लोगों को वास्तविकता कभी भी अच्छी नहीं लगती, वो हमेशा झूंट और फरेव में ही रहना पसंद करते हैं, और पसंद करें भी क्यों न, झूठ जो सुकून द��ता है, वो सुकून वास्तविकता में नहीं मिलता, आराम की चाह में हकीकत कहीं खो जाती है। हालाँकि, एक दिन हमें इसका सामना करना जरूर पड़ता है ।