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Laliram
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लेखक, कवि, WRITER, POET दीवाने की बात का इक पैमाना होता है, कोई नशा नहीं करता है जो दीवाना होता है…
UTTARAKHAND, INDIA
Joined June 2015
प्रेम प्रेम के अनेक रूप हैं प्रेम के हैं अनेक प्रकार। प्रेम दया है प्रेम करुणा है प्रेम है स्नेह दुलार। प्रेम सेवा भाव से उनको जो होते हैं ईमानदार। प्रेम का हर रूप पवित्र है यदि पवित्र हैं विचार। प्रेम समान सम्मान है प्रेम समान अधिकार। प्रेम पावक सा पावन है प्रेम है पवित्र गंगा की धार। प्रेम पवित्रता सम्मान अधिकार का है सार। प्रेम से समस्त संसार है प्रेम में है समस्त संसार। प्रेम के प्रति कई लोगों के होते हैं दोहरे विचार। प्रेम खुद का उचित लगता है दूसरों का प्रेम बेकार। प्रेम जिनका दिखावा है और है छलावे का आधार। प्रेम के प्रति वही लोग रखते हैं दोहरे विचार। प्रेम करने वाले प्रेमियों से जलना है बेकार। प्रेम पवित्र है जिसका वो चाहे प्रेम करे संसार। प्रेम कोई मेहरबानी नहीं प्रेम नहीं उपकार। प्रेम कोई सौदा नहीं प्रेम नहीं व्यापार। प्रेम का लफ्जों से कोई करते हैं इजहार। प्रेम का लफ्जों से कोई करते हैं इकरार। प्रेम के लफ्ज अक्सर लगते हैं उपहार। प्रेम में उपहारों की अक्सर होती नहीं दरकार। प्रेम में लफ्जों की अहमियत होती है हर बार। प्रेम मोहताज नहीं लफ्जों का कवि का है विचार। प्रेम में व्यवहार से भी होता है इजहार। प्रेम में व्यवहार से भी होता है इकरार। प्रेम में मोलभाव नहीं होता स्वभाव से होता है प्यार। प्रेम और बढ़ जाता है जब मिलते हैं विचार। प्रेम में शब्दार्थ से अधिक भावार्थ पर होता है विचार। प्रेम भक्ति है प्रेम शक्ति है प्रेम ज्ञान है प्रेम है अनंत अपार। लालीराम
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शराब बंद करनी चाहिए शराब एक के साथ एक फ्री देना भी एक वजह हो सकती है केजरीवाल आम आदमी की तरह जीवन जीयेंगे अधिक सरकारी सुविधाएं नहीं लेंगे कुछ खास जनहित करेंगे ऐसा कह कर राजनीति में आये थे लेकिन लालच में पड़कर झूठ बोलने लगे और बेईमानी करके अन्य नेताओं की तरह बन गए शायद ये वजह है
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महाभारत युद्ध में बहुमत तो दुर्योधन के पास भी था अर्थात दुर्योधन के पक्ष में अधिक लोग एकत्र हुए लेकिन फिर भी लोग मानते हैं कि दुर्योधन अच्छा इंसान नहीं था अच्छाई का प्रमाण बहुमत नहीं सामर्थ्य अनुसार जनहित के कार्य होते हैं...
चुनाव अब दलों की हारजीत से ज्यादा चुनाव आयोग की क्रेडिबिलिटी को जांचने का पैमाना हो गए हैं। उसके नतीजे अभी 3-4 दिनों में आने लगेंगे। तब पता चलेगा कि आयोग यहां भी हारा या जीता.
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@ajitanjum खुश क्यों नहीं हो क्या कांग्रेस के किसी नेता के पास उचित भोजन वस्त्र आवास शिक्षा और इलाज की व्यवस्था नहीं है शायद सभी नेताओं के पास जनता से बहुत अधिक धन और सुविधाएं हैं एक भी बार जीतने पर पेंशन मिलती है शायद अधिकतर नेताओं के पास करोड़ों रुपए हैं परेशान जनता है और दुखी भी जनता है
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खुश क्यों नहीं हो क्या कांग्रेस के किसी नेता के पास उचित भोजन वस्त्र आवास शिक्षा और इलाज की व्यवस्था नहीं है शायद सभी नेताओं के पास जनता से बहुत अधिक धन और सुविधाएं हैं एक भी बार जीतने पर पेंशन मिलती है शायद अधिकतर नेताओं के पास करोड़ों रुपए हैं परेशान जनता है और दुखी भी जनता है
लगातार तीन चुनाव में 0 पाकर भी जो पार्टी खुश है , उसे कांग्रेस कहते हैं. #DelhiElectionResults #DelhiElection2025 #DelhiElections2025 #DelhiAssemblyElection2025
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@Rinkiyadav04 जो लिखा है इसमें थोड़ा बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि हर आदमी बेईमानी की तलाश में नहीं है अनेक आदमी ईमानदारी दिखाने के लिए अवसर की तलाश में भी हैं और अनेक लोग ईमानदार हैं यह भी मानते हैं कभी कोई भी ईमानदारी दिखाने का अवसर देकर परखना चाहें तो परख सकते हैं ... लेखक कवि लालीराम
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जो लिखा है इसमें थोड़ा बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि हर आदमी बेईमानी की तलाश में नहीं है अनेक आदमी ईमानदारी दिखाने के लिए अवसर की तलाश में भी हैं और अनेक लोग ईमानदार हैं यह भी मानते हैं कभी कोई भी ईमानदारी दिखाने का अवसर देकर परखना चाहें तो परख सकते हैं ... लेखक कवि लालीराम
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सच्ची मोहब्बत और सादगी सच्ची मोहब्बत की भी कदर हो हम मानते हैं। विनम्रता और सादगी की भी कदर हम जानते हैं। कोई तन का श्रृंगार करने वाली को परी मानते हैं। श्रृंगार जो करती है मन का हम उसको सुंदरी मानते हैं। कभी किसी की तरफ देखने को अपनी दया वो मानते हैं। कभी नजर झुकाने की अदा को हया वो मानते हैं। नजर मिला के नजर झुकाने की अदा वो जानते हैं। नजर झुकी हो या हो तिरछी हम हर नज़र को पहचानते हैं। कोई तन की सुंदरता पे इतराने को अदा मानते हैं। हम तो सादगी को ही सबसे प्यारी अदा मानते हैं। तन के संग मन के संवरने को हम संवरना मानते हैं। विचारों की शुद्धता को हम परखना जानते हैं। सुंदर मन वाली हैं आजकल भी हम तो मानते हैं। सुंदर मन की तारीफ करना भी हम तो जानते हैं। कोई अपनी जुल्फें झटक के इतराना जानते हैं। हम भी झूठी तारीफ करने से कतराना जानते हैं। हम कैस नहीं समझते खुद को ना फरहाद ही खुद को मानते हैं। प्यार में हम ईमानदारी और जज्बात भी कुछ तो जानते हैं। हम मीर नहीं समझते खुद को ना खय्याम ही खुद को मानते हैं। हम लालीराम हैं लालीराम ही खुद को मानते हैं। लालीराम #शुभ_कामना #MaharashtraElection2024
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इश्क मोहब्बत इश्क जिसे अच्छाई से मोहब्बत उसे है दान से। इश्क जिसे सच्चाई से भय नहीं उसे इम्तिहान से। इश्क जिसे इंसानियत से मोहब्बत उसे इंसान से। इश्क जिसे ईमानदारी से नफरत उसे बेईमान से। इश्क जिसे अधिकार से वो फर्ज निभाए ध्यान से। इश्क जिसे तदवीर से वो मेहनत करे जी जान से। इश्क जिसको जज्बातों से उसे मोहब्बत सारे जहान से। इश्क जिसको उसूल से उसे शूल भी लगते हैं उद्यान से। इश्क साहस से उसको जिसे मोहब्बत ऊंची उड़ान से। इश्क चांद सितारों से जिसको मोहब्बत उसे आसमान से। इश्क जिसे लेखन कला से मोहब्बत उसे शब्दों के मिलान से। इश्क जिसे कविता शायरी से मोहब्बत हो उसको ज्ञान से। इश्क जिसे हो शमशीर से हो उसे मोहब्बत म्यान से। जब तक जरूरी ना हो तब तक शमशीर निकले ना म्यान से। इश्क सुंदर तस्वीर से जिसको मोहब्बत उसे मुस्कान से। इश्क सुन्दर तकदीर से जिसको मोहब्बत उसे ईमान से। अच्छाई के रास्ते अक्सर लगते हैं सुनसान से। अच्छाई के राही बहुत हैं पता लगता है कदमों के निशान से। लालीराम
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मोहब्बत मोहब्ब्त है कहना होता गलत तो नहीं। ना सुन के सताना नहीं होता सही है। मेरी चाहत पे अगर तुझे यकीन नहीं। अगर संशय है तो परखना सही है। तेरे जैसी लगती कोई हसीन नहीं। मेरी भी नीयत सच्ची और सही है। सुना था मैंने कि दिल पे कोई जोर नहीं। जब खुद पे गुजरी तो जाना सही है। मोहब्बत है तुझको भी तो स्वीकार कर ले। सच्ची मोहब्बत हमेशा सही है। तू चाहे तो मेरा इतिहास पढ़ ले। हर पन्ने पे लिखा है सही है। भरोसा मुझ पे तू इक बार कर ले। फिर तू भी कहेगी सच्चा है सही है। सिवा तेरे इतना किसी को भी चाहा नहीं। कह दे तू चाहत ये कितनी सही है। मेरे दिल की बात मैंने तुझसे कही। तेरा कुछ ना कहना क्या ये सही है। तू हां कर या ना कर अधिकार तेरा है। सोचना पहले तू क्या गलत क्या सही है। तू चाहे अगर तो इनकार दे। मैं ना पूछूंगा तुझसे ये कैसे सही है। तुझको खुद पर भी क्या यकीन नहीं। सब सच कह देना ही होता सही है। मोहब्बत करना अगर है मुमकिन नहीं। बातें भी ना करना क्या ये सही है। बातें होती रहें तुझसे कम तो नहीं। मुलाकातें भी होती रहें तो और भी सही है। लालीराम
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धर्म इंसानियत कर्म सेवा धर्म इंसानियत कर्म सेवा उसका यह नारा है। नूर किसी के चेहरे का किसी के नयनों का तारा है। स्वाभाविक परोपकारी है वो जनता का दुलारा है। दुलारा कह कर अक्सर जनता ने उसे पुकारा है। मझधार में जो फंसे हुए हैं उनके लिए वो किनारा है। स्नेह भरी नजरों से लोगों ने उसे गौर से निहारा है। निर्बल निर्धन निर्दोषों के लिए वो एक सहारा है। तहेदिल से लोगों ने उसे दुआओं से संवारा है। राह में मुश्किलें बहुत हैं पर वो हिम्मत नहीं हारा है। पर्वत सी हैं मुश्किलें तो वो नदिया की धारा है। मृदुभाषी है वो इतना जैसे मिस्री है शीरा है। हृदय उसका पुष्प सा कोमल कठोरता में हीरा है। मृदु जल के झरने सा है वो समुंदर सा खारा है। सज्जन से प्रसन्न होता दुर्जन से उसका चढ़ता पारा है। सच्चाई की खातिर उसने तन मन धन वारा है। अच्छाई की खातिर उसका जीवन सारा है। दीपक सा वो सूरज सा भी वो चंदा सा प्यारा है। फरिश्ता नहीं वो इंसान ही है पर इंसानों से न्यारा है। लालीराम
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धर्म इंसानियत कर्म सेवा...
Ammi Abbu introduced us to this gem of Sahir very early in life. It continues to rule our lives ever since. Will remain in my heart, soul, thinking, action, till I breathe my last. Read this at the World Book Fair today at @RajkamalBooks
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RT @Dr_MonikaSingh_: शंकराचार्य जी के अपमान पर भड़के देवकी नंदन ठाकुर! शंकराचार्य सनातन के भगवान के पद पर बैठे है, कोई मेरे भगवान का अपमान…
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RT @nehafolksinger: “अमेरिका सातवाँ बेड़ा भेजे या सत्तरवाँ बेड़ा…भारत अब पीछे नहीं हटेगा” vs. “ये कोई नई बात…
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@nehafolksinger गरीबी बेरोजगारी महंगाई सरकार के भ्रष्ट होने का प्रमाण होते हैं लूट हत्या और भी अनेक अपराध होना और अपराधियों को सजा नहीं मिलना भी सरकार के भ्रष्टचारी होने का प्रमाण होते हैं… @ravishndtv @ajitanjum @narendramodi @RahulGandhi @aajtak
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