ए सुनो बेटू...
जब इस जिंदगी की भागदौड़ से थक जाऊंगा...एक दिन आउंगा सुकून की तलाश में...उस दिन मान-मर्यादाओं, रश्मो-रिवाजो, लोक-लाज, समाज, सबको पीछे छोड़...बस तुम मुझे गले लगा लेना🧡❤️
~एक दिन कुछ नही रहेगा...ना तुम्हारा इन्तजार, ना शिकायतें, और न ही ये जीवन... हमेशा के लिए चला जाऊंगा अपने प्रेम को समाधि देकर...दूर कहीं बदलो के पीछे...🖤🤍
सुनो लड़की" इस जन्म में तो हम एक ना हो सके,
! "मगर मैं प्रतीक्षा करूंगा !
इस जन्म के खत्म होने की...और वापस जन्म लेने की!
~मैं तुम्हे उस जन्म में ढूंढ लूंगा,
मैं वो हर चीज करूंगा "जो तुम्हे पसंद है इस जन्म में...
सुनो लड़की...
हम मिलेंगे या नही, ये नही जानता मैं...पर नियति में अगर बिछड़ना लिखा होगा तो...
-मिल लेना एक बार मुझसे, मेरे लिए वो मिलना ऐसा होगा जैसे! देह से मृतप्राय पपीहे को जल मिल जाना🖤🤍
हल्दी वाले दिन से, भाई के आंखों के सामने से एक बाइस्कोप घूमने लगता है..जिसमे दिखते है..बचपन से लेकर बड़े होने तक के सारे पल "जो साथ बी��े.
-एक भाई, कभी अपनी बहन को नहीं बोल पाता कि!.उसे उसकी सारी शरारतें अच्छी लगती हैं...वह कभी न��ी बता पाता कि! उसके बगैर घर बहुत अधूरा लगता है
❤️🧡
सुनो बंगालन...
जब तुम मुंह में क्लिप दबाकर...दोनों हाथों को बालों का जूड़ा बनाने के लिए पीछे ले जाती हो ना...तब तुम्हारे तने हुए उरोज देखकर मेरे अंदर खलबली मच जाती है☺️
जब हम सुख मे होते हैं तो बस संगीत को एन्जॉय कर रहे होते हैं,
- जब हम विरह मे होते हैं तो संगीत और पंक्ति को जीते हैं,
"उन पंक्तियों को समझने लगते हैं...
ए सुनो ना.....
सारे ब्रांड उतार कर कमरे में छोड़ देना...
'clature' बालों से निकाल देना....और जूड़े को खोल देना...निकाल देना साड़ी के पल्ले की सारी पिनें...आना बालकनी में नीली बद्दी वाली हवाई चप्पल में.....और टूट जाना मेरी बाहों में🧡❤️
ए सुनो महुए के फूल सी लड़की...
~तुम इतनी सुंदर हो की!! तुम्हारी सुंदरता पर मोटी किताब लिख दी जाय फिर भी बात खत्म न होगी...
-गोरा रंग, नाक में नोजरिंग और सुर्ख लाल होंठ,
लड़की" तुम्हें देखने के बाद, अब मन नही करता "किसी और को देखने का...🌺🌺
आख़िरी पलों में तुम मुझसे बहुत कुछ कहना चाहोगी,
~मैं तुम्हें नहीं छोड़ना चाहती
~मैं तुमसे सच में बहुत प्यार करती हूं
~मैं तुम्हे कहीं नही जाने दूंगी
-लेकिन! तब मेरे घर वाले, तुमसे एक ही बात कहेंगे,, बेटा मिट्टी उठने दो "देर हो रही है "श्मशान घाट हमारे घर से दूर है "काफ़ी 🖤💮
मैं 10 मिनट में सब्जी छौंक के आ रही हूं...अगर उतनी देर में ये chapter learn नहीं हुआ...
"तो दोनो टांगे तोड़ दूंगी "कहने वाली मां को "happy teachers day"
तुम्हारा पेपर कैसा गया-? कुछ पैसे चा��िए हो तो बताना-? तुम ठीक तो हो न-?
-ये सवाल केवल प्रेमिकाओं ने हीं पूछा"
~रोज़ शाम को घर लौटते वक्त पत्नियों ने मांगी साड़ी...नहीं मांगा वक्त...न मांगा प्रेम...
Conti...
घर के कामों में लगी हुई 'अर्धांगिनी' को पीछे से जाकर...बाहों में कस के भर लेने से अच्छी स्त्री के लिए कोई औषधी नहीं...'उसके लिए' न सिर्फ ये स्ट्रेस बर्स्टर है...बल्कि एक लम्हें भर में उनका दिन बन जाता है.❤️🧡
सुनो लड़की...
मैं तुम्हारा ऋणी रहूंगा, इस मित्रता, प्रेम और सम्मान की जो मिला तुमसे, इस स्नेह का...
-और जिस तरह साथ हो मेरे...
"उदास दिनों के साथी मैं सदा ऋणी रहूंगा तुम्हारा🧡♥️