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Pooran Singh

@pooran775

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भारत की ऐकता और अखंडता ।साहित्य सृजन सभी स्वरचित ट्वीटस Senior Audit officer (Retd.),भारत के नियंत्रक महा लेखा परीक्षक (CAG)/ ट्वीटस Fav.में

जयपुर,भारत
Joined April 2014
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@pooran775
Pooran Singh
4 years
जिन्हें हर बख्त समझते रहे बहुत खास.ऐक पल भी नहीं रहता जब उनके पास। .तब सारे भ्रम टूट जाते हैं ऐक ही पल में.बिकृत मन बिखरता जाता होकर हतास।।.
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Pooran Singh
8 years
रामनाथ कोविंद कोली समाज से हैं 1947में कोलियों की 42 रियासतें थीं जिन्हें स्वतंत्र भारत में मिलाया गया था.फिर ये दलित कैसे हुए
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Pooran Singh
8 years
खूँटा ठोक दिया, तो भैंस भी बंधेगी.दाल चावल हैं तो खिचडी भी रंधेगी.चिल्लाते रहेंगे चोरों की आदत यही.घोडी ठाकुर की चौक में ही बंधेगी।.
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Pooran Singh
8 years
मश्जिद की हर ईंट पर राम लिखा हो.मंदिर की सीढी चढ़ते पैगाम खुदा हो।.इंशानियत के सब दीप जलें मिलकर.प्रकाशित विश्व धरा जब सूर्य विदा हो।.
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Pooran Singh
8 years
धर्म कहता है बूचड़ खाने बंद हो.इंशानियत कहती है शराब बंद हो।.हर मानव मानवता की पहल करे.धर्म के नाम पर न कहीं द्वंद हो।।.
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Pooran Singh
8 years
यदि रेत में भी स्वर्ण है.तो खेत क्यों उदास है।.सदियों से प्रश्न है यही.हल किसी के पास है।.
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Pooran Singh
8 years
पता नहीं क्यों.अब भी याद आते है.जो भूल से गये हैं।.असमंजस के मौसम में.बदलता माहोल.स्वार्थ की लताओं में लटक कर.मुँह उनके फूल से गये हैं।.
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Pooran Singh
7 years
जो पहले कहता है वही बदनाम होता है.नीयति में सबका ऐक ही पैगाम होता है।.ये अजीब कहानी है अपनापन जताने की.जो आँगे बढें उसके सर इल्जाम होता है।.
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Pooran Singh
8 years
राजस्थान में महिलाओं द्वारा शराब का किया जा रहा बिरोध धीरे धीरे जन क्रांति का रूप लेकर राजस्थान को नशा मुक्त करने की उठाया गया ठोस कदम है।.
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Pooran Singh
7 years
श्री राम वंशावली
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Pooran Singh
7 years
जिन्हें शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय गान नहीं गाया जाता उन संस्थानों को कोई भी राष्ट्रीय सहायता नहीं दी जानी चाहिए.
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Pooran Singh
8 years
बूँद बूँद जल की.धरोहर है कल की.हर बूँद का सदुपयोग.है प्रवंधन जल की।
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Pooran Singh
8 years
कुत्ते की पूॅछ सी औकात नहीं जिनकी.वह शेर की मूॅछ जैसी बात करते हैं।.खुद के इतिहास पन्ने तक नहीं खुले.दूसरौ के भविष्य पर आघात करते हैं।।.
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Pooran Singh
8 years
सभी धर्मों की कुँजी है मानवता।.धर्मों में द्वेश भरती है दानवता ।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि गांधीजी का अंतिम शब्द "हे राम" था.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
दोनों धर्मों को चाहिए कि वे मिलकर पहले राम जन्म भूमि में भव्य राम मंदिर का फिर अन्य जगह पर मश्जिद का निर्माण कराकर विश्व ऐक मिशाल दें।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जो अपनी मातृभूमि का नहीं.वह कभी भी किसी का नहीं।.गद्दारों को कहीं भी धरा पर.रहने का हक पल भर नहीं ।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
बगुलों की वस्ती में .जब हों कागलों के डेरे। . कैसे निकलेगा सूरज .जहाँ राज करेंगे अंधेरे।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
दस लाख दे न दे.उसने कहा तो मुंड़न किया.वह भाड़ में जाये।.ये सोनू निगम है.कोई काज़ी नहीं .जो बात से पलट जाये।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
तुम्हें भी चलना हैं और हमें भी.यह सफर है थोड़े साथ रमें भी।.जीवन की हैं ये हिम सिल्लियाँ.तुम्हें भी गलना हैं और हमें भी।।.
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@pooran775
Pooran Singh
6 months
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
धर्म कोई भी हो बिना पत्नि का पक्ष सुने उसका त्याग करना सबसे क्रूर मानवीय अपराध है इसका पूरे मानव समाज को बिरोध करना चाहिए।.
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@pooran775
Pooran Singh
6 years
अगर चादर छोटी है .न पैर सिकोड़ कर सोयें न चादर बड़ी करें।.खुद से खुद लडकर.अपने आत्म विश्वास की दीवार खड़ी करें।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
जब बहुत धीमी गति हो.मन में आते जाते विचारों की।.तब धैर्य की आवाज गूंजती है.अटल अंतर्मन में संस्कारों की।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
मितरा इतना भी तुम्हें मालूम नहीं.कदमों की उडती है,वह धूल कहीं।.तुम सोच रहे होंगे, कोई था अपना.यहाँ फ्रेम वहीं पर है तस्वीर कहीं।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
दौलत के चश्मे का पर्दा.मन से जब तक नहीं हटता है। .जीवन में चरित्र का कद.दिन प्रतिदिन घटता ही घटता है।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
गधे सिर्फ गधे जैसी बात करते हैं .कौन कहे जो बेतुकी बात करते हैं.छोडें कल की बातें आज में जियें.अच्छे लोग अच्छी बात करते हैं।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
धुँआ धुआँ हो गयी जिंदगी.यारों की वस्ती में जिनकी।.छूट गये घर बार सभी के.कमी नहीं निज हस्ती में उनकी.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जल बिन नहीं है ,कल.जल जीवन की हलचल.इसे व्यर्थ नहीं बहाना है.पल पल बूँद बचाना हैं।
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जब आरक्षण की माँग लगातार जारी है.कैसे कहें आरक्षित वर्ग मात्र भिखारी है.कहीं न कहीं न्याय करना शेष है अभी.तभी तो ये एक दूजे पर होता भारी है।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जिस दिन अच्छे लोग बोलने लगेंगे.झूँठ नहीं सच को सच से तौलने लगेंगे.खोल देगी न्याय की देवी आँख पट्टी.जिस दिन न्याय के खून खौलने लगेंगे।।.
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@pooran775
Pooran Singh
6 years
दूर ही रहने दो मुझे.तुम तुम्हारे उसूलों से.कांटों की चुभन अच्छी है.जहाँ नफरत .मिलती हो फूलों से।.बहुत हो गया .जिंदगी जीने दो अब.जल जरूरी है नदी के बहने को.सूखी नदी में .नाव नहीं चलती कूलों से।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
यदि किसी का मन जीता .तो समझो अतुलित धन जीता।.यदि किसी का दिल जीता .तो मानो ये सारा जग जीता।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
छुपा रुस्तम था,बहुत छलिया निकला। .समझो आटे की बोरी,दलिया निकला।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
मन भावनाओं की सरिता.बिलुप्त हो गयी यथार्थ के रेत में.लोग खोजते हैं अपनेपन की नमी.बंजर हुई जमीन और सूखे खेत में।.फट गये पेट तालाबों के.नहीं रहा नदियों का अस्तित्व.जैसे मानवीय व्यक्तित्व.प्राणवायु ढूंढते हैं.शिराओं में जमे.इंसानियत के खून स्वेत में।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
कल तक ख्वाबों में जीकर.केवल बातें करते थे खुसरो की।.आज विश्व प्रगति का दौर है. हम बात करते हैं इसरो की।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
मैं अपने सभी 150K फौलोवर्स को तहे दिल से सादर नमन करता हूँ।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
छोटी सी इक भूल जब रातभर रोती रही.कैसी सुलह बढ़ें कदम ख्वाब बोती रही.ये जीवन झमेले क्यों मन उलझे अकेले.रातभर रस्सा कशी दौनों तरफ होती रही।.
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@pooran775
Pooran Singh
6 years
इच्छाओं के जहां वस्त्र धारण किये.कष्ट वहां सबके कब निवारण किये।.जन्म लेना और मर जाना जगत में.सिर्फ मानव ने मानव संहारण किये।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अमर हो जाऊँ चाह नहीं.आँखों से गिर धरा पर.बस बूँद दर्द हो जाऊँ।.घिर जाऊँ खेतों में.किसान के संग संग.फिर फि बदली हो जाऊँ।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
मन मचलता गया मस्त हवाओं के संग.उछल कूदते रहे ख्वाब ख्वाबों के संग.दुनियाँ दिखी रंगीन तब तृप्त सपनों में.बंशी बजी कृष्ण की यूँ राधिका के संग.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
किसी बात को लेकर.खींचतान करतीं भावनायें.बड़े घर के.दो अलग अलग कौनों में।.अहम की पराकाष्ठा.बिना झुके.क्यों नहीं लाती.अपनापन दौनों में।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
ये वातावरण भी कितना अंधा है .आज का प्रजातंत्र भी ऐक धंधा है.कोई नहीं चाहता किसी को कहीं.मानवता का व्यापार वेदम मंदा है।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
रोटी नहीं जानती.कितने खेतों में उगे.उसके हिस्से के दाने.कितने किसानों के हाथ.रात दिन लगे उसे कमाने.कितने दानों के अंश थे.जो जूँठी छोडी गयी.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
भूख इतनी भी ना बड़ी हो।.जो.अन्याय के ग्रास पर खड़ी है।.हर हाल में मानवता जिंदा रहे.ताकि.इंसानियत अंधों की छड़ी हो।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
मैंने जो भी लिखा अबतक अपने अंतर्मन से लिखा इसलिये कोई ग्रुप नहीं बनाया.समय के साथ विचार बदलते रहते हैं.किसी दल बल से कोई लगाव नहीं.देश प्रथम.
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@pooran775
Pooran Singh
10 years
भारतीय साड़ी को छोड़कर विश्व में अभी तक महिलाओं के लिए ऐसा कोई परिधान नहीं बना .जिसे सभी महिलाएँ पहने व सुन्दर लगें।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अभी यदि नोट बदले.देखिये फिर वोट बदलेंगे.देखते रह जायेंगे चोर.तिजोरियों के लौक बदलेंगे.महलों के आकार.मीलोंतक विस्तार.मूँगफली से अखरोट बदलेंगे.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
कभी यूँ हराम की न खाइये.इंसान हो ईमान से कमाइये।.यहाँ हैं जिंदगी के अर्थ क्या.हों गहन सोच अर्थ लगाइये।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
टुकड़ों में कट गयी जिंदगी.जिनके घर नहीं.फुटपाथों पर कर ईश वंदगी।.कई पीढियाँ देखीं चौराहों ने.कैसी है ये लाइलाज दरिंदगी।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
धूँ धूँ करके देश की धरती जली.अंधभक्तों की कैसी आंधी चली। .असहाय हुए प्रबंधन जहाँ सभी.जितनी अधिक मिले सजा भली।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
बड़ा दुख होता जब मजाक के मंच पर मंत्री दिखते हैं।.ये कैसे देश भक्त हैं जो जोक ओर ठहाकों में बिकते हैं।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
यहाँ कितने आये और चले गये.सफर में कौन नहीं जो छले गये। .सबने नाटक किया एक से ऐक.अंत में कोई नहीं जो भले भये।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
जिन्हें फौलोबैक नहीं दे पाया हूँ कृपया याद दिलाने का कष्ट करें। .सादर.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
क्यूँ ले जातीं हैं छोटी छोटी भूल.हमें अपनों के अक्सर प्रतिकूल।.मन मंथन करें अकेले ही खुदसे.हर संवेग हो जग धारा अनुकूल।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
बचपन भी क्या भाग्य विधाता था.कुछ बिना किये सबकुछ लाता था.राजा थे जिद की सब मन मर्जी थी.मनसे आगे कहाँ कोई बढ पाता था।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
मुश्किल से मिलती है मंजिल सफर ही सफर रहे.मौत आती रही फिर फिर जन्म पर जन्म लेते रहे।.डूबकर थामा जिन्हें बहती नदी धार में लडकर.वही किनारों की तरह साथ छोड साथ चलते रहे।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जहर भरी दुनियाँ, सब झूठा सा लगता.कोई नहीं अपना, सब रूँठा सा लगता.किस्से कहें कौन सुनेगा,पीड़ा ये अपनी.हर कोई गर्म तवे पानी छींटा सा लगता।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
रावण ही रावण बैठे हैं हर मन अंदर.हर कोई चाहता द्वंद जगत के अंदर। .कैसे हों इतने वध राम लिए तरकस.यह असमंजस है मन राम के अंदर।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
G S T जब जोर पकडेगी.देखना कितने चोर पकडेगी.फिर बारे न्यारे होंगे सेठों के.नहीं धुरंधर कमजोर पकडेगी।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अपने थे अभिमान में वो उलझ गये.ले गये विजय श्री, संबंध सुलझ गये। .वो समझे थे, ये ही जीत रीती प्रीत.टूटे जो बंध धागों के और उलझ गये।.
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@pooran775
Pooran Singh
1 year
चलो बताओ
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अब मंजूर नहीं सांपों को दूध पिलाना।.मुश्किल में हैं हिंद ज़हर से बच पाना।.यूँ भी बहुत हो गयी इनकी पत्थरबाजी.चल बढ़ जा आँगे ,पीछे हट मत जाना।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
आग लगाने बाली बातों से दूर.लाभदायक है सेहत को भरपूर।.केवल अच्छा सोचें अच्छा खायें.हर जीवन को आनंदमय बनायें।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
कितने जलील होते हैं हम.अपने कर्मों की तस्वीर से।.अपने ही अंतर्मन के अंदर.छिपना चाहते हैं तकदीर से।।.
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@pooran775
Pooran Singh
6 years
धीरे धीरे आ जायेंगे.वो भी जो हैं दूर दूर.तू सूर्य उदय होने दे अपना।.केवल दृढ रख मन विस्वास.न टूटे कभी किसीकी आस.कल सफल होगा तेरा सपना।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
न मिलेगी कहीं मंजिल.ये मन का गुवार जब तक रहेगा।.झुकने से नहीं.होता छोटा कोई कहीं.उदार दिल जग तुझको कहेगा।.पीले जख्म दिल.जो मिले उपहार हैं .संतोष सब्र तो मानवता श्रंगार हैं.जी ले ये जिंदगी.जो आज है कल ना रहेगा।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
बढ़ रहे हाथ अपने जो गगन की ओर हैं.तोड लायेंगे तारे वह ल��्ष्य विभोर हैं.फिर देखेगी दुनियाँ लगाकर टकटकी.जहाँ में इरादे बुलंद हमारे कुछ और हैं।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
जलता रहा चिराग रात भर आँखों ने आँसू पिये.कुछ ख्वाब थे टूटे नहीं खुद में वह मर मर जिये। .शिकायते आती रही होठ तक मगर कहती क्या.थी उलझनें जिंदगी की तर्क कुछ नये नये दिये।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
जहाँ तक हो अपने से यूँ गुस्सा ना हो.दूर रहें उनसे जहाँ कोई हिस्सा ना हो।.परित्याग ही सर्वोपरि है इस जगत में.अहमअपना विबादित किस्सा ना हो।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
वख्त से जो भी डर कर चला इतिहास हो गया।.अपने अहम में जो फूला फला, खाक हो गया।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अपने क्रोध में इतना भी ना उबलो.विश्व में कहीं आग नहीं लगानी है।.इंसान केवल इंसान के काम आये.यह बात सभी कोई समझानी हैं ।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
यदि अन्याय के प्रति आपका भी खून खौलता है.मरता नहीं अंतर्मन जो सत्यता के मार्ग तौलता है। .अमिट लहर सी देती है संदेश इंसान के जहन को.इंसानियत के धरातल भी हर पद चिन्ह बोलता है।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
जो टुकड़ों में पलते कुत्ते,.घर घर नहीं मचलते।.ये भोंक कहीं भी देते हों.पर देख हवा रुख चलते।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
देश की ऐकता और अखंड़ता की बात हो।.न हो वर्ग भेद धरा पर सिर्फ मानव जात हो।.न वैमनस्य विद्रोह ,स्वप्न में भी अपनत्व रात हो।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
हमें हमारे हिंद में नफरत नहीं चाहिऐ.ये जिनको ना हो पसंद चले जाइये।.बहुत बडी है धरती जहाँ दिल करे.वहाँ ही सुखमय घर अपना बनाइये।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
सौने की चम्मच में चटनी है प्याज की। .कौन परवाह करता बचे धन के ब्याज की।.जब हों सेठों के हाथों की कठपुतली.चर्चा होती है केवल पूजा और नवाज की।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
यदि कोई तेरी मन में उडा़न है.चल उड़ जा खुला आसमान है। .देखो जहाँ को है कौन किसका.वहाँ कोई न कहीं अभिमान है।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
नहीं है लोभ लालच ममता .जग में पुरूषार्थ की क्षमता.केवल.लोक हितार्थ सत्य निष्ठा.उज्वल करती है प्रटिष्ठा.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
हम जब विश्व की बात करते हैं.वो घर की ही गुल्लक गिनते हैं।.कितने लालची हैं ये लोग यहाँ.अपना ही उल्लू सीधा करते हैं।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
अधर्म हुआ है कहीं असफल.तो कहीं मिला कर्म का फल।.होली रंग में सराबोर हो सभी.ये जीवन होता नहीं निष्फल।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
सब हाथ बंधे हैं उसके भी.कर्म फल सब पा जाते हैं।.जो जितना करता दया धर्म.हिस्से में उतने आ जाते हैं।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
बीर शहीदों की शहादत,.खाली न जानी चाहिऐ।.मिल बैठ कर निर्णय करें.इन अपनों को समझाइऐ।.अक्षम्य गद्दार हैं ये देश के.शक्त कानून को अपनाइऐ।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
अंतर्मन की दुकान में रखा सामान.ये आजकल कौन खरीदता है यहाँ।.दिखावे का व्यापार है सरे बाजार में .ढोंग ढकोसले पर चलने लगा है जहाँ।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
हे प्रजा तंत्र तेरे घूँघट में.देखो कितने चोर भरे है।.यह कहने की बात नहीं हैं.योगी हैं हीरा और खरे हैं।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
किये थे जो वादे यदि कोई कैसे भुलादे.जो मरते हुए वतन को, पल में जिलादे।.केवल अर्थ जीवन के नहीं अपने लिए.परहित की बांहों, जो अंग अंग झुलादे।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
जितने हैं अनुमान तुम्हारे सब मन की उलझन हैं.खोलो पट दिल के दिल से जहाँ नहीं कोई बंधन हैं।.करो प्रार्थना समर्पण कर ऐक देव है हर मन मंदिर .शीतल तन मन हो जाता है इतना पावन ये चंदन हैं।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
उडा़ उड़ पंक्षी नित गये गगन में.ज्यों महके सुर्भित कली चमन में।.कोई भेदभाव नहीं उनके अंतर्मन.हर आश बसी उनके आलिंगन में।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
इतना ही गहरा है पानी हमारे गाँव में.कमी नहीं हरा भरा पेडो़ की छाँव में।
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
बड़े लोगों की बात को दवाब ना समझें.यह जीवन के अनुभवों की सीख होती है।.कटुसत्य होते हैं जीवन राहों के कांटे.प्रगति पंथ की पाठशाला की.होती है।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
वह घंटों बैठे रहे इंतजार था.कोई आयेगा मन बेकरार था। .ले गया कोई बातों हीं बातों.लौटेगा वो धन जो उधार था।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
भूख की हद नहीं.दुश्मन की सरहद नहीं.क्यों खोजते हो अपने आप को.जब ईमान का कोई मद नहीं.इंसान से जो कट गया.उसकी जिंदगी का मकसद नहीं।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
काँटों से होकर लाचार.करना ही पड़ता है.तेज तलवार का वार।.कबतक सहन करे कोई.आये दिन सीमा सी तकरार।.ऐक दिन तो होंनी है.निर्णायक युध्द आर या पार।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
कुंदन सी देह लिए जो घर आयी.क्यों कहते हैं लोग उसे ही परायी। .घर द्वार सब कुछ था उसका भी.ये कैसी परम्परा विधि ने बनाई।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
कोई चुने न चुने, फूल का तो काम है खिले.वहे कर्म की प्रवाहिनी, ध्येय को श्रेय मिले.ये विमुख रास्ते, है नहीं कोई आपका खलल.ना हों अर्थ के अनर्थ पर कोई ज्ञेय तो मिले।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
आज नहीं तो कल बिखर जाॅयेगे.ये पल भी,पता नहीं किधर जाॅयेगे।.इतना भी न कर गुमान तन मिट्टी है.कल सब ही मिट्टी में मिल जाॅयेगे।।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
ना गोदो इसको मानव हत्याओं से.इस धरती को पावन धरती रहने दो।.दर्द सहा है धर्मों की अंध लडाई का.मानवता में गीता सी गंगा बहने दो।।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
आने जाने के खेल.इतना भी ना खेल.रुक जा कहीं किसी मोड़ पर.जिंदगी है ये तेरा मेरा मेल.बहुत हो गये वादे झूँठे.अब इतना भी ना ठेल।.
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@pooran775
Pooran Singh
7 years
अब चल भूल जा किसने क्या कहा.देख खुद की आँख आँसू क्या रहा।.संबंध यूँ ना टूटें कहीं अपनत्व रख.है अमर जग में वही जिसने ये सहा।.
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@pooran775
Pooran Singh
8 years
यूँ तो तेरे हाथ से.सत्ता की चिड़िया.छूँ मंतर हो जायेगी।.स्वच्छंद नहीं .आसमान तेरा कहीं.कौन मानेगा.जब तेरे घोंसले में.दूसरी अंड़े दे जायेगी।.
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