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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)

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MLA , CPI ML , Dumraon ( BIHAR )

Dumraon, India
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
4 months
व्यक्ति का प्रयास ज़रूर रंग लाता है । लोगों का काम है हल्ला करना वो करते रहेंगे । हमारा काम है काम करना हम काम करते रहेंगे । उम्मीद है ओवर ब्रिज का जल्द टेंडर होगा और जल्दी ही काम लगेगा। सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के वजह से हमलोग कई योजनाओं को समय से पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं ! डुमरांव बाइपास भी सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के वजह से रुका पड़ा है । अव्वल तो यह है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा लगातार अधिकारियों के पैर छूने के बावजूद भी ये लोग कार्यों का निष्पादन नहीं कर पा रहे हैं !
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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
6 months
लैटरल इंट्री के माध्यम से आई. ए. एस बनाने के प्रावधानों के बाद केंद्र सरकार ने एक बहाली निकाला था । जिसमें आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं थी । इसके बाद बवाल हुआ और सरकार ने इस बहाली पर अभी रोक लगा दी है। लेकिन सवाल यह है की हमे समस्या लैटरल इंट्री से है या लैटरल इंट्री में आरक्षण के प्रावधान नहीं रहने से है । जहां तक हमलोग लैटरल इंट्री को समझ पा रहे है तो इसका मतलब साफ है की लैटरल इंट्री का प्रावधान सरकार इसलिए ले कर आई है ताकि वो बिना किसी परीक्षा , बिना किसी इंटरव्यू के ही अपने मन पसन्द लोगो को आई. ए. एस बना सके । अब इसमें यदि आरक्षण का प्रावधान हो भी जाए तो सरकार आरक्षित वर्ग में भी तो अपने पिट्ठू लोगो की ही भर्ती करेगी। ऐसे में आरक्षित वर्ग से आने वाले लैटरल इंट्री वाले अधिकारी और अनारक्षित वर्ग से आने वाले अधिकारियों में क्या ही अंतर रह जाएगा ? दोनो ही वर्गों के अधिकारियों की नियुक्ति तो उनकी योग्यता के आधार पर होनी नहीं है ! ये लोग तो सरकार के रहमो करम पर ही अधिकारी बनेंगे ! तो जाहिर है ये सरकार के नापाक मंसूबों वाली नीतियों को लागू करने में आगे बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लेंगे ! इसलिए मुझे लगता है की आरक्षण का प्रावधान हो या नहीं हो लैटरल इंट्री का प्रावधान किसी भी रूप में समाज के लिए और मेहनत कर के अपना मुकाम हासिल करने वाले नौजवानों के लिए बेहद नुकसानदायक है इसलिए लैटरल इंट्री का प्रावधान समाप्त होना चाहिए ! लैटरल इंट्री अपने हर रूप में खतरनाक है ।
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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
6 months
लीजिए अग्निवीर योजना का रुझान आना शुरू हो गया ! हमलोग तो शुरू से ही कह रहे हैं कि यह योजना नौजवानों की ज़िंदगी बर्बाद करने के लिए लाइ गई है ! अभी तो यह शुरुआत है अंजाम ज्यादा डरावना और ख़तरनाक होने वाला है ! इसलिए सचेत होइए और और सरकार की इस जनविरोधी योजना का पुरज़ोर विरोध कीजिए !
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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
6 months
लैटरल इंट्री बोले तो बिना शिक्षा ,बिना परीक्षा ,बिना समीक्षा के सीधे आई ए एस बनने का सुगम रास्ता ! कुछ दिन पहले भारत सरकार ने भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों को आर. एस. एस की शाखाओं में खुलेआम जाने की अनुमति दे दी और अब सरकार ने आर एस एस के कार्यकर्ताओं को सीधे प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति का रास्ता खोल दिया है ! सरकार का यह कदम जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी है इसका विरोध किया जाना चाहिए ! लैटरल इंट्री से देश कमजोर होगा और हमारे जितने नौजवान भाई ए ग्रेड की नौकरियों के लिए जी जान लगा कर मेहनत करते हैं उनका अपमान होगा !
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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
7 months
भोजपुरी में एक कहावत है "हथिया - हथिया शोर कइले,गदहो ना ले आइले रे"! कामोबेस यहीं हालत केंद्रीय बजट में मिले बिहार की हिस्सेदारी की है ! बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के नाम पर लोकसभा चुनाव में वोट मांगा गया । सीटें 40 में से 30 आईं। लेकिन उसके एवज में मिला क्या ? विशेष राज्य का दर्जा तो छोड़ ही दीजिए विशेष पैकेज भी नहीं मिल सका । कुछ एक्सप्रेस - वे की घोषणाओं को माननीय नीतीश जी द्वारा विशेष पैकेज कहा जाना कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता । बिहार की मूल समस्या एक्प्रेस - वे नहीं है । मूल समस्या है गरीबी जिसको बिहार में हुए हालिया आर्थिक सर्वे ने बताया है की बिहार में चौरानवे लाख परिवार ऐसे है जिनके पूरे परिवार की कुल मासिक आमदनी मात्र छः हजार रुपया है । समस्या है पलायन । यहां काम नहीं होने व मजदूरी कम मिलने के कारण बिहारी मजदूरों का भयानक पलायन होता है । वे जिन राज्यो और देशों में काम करने जाते हैं वहां भी उनकी जिंदगी बहुत बेहतर नहीं रहती है ! उन्हें अपनी जिंदगी बहुत फजीहत के साथ गुजारनी पड़ती है । समस्या है महंगी शिक्षा व्यवस्था । सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों की कमी जिसके वजह से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे अच्छे संस्थानों में नामांकन कराने से वंचित हो जाते हैं । समस्या है महंगी स्वास्थ्य सुविधाएं । बिहार में रहने वाले लगभग सभी लोग जानते हैं की बिहार का गरीब सुबह उठकर भगवान से यहीं प्रार्थना करता है की उसे कोई गंभीर बीमारी ना हो।क्यों की उसे मालूम है की गंभीर बीमारी हो जाने के बाद निजी अस्पताल में तो वह जा नहीं सकता और सरकारी अस्पतालों में आई. सी. यू. , वेंटीलेटर ,डॉक्टर और दवाइयों के अभाव में उसकी मृत्यु निश्चित है । समस्या है सिंचाई की समग्र व्यवस्था की कमी । सोन नहरों के सिंचाई क्षेत्र में आने वाले जिलों की एक चिरलंबित मांग रही है वह है कदवन जलाशय का निर्माण, डुमरांव क्षेत्र के किसानों के लिए मलई बराज परियोजना को शुरू करना अतिआवश्यक है जिसे बिहार सरकार पैसे के अभाव में शुरू नहीं कर पा रही है ! या यह सरकार की प्राथमिकताओं में ही नहीं है ! किसानों के फसलों का एम. एस. पी बढ़ाना आदि सवाल मूल सवाल है । समस्या है ठेके की नौकरी , नौकरी के नाम पर अग्निवीर जैसी अपमानजनक योजनाएं जिसे समाप्त कर स्थाई नौकरी की गारंटी की बिना मनुष्य का विकास संभव नहीं हो सकता है । इसके अलावा भी कई समस्याएं है जिसे हल किए बिना बिहार का विकास संभव नहीं है । इसलिए इस बजट को जिस प्रकार से कुछ सत्ताधारी नेताओं और कुछ गोदी मीडिया के अखबारों द्वारा बिहार के हित में प्रचारित किया जा रहा है - ऐसा कुछ भी नहीं है । ना ही यह विशेष राज्य का दर्जा है और ना ही यह विशेष पैकेज है । यह कोरी लफ्फाजी है जिसके माध्यम से बिहार की जनता को एक बार फिर से ठगने की कोशिश की जा रही है ।
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
7 months
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
7 months
कल संसद भवन में केंद्र की मोदी सरकार ने दो टूक में कह दिया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा ! आज इस खबर के साथ बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का स्टेटमेंट में छपा है ! केंद्र के इस रवैए का उन्होंने विरोध नही किया है बल्कि उनकी बातो में बेचारगी झलक रही है ! मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं की ' विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिले तो कम से कम विशेष पैकेज ही मिल जाता ! मुख्यमंत्री की यह बेचारगी लगातार बिहार को शर्मसार कर रही है ! बिहार की जनता ने एन. डी. ए को 40 में से 30 सीटें दी हैं ! इसके बावजूद केंद्र सरकार का बिहार के साथ यह सौतेला व्यवहार कहीं से भी उचित नहीं है ! केंद्र सरकार का यह रवैया बतलाता है की मोदी जी को सिर्फ गुजरात और गुजरातियों से स्नेह है बिहारियो की उन्हें कोई चिंता नहीं है ! आप जानते हैं की बिहार राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद बदहाल है ! झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार में आर्थिक श्रोतों की कमी हो गई ! मौजूदा सरकार जो पिछले 19 वर्षो से बिहार की गद्दी पर आसीन हैं उसने आर्थिक श्रोतों के विकाश के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया ! ना उद्योग धंधे शुरू हुए ना उत्पादन के नए क्षेत्रों में कोई कार्य हो सका ! आज भी बिहार दुनिया भर में श्रम निर्यात करने वाले राज्यो की श्रेणी में प्रथम स्थान पर बना हुआ है ! हाल ही में हुई बिहार राज्य की आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई की बिहार के 80 प्रतिशत लोग आज भी 20,000 रुपए से कम की मासिक आमदनी पर अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं ! इसमें लगभग चौरानवे लाख परिवारों की ��मदनी तो 6000 रुपए मासिक से भी कम है जिसे बिहार की सरकार ने प्रति परिवार दो लाख रुपया देने का आश्वासन दिया है ! लेकिन दुख की बात यह है की बिहार सरकार के पास यह राशि देने के लिए भी पैसे नहीं है ! यह बात महागठबंधन सरकार के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं सदन पटल पर कही थी ! बिहार राज्य कृषि प्रधान राज्य है लेकिन सरकार किसानों को नहरों के अंतिम छोर तक पानी देने ,किसानों को कृषि फीडर में 24 घण्टे निर्बाध बिजली देने व किसानों के उत्पादन का उचित मूल्य देने में सक्षम नहीं है । बिहार में मनरेगा सहित निर्माण आदि क्षेत्रों में काम कर रहे दैनिक मजदूरों को आज भी देश में सबसे कम न्यूनतम मजदूरी मिल रही है । विभिन सरकारी क्षेत्रों में काम रहे महिला - पुरुष ठेका कर्मियों का मानदेय इतना काम है की वो अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं ! बिहार राज्य में एन. एच को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश सड़के व पुल - पुलियों की हालत बहुत गंभीर है ! हाल ही में बिहार में गिरे 17 पुलों ने बिहार की भ्रष्ट व्यवस्था का पोल खोल दिया है ! सड़कों के रख रखाव व पुनर्निर्माण के लिए लिए अनुशंसा करने के बावजूद भी सरकार पैसे का रोना रो रही है ! बल्कि हकीकत तो यह है की बिहार सरकार की सड़के वर्ल्ड बैंक और नाबार्ड जैसे संस्थानों की ओर याचक की दृष्टि से देखती रहती है की कब उधर से लोन मिले तो काम शुरू हो सके ! एक तो पैसे का अभाव और दूसरी तरफ भ्रष्ट नौकरशाही ने राज्य की आर्थिक स्थिति को और बदतर कर दिया है ! शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत तो सबसे ज्यादा खराब है ! जहां एक तरफ सरकारी विद्यालय और महाविद्यालय सिर्फ सर्टिफिकेट बांटने का केंद्र बने हुए हैं वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल गरीबों की हत्या करने पर आमादा है ! के के पाठक जैसे ब्यूरोक्रेट्स के तानाशाही फरमानों और अपनी रोबिन हुड छवि बनाने की कोशिशों ने विद्यालयों में एक नए प्रकार के भ्रष्टाचार को जन्म दे दिया ह! जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर विद्यालयों के प्रधानध्यापको तक की संलिप्तता पाई जा रही है ! आज भी बिहार के सरकारी विद्यालय और महाविद्याल बुनियादी जरूरतों जैसे शिक्षक ,शिक्षकेतर कर्मचारी,भवन , बेंच -डेस्क आदि के लिए तरस रहे हैं ! राज्य का कोई भी सरकारी अस्पताल अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता उदाहरण के लिए आप डुमराओं अनुमंडल अस्पताल को ही देख सकते हैं ! अपताल में 30 डॉक्टर का पद है लेकिन मात्र ग्यारह डॉक्टर हीं पदस्थापित है ! चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी नहीं है , ड्रेसर नहीं है ,परिचारी नहीं है , सभी दवाइयां नहीं मिलती है ! और यहीं स्थिति कमोबेश राज्य के सभी अस्पतालों की है ! ऐसे में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ! केंद्र की सरकार द्वारा फिलहाल इस मांग को खारिज़ करना मतलब बिहार के विकाश की गति पर रोक लगाना है ! इंकार के बावजूद नीतीश कुमार का उनके सामने घुटने टेकना बिहारी सम्मान के साथ भद्दा मजाक है ! विशेष राज्य का दर्जा हमारा अधिकार और हमारी जरूरत है! फिलहाल बिना इसके हम विकसित राज्यो के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में हम सक्षम नहीं हो पाएंगे !
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Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
7 months
गवर्नेंस के मामले में बिहार सरकार की असफलता सर्वव्यापी है ! अब यह सरकार जानता कि सुरक्षा नहीं कर पा रही है ! इस सरकार में ना जनता सुरक्षित है और ना ही जनप्रतिनिधि !
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
कल 30 जून 2024 को इटाढ़ी प्रखंड के चानू डिहरा ग्राम में महात्मा बुद्ध के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में बक्सर सांसद सुधाकर सिंह के साथ शामिल हुआ ! अनावरण करने के बाद उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्ध सेल्फ रिस्पेक्ट की बात करते हैं ! बुद्ध कहते हैं कि आत्मनिर्भर बनो ! बुद्ध की विचारधारा वैज्ञानिक सोंच पर आधारित है ! वो आडंबरों और कर्मकांडों का विरोध करते हैं ! वो मानवता,समता ,एकता , बंधुता ,अहिंसा और करुणा के समर्थक हैं ! इसलिए बुद्ध को पढ़ने और उनके विचारों को अपनाने से मनुष्य का जीवन पूर्णता को प्राप्त करता है !
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
RT @HritikR09722041: ये अजीत कुशवाहा है,डुमरांव(बक्सर )से MLA है। इनका तेवर और बोलने का अंदाज मुझे काफी पसंद है। ये हर एक मुद्दे पर बिना…
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
सिर्फ़ हंगामा खड़ा करना मेरा मक़्सद नहीं मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए… मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए …
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
पचास प्रतिशत आरक्षण का अतिक्रमण तो पहले केंद्र की सरकार ने ही की है ! बिना किसी सर्वे , जनगणना अथवा बातचीत के ही उन्होंने दस प्रतिशत आरक्षण बढ़ा दिया ! लेकिन इसे किसी भी उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द करने की हिम्मत नहीं दिखाई उल्टे इसे लागू करने का आदेश दे दिया गया ! इसके अलावा भारत के कई राज्यों जैसे तमिलनाडु आदि ने तो बहुत पहले ही आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया है और वहाँ लागू भी है ! ऐसे में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है ! बिहार की महागठबंधन की सरकार ने जाती आधारित आर्थिक सर्वेक्षण कराया और यह पाया कि आज भी जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है जिसके लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाना ज़रूरी है ! इसी ज़रूरत के आधार पर वंचित तबकों ( दलित , महादलित , अतिपिछड़ा, पिछड़ा आदि ) के लिए बिहार विधान सभा में आरक्षण के दायरा को बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया ! जो सर्वसम्मति से पारित भी हुआ ! लेकिन अब बिहार की सरकार बदल चुकी है आज की बिहार की सरकार में ऐसे लोग हैं जिन्होंने नब्बे के दशक में जब पिछड़ा समाज को आरक्षण दिया गया तो उसके विरोध में उनके द्वारा सरकार गिरा दी गई और पिछड़ों को प्राप्त आरक्षण को ख़त्म करने की भरपूर कोशिश की गई ! बदली हुई सरकार के बदले हुए मिज़ाज वाले निज़ाम से हम साफ़ -साफ़ कहना चाहते है की हम अपने पूरे अधिकार अपने स्वाभिमान और अपने प्रतिनिधित्व की लड़ाई लड़ते रहेंगे ! हम 65 प्रतिशत आरक्षण ले कर रहेंगे ! कोर्ट से लेकर सड़क तक सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई जारी रहेगी ! लड़ेंगे … जीतेंगे ✊
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
आजकल सोसल मीडिया में दो सांसदो का बयान बायरल हो रहा है ! एक है आरा के पूर्व सांसद माननीय आर के सिंह जी ! सिंह जी चुनाव हारने के बाद आरा आए थे ! उन्होंने कहा है कि जो - जो गाँव मुझे वोट नहीं दिया है उसके बारे में सोचूँगा! क्या सोचेंगे वही जाने! लेकिन ऐसी भाषा का प्रयोग हमारे यहाँ छुटभैया सड़क छाप टाइप लोग करते है ! जब उनका कहीं नहीं चलता है तो बोलते हैं की ‘तहरा के देख लेब’ लेकिन उनसे उखड़ता कुछ नहीं है ! इसी को बोलते हैं खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे ! मैं तो यही कहना चाहता हूँ की माननीय संसद महोदय तो जितने के बाद किसी के बारे में सोंचे नहीं अब सोंच कर भी क्या कर सकते हैं ? अब दूसरे हैं सीतामढ़ी के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर जी ! जद-यू के नेता है और वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सभापति भी हैं! इन्हें जानने वाले लोग बताते हैं की बड़े बिज़नेसमैन हैं ! राजनीति में इनका रशुख़ धन-बल के बदौलत ही बना है ! ख़ैर इनका एक बयान भी खूब बायरल हो रहा है ! चुनाव जीतने के बाद अपने समर्थकों के साथ आयोजित मीटिंग में ये कहते हैं कि यादव और मुसलमानों ने मुझे वोट नहीं दिया है इसलिए उन्हें मेरे पास किसी काम के लिए नहीं आना चाहिए ! एक घटना का हवाला देते हुए बताते हैं कि चुनाव के बाद एक मुस्लिम समाज का व्यक्ति मेरे पास किसी काम के लिए आया तो मैंने उससे पूछा कि आपने वोट तो लालटेन को दिया होगा तो उसने कहा कि हाँ ! तब मैंने कहा कि फिर भी आपकी हिम्मत हो गई कि काम के लिए मेरे पास आ गए ! आगे वो कहते हैं कि कुशवाहा लोगो ने भी मुझे वोट नहीं दिया ! लगता है कि उनका मति भ्रष्ट हो गया है ! वो महागठबंधन द्वारा दिए गए सात सिटों के वजह से बदल गए ! उन्हें भी काम कराना हो तो उन्हीं सात सांसदों के पास जाएँ ! मेरे पास उन्हें चाय समोसा तो मिल सकता है परंतु मेरे द्वारा उनका काम नहीं हो सकता है ! दोस्तों सांसद महोदय का यह बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ तो है ही साथ ही साथ इसमें सामंती बदबू भी आ रही है ! इसपर तो चुनाव आयोग एवं सर्वोच्च न्यायालय को तुरत संज्ञान लेते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु आगे आना चाहिए ! दूसरी बात यह है संसद महोदय की आप जिनके बारे में बोल रहे हैं यह संघर्षशील समाज है ! हमने स्वयं लड़ कर अपनी आज़ादी, स्वाभिमान और आत्मसम्मान हासिल किया है ! हम कभी भी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करते ! हम ज़िंदगी किसी के रहमो करम पर नहीं जिया करते ! आपको आपकी सांसदी मुबारक हो !
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
आज तक चैनल जो बिहार तक के नाम से बिहार में चलता है ! इसके एडिटर सुजीत झा का एक वीडियो वाइरल हो रहा है जिसमें इस आदमी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आरा की बदहाल बिजली व्यवस्था के ज़िम्मेदार नवनिर्वाचित सांसद सुदामा प्रसाद हैं ! ये एडिटर महोदय कह रहे हैं कि आरा से आर के सिंह के हारने के वजह से आरा की बिजली वयवस्था बदहाल है ! ये तो सबको मालूम है कि आरा से सुदामा प्रसाद के जीतने और आर के सिंह के हारने से भक्तों को बहुत ज़ोर का झटका लगा है ! मुझे लगता है कि उन्हें उससे उबरने में काफ़ी वक्त लग सकता है ! लेकिन इन गोदी मीडिया वाले पतलकारों का क्या किया जाए इनका तो विलाप ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है ! आरा की बिजली समस्या पर आरा के बिजली विभाग के सीनियर अधिकारियों का कहना है कि ख़राब उपकरणों और बेकार हो चुके सप्लाई के तारों के वजह से बिजली का यह हाल है ! इस पर मैं भक्तों को कहना चाहता हूँ आज आरा की जो ख़स्ताहाल बिजली है इसके ज़िम्मेदार तुम्हारे पापा पूर्व बिजली मंत्री आर के सिंह ही है ! जिन्हें आरा की जानता में रिटायर कर के सुपौल भेज दिया है ! बाक़ी आरा सहित पूरे बिहार की ही बिजली व्यवस्था का खस्ता हाल है ! शहरों से लेकर देहात तक 90 प्रतिशत तार जर्जर हो चुके हैं ! थोड़ी सी आँधी आ जाए या हल्की बारिश शुरू हो जाए तो ये बिजली के तार करेंट सप्लाई करने के लायक़ नहीं रहते हैं ! मजबूरन बिजली काट दी जाती है ! बिहार और केंद्र की सरकार को इस समस्या से कोई मतलब नहीं है ! उन्हें तो सिर्फ़ बिल चाहिए नहीं देने पर लाखों रुपया का जुर्माना ठोक दिया जाएगा और इसकी कहीं भी सुनवाई नहीं होगी ! ये तो चल ही रहा था कि अब स्मार्ट मीटर लगाकर ग़रीब जनता का और ज़्यादा शोषण करने का जुगाड़ लगाया जाने लगा ! और यह सब डबल इंजिन की सरकार की नीतियों के वजह से हो रहा है !
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
आंध्र प्रदेश में मात्र आठ सीटें जीतने वाली भाजपा के नेता कह रहे हैं कि आंध्र प्रदेश की सरकार मोदी जी के नेतृत्व में चलेगी ! हद है महाराज ! मतलब कुछ भी …
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
बिहार की सरकार के पास सड़क बनाने के पैसे नहीं है ! नली-गली बनाने के पैसे नहीं है !स्कूल ,कालेज बनाने के पैसे नहीं है ! गरीबों के घर बनाने के पैसे नहीं है ! गरीबो को मुआवजा देने के पैसे नहीं है ! बिहार में धन उपार्जन का कोई विशेष साधन नहीं है ! बालू खनन के अलावा कोई उद्योग -धंधा नहीं है ! ले दे के पूरी सरकार जनता से टैक्स उगाही के बदौलत ही चल रही है ! पूरी सरकार जनता के भरोशे ही चल रही है ! हम बिहारी लोग देश में सबसे ज्यादा महंगा बिजली बिल देते हैं ! हम सबसे महंगा डीजल और पेट्रोल खरीदते हैं ! अधूरे सड़को पर बेतहासा टोल टैक्स दे रहे हैं ! कॉपी - कलम पर अठारह प्रतिशत टैक्स दे रहे हैं ! हम बिहारी लोग जमीन का रजिस्ट्री कराना हो ! म्यूटेशन कराना हो!रशीद कटाना हो!घरो का होल्डिंग टैक्स देना हो!थाना में एफ आई आर कराना हो ! जाती ,आवासीय ,आय बनाना हो ! सब जगह कमीशन देते हैं ! हमारे पैसे से ही चल रही है सरकार ! बिहारियों ने 2019 में 39 संसद जीता कर एन डी ए की सरकार बनाई ! 2024 में 30 संसद जीता कर फिर से एन डी ए की सरकार बनाई ! मिला क्या ???क्या मिला ??? कुछ नहीं!सिर्फ महंगाई ! इस बार देश की जनता ने मोदी जी को अकेले बहुमत नहीं दिया! उनकी सरकार बिना सहयोगियों के नहीं चल सकती है ! सहयोगियों में भी बिहार के मुख्यमंत्री माननीय नितीश कुमार अपने 12 सांसदों के साथ मोदी जी की सरकार की कुर्सी के चौथा पाया बने हुए हैं ! ऐसी स्थिति में यदि आज भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज नहीं मिलता है तो बिहार की बदहाली का जिम्मेदार आप किसे मानेंगे ! यह आपको तय करना है ....
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
माननीय मुख्यमंत्री बिहार ने एक हफ्ते के अपने दिल्ली प्रवास के दौरान माननीय प्रधानमंत्री के पैर छूने , अपने चंद मिनटों के भाषण में मोदी की चरणबन्दना करने और विपक्ष को श्राप देने सहित अपने कुछ साथियों को मंत्री बनवाने के अलाव क्या क्या किया ???
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
बिहार की पूरी सरकार मुख्यमंत्री सहित दिल्ली में सरकार बनवाने में व्यस्त हैं ! पिछले एक सप्ताह से दिल्ली का आनंद उठा रहे हैं ! इधर बिहार का एक बड़ा भूभाग लू और भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहा है ! भीषण गर्मी की वजह से लगातार लोगों की मौते हो रही है ! लेकिन सरकार का इसपर कोई ध्यान नहीं है ! हम जानते हैं की इस गर्मी और लू के आगोश में सबसे ज्यादा गरीब लोग ही आते हैं ! अमिर लोग तो सारा काम घर से भी कर सकते हैं लेकिन गरीब आदमी को अपने जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से बाहर निकलना ही पड़ता है ! लू और गर्मी की तबाही को देखते हुए बिहार सरकार को इसे आपदा घोषित करते हुए मृतक के परिवारों/आश्रितों को कम से कम दस लाख रुपया मुआवजा देना चाहिए !
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@ajitkmr51
Dr Ajit kumar singh (Ajit kushwaha)
8 months
पूरा शाहाबाद क्लीनस्वीप ! बोले तो सफाचट ! बधाई हो :..
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