क़ुरआन करीम सिर्फ चूमने,गलाफ़ में लपेटकर ऊपर उठाकर रखने,किसी के मरने,दहेज में देने के लिए खुदा ने नही उतारा,बल्कि इसको खोलने,समझकर पढ़ने,अमल करने,और उसकी रोशनी दूसरों तक पहुचाने औऱ सही मानो में इंसान बनने के लिए उतारा है।
दिखादो दुनिया को सच्चा मोमिन बनकर।
सुप्रभात
आदाब