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संभाषण - एक वार्तालाप

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सनातन धर्म | सनातन विचार | सनातन विज्ञान | भाषा | राजनीति

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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
भविष्यवाणियाँ - जो कभी असत्य नहीं होतीं :
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥ हाथोंके अग्रभागमें लक्ष्मी, मध्यमें श्री सरस्वती एवं हाथों के मूल में गोविंद का वास होता है। इसलिए प्रात: उठने पर प्रथम हाथों का दर्शन करना चाहिए।
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संभाषण - एक वार्तालाप
9 months
नवग्रह - पीड़ा और उपाय :
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
भारत के लिए विदेशी कभी खतरा थे ही नहीं, सबसे बड़ा खतरा भारतीय स्वयं रहे हैं और आज भी हैं....देश और धर्म का साथ नहीं दिया।
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
ब्रह्मपुराण कहता है कि शिव ही दुःखी व्यक्तियों की एक मात्र शरण हैं। वे कल्याण करने वाले हैं, करुणा के सागर हैं और सब जीवों पर दया करते हैं। यद्यपि देवों में परस्पर भेद नहीं है और सब एक हैं फिर भी देवों के शिव-रूप की अर्चना करने से शीघ्र ही सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं -
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
शिवजी के पूर्वज
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संभाषण - एक वार्तालाप
9 months
जिस प्रकार देवताओं के वर्ण होते हैं, उसी प्रकार नवग्रह के भी वर्ण, गोत्रादि के विषय में शास्त्रों में उल्लेख मिलता है, जो निम्नलिखित है : १. सूर्य : वर्ण- क्षत्रिय, गोत्र- कश्यप। २. चन्द्र : वर्ण- ब्राह्मण, गोत्र- अत्रि। ३. बुध : वर्ण- ब्राह्मण, गोत्र- अत्रि।
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
भगवान भास्कर : सूर्य देव का वर्णन ऋग्वेद में एक अत्यंत उपकारी शक्ति के रूप में आया है जो ऋग्वेद १.५०.६, १.११५.१, १.१५५.३, १.१६४.११, १.१६४.१३, १.१९१.८, १.१९१.९, १०.८८.११, १०.१३९.३ आदि ऋचाओं में दृष्टव्य है। आदित्यह्रदयम्, वाल्मीकिरामायण, युद्धकाण्ड, सर्ग १०५.८,९ में कहा गया है -
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
शिवपुराण के अनुसार शिवविवाह आज शिवरात्रि अर्थात फाल्गुन मास में नहीं हुआ था बल्कि मार्गशीर्ष माह में हुआ था। आज महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव पहली बार लिंग रूप में प्रकट हुए थे। दिनमेतत्ततः पुण्यं भविष्यति महत्तरं । शिवरात्रिरिति ख्याता तिथिरेषा मम प्रिया ॥ - शिवपुराण १.९.१०
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
श्रीमद्भागवतपुराण के अनुसार कलियुग के समय में कुछ लोगों में भक्ति तो होगी लेकिन ज्ञान और वैराग्य का अभाव होगा। ज्ञान इसलिए नहीं होगा क्योंकि लोग धर्म शास्त्रों का अध्ययन करना छोड़ देंगे। अब ज्ञान नहीं होगा तो मन में वैराग्य का भाव आएगा नहीं और इसके बिना भक्ति अधूरी ही रह जाएगी।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
!! श्रीमन्नारायण नमोस्तुते !!
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
सूर्यास्त के २४ मिनट पहले से २४ मिनट बाद तक का समय ‘गोधूलीकाल’ कहा जाता है। यही वह समय होता था जब गो आदि मवेशी चारागाह से वापस घर को आते थे। उनके पैरों से उड़ने वाले धूल के कारण ‘गो+धूलि’ यह नाम पड़ा। ‘गोधूली’ शब्द भोजपुरी, मगही आदि भाषाओं में आते-आते ‘गदहबेरा’ कैसे बन गया?
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
कितना बड़ा षड्यंत्र रहा होगा जब यह प्रसिद्ध किया गया कि “महाभारत घर में नहीं रखना चाहिए”, क्योंकि होगा ही नहीं तो कोई पढ़ेगा कैसे?
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
जाति शब्द की उत्पत्ति : ‘जाति’ शब्द वैदिक नहीं है, अर्थात् यह शब्द वेदों में नहीं मिलता। श्रौतसूत्रों (यथा कात्यायन १५.४.१४) में जहां यह प्रथम मिलता है वहाँ एक ही गोत्र, कुल अथवा परिवार में जन्म लेने के अर्थ को प्रकट करता है। मनु आदि स्मृति ग्रंथों में भी यह इसी प्रकार के अर्थ
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए? हिंदुओं में एक बड़ी भयंकर बीमारी है, जो थोड़ा लिख-पढ़ लें तो अपने आप को सबसे बड़ा विद्वान समझने लगते हैं। दो-चार लोगों के बीच पूछ हो गई तब तो उन्हें दुनियाँ से ऊपर समझिए। हम यह नहीं कह रहे कि ऐसा सभी के साथ है किन्तु ऐसे लोग बहुतायत में हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
विद्याविनयसंपन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि। शुनि चैव श्वपाके च पण्डिताः समदर्शिनः॥ - श्रीमद्भगवद्गीता ५.१८ (जिनके आत्माका अज्ञान ज्ञानद्वारा नष्ट हो चुका है वे) ज्ञानीजन विद्या और विनय से सम्पन्न ब्राह्मण, गाय,  हाथी,  श्वान और चाण्डाल में भी परमात्मा को ही देखते हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 months
न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम् । जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
"नीच व्यक्तियों को संकट के समय ही धर्म की याद आती है।" महाभारत का एक प्रसंग : कर्ण कौरवों का सेनापति था और अर्जुन के साथ उसका घनघोर युद्ध जारी था। तभी कर्ण के रथ का एक पहिया जमीन में फंस गया। 1/7
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
राम तत्व की महिमा : ऐसा नहीं है कि अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का भजन करते हैं। नहीं, राजा दिलीप, राजा रघु एवं राजा दशरथ के पिता राजा अज भी श्रीराम का ही भजन करते थे क्योंकि श्रीराम केवल दशरथ के पुत्र ही नहीं हैं। 1/7
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संभाषण - एक वार्तालाप
7 months
सकल काज सुभ समउ भल सगुन सुमंगल जानु । कीरति बिजय बिभूति भलि हियँ हनुमानहि आनु ॥ - दोहवाली श्रीहनुमानजी का हृदय में ध्यान करो और यह निश्चय समझ लो कि तुम्हारे सभी कार्य सिद्ध होंगे, दिन अच्छे आवेंगे, सभी सद्गुण, सुमङ्गल, कीर्ति, विजय और विमल विभूतिकी प्राप्ति होगी।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
आज का ज्वलंत प्रश्न : आप कहाँ के हिन्दू हैं? आपने, 1. चोटियां छोड़ीं 2. टोपी, पगड़ी छोड़ी, 3. तिलक, चंदन छोड़ा 4. कुर्ता छोड़ा, धोती छोड़ी, 5. यज्ञोपवीत छोड़ा, 6. संध्या वंदन छोड़ा 7. रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा 1/7
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 months
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरं गजाननम् । विघ्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
क्यों चढ़ाते हैं शनि देव को तेल: शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक समय शनि को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था। उस काल में हनुमानजी के बल और पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैली हुई थी। जब शनि को हनुमानजी के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तो 1/14
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
स्वस्तिक का रहस्य : स्वस्तिक क्या है? सफलता के लिए स्वस्तिक का प्रयोग : हिन्दू संस्कृति के प्राचीन ऋषियों ने अपने धर्म के आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर कुछ विशेष चिन्हों की रचना की। ये चिन्ह मंगल भावों को प्रकट करती हैं। ऐसा ही एक चिन्ह है “स्वास्तिक“। 1/18
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर : काशी का मूल विश्वनाथ मंदिर बहुत छोटा था। 17वीं शताब्दी में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसे सुंदर स्वरूप प्रदान किया। कहा जाता है कि एक बार रानी अहिल्या बाई होल्कर के स्वप्न में भगवान शिव आए। 1/21
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
हनुमान चालीसा में छिपा जीवन प्रबंधन : कई लोगों की दिनचर्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शुरू होती है। पर क्या आप जानते हैं कि श्री हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयां हैं, ये उस क्रम में लिखी गई हैं जो एक आम आदमी की जिंदगी का क्रम होता है। 1/18
@BahuRaani
Mahima
4 years
#Bookmark this #Ramayana || Hanuman Chalisa || Untold Unsung now Unearthed “Goswami Tulsidas Ji” RT and spread the knowledge Starting the thread with this “Bhoot Pishach nikat nahin aave ,Mahaveer jab naam sunave” Ghost vampire doesn't come near, Mahavir when name heard
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
शाहजहाँ ने बताया था, हिंदू क्यों गुलाम हुए : मुग़ल बादशाह शाहजहाँ लाल किले में तख्त-ए-ताऊस पर बैठा हुआ था। तख्��-ए-ताऊस काफ़ी ऊँचा था । उसके एक तरफ़ थोड़ा नीचे अग़ल-बग़ल दो और छोटे-छोटे तख्त लगे हुए थे। एक तख्त पर मुगल वज़ीर दिलदार खां बैठा हुआ था और 1/15
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् । देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
सुन्दरे सुन्दरो रामः सुन्दरे सुन्दरी कथा । सुन्दरे सुन्दरी सीता सुन्दरे किं न सुन्दरम् ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
आप कितने "परिपक्व" (Mature) हैं? एक बार किसी ने आदि शंकराचार्य जी से प्रश्न किया कि "परिपक्वता" का क्या अर्थ है? आचार्य शंकर ने "परिपक्वता" की कुल 12 परिभाषाएं दी, उन्होंने उत्तर दिया : 1. परिपक्वता वह है - जब आप दूसरों को बदलने का प्रयास करना बंद कर दें, 1/5
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
शिवलिङ्ग = शिव का प्रतीक। शालिग्राम = विष्णु का प्रतीक। त्रिकोण = शक्ति का प्रतीक।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम् । सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम् ॥ - श्रीरामचारितमानस उत्पत्ति, स्थिति (पालन) और संहार करने वाली, क्लेशों को हरने वाली तथा सम्पूर्ण कल्याणों को करने वाली श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री सीताजी को मैं नमस्कार करता हूँ।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र: सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः। लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥ धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः। द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥ विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा। संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥ #गणेश_चतुर्थी
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 months
इनका नाम भाषा सुंबली है। कश्मीर फाइल्स में आप सबने इन्हें देखा है। कश्मीर, वितस्ता नदी (आधुनिक झेलम) आदि के विषय में यह जो बता रही हैं, उसे हम सभी को अवश्य सुनना चाहिए।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
भीम में कैसे आया 10 हज़ार हाथियों का बल? पाण्डु पुत्र भीम के बारे में माना जाता है की उनमे दस हज़ार हाथियों का बल था जिसके चलते एक बार तो उन्होंने अकेले ही नर्मदा नदी का प्रवाह रोक दिया था। लेकिन भीम में यह दस हज़ार हाथियों का बल आया कैसे इसकी कथा बड़ी ही रोचक है। 1/12
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
कृष्णं स्मरामि ममैकवल्लभं, कृष्णं भजामि ममैकरक्षकम्। कृष्णं जपामि ममैकसाधनं, कृष्णं नमामि ममैकजीवनम्॥ सर्वस्वं मे कृष्णचन्द्रो दयालुः, नान्यं जाने नैव जाने न जाने॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
7 months
आदिशङ्कराचार्यकृत श्रीहनुमत्पञ्चरत्नस्तोत्र :
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी, दिन बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि के समय वृष के चन्द्रमा में हुआ था। ऐसी तिथि मिले तो इसे ‘जयन्ती’ कहा जाता है। यह संयोग लगभग ३ दशकों बाद आज के दिन बन रहा है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
भूकम्प एवं वैदिक ज्योतिष :
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
क्या शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है? शास्त्र सम्मत दृष्टिकोण: शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद ग्रहण करने से व्यक्ति के समस्त पाप मिट जाते हैं, किंतु कुछ अन्य धार्मिक मान्यताओं में शिवलिंग पर चढ़ाया गया 1/18
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संभाषण - एक वार्तालाप
7 months
श्रीसूर्यनारायण की वन्दना :
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
संसार के प्रत्यक्षदेव भगवान सूर्य की उपासना, उदय के साथ निसर्ग वंदन के महापर्व "छठ" की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💐 बारह आदित्य : अव्यक्त परमात्मा समस्त प्रजापतियों और नाना प्रकार की प्रजाओं की सृष्टि करके अपने को बारह रूपों में विभक्त करके आदित्य रूप से प्रकट होते हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
शिव जी के मुंड माल का रहस्य : एक बार नारद जी के उकसाने पर सती भगवान शिव से आग्रह करने लगी कि आपके गले मे जो मुंड की माला है उसका रहस्य क्या है ? जब बहुत समझाने पर भी सती न मानी तो भगवान शिव ने इसका रहस्य बताया। 1/6
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
स्वामी विवेकानंद ने एक बार एक सभा में कहा था कि "आपको हिन्दू धर्म की रक्षा नहीं करनी है बल्कि भारतीय संस्कृति की रक्षा करनी है।" धर्म शाश्वत है, इसका कभी नाश नहीं होगा, सनातन धर्म आज भी है और कल भी रहेगा। किन्तु भारतीय संस्कृति की रक्षा का दायित्व हम पर है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
जय जय रघुवर : महर्षि वाल्मीकिकृत आनन्द रामायण में ऐसे मन्त्र दिए गए हैं जिनका जप किया जा सकता है और प्रीतिपूर्वक वाद्ययंत्रों के साथ कीर्तन भी किया जा सकता है। इन मन्त्रों का जप करते समय न्यास आदि करने की आवश्यकता नहीं रहती।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
भगवान श्रीसूर्य को नित्यप्रति जल दिया करो :
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
नमस्तुभ्यं परं सूक्ष्मं सुपुण्यं बिभ्रतेऽतुलम्। धाम धामवतामीशं धामाधारं च शाश्वतम्॥ जगतामुपकाराय त्वामहं स���तौमि गोपते। आददानस्य यद्रूपं तीव्रं तस्मै नमाम्यहम्॥ ग्रहीतुमष्टमासेन कालेनाम्बुमयं रसम्। बिभ्रतस्तव यद्रूपमतितीव्रं नातास्मि तत्॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
मूर्खों की सबसे बड़ी ख़ूबी यह होती है कि उनमें आत्मविश्वास गज़ब का होता है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
शबरी के राम - सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण : एक टक देर तक उस सुपुरुष को निहारते रहने के बाद बुजुर्ग भीलनी के मुंह से स्वर फूटे : "कहो राम! सबरी की डीह ढूंढ़ने में अधिक कष्ट तो नहीं हुआ?" राम मुस्कुराए : "यहां तो आना ही था मां, कष्ट का क्या मोल?" 1/15
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संभाषण - एक वार्तालाप
6 years
मैं हिंदी में ट्वीट करती हूं इसलिए नहीं कि मुझे या आप को अंग्रेजी नहीं आती।बल्कि : ● अपवाद रहित व्याकरण ● सबसे व्यवस्थित वर्णमाला ● लिपि में प्रत्येक ध्वनि के लिए एक निश्चित लिपि चिह्न और ● 16 बोलियाँ व 5 उपभाषाएँ वाली हिंदी हमारी मातृ भाषा है 🙏🙏
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
!! नारायणी नमोस्तुते !!
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संभाषण - एक वार्तालाप
5 months
एतत्सर्वमिदं विश्वं जगदेतच्चराचरम् । परब्रह्मस्वरूपस्य विष्णोश्शक्तिसमन्वितम् ॥ - विष्णु पुराण ६.७.६० यह सम्पूर्ण चराचर जगत्, परब्रह्म स्वरूप भगवान विष्णु का उनकी शक्ति से सम्पन्न ‘विश्व’ नामक रूप है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
श्रीमद्वल्लभाचार्यकृत मधुराष्टकं :
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संभाषण - एक वार्तालाप
9 months
अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि शृणु सर्वाङ्गसुन्दरि। मत्कृतं देवदेवस्य ध्यानं हनुमतः परम्॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
सम्पूर्ण महाभारत (नवीन संस्करण) मोबाइल के छोटे स्क्रीन पर भी पढ़ने में आसान। थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ें, अपना इतिहास जानें। अच्छी बातों से सीख लें और जो समझ से बाहर हो उसे छोड़ते चलें। 😊
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
पातकानि विनश्यन्ति यावन्ति शिवनामतः । भुवि तावन्ति पापानि क्रियन्ते न नरैर्मुने ॥ - श्रीशिवमहापुराण, विद्येश्वरसंहिता २३.२७ सूतजी ऋषियों से बोले - हे महर्षे! भगवान शिव का नाम लेने से जितने पाप नष्ट होते हैं, उतने पाप मनुष्य इस भूतल पर कर ही नहीं सकता। नमः शिवाय् 🙏
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संभाषण - एक वार्तालाप
9 months
आदिशङ्कराचार्य कृत ‘श्रीभवान्यष्टकम्’ :
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
शिव प्रतिमा के सामने नंदी की मूर्ति स्थापित करने का रहस्य : शिव की मूर्ति के सामने या उनके मंदिर के बाहर शिव के वाहन नंदी की मूर्ति स्थापित होती है। नंदी को पुराणों में भी विशेष स्थान दिया गया है। नंदी (बैल) को संस्कृत में 'महिष' कहते हैं 1/10
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संभाषण - एक वार्तालाप
7 months
वायुर्यमोऽग्निर्वरुणः शशाङ्कः प्रजापतिस्त्वं प्रपितामहश्च। नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते॥ - गीता ११.३९ आप वायु, यम, अग्नि, वरुण, चन्द्रमा, ब्रह्मा और ब्रह्मा के भी पिता हैं; आपके लिए सहस्र बार नमस्कार! नमस्कार!! आपको बारम्बार नमस्कार, नमस्कार!!
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संभाषण - एक वार्तालाप
6 months
जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन। करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन॥ जिन्हें स्मरण करने से सब कार्य सिद्ध होते हैं, जो गणों के स्वामी और सुंदर हाथी के मुख वाले हैं, वे बुद्धि के राशि और शुभ गुणों के धाम श्री गणेशजी हम पर कृपा करें।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
जब गुरु न होने योग्य गुरु बनते हैं :
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
पं. श्रद्धा राम शर्मा (श्रद्धा राम फिल्लौरी) : (प्रसिद��ध आरती 'ओम जय जगदीश हरे' के रचयिता) "ओम जय जगदीश हरे" आरती आज हर हिन्दू घर में गाई जाती है। इस आरती की तर्ज पर अन्य देवी देवताओं की आरतियाँ बन चुकी हैं और गाई जाती हैं। 1/15
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
राजपत्नीगुरोःपत्निमित्रपत्नितथैव च । पत्निमातास्वमाताचपंचैतामातरः स्मृताः ॥ - चाणक्य नीति ५.२३ राजा की पत्नी, गुरु की स्त्री, मित्र की पत्नी, सास और अपनी जननी (माता) - मनुष्य की यह पाँच माताएँ कही गईं हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
ईश्वर सच्चिदानंदस्वरूप हैं। ईश्वर का ‘सत्स्वरूप’ उनका ‘मातृस्वरूप’ है और ‘चित्स्वरूप’ उनका ‘पितृस्वरूप’ है। उनका तीसरा ‘आनंदरूप’ वह स्वरूप है, जिसमें ‘मातृभाव’ और ‘पितृभाव’ दोनों का पूर्णरूपेण सामंजस्य हो जाता है, वही शिव और शक्ति का संयुक्त रूप 'अर्धनारीश्वररूप' है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
यह इण्डिया है न, भारतवर्ष में होते तो ऐसा नहीं होता।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
"भारत को एक बार जीता जा चुका है, लेकिन भारत को फिर से जीतना होगा, और वह दूसरी जीत 'शिक्षा' द्वारा होनी चाहिए।" - मैक्स मुलर यह वाक्य उन महानुभावों को अवश्य जानना चाहिए जो शास्त्रों को कौन पढ़े और कौन न पढ़े, इसपर चर्चाएं करते हैं किन्तु आधुनिक शिक्षा पद्धति पर मौन रहते हैं।
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2 years
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
भारत को जितना नुकसान हिंदुओं ने स्वयं पहुँचाया है और आज भी पहुंचा रहे हैं, उसका दसवां हिस्सा भी सभी आतताई मिलकर नहीं पहुंचा सके।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
शिव का नाम लेकर भांग/गांजा पीते हो तो शिव का नाम लेकर जहर भी पियो। बड़े आश्चर्य की बात है कि शिव जी भांग पीते हैं ये भ्रांति पैदा हो कहाँ से गयी? हिंदुओं में ये एक भयंकर बीमारी है कि धर्म अथवा ईश्वर के बारे में किसी के मुंह से एक बात निकल जाये तो वो फैलती जाती है 1/5
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
क्या कीमत है एक बार “राम” नाम जपने की? एक कथा : सनातन धर्म के अनुसार सभी जातक अपने-अपने पाप और पुण्य के आधार पर सुख और दुःख पाते हैं। सदा अच्छे कर्म करने के साथ-साथ भगवान का नाम लेने वाले जातक सदा सुखमय जीवन व्यतीत करते ह���ं व अपने अगले जन्म में 1/17
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3 years
!! जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते !!
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
बहुत लोग विशेष रूप से माताएँ व्रत (उपवास) के दिन अपनी प्रतिदिन चलने वाली दवाएँ भी नहीं ग्रहण करतीं, कई बार यह बड़ा घातक सिद्ध होता है। कृपया ऐसा न करें। व्रत में जल, फल, कंद-मूल, दूध, घी, ब्राह्मण व गुरु का वचनपूर्ति तथा औषध का विधान शास्त्रीय है। यह आठों व्रत नाशक नहीं हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
9 months
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः । रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोऽस्म्यहं रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धर ॥ अर्थ: राजाओं में श्रेष्ठ श्रीराम सदा विजय को प्राप्त करते हैं। मैं लक्ष्मीपति भगवान् श्रीराम का भजन करता हूँ।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
!! नारायणी नमोस्तुते !!
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
एपिक (epic) चैनल के अनुसार भारत के लोग एक समय बस घास-भूसा-पत्थर ही खाते होंगे। बाजरा ४ हज़ार वर्ष पहले अफ्रीका से आया, तो प्याज मिश्र से आया। टमाटर तो अभी १५० वर्ष पहले ही भारत में आया है। इन सभी तथ्यों पर मुहर लगाने वाले हैं, भारत के ही तथाकथित खाद्य-आलोचक और इतिहासकार।
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
हनुमानजी की पूजा स्त्रियाँ कर सकती हैं? हनुमानजी के दो स्वरूप हैं - १. बाल ब्रह्मचारी जिन्हें ‘वीर हनुमान’ भी कहते हैं। और २. दास हनुमान।
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
आदिगुरु शंकराचार्य विरचित श्रीगणेशपञ्चरत्नस्तोत्र :
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
छोटे से मंत्र का जप करने से क्या होगा? बात उस समय की है जब पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित गोपीनाथ कविराज अपने गुरुदेव स्वामी विशुद्धानंद जी के आश्रम में रहकर सेवा-साधना कर रहे थे। एक दिन उन्होंने गुरुदेव से पूछा - “गुरुदेव! हम लोग साधारणतया चंचल मन से जप करते हैं 1/11
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1 year
“दुर्लभं भारते जन्म दुर्लभं शिवपूजनम्॥” - स्कन्दपुराण, माहेश्वरखण्ड, कौमारिकाखण्ड, १२.५४ भारतवर्ष में जन्म और भगवान शिव का पूजन - यह दोनों बड़े दुर्लभ हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
लंकादहन प्रसंग : हनुमान जी का मूल उद्देश्य - यदि हनुमानजी को सार रूप में समझना हो तो लंका दहन का प्रसंग उसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। हनुमान जी क्यों इतने अनोखे हैं और व्यवहारिक जीवन में एक मनुष्य को किस प्रकार नीतिज्ञ व व्यवहारकुशल होना चाहिए 1/7
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संभाषण - एक वार्तालाप
1 year
मूर्तिर्मृदा बिल्वदलेन पूजा अयत्नसाध्यं वदनाब्जवाद्यम । फलं च यद्यन्मनसोऽभिलाषो स्वरूपविश्वेश्वर एव देवः ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
मांसाहार, विनाश का द्वार : द्वै भूतसर्गौ लोकेऽस्मिन्दैव आसुर एव च।  दैवो विस्तरशः प्रोक्त आसुरं पार्थ मे श्रृणु।। -गीता16/6 मनुष्य दो प्रकार के हैं– देवता और असुर। जिसके हृदय में दैवी सम्पत्ति कार्य करती है वह देवता है तथा जिसके हृदय में आसुरी सम्पत्ति कार्य करती है वह असुर है।
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3 years
परशुराम मिश्र के पुत्र हुए शंकर मिश्र, शंकर मिश्र के पुत्र रुद्रनाथ मिश्र। रुद्रनाथ मिश्र के चार पुत्र हुए, सबसे बड़े मुरारी मिश्र थे। मुरारी मिश्र के चार पुत्र हुए १. गणपति २. महेश ३. तुलाराम ४. मंगल। यही तुलाराम गोस्वामी तुलसी दास जी हैं। दो बहनें भी थीं वाणी और विद्या।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
सनातन धर्म: (मंत्र का प्रभाव) एक बार अकबर ने एक ब्राह्मण को दयनीय हालत में भिक्षा मांगते देखा। अकबर ऐसे क्षण का मजाक बनाने का मौका नहीं छोड़ता था। उसने बीरबल से कहा, ये है आप के ब्राह्मण, जिनको ब्रह्म देवता के रूप में जाना जाता है, ये तो भिखारी हैं। 1/12
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
महाभारत: महाभारत सनातन धर्म में एक अत्यंत आदरणीय और महान ग्रंथ है, अत्यंत अमूल्य और रत्नों का भंडार है। महाभारत में स्वयं वेदव्यास जी कहते हैं कि 'इस ग्रंथ में मैंने वेदों के रहस्य और विस्तार, उपनिषदों का सम्पूर्ण सार, इतिहास रूपी पुराणों के आशय, ग्रह-नक्षत्र आदि 1/12
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3 years
!! नमः शिवाय् !!
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
प्रथम सुमर श्री गणेश, गौरीसुत प्रिय महेश। लम्बोदर भुज विशाल, कर त्रिशूल, चन्द्र भाल। शोभित गल पुष्पमाल, रकत वसन चारुवेश। पूरण गुण गण निदान, सुर मुनि आर्ष करत गान। ब्रह्मानंद चरण ध्यान, विघ्न हरो गज गणेश।
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संभाषण - एक वार्तालाप
5 months
अस्पष्ट नामोच्चारण से भी देवी प्रसन्न होती हैं :
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संभाषण - एक वार्तालाप
2 years
मेहंदी : मेहंदी को संस्कृत में मदयन्तिका, मेदिका, मेन्धिका (मेंधिका), मेन्धी (मेंधी) आदि कहते हैं और यह पूर्ण रूप से भारतीय है। सुश्रुत संहिता, चिकित्सास्थान, अध्याय ९ में आया है - त्रिफलात्वक् त्रिकटुकं सुरसा मदयन्तिका । वायस्यारग्वघश्चैषां तुलां कुर्यात् पृथक् पृथक ॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
सप्तर्षियों का अवतरण – (ऋषि पञ्चमी विशेष) : “नमः परमऋषिभ्यो नमः परमऋषिभ्यः।।” – मुण्डकोपनिषद २/३/११ ‘परम् ऋषियों को नमस्कार है, परम् ऋषियों को नमस्कार है।’ सप्तर्षियों का प्रादुर्भाव श्री ब्रह्मा जी के मानस संकल्प से हुआ है। १/१६
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
माता रामो मत्पिता रामचंन्द्र:। स्वामी रामो मत्सखा रामचंद्र:। सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्। नान्यं जाने नैव जाने न जाने॥ - श्रीरामरक्षास्तोत्रम् ३० श्रीराम मेरे माता, पिता, स्वामी और सखा हैं। इस प्रकार दयालु श्रीराम मेरे सर्वस्व हैं, उनके सिवा मैं किसी दूसरे को नहीं जानता।
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संभाषण - एक वार्तालाप
8 months
ॐ नमस्ते गणपतये त्वमेव केवलं कर्तासि, त्वमेव केवलं धर्तासि, त्वमेव केवलं हर्तासि, त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मसि। - गणपत्यथर्वशीर्ष - १
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संभाषण - एक वार्तालाप
7 months
जिन्ह कर नामु लेत जग माहीं। सकल अमंगल मूल नसाहीं॥ करतल होहिं पदारथ चारी। तेइ सिय रामु कहेउ कामारी॥ जिनका नाम लेते ही जगत में सारे अमंगलों की जड़ कट जाती है और चारों पदार्थ (अर्थ, धर्म आदि) मुट्ठी में आ जाते हैं, ये वही जगत के माता-पिता सीताराम हैं, काम शत्रु शिव ने ऐसा कहा।
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संभाषण - एक वार्तालाप
3 years
गीताप्रेस के संस्थापक स्व. जयदयालजी गोयन्दका ने एक बार कहा था : हमें सभी लोगों को भगवद्भक्ति में लगाने की चेष्टा करनी चाहिए। यदि हमने एक व्यक्ति को भी भगवद्भक्ति में लगा दिया तो यह बड़ी भारी दलाली का काम होगा। इस दलाली का फल भी स्वयं भगवान ही हैं।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
गुरु और ग्रंथ योग्य पात्र का चुनाव स्वयं करते हैं, उनकी कृपा के बिना उनसे ज्ञान लेना असंभव है।
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 months
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
एक शुभचिंतक का प्रेषित संदेश : (किसान) हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके, यह आम चलन था। 1/9
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संभाषण - एक वार्तालाप
4 years
वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम की अर्धांगिनी सीता जी और लक्ष्मण जी की पत्नी उर्मिला जी राजा जनक की पुत्रियां थी तो भरत जी की पत्नी माण्डवी जी और शत्रुघ्न जी की पत्नी श्रुतकीर्ति जी राजा जनक के छोटे भाई कुशध्वज की कन्याएं थीं जिनका कन्यादान राजा जनक ने ही किया था।
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