वह आर्य कौन है जिस नाम से हमारे पूर्वज ऋषि इस शक्तिशाली जाति को,जिसे आज हिंदू कहा जाता है,पुकारते थे?
आर्य होने का अर्थ है महान,पराक्रमी, हृदय से दयालु फिर भी विवेकशील।आर्य वह है जो जानता है कि सृष्टि में अंतर्निहित एकता है लेकिन वह एकता स्वयं को विविध रूपों में प्रकट कर रही है।