तानाशाह एक डरपोक आदमी होता है। अगर पांच गधे भी साथ-साथ घास खा रहे हों तो तानाशाह को डर पैदा होता है कि गधे भी मेरे खिलाफ़ साजिश कर रहे हैं।
~ हरिशंकर परसाई
बलात्कार को 'पाशविक' कहा जाता है , पर यह पशु की तौहीन है, पशु बलात्कार नहीं करते। सुअर तक नहीं करता, मगर आदमी करता है।
~ हरिशंकर परसाई
#ManipurViolence
दिवस कमज़ोर का मनाया जाता है, जैसे महिला दिवस, अध्यापक दिवस, मजदूर दिवस। कभी थानेदार दिवस नहीं मनाया जाता।
~ हरिशंकर परसाई
#WomensDay
@Hindinama2
@teekhar
(इसलिए महिला सशक्तिकरण की विशेष ज़रूरत है, केवल नारी के ऊपर लच्छेदार बातें कहने से काम नहीं चलेगा।)
....कोई भूखा मर रहा हो, तो बुद्धिवादी उसे रोटी नहीं देगा । वह विभिन्न देशों के अन्न-उत्पादन आंकड़े बताने लगेगा । बीमार आदमी को देखकर वह दवा का इन्तेजाम नहीं करेगा । वह विश्व स्वास्थ्य संगठन कि रिपोर्ट उसे पढ़कर सुनाएगा ।
– हरिशंकर परसाई : बुद्धिवादी
@Hindinama2
@teekhar
अपनी नौकरी लगते ही
देश की बेकारी की समस्या
आधी समाप्त हो जाती है।
शेष बचती है आधी,
छोटे भाई की नौकरी
लगते ही वह भी खत्म।
- हरिशंकर परसाई
पोस्टर - कविताएँ और साहित्य
अब करना यह चाहिए। रोज़ विधानसभा के बाहर एक बोर्ड पर 'आज का बाजार भाव' लिखा रहे। साथ ही उन विधायकों की सूची चिपकी रहे जो बिकने को तैयार हैं। इससे ख़रीददार को भी सुविधा होगी और माल को भी।
~ हरिशंकर परसाई
गोडसे को भगत सिंह का दर्जा देने की कोशिश चल रह रही है. गोडसे ने हिंदू राष्ट्र के विरोधी गांधी को मारा था. गोडसे जब भगत सिंह की तरह राष्ट्रीय हीरो हो जायेगा, तब तीस जनवरी का क्या होगा? अभी तक यह ‘गांधी निर्वाण दिवस है’, आगे ‘गोडसे गौरव दिवस’ हो जायेगा
~परसाई (गांधी को लिखे पत्र)
क्या कारण है कि लड़के-लड़की को घर से भागकर शादी करनी पड़ती है ? 24-25 साल के लड़के-लड़की को भारत की सरकार बनाने का अधिकार तो मिल चुका है पर अपने जीवन-साथी बनाने का अधिकार नहीं मिला।
हरिशंकर परसाई
“मैं ईसा की तरह सूली पर से यह नहीं कहता - पिता, उन्हें क्षमा कर। वे नहीं जानते वे क्या कर रहे हैं। मैं कहता - पिता, इन्हें हरगिज क्षमा न करना। ये कम्बख्त जानते हैं कि ये क्या कर रहे हैं।”
~ हरिशंकर परसाई ('विकलांग श्रद्धा का दौर' से)
आदम -- आप दलितों के मसीहा कहलाते हैं, आपने दलितों का क्या भला किया है?
बाबूजी -- मैंने दलितों का यह भला किया है कि मैं उनके नाम से 33 सालों से मंत्री हूँ। दलित या किसान खाद हैं। दलितों के खाद पर फूला हुआ एक गुलाब हूँ मैं।
~ परसाई जी के व्यंग्य
सारे क्षेत्रों के पिटे हुए आदमी जब साहित्य में आकर सम्मान ले लेते हैं, तब साहित्य में पिटे आदमी को भी दूसरे क्षेत्र में कोशिश करनी चाहिए।
~ हरिशंकर परसाई
@teekhar
@Hindinama2
मुझे लगा कि इस मुट्ठी की पहिली अँगुली से वे शिक्षा-व्यवस्था को दबाये हैं, दूसरी से पत्रकारिता को, तीसरी से मन्त्रिमण्डल को और चौथी से विधान-सभा को। और चारों के ऊपर जो यह उठा हुआ अंगूठा दिखा रहे हैं, वह अँगूठा सारे देश को दिखा रहे हैं।
~हरिशंकर परसाई
@Hindinama2
@teekhar
देखो हम बहुत पाखंडी लोग है। हम अपने को प्राचीनतम महान संस्कृति वाले आदर्शवादी और नैतिक मानते है परंतु हमसे ज्यादा नीच और क्रूर जाति दुनिया मे कोई नही।अफ्रीका के जंगली कबीलो मे भी नारी पर उतने अत्याचार नही होते जितने हम करते है और कहते है नारी पवित्र और पूज्या है।
~ हरिशंकर परसाई
कुछ लोग दरअसल बहोत चतुर होते हैं वे सामूहिक पतन में से भी निजी गौरव का मुद्दा निकाल लेते हैं और अपने पतन को समूह का पतन कहकर के बरी हो जाते हैं।
~ हरिशंकर परसाई
@KhanSalim_
इस्लाम में संगीत निषेध है। मगर जब मुल्ला अजान देता है, तो उसमें लय होती है। यह संगीत है। धर्म के नियम और तानाशाहों के कानून स्वाभाविक मानवीय प्रवृत्तियों को रोक नहीं सकते।
~ हरिशंकर परसाई
हमारे लोकतंत्र की यह ट्रेजेडी और काॅमेडी है कि कई लोग जिन्हें आजन्म जेलखाने में रहना चाहिए वे ज़िन्दगी भर संसद या विधानसभा में बैठते हैं ।
~ हरिशंकर परसाई
हमारे लोकतंत्र की यह ट्रेजेडी और काॅमेडी है कि कई लोग जिन्हें आजन्म जेलखाने में रहना चाहिए वे ज़िन्दगी भर संसद या विधानसभा में बैठते हैं।
~ हरिशंकर परसाई
@Hindinama2
@teekhar
ये चुनाव घोषणा पत्र ऐसे बनते हैं कि अगर 'अखिल भारतीय चोर महासभा' भी घोषणा पत्र निकाले तो उसे पढ़कर विश्वास हो जायेगा कि भारत का कल्याण चोरों को सत्ता सौप देने में ही है।
~ हरिशंकर परसाई
#BiharElections2020
अगर चाहते हो कि कोई तुम्हें हमेशा याद रखे, तो उसके दिल में प्यार पैदा करने का झंझट न उठाओ। उसका कोई स्केंडल मुट्ठी में रखो। वह सपने में भी प्रेमिका के बाद तुम्हारा चेहरा देखेगा।
~ हरिशंकर परसाई
"हममें से अधिकांश ने अपनी लेखनी को रंडी बना दिया है, जो पैसे के लिए किसी के भी साथ सो जाती है। सत्ता इस लेखनी से बलात्कार कर लेती है और हम रिपोर्ट तक नहीं करते।"
~ हरिशंकर परसाई (पवित्रता का दौरा)
नमन आपको
@Parsaivyangy
🙏
(आज के दौर में लिख सकता है कोई ऐसा?)
जिन्हें 5 साल को चुन दिया, उन्होने अपने को ही देश मान लिया। वे मुँह खोलकर अपने भीतर वैसे ही भारत बताने लगे जैसे कृष्ण ने अर्जुन को अपने मुँह में सारा ब्रह्मांड दिखाया था।
~ हरिशंकर परसाई
ग़लत को ग़लत कहने में डरो मत, बयान यह देखकर न दो कि– ज़ुल्म किसने किया, किसके साथ किया। जुल्म का विरोध करो, चाहे कोई भी करे राजा से लेकर प्रजा तक।
~ अज्ञात
#RinkuSharmaLyingching
#JusticeForRinku
मेरे पिता ने स्कूल में मेरी उम्र दो साल कम लिखाई थी, इस कारण कि सरकारी नौकरी के लिए मैं जल्दी ‘ओव्हरएज’ नहीं हो जाऊँ। पिता चाहते थे कि मैं ‘ओव्हरएज’ नहीं हो जाऊँ। मैंने उनकी इच्छा पूरी की। मैं इस उम्र में भी दुनियादारी के मामले में ‘अण्डरएज’ हूँ।
~ हरिशंकर परसाई
समस्याओं को इस देश में झाड़-फूँक, टोना-टोटका से हल किया जाता है। सांप्रदायिकता की समस्या को इस नारे से हल कर लिया गया - हिंदू-मुस्लिम, भाई-भाई!
~ हरिशंकर परसाई