स्त्री की....!!
निरंतर एक ही
"खोज चलती रहती है,"
वह सुंदर पुरुष की
खोज नहीं करती!
वह एक गहरे प्रेम करने वाले
और
उसे समझने वाले,
पुरुष की खोज करती है,
जिस पर वह अपने प्रेम की
वर्षा कर सके....
❤❤❤❤❤❤❤❤
औरत की अंगड़ाई बयान करती है की उसे मर्द की जरुरत है मर्द के ऊपर चढ़ते ही उसकी सिसकियां बता देती है की औरत मर्द के नीचे कितना आनंद ले रही है मर्द जब अपना नंगा बदन उस के सुलगते बदन से रगड़ता है तो औरत मानो सातवे आसमान में जा चुकी होती है ahhh uh के अलावा कुछ नही निकलता।