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Munindra Pandey

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Political Polling, Election Campaign, Image Management, and All about politics.

Gurgaon, Bharat
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Munindra Pandey
4 hours
किसी भी चुनाव के बाद @BJP4India मुख्यमंत्री के चुनाव में इतना समय लेती है कि रेस में चल रहे सभी लोग जब तक 3–4 बार यह न कह दें कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं जो शीर्ष नेतृत्व निर्णय लेगा हम सभी उस निर्णय के साथ हैं। अब ऐसा बोलने के बाद मुकरना या कोई बड़ा विरोध करना संभव नहीं तब एक नाम पर्ची से आ जाता है। हालांकि दिल्ली में नाम पहले से है।
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Munindra Pandey
13 hours
@Indian2410 @ArvindKejriwal @SanjayAzadSln ये सब अपने विधानसभा के इंचार्ज थे वहां तो एक्सपैंड नहीं कर पाए प्रदेश में क्या करेंगे।
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Munindra Pandey
13 hours
दिल्ली में भाजपा की नई रणनीति – नेतृत्व चयन में सामाजिक और वैचारिक संतुलन** दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए अगला कदम **सत्ता के केंद्र में एक स्थायी और प्रभावी नेतृत्व स्थापित करना** है। पार्टी नेतृत्व इस बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के चयन में जातीय, क्षेत्रीय और वैचारिक संतुलन को प्राथमिकता देगी। ## **मुख्यमंत्री: जाट नेतृत्व के जरिए हरियाणा राजस्थान पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ग्रामीण दिल्ली पर पकड़** मुख्यमंत्री के रूप में **@p_sahibsingh** का नाम उभरकर सामने आना दिल्ली के ग्रामीण वोट बैंक और NCR क्षेत्र में BJP की पकड़ को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। 1. **जाट समुदाय का प्रभाव**: दिल्ली में जाट समुदाय एक बड़ा वोट बैंक है, जिसकी पकड़ खासकर **नजफगढ़, बाहरी दिल्ली, रोहिणी और पश्चिमी दिल्ली** में है। हरियाणा और राजस्थान में जाटों का प्रभाव पहले से ही राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित करता रहा है। 2. **हरियाणा और राजस्थान से कनेक्शन**: दिल्ली के राजनीतिक निर्णयों का प्रभाव अक्सर NCR के अन्य हिस्सों में देखा जाता है। मुख्यमंत्री पद पर जाट नेता को बैठाने से **हरियाणा और राजस्थान में पार्टी को मजबूती मिलेगी**। 4. **किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि**: दिल्ली और हरियाणा के किसान आंदोलन के बाद जाट समुदाय में BJP के प्रति असंतोष देखा गया था। यह निर्णय उस असंतोष को दूर करने और **जाटों को पार्टी के साथ बनाए रखने का प्रयास है**। ## **पहला उपमुख्यमंत्री: हिंदुत्व और पूर्वांचली ब्राह्मण नेतृत्व का समावेश** उपमुख्यमंत्री के रूप में **कपिल मिश्रा** का नाम सामने आना BJP की **हिंदुत्व और पूर्वांचली राजनीति** को मजबूती देने की रणनीति से जुड़ा हुआ है। 1. **पूर्वांचली समुदाय की राजनीतिक स्थिति**: दिल्ली में **पूर्वांचली मतदाता 30-35%** हैं, जो मुख्य रूप से **पूर्वी दिल्ली, बवाना, द्वारका और उत्तरी दिल्ली** में प्रभावी हैं। AAP ने 2015 और 2020 के चुनावों में इस वर्ग पर मजबूत पकड़ बनाई थी, लेकिन BJP अब इसे अपने पक्ष में करना चाहती है। 2. **ब्राह्मण नेतृत्व की आवश्यकता**: दिल्ली में ब्राह्मण मतदाता परंपरागत रूप से BJP के समर्थक रहे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में AAP और कांग्रेस इस समुदाय को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही थीं। कपिल मिश्रा को इस पद पर लाने से **ब्राह्मण नेतृत्व को BJP के भीतर पुनर्स्थापित करने का प्रयास** किया जा रहा है। 3. **हिंदुत्ववादी छवि का प्रभाव**: कपिल मिश्रा की **हिंदुत्ववादी छवि** स्पष्ट और आक्रामक रही है। वह 2020 दिल्ली दंगों, CAA-NRC विवाद और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शनों के दौरान चर्चित रहे हैं। पार्टी उन्हें एक ऐसा चेहरा मान रही है, जो **AAP और कांग्रेस की कथित मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को प्रभावी ढंग से चुनौती दे सके**। ## **दूसरा उपमुख्यमंत्री: सिख, दलित या महिला नेतृत्व की संभावना** BJP के दूसरे उपमुख्यमंत्री पद के लिए तीन नामों पर विचार किया जा रहा है—**सिख समुदाय से @mssirsa, दलित समुदाय से कोई नेता या महिला नेतृत्व**। ### **A. सिख समुदाय से नेतृत्व** 1. **दिल्ली में सिख मतदाताओं की भूमिका**: दिल्ली में **सिख मतदाता 6-8%** हैं, जो विशेष रूप से **पश्चिमी दिल्ली, तिलक नगर, राजौरी गार्डन और ग्रेटर कैलाश** में प्रभावी हैं। 2. **1984 सिख विरोधी दंगों का मुद्दा**: BJP ने 1984 के सिख दंगों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करके इस समुदाय के बीच अपनी छवि को मजबूत किया है। @mssirsa जैसे नेता को इस पद पर लाने से **BJP की सिख राजनीति को और अधिक स्पष्टता मिलेगी**। 3. **पंजाब में BJP की स्थिति को सुधारने का प्रयास**: पंजाब में अकाली दल से अलग होने के बाद BJP को अपने लिए एक नया आधार बनाना है। दिल्ली में सिख उपमुख्यमंत्री बनाकर पार्टी **पंजाब में अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने का प्रयास कर सकती है**। ### **B. दलित नेतृत्व की संभावना** 1. **SC/ST वोट बैंक का समीकरण**: दिल्ली में दलित मतदाता **15-18%** हैं, जो BJP के लिए एक चुनौती बने हुए हैं। AAP और कांग्रेस ने दलित राजनीति पर ध्यान दिया था, और BJP अब इस वर्ग को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। 2. **संवैधानिक सुधारों पर BJP की स्थिति**: BJP लगातार **दलित समाज को न्याय देने और सामाजिक समरसता बढ़ाने के प्रयासों** पर जोर देती रही है। यदि पार्टी इस वर्ग से उपमुख्यमंत्री बनाती है, तो इसका संदेश पूरे देश में जाएगा।
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Munindra Pandey
14 hours
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री @p_sahibsingh को ही बनाएगी। इससे हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समाज को साधा जाएगा। साथ ही उपुख्यमंत्री के रूप में एक @KapilMishra_IND ब्राह्मण (पूर्वांचली) के रूप में तय है । वहीं उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरा नाम कोई सिख समुदाय से होगा लवली या @mssirsa 50% संभावना है 25% कोई दलित समाज से हो सकता है वहीं 25% संभावना किसी महिला की है।
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Munindra Pandey
14 hours
दिल्ली में AAP की हार – राजनीति का बदलता परिदृश्य दिल्ली, जो कभी आम आदमी पार्टी (AAP) के आंदोलनकारी राजनीति का गढ़ मानी जाती थी, आज एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है। **2025 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी की हार केवल एक चुनावी पराजय नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक बदलाव की आहट है**। यह न केवल AAP के लिए आत्ममंथन का विषय है, बल्कि उन सभी दलों के लिए एक स्पष्ट संकेत है जो केवल "लोकलुभावनवाद" के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास करते हैं। **राजनीतिक नैतिकता का संकट** अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में सुचिता (पवित्रता) और ईमानदारी की जो कसौटी तय की थी, वही कसौटी उनके पतन का कारण बनी। - **शीशमहल विवाद** ने उनकी "आम आदमी" की छवि को झटका दिया। - **शराब नीति घोटाले** ने पार्टी की नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े किए। - **कांग्रेस और लालू यादव जैसे पुराने नेताओं से गठबंधन** कर AAP ने अपनी ही राजनीतिक विचारधारा को तोड़ दिया। जो पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए बनी थी, वही जब खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई, तो जनता के पास उसे अस्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा। **फ्री योजनाओं से के साथ विकास चाहती जनता** यह चुनाव इस बात का प्रमाण है कि **अब जनता केवल मुफ्त योजनाओं पर भरोसा नहीं कर रही**। 2014-15 में जब देश महंगाई की मार झेल रहा था, तब मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा की नीतियां आकर्षक लगीं। लेकिन **2025 में दिल्ली के मतदाताओं की प्राथमिकताएं बदल चुकी हैं**। - दिल्ली में **इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति बदतर होती गई**। टूटी सड़कें, जलभराव, ट्रैफिक जाम और प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने जनता को निराश किया। - **मोहल्ला क्लीनिक और सरकारी स्कूलों** की स्थिति बिगड़ती गई। जिन सुधारों का दावा AAP करती थी, वे धरातल पर असफल साबित हुए। - **कूड़ा और सीवरेज प्रबंधन** में दिल्ली पिछड़ती गई, जबकि भाजपा शासित राज्यों में ये सेवाएं बेहतर साबित हो रही थीं। इस बदलाव के पीछे एक बड़ा संदेश यह है कि **लोग अब "फ्री मॉडल" से आगे बढ़कर लॉन्ग-टर्म विकास और अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था चाहते हैं**। **पंजाब के प्रयोग का असर दिल्ली पर** AAP ने 2022 में पंजाब जीतकर एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि हासिल की थी, लेकिन वही जीत दिल्ली में उसके लिए बोझ बन गई। - **पंजाब में खालिस्तानी तत्वों के प्रति नर्मी** दिखाने के आरोपों ने दिल्ली के पंजाबी और सिख समुदाय में चिंता बढ़ाई। - **किसान आंदोलन के दौरान व्यापारिक नुकसान** से दिल्ली के व्यापारी वर्ग में असंतोष बढ़ा। - पंजाब में **नशाखोरी की समस्या को रोकने में AAP की विफलता** ने भी उसकी छवि को नुकसान पहुंचाया। दिल्ली में पंजाबी और सिख मतदाता हमेशा AAP के प्रति झुके रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया, क्योंकि **उन्हें मोदी सरकार की स्थिरता और विकासवादी दृष्टिकोण पर अधिक भरोसा था**। **"मोदी की गारंटी" और विकल्प की राजनीति** जब कोई सत्ताधारी दल असफल होता है, तो जनता विकल्प की तलाश करती है। 2025 में यह विकल्प **भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी** के रूप में सामने आया। - मोदी सरकार की **राष्ट्रवादी छवि, गरीब कल्याणकारी योजनाएं और प्रशासनिक स्थिरता** लोगों को भरोसेमंद लगी। - दिल्ली में **गाजियाबाद, नोएडा और गुड़गांव जैसे क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार** को देखते हुए लोगों ने महसूस किया कि **AAP के वादों के बजाय भाजपा की योजनाएं अधिक प्रभावी हैं**। - **"मोदी की गारंटी" भाजपा का एक प्रमुख चुनावी हथियार बन गई**, जिसने AAP के कथित "विकास मॉडल" को चुनौती दी। इस चुनाव में भाजपा की जीत केवल एक लहर नहीं थी, बल्कि **AAP की विफलताओं के प्रति जनता की प्रतिक्रिया थी**।
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Munindra Pandey
14 hours
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की हार के प्रमुख। कारण 1. सेल्फ गोल: अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में सुचिता, सरलता और ईमानदारी का जो बेंच मार्क बनाया। शीशमहल, शराब घोटाला और कांग्रेस लालू आदि से गठबंधन कर खुद ध्वस्त किया। 2. फेल्ड मॉडल: सरकार का परफार्मेंस: शुरुआती दौर में। 2014 की महंगाई के दौर में जब अरविन्द केजरीवाल ने फ्री देने की बात की और दिया तो लोगों ने उसको माना परन्तु दिल्ली की बढ़ती आबादी के रफ्तार में केजरीवाल ने इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा नहीं कर पाए, प्रदूषण गंदगी टूटी सड़के बदल सीवरेज सिस्टम ने केजरीवाल के खिलाफ माहौल बनाया। 3. पंजाब के साथ खिलवाड़: भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली में स्वर्ण वर्ग प्रमुख वोटर रहा जिसमें सिख और पंजाबी अरविंद केजरीवाल की तरफ चले गए परंतु पंजाब में चरमपंथी और किसान आंदोलन के नाम पर जो अराजकता फैलाई गई व्यापारिक नुकसान हुआ उससे यह वर्ग केजरीवाल के खिलाफ गया। 4. केजरीवाल का विकल्प मोदी की गारंटी: जिस सुचिता देश भक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ गरीबों के कल्याणकारी योजनाएं का जो माहौल केजरीवाल ने बनाया और उसमें फैल हुए लोगों ने नरेंद्र मोदी को देखा। भाजपा सरकार नोएडा गाजियाबाद और गुड़गांव में कहीं बेहतर रोड नाली और सफाई की व्यवस्था कर रखी है। मध्य प्रदेश हरियाणा महाराष्ट्र आदि राज्यों में कल्याणकारी योजनाएं लागू हैं यहां भी वादे किए पूरे करेंगे। मोदी देश भक्त हैं सिखों के खिलाफ नहीं। ��ंजाब बचाना है तो मोदी ही है।
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Munindra Pandey
14 hours
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री @p_sahibsingh को ही बनाएगी। इससे हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समाज को साधा जाएगा। साथ ही उपुख्यमंत्री के रूप में एक @KapilMishra_IND ब्राह्मण (पूर्वांचली) के रूप में तय है । वहीं उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरा नाम कोई सिख समुदाय से होगा लवली या @mssirsa 50% संभावना है 25% कोई दलित समाज से हो सकता है वहीं 25% संभावना किसी महिला की है।
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Munindra Pandey
17 hours
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री @p_sahibsingh को ही बनाएगी। इससे हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समाज को साधा जाएगा। साथ ही उपुख्यमंत्री के रूप में एक @KapilMishra_IND ब्राह्मण (पूर्वांचली) के रूप में तय है । वहीं उपमुख्यमंत्री के रूप में दूसरा नाम कोई सिख समुदाय से होगा लवली या @mssirsa 50% संभावना है 25% कोई दलित समाज से हो सकता है वहीं 25% संभावना किसी महिला की है।
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Munindra Pandey
2 days
@manakgupta भाजपा का (जेडीयू और लोजपा) का वोट शेयर 47% है।
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Munindra Pandey
2 days
@AnilYadavmedia1 हां जैसे राम राज्य में भी मंथरा तो थी हमारे dna में लोकतंत्र है तुम खड़े रहोगे बाकी कोई औकात नहीं जिसकी पूजा करते हो उन लोगों ने जय प्रकाश नारायण जैसे महान नेता को विरोध करने पर पूरे देश को जेल में डाल दिया लेकिन तुम खड़े रहोगे।
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Munindra Pandey
3 days
अरविंद केजरीवाल एक शातिर है जिस तरह का वो अराजक था आज उसने कांग्रेस से ज्यादा लोकतांत्रिक तरीके से जनादेश को स्वीकार किया लेकिन याद रखना है वो खतम नहीं हुआ है उसका बयान बताता है को अब वह लोकतांत्रिक बनकर आएगा।
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Munindra Pandey
3 days
आज दिल्ली का चुनाव परिणाम ये बताता है कि आम आदमी पार्टी या खत्म हो जाएगी या सच के लोकतंत्र पर विश्वास करेगी। अरविंद केजरीवाल को ये पता चलेगा कि कोई सरकार पानी में जहर नहीं मिलती हार के डर से लोकतंत्र में हार जीत दोनों का लक्ष्य समाज और राष्ट कल्याण होता है।
@news24tvchannel
News24
3 days
चुनाव हार गए, अब केजरीवाल क्या करेंगे, सुनिए आप नेता संजीव का जवाब ◆ देखिए राष्ट्र की बात, मानक गुप्ता के साथ #RashtraKiBaat | #RKB | @manakgupta
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Munindra Pandey
3 days
@aditi_tyagi जब जब किसी के आत्मसम्मान को अहंकार के द्वारा ठेस पहुंचाया जाता है वह ठेस एक दिन उस अहंकार को चूर कर देता है।
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Munindra Pandey
3 days
अरविंद केजरीवाल के हारने की एक वजह यह भी हो सकती है कि केजरीवाल ने दिल्ली के दारू दी लेकिन पानी साफ नहीं दिया।
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Munindra Pandey
4 days
@priyanka2bharti क्यों जहर घोल रही है आरोपी खुद एससी समुदाय से हैं और पुलिस वाला आदिवासी है।
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Munindra Pandey
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@news24tvchannel @VinodSharmaView @gforgarima विनोद शर्मा जो मोरल स्पीच दे रहा है ये डरा हुआ है कि भाजपा आ रही है।
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Munindra Pandey
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@healthcaree_ पृथ्वी को समुद्र से निकलने का मतलब प्रलय के बाद जब पृथ्वी जलमग्न हो गई तो उसमें पुनः जीवन वनस्पतियों को तलाशना और फिर से रहने जीने योग्य बना है। बातें लोगों को समझने के लिए उपमा अलंकार में लिखी गई हैं अफसोस आज भी कुछ लोग नहीं समझ पाते।
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Munindra Pandey
7 days
@DrMohanYadav51 जी एक बुजुर्ग व्यक्ति हाथ जोड़े खड़ा है और सामने एक व्यक्ति प्रशासनिक शक्ति का इस्तेमाल कर जिस तरह का बर्ताव कर रहा है या समाज के लिए अच्छा नहीं। सबको अधिकार बराबर का है। @rshuklabjp @ChouhanShivraj
@riskyyadav41
Risky Yadav
8 days
मध्यप्रदेश में पटेल साहब रिटायर हुए तो गाने के साथ विदाई हो रही थी गली में मिश्रा नाम के TI का घर था। फिर क्या मिश्रा ने लोगों को बाल पकड़कर मारा माँ बहन की गालियां दीं। MP में सामंतवाद इसलिए मजबूत है क्योंकि वहां लालू मुलायम सि���ह यादव पैदा नही हुए हैं।
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Munindra Pandey
7 days
@garrywalia_ इतने वरिष्ठ नेता को बोलने की तमीज होनी चाहिए। मुझे तो यही लगा। यही बात संयम से कह सकते थे। नीरज शेखर जी आपके पिता जी का मैं साथी रहा हूं। वो भी इसका सम्मान करते थे आप मेरा नहीं अपने पिता का सम्मान करिए और बीच में मत बोलिए चुप रहिए।
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Munindra Pandey
8 days
@MediaHarshVT @ArvindKejriwal @BJP4Delhi आपने ऐसा अनुमान लोकसभा में भी लगाया था। आप कोई बात कहें अलग है अगर आप नंबर दे रहे हैं तो बताइए इस नंबर पर आप कैसे पहुंचे। कितने प्रतिशत पूर्वांचली बीजेपी के साथ हैं अगर अपर कास्ट भाजपा के साथ है तो कितना और क्या दलित और मुस्लिम कांग्रेस की तरफ कुछ जा रहा है ??
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