लडकियाँ..
मात्र खिलौना नहीं है..
दिन की औढनी.. रात का बिछौना नहीं हैं..
खुले बदन सी मूरत
और हर कोई दाम लगाए.. कौई मूरत नहीं हैं
खोट उनके हंसने में हरगिज नहीं है
खोट आदमी के नजरिए में कहीं है
आज हिजाब ओढे है तो क्यों है
उसकी खूबसूरती आँखों से झिलती नहीं है
लडकियाँ.. मात्र......
🙏🏻