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मनोज कुमार (Manoj Mukul)
@manojkumarmukul
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कर्म से पत्रकार हूं। बिहार की राजनीति को समझने और समझाने का प्रयास करता हूं। पूर्व छात्र आईआईएमसी दिल्ली, मूल रूप से बिहार का हूं।
ग्रेटर नोएडा, भारत
Joined September 2009
राजस्थान - ब्राह्मण सीएम हरियाणा - (सैनी) ओबीसी सीएम यूपी - राजपूत +पहाड़ी सीएम ऐसे में दिल्ली के लिए बीजेपी के पास जातीय संतुलन साधने का विकल्प जाट, वैश्य, सिख, पंजाबी, दलित बचता है। सिख और पंजाबी के जरिए बीजेपी पंजाब में होने वाले 2027 के चुनाव को फोकस कर सकती है। जाट के जरिए 2027 में होने वाले यूपी चुनाव में पश्चिमी यूपी को साध सकती है। किसान आंदोलन के साथ ही हरियाणा, राजस्थान के जाटों की कथित नाराजगी को साधा जा सकता है। वैश्य बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है। उसके जरिए बीजेपी केजरीवाल की जमीन को पूरी तरह तोड़ सकती है। हालांकि अभी तत्काल उसकी जरूरत नहीं दिखती। बचता है दलित समाज। इस वक्त कोई दलित सीएम नहीं है। बीजेपी दलित का दांव चलकर विपक्ष के संविधान, बाबा साहेब वाले प्लान को अपने पाले में कर सकती है। बिहार , यूपी, पंजाब में भी इसका असर दिख सकता है। अब बीजेपी क्या करेगी बेहतर उसी को पता होगा।
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दिल्ली में पूर्वांचली वोटों के प्रभाव के लिहाज से करीब 29 सीट है। पिछली बार आप ने इन से सीटों पर एकतरफा बढ़त हासिल की। बीजेपी 2 पर सिमटी। लेकिन बीजेपी ने इस वोट बैंक को टारगेट करने के लिए पूर्वांचली मोर्चा बनाया। @santoshojha संतोष ओझा को इसकी जिम्मेदारी दी। छठ के घाट का मुद्दा हो या केजरीवाल का बयान । पूर्वांचली मोर्चा ने जमीन पर जो काम किया उसका नतीजा रहा कि 50 प्रतिशत से ज्याद सिर्फ बिहारी वोट बीजेपी को मिला। बीजेपी ने 21 सीटें इस बार जीती
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राजनीति में समय और संयोग का काफी महत्व होता है। दिल्ली में चुनाव के बाद अब जब सरकार बनाने की बारी आई है तो बीजेपी में कई दावेदारों की चर्चा हो रही है। बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि पार्टी cm उसी को बनाती है जिसका नाम मीडिया में चर्चित नहीं होता। बात सही भी है। MP में शिवराज की जगह मोहन यादव राजस्थान में वसुंधरा की जगह भजनलाल छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की जगह विष्णुदेव हरियाणा का खट्टर मॉडल तो 2014 में सबको चौंका चुका था। झारखंड में रघुबर दास, उत्तराखंड में धामी जैसे नाम भी अपने वक्त में रहे हैं। ऐसे में दिल्ली में क्या होगा इसका अंदाजा सहज नहीं लगाया जा सकता। यही वजह है कि बीजेपी बीट के पत्रकार दर्जन भर से ज्यादा नाम ले आए हैं। इसमें प्रवेश वर्मा मोहन बिष्ट विजेंद्र गुप्ता मनजिंदर सिरसा सतीश उपाध्याय जितेंद्र महाजन आशीष सूद रेखा गुप्ता उमंग बजाज करनैल सिंह जैसे विधायक हैं। इनके अलावा सांसद मनोज तिवारी पूर्व सांसद स्मृति ईरानी बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का नाम भी शामिल है। मतलब कोई छूटा नहीं है। हर किसी के पक्ष में कोई न कोई तर्क है।
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कपिल मिश्रा @KapilMishra_IND डिप्टी सीएम तो बन ही सकते हैं । सबसे ज्यादा वोट से जीतने का इनाम मिल सकता है ।
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