Utmostforhighest .
2 years
हंसते-हंसते अचानक आईने के सामने,आज बहुत रोना आ गया हंसता चेहरा भी झुठला दिया फिर कहने लगा मेरा कमरा भी मुझसे, क्यूँ अपना दर्द तूने अपने अंदर ही दबा लिया माना ये जमाना कभी हो न सका तेरा,पर क्यूँ तूने मुझसे भी अपना सच छुपा लिया बस वही तो पल था, जिसमें बेजान चीजों ने अपना बना लिया