इलाका अहीर का, कोयरी का, कुर्मी का, कहार का, चमार का.. मगर दवाई की दुकान से लेकर मेडिकल कालेज तक ठाकुर का, ब्राह्मण का, अगड़े बनिया का.. भूमिहार का...
बिहार में 12 करोड़ आबादी है.. मेडिकल इंडस्ट्री के लिए भारत के बड़े बाजारों में एक है. अकेले दवा का घरेलु बाजार प्रति वर्ष डेढ़
सूर्या कुमार यादव जातिवादी खेल जगत में ओबीसी जातियों के विद्रोह का नायक हैं। इस बहाने सामाजिक ताने बाने पर एक टिपण्णी
सूर्या ने रिवर्स स्विप शॉट पर छक्का जड़कर 360 डिग्री प्लेयर होने के सारे मानदंड पूरे कर लिए हैं। औसत रन रेट, स्ट्राइक रेट में सूर्या डिविलियर्स से बहुत आगे है।
Thanks
@yadavtejashwi
ji
स्वास्थ्य उपकेंद्र एकौनी 10 से 4 बजे तक नियमित रहा है। 24 से अधिक प्रकार की दवा उपलब्ध हैं। डॉ. शशांक 2 केंद्रों के प्रभारी हैं. लेकिन उनकी अनुपस्थिति में ANM रहती हैं। सप्ताह में 100 से अधिक पेशेंट इलाज के लिए आ रहे हैं।
~गोपेंद्र,औरंगाबाद
लालू-नीतीश की 'अंडरस्टैंडिंग' को समझें नई पीढ़ी तो वंचितों का भला ही होगा..!
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मंडल लहर की ताकत पर समाजवादियों ने गुदड़ी के लाल लालू प्रसाद यादव को 1990 में बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. नीतीश कुमार की भूमिका तब लालू के चाणक्य की थी.
बाद में दोनों के बीच अलगाव हुआ,
बिहार में अस्पतालों की सुधरी हुई व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए भाजपा समर्थक का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। तेजस्वी जी के स्वास्थ्य विभाग में कामकाज बढ़िया होने के कारण समृद्ध लोग भी सरकारी अस्पतालों का लाभ उठा रहे हैं।
बिहार तेजस्वी भवः!
@yadavtejashwi
गुजरात की फैक्ट्रियों में बिहार, झारखंड, यूपी, छतीसगढ़ के मजदूरों को 8 घंटे की नौकरी से पेट नहीं भरता तो 12-16 घंटे फैक्ट्रियों में काम करते हैं। तनख्वाह 12-16 हजार है।
जिस दिन तनख्वाह मिलता है, उस दिन चेत कर ही मजदूर वापस आते हैं। क्योंकि उचक्के छिना झपटी करते हैं। ये उचक्के
सामाजिक न्याय के लिए योगदान देने वाले, मंडल कमीशन लागू करने वाले, पिछड़ों को आरक्षण देने वाले वंचितों के राजा विश्वनाथ प्रताप सिंह जी को इस देश के वंचित वर्ग के लोग भूल नहीं सकते हैं। कल उनकी पुण्य तिथि है। वंचित वर्ग के सभी लोगों से अपील है कि पूरी ताकत के साथ पिछड़ों के मसीहा,
बिहार सरकार को भी चेत जाना चाहिए। राजस्थान, मध्य प्रदेश में हारने का लॉजिक समझ में आता है लेकिन छत्तीसगढ़ क्यों हार गए। भूपेश बघेल जैसा सामाजिक न्याय वाला मुख्यमंत्री, सबसे तेज़ विकास दर वाले राज्य, साम, दाम, दान, दंड, भेद में निपुण मुख्यमंत्री क्यों हार गया, यह बहुतों को समझ में
पिछड़े वर्ग की त्रासदी यह है वह जीते जी अपने नायकों की अहमियत को नहीं समझता है और बाद में पछतावा होता है। पिछडी जातियों के लिए जो भी उत्थान का काम करता है, पिछड़ी जातियों के लोग उसे भर पेट गरियाते हैं। पिछड़ी जातियों के आपसी अंतर्विरोध इतना गहरा है कि वे इन्हीं में उलझ कर अपना
भूमिहार मछली पाल रहा है. ब्राह्मण मांस निर्यात कर रहा है. कायस्थ आर्गेनिक खेती कर रहा है. बनिया खेती के लिए जमीन खरीद रहा है.
बढ़ई-लोहार पुश्तैनी पेशा में ही अटका है. कुम्हार भी व्यवसायी नहीं हो सका है. यह तीनों जातियों के धंधे में व्यवसायी दूसरी जाति के लोग है.
धोबी के
शिव की तरह खुद विष पीकर दलित, पिछड़ों को हैसियत देने वाले वी पी सिंह को सलाम!
बहुजनों,
यदि आप में जरा सी भी सामाजिक चेतना हो, मंडल लहर का थोड़ा सा भी नमक रगों में दौड़ता हो, तो वी पी सिंह की जयंती पर उन्हें याद करना मत भूलना।
25 जून 1931 जन्में वी पी सिंह के पिता दहिया रियासत
रावण कहाँ जलायेंगे, पटाखे कहाँ से लायेंगे और थकान कैसे मिटाएंगे। मौर्या, कुर्मी, निषाद, कहांर, महार, पाल, धोबी, कठेरिया, चमार, बैकवर्ड और समस्त दलित समाज के नौजवान, सबसे बड़े पुजारी बन गये हैं।
2/2
आखिर क्यों सोशल जस्टिस के धुरंधर मेडिकल इंडस्ट्री में जातीय वर्चस्व पर बोलते नहीं है. क्यों पिछड़ों के पास रोजगार के सबसे बडे बाजार में स्थापित होने का कोई विजन नहीं है? क्यों आपके लिए सरकार ही सब कुछ है...? देखिए इस बाजार को.... बहुत रोजगार है यहाँ... अगले पच्चीस सालों तक
दुर्गा पंडाल कहाँ सजाएं, रामनवमी की शोभायात्रा में तलवार कहां से आए, गणेश पंडाल कहाँ लगाएं, होली के लिए लकड़ी कहाँ से लायें, DJ कहाँ से मंगाएँ, पंडित कहाँ से बुलाएँ
He is the voice of the voiceless, the rise of the oppressed. His life is a story of bringing light into the lives of the exploited.
We pray to God for your healthy life. With time, you will leave a deeper imprint on our hearts.
Happy Birthday
@laluprasadrjd
Sir 🎊🙏
घोसी रिजल्ट के बाद गदहा तत्व सावधान रहें। पिछड़ों, दलितों के आपसी झगड़े में चुस्की न लें। यह हमारा आंतरिक मामला है। आपसे अलग है हम... बीच में उछल कूद करिएगा तो सैंत दिया जायेगा। सीधी लड़ाई 8 प्रतिशत बनाम 92 प्रतिशत की है।
वंचितों का यह नारा है, भारत देश हमारा है ✌️
दंगाई यूट्यूबर से समर्थन में एक खास जाति के लोग खड़े हो गए हैं।इनका इतिहास छद्म ही रहा है।सामने प्रगतिशील बनते है भीतर भीतर मवालियों, गुंडों, दंगाइयों को हीरो मानते हैं।यहीं इनका असल रुप है। 90 के बाद पैदा हुई श्रमजीवियों की पीढ़ियां इन्हें देखें और जरा पुरानी स्थिति का आकलन करें
इमरजेंसी में
@laluprasadrjd
जेल में थे मीसा जी का जन्म हुआ।फिर नायक लालूजी के रुप में उभार के साथ मजलूमों को दूसरी आजादी मिला।
इस इमरजेंसी में तेजस्वी जी को घेरने में आदमखोर व्याकुल है।बेरोजगार आंखों में उदासी है।ऐसे माहौल में फिर आंगन में बेटी हुई है
इतिहास खुद को दोहरा रहा है।
बिहार में पंचायत चुनाव 2001 में मुखिया के 8471 पंचायतों में मात्र 143 मुखिया दलित थे. "नीतीश नीति" के कारण 2021 में 8072 पंचायतों के 2483 पंचायतों में मुखिया दलित है.
यानि मोटा तौर पर कह सकते है कि नीतीश कुमार ने 2300 दलितों को मुखिया बनाया। यह समाजवाद से ही संभव है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने मेरे ख़िलाफ़ FIR करवाया है.?
कारण.? मैंने उन्हें “बेहूदा” कह दिया।
अब अगला बिना सिर-पैर के बात बोले।
स्त्रीलिंग को पुल्लिंग और पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाए।
बिना तथ्य और प्रामाणिकता के तेजस्वी जी और लालू जी का नाम NEET पेपर लीक में घसीटे।
तब नारा दिया था
फॉरवर्ड हरिजन भाई भाई
ई बैकवर्ड कहां से आई?
कर्पूरी के माई बियाई।
राय बरेली से चिक मंगुलर
महंगा पड़ा समस्तीपुर।
.…..
आज भारत रत्न देना पड़ रहा है 😀
इस बार बिहार में आरक्षण जब बढ़ाया गया तो हंगामा नहीं हो पाया। इसका कारण यह है कि पिछड़े वर्गों, दलितों में जागरूकता बढ़ी है...सामाजिक न्याय दिलाने वाली पार्टियां मजबूत हुई है। इसलिए आरक्षण विरोधियों ने मुंह खोलना उचित नहीं समझा ।
आज की पीढ़ी के लिए ये समझ पाना मुश्किल होगा कि
राम कुर्मी ही थे, राजपूत तो कतई नहीं थे। राम क्षत्रिय थे मगर क्षत्रिय राजपूत नहीं क्षत्रिय कुर्मी अथवा कोयरी ही थे। क्योंकि राजपूत नाम की जाति ग्यारहवीं शताब्दी के बाद ही अस्तित्व में आई थी। आज भी राम के वंशज रमैया कुर्मी का कुनबा अस्तित्व में है। कोयरी कुरमी को लव कुश का वंशज
मसला यह नही है कि किस जाति को टारगेट किया जा रहा है।
इनका असल उद्देश्य है कि ओबीसी वर्ग के मजबूत लोगों को चुन चुन कर निपटा दो ताकि वर्ग की लड़ाई लड़ने के लायक ताकत ही नहीं बचे।
मनुवादी सरकार इसी नीति के तहत काम करती है। इन्हें रोकना ही होगा।
#ओबीसी_पर_अन्याय_बंद_करो
दीपावली और छठ में लौटते हुए यूपी वाले पुरबियों और बिहारियों को ट्रेनों की सुविधा देना किसके जिम्मे हैं?
ट्रेनों में भीड़ का आलम यह है कि अब सिर्फ गैस चैंबर बनना ही बाकी है।
एसी कोच तक में लोग खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं। कहीं कोई ढंग की व्यवस्था नहीं है।
अमृतकाल में यूपी,
नवीन पटनायक संभवतः दुनिया के अलहदा प्रशासक है जो अपने क्षेत्र की भाषा बोलना नहीं जानते हैं। जी हां! वे ओडिशा से बाहर रहकर पढ़ाई लिखाई करने के कारण ओड़िया नहीं बोलते हैं। इसके बावजूद भी 20 साल से अधिक मुख्यमंत्री रहना अपने आप में शानदार बात है।
ट्वीटर पर सामाजिक न्याय वाले
@PriyanshuVoice
@AlokChikku
जैसे साथियों ने बिना किसी दल के समर्थन के गोदी मीडिया की बैंड बजा दी है।
यदि ये बीजेपी में होते तो इनकी हैसियत एक मंत्री जैसी होती। लेकिन समाजवादी तो वैचारिक निष्ठा के लिए भूंजा लिट्टी भी खा कर लड़ते हैं।
@yadavtejashwi
जो खुद विष पीकर हमें अमृत दे गए.....
जिन्होंने हाशिए पर खड़े करोड़ों लोगों की जिंदगी बदल दी, सदियों से चली आ रही दास्तां को खत्म कर दिया, खुद विष पीकर वंचितों के लिए अमृत बांट दिया उस वंचितों के राजा का आज ही के दिन अवतरण हुआ था.
यह वो राजा है जिन्होंने परिजनों के विरोध के
जब मनुवादियों ने "मुंगेरी लाल के हसीन सपने" बोल कर दलितों का मजाक उड़ाया!
.....
बिहार में एक नेता थे। मुंगेरीलाल। जाति से दलित समाज से आते थे। 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन में इन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी। 1952 के चुनाव में पटना जिले के नौबतपुर विधानसभा से विधायक का चुनाव जीते
राम लखन सिंह यादव...शेर ए बिहार!
वो नेता जो बिहार में पिछड़ी जातियों में राजनीति करने आया तो प्रदेश भर में सैकड़ों स्कूल और डिग्री कॉलेज खुलवाएं, एक राजनेता जो दबंग भी था और विजनरी भी था। यह वह नेता है जिसे जिसके सहारे की जरूरत बिहार में तब कांग्रेस को भी थी। बिहार की राजनीति
जो दलित पिछड़ों को आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं उनके खिलाफ न्याय के साथ विकास के लिए लड़ने वाले लड़ाकों के प्रथम जीत की मुनादी है।
अब देश में दो ही मोर्चे होंगे, एक सामाजिक न्याय का एक सामाजिक अन्याय का...! कोई माई का पनौती बिहार से उठी हुई आवाज को दबा नहीं सकता है।
न मंदिर, न
नीतीश जी की उत्तर प्रदेश में पहली सभा...
जी हां... सिर्फ एक सभा होते ही
देश की राजनीति का रूख बदल जाएगा।
उदासी के माहौल में अंगड़ाई का असर साफ दिखेगा।
मोदी मीडिया का विधवा विलाप शुरु हो जायेगा।
लिख कर रख लीजिए
ज्यादा दिन नहीं है।
इस भविष्यवाणी की हकीकत इसी माह में दिख
डियर क्रेडिटखोर तथाकथित हनुमान
@iChiragPaswan
जी,
आप नीतीश जी के काम का क्रेडिट क्यों ले रहे हैं?
एम्स खुलवाते तो थोड़ा बहुत दावा करते तो समझ में आता। किंतु नीतीश सरकार का संकल्प है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज हो, जिस पर काम हो रहा है।
......और आप है कि आदमी मरा नहीं कि चील कौवे
जो कहते हैं कि 63 प्रतिशत ओबीसी को 43% ही आरक्षण क्यों हो?
सुनो भई!
केंद्र में समाजवादियों की सरकार बनाओ, 63% भी आरक्षण लागू कर देंगे।
सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में।
अभी थोड़ा सब्र करो ✌️
#नीतीश_जरुरी_है
सुना है कि बागेश्वर वाला धीरेंद्र शास्त्री को पाखंड फैलाने के लिए गांधी मैदान, पटना में कार्यक्रम करने की अनुमति दी गई है।
सरकार का काम पाखंड, अंधविश्वास को रोकना भी होता है। यदि यह खबर सत्य है तो बेहद अफसोस की बात है। तुरंत रोक लगना चाहिए
@NitishKumar
@bihar_police
वीपी सिंह की सरकार गिराने वाले दंगाई पार्टी के भांडपाई कहते हैं कि पिछड़ों ने उन्हें छोड़ दिया।
जबकि हकीकत है कि समाजवादी दलों ने देवगौड़ा और गुजराल दोनों को प्रधानमंत्री बनाने के पहले राजा साहब को पीएम बनने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन राजा साहब ने यह कहते हुए मना कर दिया कि लोग
गंगा के मैदानी क्षेत्र को "गोबर पट्टी" कहना भारत के विकास यात्रा की शर्मनाक हरकत।
.......
बारिश की अनिश्चितता, कम वर्षा, बंजर भूमि, कहीं उड़ता हुआ धूल, कहीं कंकड़ पत्थर वाली कम उपजाऊ मिट्टी, दक्खन का पठार गरीबों की भूमि.. अनाज के लाले, भूख मिटाने के लिए लड़ने हेतु अभिशप्त 16वीं
बाजार को समझिए। चावल से बने हड़िया में जितना नशा होता तो उतना ही बाजारू वोदका में। किंतु हड़िया उत्पाद है, वोदका बाजार है।
नीम, बबुल के दातुन से बढ़िया दुनिया में कोई भी टूथपेस्ट नहीं हो सकता है। दातुन उत्पाद है, टूथपेस्ट बाजार है।
कुम्हार के चाक से बना कुल्हड़ का मुकाबला कभी
उपेंद्र कुशवाहा, राजभर, चिराग जैसे नेताओं की राजनीतिक हत्या का अस्त्र यह महिला आरक्षण होगा।
यदि उपेंद्र जी काराकाट से लोकसभा की तैयारी कर रहे हैं तो उस सीट को महिला आरक्षित कर इनके पास खेले गए "सम्राट दांव" को बीजेपी बिना किसी मशक्कत के अंजाम तक पहुंचा देगी।
#Quota_Within_Quota
अमेरिका में अश्वेत अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर अपनी पत्नी के साथ भारत यात्रा पर साल 1959 में आये थे. वो महिने भर भारत के विभिन्न हिस्सों में गए. मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, गरीबों, रिक्शा, ठेले वाले से मिले. उनकी
प्रति माह लगभग दस पंद्रह लाख की कमाई। अयांश के नाम पर 8 करोड़ की ठगी।
.... और खाते में मात्र 42 लाख रुपए?
यह साबित करता है कि यह लुच्चा सरगना नहीं है, यह सिर्फ मोहरा है। इस मोहरे का इस्तेमाल कोई और कर रहा है। चड्डी गैंग के स्लीपर सेल का कई मोहरों में एक है।
हल्दी घाटी युद्ध के बाद महाराणा प्रताप का जंगलों में भटकते रहे। राणा प्रताप ने फिर से अपनी सैन्य शक्ति तैयार की और कई बार मुग़ल सेनाओं का संहार किया। एक-एक कर 32 दुर्गों को जीत लिया; मेवाड़ के अधिकांश हिस्सों को जीत लिया । लेकिन चितौड़ को अपनी जिंदगी में नहीं जीत सके। महाराणा
ये कोई रेस्टोरेंट का खाना नही है। यह बिहार के शानदार स्वास्थ्य मंत्री का प्रभाव है। जो गरीबों की दुआ बटोर रहे हैं। तस्वीर में मधेपुरा सदर अस्पताल स्थित दीदी के रसोई का खाना है। लगभग 200-300 पेशेंट को गुणवता युक्त भोजन रोज 3 टाइम मुफ्त में दिया जाता है।
थैंक्स
@yadavtejashwi
जी
बीजेपी के लोग सुन लीजिए। बिहार के आरक्षण कानून को क 9वीं अनुसूची में शामिल कराइए। अन्यथा 2025 के विधानसभा चुनाव में 10 सीटें नसीब नहीं होगी। यह अन्याय समाज में विद्रोह को जन्म दे रहा है। पाप का घड़ा भरेगा तो किसी भी अदालत की ज़रुरत नहीं होगी।
@BJP4Bihar
@BJP4India
@samrat4bjp
भरम है आपका कि यह दंगाई यूट्यूबर इंजीनियर है।
जांच करवा लीजिए।
या तो इसकी डिग्री फर्जी निकलेगी या ये कोर्स छोड़ के भागा होगा।
गुज्जू सेठ की डिग्री हो या उसके गुर्गों की, असल होने की संभावना कम ही होती है।
चोरी करिए, वेश्यागमन कीजिए, सारे कुकर्म कीजिए। ...चलेगा।
मगर दंगाई यूट्यूबर के समर्थन, सहानुभूति हो तो मुझे अपनी सूची से मुक्त कीजिए। अनावश्यक कष्ट मत दीजिए।
जो कहते हैं कि 63 प्रतिशत ओबीसी को 43% ही आरक्षण क्यों हो?
सुनो भई!
केंद्र में समाजवादियों की सरकार बनाओ, 63% भी मिलेगा, 100% आरक्षण लागू होगा।
वह भी सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में।
अभी थोड़ा सब्र करो ✌️
@NitishKumar
@yadavtejashwi
की जय बोलो। अधिकार यहां से मिलता है।
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब अदानी का
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत अदानी का।
बैल अदानी का
हल अदानी का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल अदानी की।
कुआँ अदानी का
पानी अदानी का
खेत-खलिहान अदानी के
गली-मुहल्ले अदानी के
अपना क्या
यह देश,यह गांव!
🙈
सुनो दलितों पिछड़ों
तुम IAS तो बन जाओगे किंतु PSU कंपनियों के डायरेक्टर नहीं बन सकते हो। आखिर क्यों?
कभी सोचा है?
इसलिए PSU कंपनियों का डायरेक्टर 10000 करोड़ का टेंडर देता है तो उसके वर्ग के 500 को रोजगार मिलता है
किंतु आपके तमाम IAS सलेक्शन पैनल द्वारा रिजेक्ट हो जाते है, क्यों?
लोकसभा में सवर्ण आरक्षण की तैयारी
बिना ST, SC, OBC महिला आरक्षण का मतलब सवर्ण आरक्षण ही है।
यह पिछड़े, दलितों के संवैधानिक अधिकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।
मध्य प्रदेश में प्रह्लाद पटेल लोधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया कुर्मी की भी दावेदारी थी। लेकिन उन्होंने मोहन यादव को बनाया। जबकि एमपी, यूपी में बीजेपी को वोट यादव से अधिक लव कुश वंशजों का मिलता है।
इसी तरह से यूपी में केशव मौर्या को दरकिनार करने के बाद अब उनका अपमान भी किया जा रहा
बिहार में जाति के आधार पर कई राज्यों की मांग हो रही है। अहिरिस्तान, कोयरिस्तान, कुर्मिस्थान, तेलियस्थान, भूमिहरपुर, राजपूतान, नोनियागढ़, ब्रम्हाणीस्थान जैसे कई राज्यों की मांग तेज हो गई है।
ख़बर है कि राजपूतों ने ब्राम्हणों के बगल में बैठाना बंद कर दिया है। यादवों ने पंडीजी से
बिहार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर तुरंत सुनवाई की मांग की है। यानि अब सुप्रीम कोर्ट न्याय करें या नंगा हो जाए
यदि सुनवाई न हुआ तो सरकार के पास नैतिक अधिकार होगा कि EBC को 35 आरक्षण देते हुए ओबीसी को कुल 60% आरक्षण देने का निर्णय ले
मैले कुचैले लोगों से दूर रहना, खुद को संभ्रांत पृष्ठभूमि का दिखाना, 90 के पहले की राजनीति में अधिकांश नेताओं के ऊंचे होने की पहचान थी।
@laluprasadrjd
जी इस चरित्र को तोड़ कर मुख्यमंत्री बने। तब बिहार में पहली बार पिछड़ों को लगा कि उनका राज आया है।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई।
गुज्जू सेठ मुगालते में है कि तोते पर सवार होकर लालू प्रसाद यादव का शिकार कर लेंगे।
उन्हें मालूम होना चाहिए कि इसी लालू जी ने आपातकाल के विरोध करने के लिए खुद ही मुर्दा बन कर लोगों को लोकतंत्र के मैदान में संघर्ष के लिए उतार दिया था।
बिहार में जातिगत आधार पर सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण शुरू हो गया है।
नतीजा यह होगा कि अगले लोकसभा में पिछड़ी जातियों के लोगों का प्रतिनिधित्व आबादी के मुताबिक होगा।
फिलहाल बीजेपी हिंदी पट्टी के 131 LS क्षेत्रों में 84 टिकट अगड़ों को देती है।
आग सीधी लड़ाई होगी
#मंडल_बनाम_कमंडल
क्या आप जानते हैं कि महामानव के गुरुजी को हमारे लालूजी ने नथिया पहना के कमंडल यात्रा पर रोक लगा दिया था?
ये तो उनके चेले चपटी है सब।
लालूजी स्वस्थ हैं, अब वे गांधी मैदान के मंच से भी बोलेंगे। लालू प्रसाद यादव उस शख्स का नाम है जिसके उदघोष से नागपुर गैंग बिलाई जैसा हो जाता है.
सनसनी फैलाया जा रहा है कि बिहार में भी महाराष्ट्र होगा।
जेडीयू में किसकी हैसियत है कि पांच विधायक भी तोड़ सकें। हां, आस्तीन के सांप यहां भी होंगे लेकिन प्रत्येक सांप के इलाज के लिए एक नेवला रखा जाता है, ताकि आराम से शेर राज कर सकें।
घंटा होगा!!
चाचा भतीजा की जोड़ी का नतीज़ा।
कमला बाई परेशान हैं। अदानी बो हैरान है।
दलित खुश और आबाद है।
पिछड़े खुशहाल है।
सामाजिक न्याय का विस्तार आर्थिक न्याय देश भर में लागू करने के लिए देश की पुकार है।
#नीतीश_जरूरी_है
जीसस क्राइस्ट ने लोगों को सदैव अच्छे कर्म करने, बुरे कर्म त्यागने की बात की. जीसस की बात पाखंडियों और कट्टरपंथियों को अखरने लगी. सबने मिल कर उनके विरुद्ध रोम के शासक को भड़काना शुरू किया. अंततः एक दिन यहूदी शासकों ने जीसस क्राइस्ट को सूली पर चढ़ा दिया.
यूनान
पानीपत का द्वितीय युद्ध चल रहा था। 14 साल का अकबर और उसके सेनापति बैरम खान प्रारंभ में युद्ध स्थल से थोड़ी दूर पर यानी खुद अलग थे। 22 लड़ाइयां लड़ कर 20 में युद्ध जीत चुका हेमू बिना कवच का उतरा था। हेमू की सेना मुगलों पर भारी पड़ रही थी। मुगलों में खलबली मची थी। मुगलों ने हेमू पर
रेल हमारी जीवनरेखा है। उन लोगों में से हूं जिनका गांव के बधार से रेल की धुक - धुक पों..ओ..पों ओ.. सुन कर बचपन गुजरा; आरा, पटना स्टेशन को निहारते जवान हुआ। रेल में भर कर अपने बिहारियों को परदेस जाते हुए देखा। भोर की बनारस एक्सप्रेस से अपने मुहल्ले के लोगों को पुरूबवा (बंगाल) से
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग नीतीश कुमार जी ने सबसे पहले उठाई थी। लंबे समय से जेडीयू बार-बार इस मुद्दे को उठा रहा था। पटना में कर्पूरी ठाकुर की जयंती भव्य तरीके से मनाने की शुरुआत भी नीतीश कुमार ने ही किया था। धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी जो कभी आरक्षण लागू करने के बाद
बिहार के गौरव,अखंड भारत के निर्माता सम्राट अशोक ने 280 ईसा पूर्व सिंहों के मुखाकृति वाली अशोक स्तंभ को बनवाया था,जो राष्ट्रीय चिन्ह था। संघियों ने सेंगोल को स्थापित कर हमारे पूर्वज के मान मर्यादा से खिलवाड़ किया है। बिहार से ये जलने वाले लोग हैं।क्योंकि हम इन्हें चुनौति देते हैं।
परिवर्तन झोपड़ियों और गांवों से, श्रमिकों, किसानों, उत्पीड़ितों और वंचितों से आता है। हम दिल्ली में फाइलों में फेरबदल करने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था में असमानताओं को दूर करने के लिए हैं। और यही हमारा जनादेश है”।
#मंडल_मसीहा_वीपी_सिंह
दंगाई यूट्यूबर इनका भाई है
बलात्कारी संत इनका बाप है
बैटरी चोर इनका नेता है
ये सब दोगलापन धर्म के नाम पर करते है
जियो मेरे लल्ले जियो!
बाप के नाम साग पात बेटा के नाम परवल !
INDIA गठबंधन को हांकने की कोशिश कर कांग्रेस फिर से भयानक भूल कर रही है। कांग्रेस INDIA गठबंधन की बड़ी पार्टी है, उसे खेवनहार समझने की भूल नहीं करनी चाहिए।
राज्यों के चुनाव में हार के साथ ही INDIA गठबंधन के सृजनहार नीतीश कुमार से राय मशविरा किए बिना कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन
बिहार में कपड़ा उद्योग की व्यापक स्तर पर शुरुआत हो गई है। इथेनॉल की फैक्ट्रियां खोली गई है। फूड प्रोसेसिंग उद्योग की अनेकों यूनिट लग गई है। मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। पोल्ट्री उद्योग, डेयरी उद्योग में आत्मनिर्भरता आई है। एमएसएमई उद्योग तेजी से लग रहे हैं।
बिहार बदल
प्रशांत किशोर पांडे ने जन सुराज के लिए किस नेता से कितना पैसा लिया है?
यह खुलासा होना चाहिए। क्योंकि यह पहला सुराजी है जो भाड़े पर कार्यकर्ता रख कर नेता बनने निकले है।
गांधी के नाम पर नटवर लाल का खेल देखिए
@PrashantKishor
भईया, बता दीजिए न!
गांव गांव में ओपन जिम लग गया है। सरकार आपकी फिटनेस का भी ख्याल कर रही है। जनता के स्वास्थ का इतना बारीकी से ख्याल समाजवादी सरकार ही कर सकती है। Thank you
@NitishKumar
@yadavtejashwi