कोयल अपनी भाषा बोलती है,
इसीलिए वो आज़ाद रहती हैं।
किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,
इसलिए वो पिंजरे में जीवन भ��
दूसरों का गुलाम बन कर रहता है।
जीवन में कुछ भी
नामुमकिन नहीं है।
जो हम सोच सकते हैं,
वो हम कर भी सकते हैं।
अपनी भाषा,
अपने विचार और
अपने आप पर विश्वास करें।