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Shailesh Hudda
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“सरकारी बाबू at महकमा-ए-ख़ास” #जाट_ज़मींदार👑 Extrovert #NFU❤️
Jaipur, India
Joined February 2016
RT @Sharwansiyol2: इंसान की वास्तविक संपत्ति ना तो धन है, ना दौलत है । उसकी असल संपत्ति तो संतुष्ट मन और उसका हँसता हुआ परिवार है....!!*
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RT @ShaileshHudda: मुझे ख़ुश करने की कोई नई तरकीब ढूँढो अब यूँ उसका ज़िक्र हर इक बात पर अच्छा नहीं यारों - Harsh saxena
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@JATChampa1 बहुत उम्दा विचार! किताबें ज्ञान का खजाना होती हैं, ये हमें तर्क और समझदारी से बोलना सिखाती हैं। बहस में अहंकार होता है, तर्क में समझ, जो पढ़ता है, वही सही मायने में सोच पाता है।
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RT @JATChampa1: किताबें इसलिए पढ़ो ताकि आप लोगों से बहस नहीं तर्क कर सको ..!! ✍️✍️ 😊 शुभ संध्या X परिवार 😊
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@Sharwansiyol2 सही कहा, बुरा वक़्त पहचान भी बदल देता है, साफ़ चरित्र को भी बदनाम कर देता है। मगर सच्चाई की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती, वक़्त बदलते ही हर भ्रम दूर हो जाता है।
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@PS192021 आज तो बेजा पोस्ट करी न 🫣 “तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है”
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RT @PS192021: ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है समुंदरों ही के लहजे में बात करता है खुली छतों के दिए कब के बुझ गए होते कोई तो है जो ह…
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@Sharwansiyol2 बहुत सुंदर और सटीक विचार! प्रेरणा सिर्फ़ पहला कदम उठाने में मदद करती है, लेकिन असली सफर आदतों से तय होता है। लगातार मेहनत और सही आदतें ही हमें मंज़िल तक पहुँचाती हैं।
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@JATChampa1 आपकी ये पंक्तियाँ हकीकत से भरी हुई हैं। ज़िंदगी की जंग वाकई खुद से ही होती है, और कई बार साथ होते हुए भी लोग अपने नहीं होते। आप��ी लेखनी में गहराई और सच्चाई दोनों झलकती हैं।
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RT @JATChampa1: जंग लड़नी ही पड़ती है अपने आप से ज़िंदगी के मैदानों में करिश्में नहीं होते कुछ लोग साथ जरूर होते हैं बस वो दिल से अपने न…
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@PS192021 चलते रहो, ये राहें कभी रुकेंगी नहीं, धूप सहे, बारिश झेले, मगर झुकेंगी नहीं। कुछ अपने थे, कुछ पराये मिले, कुछ हंसकर रहे, कुछ ग़म से जुड़े। वक़्त के संग बदलेंगे कुछ चेहरे, कुछ याद बनेंगे, कुछ होंगे बेगाने सवेरे। सफ़र में ठहरना मुमकिन नहीं, हर मोड़ पर नया एक मंज़र सही।
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