गुरु गोविंद दोऊ खड़े ,काके लागो पाव। बलिहारी गुरु आपनो,गोविंद देहु बताय ,कविरा हरि के रूठते हरि के चरने जाय, कह कबीर हरि रूठते ,कोई नही होत सहाय। हर हर महादेव।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े,काके लागो पाव,बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो बताय,कविरा हरि के रूठते,गुरु के सरने जाए,कह कवीर गुरु रूठते ,कोई नही होत सहाय। टीचर डे की हार्दिक शुभकामनाएं।
यदि मैं होता नर नरेश ,तो राज महल में रहता। सोने का सिंघासन होता ,सर पर मुकुट चमकता। बंदी जन गुड़ गाते रहते ,दरवाजे पर मेरे ,नित दिन नॉबत बजती रहती ,संध्या और सवेरे। हर हर महादेव।