साहस का प्रतीक बनी वो, रानी मध्यप्रदेश की थी
अवंती था नाम उसका, वह नारी अपने देश की थी।
अंग्रेजों को धूल चटाई, लेने न दिया उनको चैन
हर नारी में है वो अवंती, जिनकी हर सांस देश की थी।
1857 की क्रांति में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार, वीरांगना रानी अवंतीबाई की जयंती पर नमन!