#Islamophobia_In_India
This photo is not taken from any movie। This is a real photo where in the presence of police hindu goon is firing on the students of Jamia Millia Islamia। His firing resulted One Muslim student injury
अज़ान से केवल शैतान और उसकी गैंग को ही तकलीफ होती है। अज़ान पर पाबंदी लगाने वाले और अज़ान पर पाबंदी लगाने का सोचने वाले जान लें के शैतान कि ताकत अल्लाह जो इस दुनिया का बनाने वाला है उससे ज़्यादा नहीं है। बिला वजह मत उलझो दुनिया और आखिरत दोनों में बर्बाद होगे।
#AzaanBandNahiHogi
👉शरजील पर झूठे देशद्रोह का केस
👉ज़ाकिर नायक पर केस
👉मौलाना साद व जमात
👉कश्मीरियों पर होते ज़ुल्म
👉CAA~NRC
समेत तमाम मुस्लिम विरोधी मुद्दों पर जिस किसी भी उर्दू नाम वालों ने पीड़ितों के ही विरुद्ध बोला या सरकारी बैलेंस बनाने की कोशिश की ये सब "कुर्दोगलो" हैं!
#NotOurVoice
ये गधे समझते हैं के मुसलमानों को राशन की लालच देकर उनका ईमान छीन लेंगे। कमीनो तुम जानते ही नहीं मुस्लिम कौम होती क्या है। तुमने कुछ उर्दू नाम वालों को खरीद कर समझ लिया है के हर मुसलमान बिक जाएगा?
सलाम है इन गरीबों पर जिन्होंने अपने ईमान का सौदा नहीं किया।
मुस्लिम साथियों से कहना चाहूंगा, यही बेहतरीन वक़्त है के नबी की सीरत को खुद भी अच्छे से पढ़ें और अपने हिन्दू साथियों को भी बताएं।
उन्हें बताएं के अल्लाह के रसूल केवल मुस्लिम या अरबों के लिए नहीं बल्कि सारी दुनिया के लिए रहमत बना कर भेजे गए थे।(क़ुरआन २१:१०७)
#ProphetofCompassion
पता नहीं सही वक़्त है या नहीं याद दिलाने का। लेकिन याद दिलाता चलूं।
इस्लाम के पहले हज़रत अबू बक्र सिद्दिक (رضي الله عنه) खलीफा ने ऐलान कर दिया था जिहाद का उन लोगों के खिलाफ जिन लोगों ने ज़कात देने से इंकार कर दिया था। ज़कात भी इस्लाम का एक रुकन है।
इस्लाम किसी की मर्ज़ी से चलने वाला दिन नहीं है। यहां सिर्फ अल्लाह और उसके रसूल (ﷺ) की तालिमात (क़ुरआन और हदीथ) जिसको सहाबा ने जैसे समझा वैसे ही समझकर चलना है। हालात के प्रेशर में आ कर बिला वजह क़ुरआन व हदीथ की मनमानी तशरीह करने से गुमराही के दरवाजे खुलते हैं। किसी भी इख्तेलाफ के
कुछ लिब्बू की कॉमेंट पढ़ा जिसमे वो रो रहे हैं के ये अरबों के रिएक्शन कि वजह से हमारे देश के अरबों के साथ रिश्ते खराब हो जाएंगे।
इधर मुसलमान ज़ुल्म सेह रहा उसकी इनको चिंता नहीं है, इनको शादी के रिश्ते की फ़िक्र पड़ी है। आप इनकी प्राथमिकता को समझ रहे हैं?
#Islamophobia_In_India
ट्विटर पर मामला बहुत गंभीर बन रहा है। अरबों ने ट्वीट क्या करना शुरू किया, इनको मुंह छुपाने के लिए ट्वीट डिलीट करने पड़ रहे हैं।😁😁😁🤣🤣🤣
ट्विटर एक मजबूत प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है।
दुनिया में यहूदियों की ताकत का सिर्फ हव्वा बनाया गया है। जबकि ये सबसे बुझदिल कौम है। कुरआन में अल्लाह ने इनकी बुझदिली की गवाही दी है। बुझदील इंसान अपनी मौत से डरता है, और अल्लाह ने बयान किया को ये (यहूदी) अपने करतूतों की वजह से मौत की तमन्ना कभी नही करेंगे।
पढ़िए (कुरआन 62:6-7)
सारे झगड़े दिन की कम तालीम होने की वजह से है।
वरना वो खुद को नास्तिक बोल कर मर जाए और कुछ लोग उसके लिए दुआ करने के लिए पूरे अालमे ट्विटर से लड़ जाएं बड़ा अजीब लगता है। जब वो अपने बनाने वाले को मानता ही नहीं तो फिर उसके लिए दुआ आप किस से कर रहे हैं?
इमोशनल मत बनिए दिमाग से सोचिए।
खुलकर ऐलान कर दें भाई वो भी लिखित ऑर्डर के साथ के अज़ान पर भी पाबंदी लग चुकी है। ये क्या रोजी रोटी के लिए नौकरी कर रहे पुलिस वालों को भेजा जा रहा वो भी बिना लिखित ऑर्डर के के जाओ मस्जिद वालों से कहो के आप अब से अज़ान नहीं दे सकते।
#Islamophobia_In_India
आज मायूस हुए? गलत जगह उम्मीद लगाने से मायूसी मिलती है।
अल्लाह ने नसीहत की:
अल्लाह की रहमत से मायूस न हों(क़ुरआन 12:87)
न तो मेरा रब गलती करता है और न ही भूलता है(क़ुरआन 20:52)
तुम्हारे रब की पकड़ बहुत सख्त है(क़ुरआन 85:12)
क्या अल्लाह सब हाकिमों का हाकिम नहीं हैं?(क़ुरआन 95:8)
Listen Dear World,
The man in saffron uniform is an anchor in a News Channel in my country. And this channel is famous for spitting venom against Muslims and Islam.
#Islamophobia_In_India
महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अवाम की जितनी तारीफ की जाए कम है। ज़बरदस्त गेम प्लान बनाया
@asadowaisi
ने। उम्मीद है मुस्तक़बिल में दूसरी जगह पर भी इसी तरह के नतीजे देखने मिलेंगे इंशाअल्लाह।
Well Done ओवैसी साहब। आप से इख़्तेलाफ़ अपनी जगह लेकिन AIMIM के एक कि जगह 2 MP ज़बरदस्त।👍
जिस वक़्त उस के हमले का विक्टिम ज़ाकिर नायक या फिर मौलाना साद या फिर कोई मुसलमान होता था तो इन में के अक्सर लोग हंस हंस के तालियां बजाते थे। आज खुद पर आ बनी तो चीखें निकल रही है। तुम्हें वही झेलना है जो तुमने कभी सिर्फ इस्लाम/मुस्लिम विरोधी होने की वजह से पसंद किया है।झेलिए अब।😊
ये (क़ुरान) लोगों के लिए एक क़िस्म की इत्तेला (जानकारी) है ताकि लोग उसके ज़रिये से (अज़ाबे ख़ुदा से) डराए जाए और ताकि ये भी ये यक़ीन जान लें कि बस वही (ख़ुदा) एक माबूद है और ताकि जो लोग अक्ल वाले हैं नसीहत व इबरत हासिल करें
-Surah Ibrahim, Ayah 52
#QuranForAll
#भड़वा_गुस्ताख़
@AMISHDEVGAN
ने गुस्ताखी इसलिए की, क्योंकि उसको इस्लाम से नफ़रत है। यही हरकत हर बार इस तरह के नापाक काफिर करते हैं। बाक़ी और कोई वजह नहीं है गुस्ताखी की।
क्या संविधान सिर्फ दुआ करने का कहता है? शहाबुद्दीन का यतीम बेटा अपने वालिद की लाश के लिए अकेले पूरे दिल्ली के सिस्टम से लड़ रहा है। आपकी जिम्मेदारी सिर्फ ट्वीट करके खतम नही हो जाती। संविधान का प्रेंबल जस्टिस इक्वालिटी फ्रेटरनिटी की भी बात करता है ये मैने आपसे सुना है। Help Him
शेर-ए-सिवान शहाबुद्दीन साहब के इंतक़ाल की ख़बर सुन कर बहुत अफ़सोस हुआ। हम अल्लाह से उनकी मगफिरत की दुआ करते है।अल्लाह उनके पस-मांदगान को सब्र ए जमील अता फरमाए।
इस्लाम में वक़्त के खलीफा को डर रहता था के कहीं कोई मेरी हुकूमत में भूखा न सो जाए। कोई प्यास से जानवर न मार जाए। यदि ऐसा हो गया तो कयामत के दिन अल्लाह को में क्या जवाब दूंगा?
ये पॉलिटीकल सिस्टम और लीडर की आज भी दुनिया को ज़रूरत हे जो केवल इस्लाम ने दिया है दुनिया को।
#KnowIslam
हमें फख्र है हमारे नबी ने हमबिस्तरी की भी दुआ बताई है। अलहम्दुलिल्लाह।
वरना हम भी औरों की तरह बिना पाकी हांसिल किए खड़े हो कर पेशाब करते और बिना साफ किए पेंट चढ़ा लेते हैं। जिसमें पेशाब के कतरे पेंट में चिपक कर गायब भी ही जाते।
Again Alhamdulillah For Islam.
भाजपा विरोधी है इसका बिल्कुल भी मतलब ये नहीं होता के वो इस्लामोफोबिक़ नहीं होगा।
इसलिए सावधान रहें, सुरक्षित रहें। हर मोदी विरोधी को दिल न दे बैठें। वरना डिच होंगे तो रोएंगे।😊
#BoycottFrenchProducts
से ध्यान भटकाने के लिए खुद
@EmmanuelMacron
ने आज चर्च पर हमला करवा दिया? राजनीति में सब कुछ संभव है। आज के हमले का ज़िम्मेदार सीधा फ़्रांस का सदर है।
मस्जिदें काफ��� दिन से लॉक हैं। जिसकी वजह से जुमा का चंदा भी नहीं हो रहा होगा। मस्जिद के जिम्मेदारों को इमाम और मुअज्जिन कि सैलरी करने में दिक्कत हो गई होगी। अपने अपने इलाक़े के इमाम और मुअज्जिन से बात कीजिए। उनका हाल चाल भी लीजिए। वो भी इस वक़्त जरूरतमंद होंगे। उनकी भी मदद कीजिए।
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@ArvindKejriwal
कभी अपनी हिन्दू क़ौम से भी पूछ लिया करो कि आप लोग भाजपा को वोट क्यों देते हैं,
ये बात आपको पता है:भाजपा को अधिकतर वोट देने वाले हिन्दू हैं।
तुम मुस्लिम से कह रहे के मुस्लिम वोट कांग्रेस को चले गए।
अरे कभी अपने हिन्दुओं से क्यों नही पूछते मुझे वोट क्यों नही दिया?
हम एक सेकुलर राष्ट्र हैं। हमारा संविधान सेकुलर है। चंद सिरफिरे लोगों और घटनाओं की वजह से आप ये नहीं कह सकते कि भारत में किसी समुदाय का उत्पीड़न होता है। ये हमारा आंतरिक मामला है और अपनी समस्याओं से निपटने में हम सक्षम हैं। कृपया ऐसी चेतावनी न दें।
संबीत पात्रा की तबीयत हुए खराब, हस्पताल में भर्ती हुवे हैं। कहने में आ रहा है के कोरोना के लक्षण हैं। आप सभी हज़रात उनके लिए दुआ करें।
#Islamophobia_In_India
में संबीत पात्रा साहब की भी बहुत बड़ी खिदमत है। वक़्त आन पहुंचा है कि उनकी खिदमत का बदला हर मुसलमान दुआ के ज़रिए चुकाए।😊
साथियों, जिहाद एक मुकद्दस और एहमियत का हामिल लफ्ज़ है। ज़ालिम के पजामे गीले करने के लिए ये लफ्ज़ ही काफी है।
अल्लाह के वास्ते इस लफ्ज़ को तफरीह और हंसी मज़ाक में किसी भी शब्द के साथ मत जोड़िए।
हक़ीक़त को तस्लीम कीजिए की इस वक्त पूरे कर्नाटका में तालिमी इदारों में हिजाब पर मुकम्मल पाबंदी लगाई गई है और अमल भी सख्ती से हो रहा है। ये पाबंदी भाजपा या आरएसएस ने नही बल्कि हाईकोर्ट ने लगाई हुई है। जूते से मारिए मुंह पर उसके जो कहे के केवल भाजपा की वजह से मुस्लिम परेशान है।
सब्ज़ी नहीं खरीदेंगे, लेकिन बड़े या छोटे का या फिर चिकन मिले तो खरीदना है या नहीं?
क्योंकि जानवर अगर हलाल तरीक़े से जबाह किया हुआ हो तो टेस्ट सब से बेहतर होता है।
यकीन करें नहीं तो टेस्ट कर लें।😁
#Islamophobia_In_India
नबी की शान में गुस्ताखी की गई, गुस्सा आ रहा है ना? बस इस गुस्से पर कायम रहना और उस कमीने पर खास गुस्सा उतारना जो आ कर अब लच्छेदार भाषण देगा की इलेक्शन मे ध्रुवीकरण के लिए नबी की शान में गुस्ताखी की गई या फिर कोई "ध्यान भटकाने" के लिए।
अपनी गेयरत बाक़ी रखें, ये ईमान का मामला है
ये चैप्टर का नाम सुरह काफिरुन है।
ये सूरह उस वक़्त नबी ﷺ पर उतरी जब थक हार कर मक्का के मुशरिक नबी ﷺ के पास आए और कहा कि धर्म के नाम की ये लड़ाई हमारे बीच ख़तम करना चाहते हैं। ऐसा करते हैं कि थोड़े दिन आप उनकी पूजा करलें जिनकी हम करते हैं और थोड़े दिन हम अल्लाह की इबादत कर लेंगे
गुजरात के मुसलमान मरी हुए कांग्रेस को दफन करेंगे। बचे खुचे वोट थे वो भी गए।😂
कांग्रेस की बरबादी देखकर दिल से खुशी होगी।
@aimim_national
की कामयाबी से ज़्यादा मुझे कांग्रेस की गुलामी से आज़ाद होता गुजरात का मुसलमान नज़र आ रहा है।
We Have Nothing To Lose. Congress You Rest In Peace
US में कोई जा कर ये नहीं कह रहा के ये लड़ाई हम सब की है। इसको ब्लैक और व्हाइट में बांटो मत। संविधान सब को बराबर हक देता है। ये संविधान बचाने की लड़ाई है।😁
अगर कोई ऐसा लेक्चर भी देगा तो शायद उसको भी ये लोग कुटेंगे।🤣
इक्का दुक्का अपवाद का हवाला मत देना कोई वरना ब्लॉक कर दूंगा।😠
निज़ामुद्दीन में लोग "छिपे" होते हैं, लेकिन
माता वैष्णो देवी मंदिर में लोग "फँसे" होते हैं.
शब्दों के बारीक हेर फेर से न्यूज़ में नफ़रत की खेती होती है.
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- क़ासिम
#जमात
जज: जब तक हम फैसला नहीं सुनाते उन्हें डीटेंशन कैंप में रखा जाए। फिर 10 साल बाद एक जज खूब डांटेगा हुकूमत को की तुमने अपने नागरिकों का मौलिक अधिकार छीना है। शर्म आनी चाहिए। इस फैसले से डीटेंशन कैंप में बंद लोग खुशियां मनाते हुवे बोलते हैं जज ने सरकार को बहुत जबरदस्त लताड़ लगाई है।
पूरे देश मे CAA के खिलाफ पहली बेबाक आवाज़ उठाने वाले मर्दे मुजाहिद का नाम है शरजील
@_imaams
। अल्लाह उनके गेब से मदद फरमाएं। उनकी कुरबानी रंग दिखाना शुरू कर दी है। मुसलमान का मुस्तकबिल रोशन है इंशाअल्लाह
#WorldAgainstCAA
मुनाफिक की एक पहचान ये भी है की जब मुसलमानों पर अजमाइशें आती हैं तो वो काफिरों जालिमों से दोस्तियां बढ़ाने लग जाते हैं, चापलूसी में उनकी हां में हां मिलाने लग जाते हैं और मुसलमानों पर आई हुए तकलीफ परेशानी का जि़म्मेदार खुद मुसलमानों को ठहराते हैं।
क्या ऐसे लोग हमारे बीच हैं?
इस्लाम में मुल्ला मौलवी का रोल दूसरे मज़हब की तरह कोई पादरी पॉप का नहीं है।
बल्कि क़ुरआन में तो बताया गया है के अपने आलिमों को रब न बनाओ। रब बनाने से यहां मुराद उनका अंधा समर्थन है।
इसलिए कोई नाम के "आमदनी" के कुछ कह देने से उसको पूरे मुसलमानों की आवाज़ न समझी जाए।
कभी सुना है के कॉलेज की लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर स्टर्न गेरेनेड मारे गए हो? ऐसा जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुआ है। आखिर ये सब क्या है और क्यों है?
क्योंकि ये
#Islamophobia_In_India
है।
खूब उछल उछल के समर्थन करना चाहिए। प्यार का बदला प्यार ही हो सकता है। अगर वो हमें हमारी प्रगति और उन्नति के लिए तीन तलाक़ बिल और आर्टिकल ३७० के लिए समर्थन कर सकती हैं, तो हमें भी उन्हें मैन स्ट्रीम में लाने के लिए आरक्षण विरोधी बिल का समर्थन करना ही चाहिए।
संविधान के आर्टिकल 32 का सहारा ले कर मुसलमान सुप्रीम कोर्ट में शिकायत ले कर गए थे के देखिए मीडिया कोरोना वायरस को मुसलमानों से जबरदस्ती जोड़कर देश में मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत का माहौल खड़ा कर रही है। इस पर कड़ा एक्शन लीजिए।
ख़ामोश रहें। सब्र से काम लें।
आज सब की हकीकत खुल रही है। देखते जाइए और नसीहत हांसिल कीजिए। बिला वजह इमोशनल हो कर कुछ भी मत लिखिए।
और वो लोगों को मेरी आंखें तलाश कर रही हैं जो हमें अफीम की गोली दिया करते थे के देश के संविधान को बदलना इतना आसान नहीं है। इसकी धाराएं बहुत जटिल है।
(1/4)
मेरी चप्पल उन लोगों को तलाश कर रही है जिन लोगों ने कहा था के UP विधानसभा में ओवैसी की वजह से भाजपा जीती।😡
अबे इस बार तो ओवैसी उधर थूकने भी नही आया फिर भी "सेकुलरिज्म" बिना ऑक्सिजन के UP में मर गया?
मुसलमानों का प्रतिनधित्व कौन करेगा और कौन नहीं करेगा उसपर टिप्पणी करने का अधिकार दिया किसने है आपको? आप अपनी कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करिए देखिए, वहां ज़्यादा जरूरत है देखने बोलने की। इधर मशवरा देने की आपको कोई ज़रूरत नहीं है।
सेक्युलर संविधान के आर्टिकल 32 में सुप्रीम कोर्ट को देश के नागरिकों का फंडामेंटल राईट का रक्षक माना गया है। वैसे आप आर्टिकल 226 के तहत खुद के फंडामेंटल राईट के लिए स्टेट हाईकोर्ट को भी सीधा अप्रोच कर सकते हैं। लेकिन हाईकोर्ट जाना आपको "ठीक" नहीं लगता या फिर मल्टीपल स्टेट में आपके
किसी ने कहा हमारे यहां कन्हैया क्यूं पैदा नहीं होता?
मैने कहा
@AliSohrab007
पैदा हुआ है साथ दो? बस इतना कहना था कि चुप कर भाग लिए।
ऐसे मौके पर अपने ही भाई की गलती दिखाना और उसको सोशल मीडिया पर नसीहतें करना असल में कौम को बुजदिल बनाना चाहते हैं इस किस्म के लोग।
#releasAliSohrab
वैसे तो केजरीवाल पुलिस को ले कर अपने आपको बड़ा कमजोर महसूस करता है। लेकिन वो बड़ा मजबूत हो जाता है जब لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ पढ़ने वालों के खिलाफ बोलने की बात होती है।
PM ने ईदुल अज़हा का नाम नहीं लिया और हमारे भाई लोग गुस्सा तो ऐसे कर रहे हैं जैसे ईदुल अज़हा वाले दिन कोई कुरैशी भाई आना भूल गया हो।😁😂
चिल रहो यारों, तुमने कौनसा उनसे अपने घर बुलाकर काम करवाना था। हर चीज़ में ज़बरदस्ती का भाईचारा मत घुसाइए। फ्रीडम ऑफ चॉइस पीएम को भी होनी चाहिए।
NDTV मुसलमानों को मुस्लिम लीडर से दूर और कांग्रेस/सेक्युलरिज़्म के नजदीक ले जाता है…
मुस्लिम मसलों पर NDTV कन्हैया/रावण को हीरो की तरह प्रस्तुत करता है लेकिन असल लड़ाई लड़ने वालों को दंगाई बताता है…
-अली सोहराब
@007Alisohrab
मंदिर के लिए वोट मांगा और झोली भर भर कर मंदिर जाने वालों ने दिया भी। लेकिन कुछ दिन से मंदिर-मस्जिद दोनो को गिनवाया जा रहा है। भैया मस्जिद के लिए किसने और कब वोट दिया? ये बिला वजह का बैलेंस क्यों बनाने में लोग लगे रहते हैं? या फिर सामने वालों को अकेला टारगेट करने में डर लगता है?
फतह मक्का के मौके पर आज की सोच वाले हमारे भाई होते तो उस वक़्त भी कहते के मक्का के सारे के सारे मुशरिक हमारे खिलाफ नहीं हैं। हां, मुट्ठीभर शरपसंद लोग हैं जो पूरे मक्का के मुशरिक को रिप्रेजेंट भी नहीं करते वो ही लोग मुसलमानों से नफ़रत करते हैं। बाक़ी अक्सर मक्का के मुशरिक तो
इतनी ज़ोर से थाली बजानी है के मुल्ले के कान फट जाएं।
ये हरकत बता रही है के ईवीएम का कोई दोष नहीं है। बिला वजह ईवीएम को गाली देना बन्द कर दीजिए।
इन सब को है तकलीफ क्या?
#La_ilaha_illALLAH
क़ुरआन हर दौर में मुसलमानों के लिए हिदायत का रास्ता है। लेकिन मसला ये है के हम क़ुरआन पर उस तरह ईमान नहीं रखते जैसे नबी और सहाबा ने रखा था। और इसीलिए नतीजा हमारा ज़िल्लत व रुसवाई है।
इस आयत पर गौर करें👇
अल्लाह उन सुवरों का भी मुंह काला करे जिन्होंने आज भी समझ रखा है कि शरजील
@_imaams
भाजपा से मिल कर आंदोलन को कमज़ोर करना चाह रहा था। कमीनो देखो आज उस मुजाहिद को जैल गए एक साल हो गए लेकिन वो झुका नहीं, न ही जैल मे से विक्टिम कार्ड खेला। अल्लाह गेब से शरजील इमाम की मदद फरमाए। आमीन।
तुमने ट्विटर पर नबी को जितनी गंदी गंदी गालियां लिखी है वो किसी भी सभ्य समाज में उसकी जगह नहीं हो सकती।
लेकिन इतना समझ लीजिए, इसके जवाब में हम तुम्हारे "देवी देवताओं" को गाली नहीं देंगे। क्यूंकि यह काम करने से क़ुरआन हमें रोकता है।
तुम में और हम में यही फर्क है।
#ProphetOfMercy
हमारे हर कलमा शरीक भाई को नहीं भूलना है जो आज जेलों में बन्द है। और कुसूर उनका ये है के वो इस्लाम को मानने वाले हैं। उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें।
#Islamophobia_In_India
जिन्हें तकलीफ व परेशानी के वक़्त मौत के अलावा रास्ता नज़र नहीं आता, वो लोग मौत के बाद वाली ज़िन्दगी के इल्म से गाफिल हैं।
ज़िन्दगी का असल मकसद समझ लेने के बाद इन्सान डिप्रेसन से बच सकता है।
#KnowIslam
ज़िन्दगी की कीमत क्या?
لَا إِلٰهَ إِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌ رَسُولُ اللّٰهِ
उसके बारे में बुरा न कहें। ठीक है, सहि बात है। हमें नहीं कहना चाहिए। अल्लाह निपटेगा। लेकिन पूरा रिएक्शन उसको जन्नत भेजने की दुआ पर हुआ है। बड़े बड़े दीनी ज़हन रखने वाले भी RIP कह रहे थे।
वरना आखरी वक़्त पर तो हर मुनकिरे इस्लाम को बेनिफिट ऑफ डाउट्स देते हुवे दुआ करनी होगी।
जालिमों, सवाल लाचार गरीब मजदूरों से न करो के रेल की पटरी पर चल/सो क्यों रहे थे। सवाल उससे होना चाहिए जिसने उन्हें ये करने पर मजबुर कर दिया है। कई दिनों से मजदूरी बन्द, भूखे प्यासे अपनों से दूर अब पैदल चलने पर मजबुर आखिर करें क्या? #औरंगाबाद
#Aurangabad
हालात कितने बिगड़े हुए क्यों ना हो, तलवारों के नीचे, बंदूकों के साये में और तोप के दहाने पे खड़े हो तब भी एक मिनट के लिए भी मत सोचना के अल्लाह के अलावा किसी और में भी ताक़त है।
#इस्लाम
ज़ाकिर नायक को ऑफर करना इस बात का सबूत है के हुकूमत डर गई है और किराए के मौलवियों की तलाश में हैं।
लेकिन ज़ाकिर नायक को अल्लाह सलामत रखे उसने अपने ईमान और अपने कश्मीरी भाइयों का खुद के मफाद के लिए सौदा नहीं किया।
ठोकर नंबर 9 वाले मित्र बता रहे थे कि आज शाहीनबाग़ (दिल्ली) में होलिका दहन का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया है!
असल सेक्युलरिज्म की पहचान तो बकरा ईद (ईद उल अज़हा) पर होगी जब उसी शाहीन बाग की सड़क पर कुरैशी भाइयों को बुलाया जाएगा नमाज़ के बाद।😁
ज़िन्दगी में पैसा, शोहरत व दौलत ही सब कुछ नहीं होता। अगर होता तो ये "बड़े - बड़े" लोग आत्महत्या नहीं करते। अल्लाह की याद से ही दिलों को सुकून मिलता है।
ज़िन्दगी का असल मकसद समझिए। अपने रब को पहचानिए, केवल उसी के रास्ते में कामयाबी है। उसी की तालीम सारे डिप्रेशन से दूर रख सकती है।
मेरे जज़्बात
@NDTV
को:
"शिकवा नहीं काफिर से के वो ठहरा जो काफिर"
मुसलमान एनडीटीवी की हकीकत पहचान लें ये बड़ी बात है, मुसलमान के खिलाफ ज़हर और झूट उगलने में सारे काफिर एक हैं। अल्लाह खालिद सैफी भाई की गेब से मदद फरमाए और झूटे मक्कारों को बर्बाद करे।
एक दिन अली सोहराब
@AliSohrab007
से मुलाक़ात के लिए लखनऊ डिस्ट्रिक्ट जैल गया। जब मैने उनसे पूछा था के क्या काका अभी और लिखोगे या चुप हो जाओगे?
आपको क्या लगता है क्या जवाब दिया होगा?😊
दज्जाल से भी जंग इस्लाम vs कुफ्र की नही होगी, बल्कि इन्सानियत और इंसाफ के बुनियाद पर होगी। इन्सानियत की तरफ से बैटिंग दज्जाल करेगा। क्योंकि मुर्दों को जिंदा कर देना और भूखों को खाना खिलाना भी दज्जाल करेगा। आप किसकी तरफ होंगे वो आपका ईमान तय करेगा।
काफिर को काफिर न कहें, पता नहीं कब ईमान ले आए।
मुसलमान को मुसलमान न कहें, पता नहीं कब........।
इस्लाम इतना कंफ्यूज इंसान पैदा नहीं करता। गेरुल्लाह को खुश करने के चक्कर में ये सब बैलेंस करना पड़ता है।
हर इंसान तकफिर नहीं करेगा लेकिन काफिर की इस्तेलाह ही गायब कर देना बड़ा फ्रौड है।