हूँ
मैने दूरी अपने अपनों से बनाई है, न छूने की उन्हें कसम सी खाई है
वर्क फ्रॉम होम और वर्क फॉर होम में थोड़ी सी उलझ सी गई हूँ
वेंटिलायटर पर है आशाएं मेरी पर,हौसलो की उड़ान जारी है
नया वर्ष आपके लिए शुभ हो.
तुम्ही ने छुआ होगा ,मेरा पल्लू फिसल गया
हवा यूँ बेवजह कभी नहीं बहकी
पर्दा तो होश वालों से किया जाता है ,
चले आओ हम तो नशे में है..!!
सुना है मेरी सूरत को देखने वाले.,
कोई और नशा नहीं करते।
मेरे दिल के पास रहने वाले वाले अजीज साथियो. के लिए
ये कैसा अजब सा प्यार है
जिस में ना मिलने की आस ना कोई तकरार है
दूरियाँ इतनी की सही न जाएँ
फिर भी निभाने की चाह बरक़रार है
उदासियों की वज़ह तो बहुत है ज़िन्दगीं में,
लेकिन बिना वज़ह के ख़ुश रहने का
मज़ा ही कुछ और है
ख़ुश रहने का राज़ यही है कि
जहां हो उसे स्वीकार करो,
हर लम्हे को जी भर के जियो।
छुपा लो मुझे अपनी बाहों में,
हवा भी गुज़रने के लिए इज़ाज़त मांगे,
हो जाऊं तेरे इश्क़ में मदहोश इस तरह,
कि होश भी वापस आने के इज़ाज़त मांगे..!!
शान से रहेंगे तेरे दिल में सनम,
तेरी मोहब्बत पे जान निसार करेंगे,
देख के जलेंगी हमे दुनिया सारी,
इस कदर बेपनाह तुझे प्यार करेंगे..!!
बचपन को साथ रखियेगा जिन्दगी के शाम में,
उम्र महसूस न होगी सफ़र के मुकाम में.
किसने कहा बढ़ती उम्र,सुन्दरता को कम करती है,
ये तो बस चेहरे से उतरकर,दिल में आ जाती है.
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस
इतनी सी है अब मेरी,
कि साथ तेरा हो और
ज़िंदगी कभी खत्म न हो ।
अपनी हर आरज़ू में,
अपनी हर दुआ में आपकी ख़ुशी मांगते हैं,
जब सोचते हैं क्या तोहफा मांगें आपसे,
तो आपसे उमर भर कि आपकी महोब्बत मांगते हैं
शुभ रात्रि
अंग से अंग लिपट गया
कहने को थे दो बदन
जान जैसे एक थी
आँखों में तेरे भरपूर शरारत
गरम सांसे पाकर तेरी
मरुस्थल में मेरे फूल खिले
तू ही तू था मुझमे उस क्षण
मैं भी तुझमे समां गयी
मेरे अधूरे सपनो को तूने
दुल्हन जैसे सजा दिया
हर पल हुआ जैसे सिंदूरी
अब रहा ना मन अधूरा
छुपा लें हम एक दुसरे को अपनी आगोश में इस तरह, चम् चमते क्रिसमस ट्री की सामने
कि हवा भी ना गुजर पाएं,हो जाएँ मदहोश एक दुसरे की मोहब्बत में इस कदर,कि होश में ही ना आ पाएं !!
तेरे होठो को फिर से अपना आशियाना बनाना है,
यह एक सही क्रिसमस की संध्या का मेरा सपना है।
मुस्कुराओ क्या गम है, जिंदगी में टेंशन किसको कम है, अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है, जिंदगी का नाम ही.. कभी खुशी कभी गम है!! ?
तस्वीर के चाहे हज़ारों रंग क्यों न हो, मुस्कराहट का रंग सबसे ख़ूबसूरत ही होता है…
“सुप्रभात
For all my Fans whom i am unable to reply..
मै अपने खवाबो की कैद में हूँ,
मै इनसे छूटना नही चाहती,
हकीकत की दुनिया मेरे नसीब में नही है,
तो मुझे अपने खवाबो की कैद में रेहने दो ,
आप भी मुझे अपने खवाबो में बसा लो ,
आज़ाद हूँ मै जी लेने दो
शुभ रात्रि
सुंदरता हो न हो, सादगी होनी चाहिए,
खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए,
रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए,
मुलाकात हो न हो, बात होनी चाहिए,
कृपया फोन नंबर / फोटो के लिए न कहें
गोपनीयता महत्वपूर्ण है। मैं एक पूर्ण महिला नहीं हूं
लेकिन मेरा स्वाभिमान है
शुभ रात्रि..
बेनाम सी ख़्वाहिशे
मुझे अपनी काल्पनिक दुनिया में रहना पसंद है। मेरी उस दुनिया में सुंदरता है, प्यार है, खुशी है। इस संसार का सच मुझे कोई प्रेरणा नहीं दे पाता। अपनी काल्पनिक दुनिया से मुझे जो प्रेरणा और शक्ति मिलती है उसी से मैं वास्तविक दुनिया के सच को बदलना चाहती हूँ।"
प्यार भरा ये हिंदी गाना..
अभी मुझ में कहीं..
बाकी थोड़ी सी है जिन्दगी..
जागी धड़कन नई
जाना ज़िन्दा हूं मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हे में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अभी है सामने
इसे छु लूं ज़रा
खुशियाँ चूम लूं
या रो लूं ज़रा
मर जाऊं या जी लूं ज़रा
शुभ रात्रि..
काश कोई मेरे गुलाबी लबो को अपने लबो में समां ले ,
मेरी रूह का मिलन उसकी रूह से हो जाये,
साया बन के चलूँ जीवन भर उसके साथ रे ,
काँधे पे सर और हाथों में हाथ रख
कट जाये ये जीवन साथ रे
बस इतना है ख्वाब है
मेरे पास अन्य मुखौटे भी हैं,
दूसरों की तुलना में कुछ अधिक आरामदायक।
लेकिन मैं उन्हें पहनना नहीं चाहती ।
मैं क्यों छिपूं? किसे मास्क के पीछे,
क्योंकि दूसरे लोग क्या सोचते हैं
मैं अपना मुखौटा उतारना चाहती हूं,
शायद यह सही समय नहीं है।
लेकिन क्या यह कभी होगा?
हम समय से आगे भाग रहे हैं
महत्वाकांक्षाओं और झूठ का पीछा करते हुए
मुझे आपके पैसे की जरूरत नहीं
मुझे तुम्हारी ज़रूरत है
मुझे कभी अकेला मत छोड़ो
सुबह से शाम तक मेरे साथ रहो
जब चीजें गलत हों ख्याल रखो
मैं आपको महसूस करना चाहती हूं
चलो आज रात प्यार करे
मैं प्यार में उड़ना चाहती हूं
ढलती शाम का खुला एहसास है ,
मेरे दिल में तेरी जगह कुछ खास है ,
तू नहीं है यहाँ मालूम है मुझे …
पर दिल ये कहता है तू यहीं मेरे पास है.
आपकी रात मधुर और वासना से भरी हो
भीगा बदन था मेरा,
तन पे मेरे पानी की बुंदे
देखकर नज़रे तेरी फिसली थी
लगी जो आग लगन की देखो
गिला बदन जल गया
छूने लगा था तू जो मुझको
पत्थर जैसी पिघल गई
सबर का बाँध चटक गया
तन से तन मिला तेरा मेरा
शर्म की ओढ़नी उतार कर
मैने प्यार तेरा पहन लिया
सपनो में जब उसने मुझे छुहा
मन में एक तूफ़ान सा उठा
मेरे तन में मची थी हलचल
और दीवानी हो गई थी मै
सपने तो पुरे सपनो में ही होते है
तकदीर का ही खेल है सब
पर ख्वाहिशे है की समझती ही नही
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो..!
Happy Diwali...
आज इतना भिगो दूगी तुझे अपनी चाहत की बारिश में की तू पल-पल मेरे साथ को तरसेगा..
आज इतने दिए रोशन करुँगी तेरी चाहत में के तू पूरी तरह मुझमे पिंघल जायेगा ..
आज चाहत कुछ ऐसी है, के रंग भी तेरा है और संग भी तेरा चाहिए..
मेरे ट्विटर के दोस्तों के लिए
अक्सर सोचती हूँ तो लगता है
ये अधूरापन भी तो सही है
आप सबका प्यार जो होता है
मुझे पूरा करने के लिए ..
अंधेरी दुनिया की परवाह किसे है
मेरे तो सपनों में आप सबका साथ जो है
किसी से क्या कहूँ मैं अपने बारे में
मेरी तो हर बातों में आप ही आप हो
कह देंगे उनसे हम अपने दिल की दास्तां,
अभी तो होंठ खुले है कि पूरी बात बाकी है।
ठहर जा चाँद तू अभी आसमाँ में ही कही,
अभी लेना हाथों में उनका हाथ बाकी है।
मिले थे बरसों पहले उन्ही गालियों में हम कहीं,
हाँ थोड़े पास आये हैं पर मुलाकात बाकी है.....
I luv this hindi song
आज से तेरी सारी गलियां मेरी हो गयी आज से तेरा
घर मेरा हो गया
आज से मेरी सारी खुशियाँ तेरी हो गयीं आज से तेरा गम मेरा हो गया
आज से मेरी सारी रतियाँ तेरी हो गयीं आज से तेरा दिन मेरा हो गया
जीवन के हर मोड़ पे ,मिल जायेंगे हमसफ़र
जो दूर तक साथ दे ,ढूँढे उसीको नज़र
तू वह ही है जिसको ढूँढे,कब से मेरी दो निगाहें है
चलते चलते मिल जाएँगी,तेरे मेरे दिल की राहें
इतने बड़े इस जहाँ में बसायेंगे,हम अपना छोटा सा घर.
ओ रे पिया उड़ने लगा क्यों मन बावला रे
आया कहाँ से ये हौसला रे.
नंगे पैरों पे अंगारों, चलती रही
लगता है कि गैरों में मैं, पलती रही ले चल वहाँ जो, मुल्क तेरा है जाहिल ज़माना, दुश्मन मेरा है
ओ रे पिया...
Good night and have lots of fun...
महकी-महकी ये रात है
बहकी-बहकी हर बात है
लाजो मरूँ, झूमे जिया
कैसे ये मैं कहूँ, आजा साजना
तेरे लिए पलकों की झालर बुनूँ
कलियों सा गजरे में बाँधे फिरूँ
बहुत शरारती है ये मेरी नाक की नथनी,
जेवर का बहाना बनाकर मेरे होटो को चूमती है
सुनो प्रिये ,ये नथनी ,मेरी सुंदरता और शान है
पर ,तुम्हारी दी हुई यह नथ भी मुझी सी है
बिन तेरे बुझी सी रहती है।
मैं मास्क लगाकर घूमती हूं,
यह असहज है, यह फिट नहीं है।
फिर भी मैंने इसे पहनती हु
मैं यह मास्क या कोई भी मुखौटा नहीं चाहती
मैं इस बात से डरती हूं कि वे क्या सोचेंगे
जब वे मुझे इसके बिना देखते हैं।
क्या वे मुझे स्वीकार करेंगे?
क्या वे मुझसे नफरत करेंगे?
मैं जोखिम नहीं लेना चाहती
कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता हैं
खुदको जितना भी रोक लू, प्यार हो ही जाता हैं।
कान्हा हरदम मेरे साथ है फिर क्या कमी है,
सुध-बुध खो रही राधा रानी,इंतजार अब सहा न जाएँ,
कोई कह दो सावरे से,वो जल्दी राधा के पास आएँ.
खाली हाथ शाम आयी है,खाली हाथ जायेगी
आज भी न आया कोई,खाली लौट जायेगी
आज भी न आये आँसू,आज भी न भीगे नैना
आज भी ये कोरी रैना,कोरी लौट जायेगी
खाली हाथ शाम आयी है ...
रात की सियाही कोई, पाये तो मिटाये ना
आज न मिटाया तो ये,कल भी लौट आयेगी
बाग में कली खिली, बगिया महकी
पर हाय रे, अभी इधर भँवरा नहीं आया
बैठे हैं हम तो अरमां जगाए
सीने में लाखों तूफां छुपाये
मत पूछो मन को कैसे मनाया
इक मीठी अगनी में जलता है तनमन
बात और बिगड़ी, बरसा जो सावन
बचपन गँवा के मैने सब कुछ गँवाया
बाग़ में कली खिली...
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
तू कौन है, तेरा नाम है क्या
सीता भी यहाँ बदनाम हुई,
फिर क्यों संसार की बातों से
भीग गए तेरे नैना
हमको जो ताने देते हैं, हम खोए हैं इन रंगरलियों में
हमने उनको भी छुप छुपके, आते देखा इन गलियों मे
वो अधूरी औरत होने की क़ीमत यहाँ कुछ यूँ चुकाती हूँ
मेरा परिवार अभी से मुझे पहचानता नहीं है
यहाँ बाज़ार आँखों से हया धोकर के बैठा है
बड़ी मुश्किल से अपनी लाज ग़ुरबत बचाती हूँ
बचाकर कौन ले जायेगा इस अधूरी कहानी को
कौन रक्खेगा उम्र के इस मुहाने पर
यही चिंता सताती है
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं, शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन
ज़िन्दगी तो नहीं, ज़िन्दगी नहीं, ज़िन्दगी नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी से...
मेरी जाँ, मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
मुझे जाँ न कहो मेरी जाँ
मेरी जाँ, मेरी जाँ
सूखे सावन बरस गए
कितनी बार इन आँखों से
दो बूँदें ना बरसे
इन भीगी पलकों से
मेरी जाँ
होंठ झुके जब होंठों पर
साँस उलझी हो साँसों में
दो जुड़वाँ होंठों की
बात कहो आँखों से
मेरी जाँ
तेरे बिना जिया जाए ना
बिन तेरे, तेरे बिन, साजना
सांस में सांस आये ना
जब भी ख्यालों में तू आये
मेरे बदन से खुशबू आये
महके बदन में रहा ना जाए
रहा जाए ना
Good evening.