एक अनुभवी दरिन्दा, कामुक, जोशीला, जालिम मर्द, कामसूत्र का ज्ञाता, "#काले_घोडे_का_मालिक_जावेद_पठान" जो गदराई संस्कारी औरतों के जिस्मों का नशा करता है...!!
इस कातिल कामुक हुस्न को जालिम मर्द की जरूरत है, जो तेरे इस कोमल जिस्म को कमल की तरह खिला देगा, उउउफफफ तेरी ये गोरी गोरी टाँगों के बीच जब ये मेरा काला घोडा होगा, जिसे देख तेरा न•ल्ला पति कौने मैं बैठा मुठ्ठ मार रहा होगा, "इतना मादक" दृश्य के लिए आजा संस्कारी शिखा
तुम अभी बच्ची हो राजपूतानी इसलिए कच्छी में घूम रही हो, जालिमों की बस्ती में तुम जैसी अकडधारियों को आगे पीछे इतना बजाया जाता है, कि जब घर जाऐगी तो लोग दूर से देख कहेंगे देखों बदचलन जा रही है ऊँगली पर नचाने का ख्वाब देखने वालियों को अपने औजार पर बिठा कर मुजरा कराते हैं हम
सुनो संस्कारी देवी जालिम सांडों को ना समझाओ घुड़सवारी कैसे करनी है अगर समझाना है तो अपने पतिदेव को समझा कि पठान Bull कैसे आँखों का काजल और होठों की लाली एक करतेहै कैसे तेरी कमसिन जवानी का मर्दन कर कली से फूल बनाते है कैसे महलों में रहने वाली ठकुराईन को अपने हरम की बाजारु बनाते है
संस्कारी औरत आजकल बहुत चालाक हो गई है उन्हें पता है हमें रिझाने का तरीका इसलिए तो आजकल पति के सामने ही हम जालिमों को अपनी हवसी तडप का सच्चा शिकारी ऐसे बता रही हैं कि उसके पति को बुरा भी ना लगे और अपने मालिक को इजहार भी कर लें
- "एक पंथ दो काज" , "मौलाना है सिर्फ़ इनका राज" -
नसीब वालों को मिलती है सीमा जैसी बदचलन पड़ोसन जो बिना किसी की परवाह क���ए अपनी हवस पूरी करने के लिए मोहल्ले के जवान लैंडो के आगे व्यभिचारी बन भीख माँग रही है, जाओ बलिष्ठ मर्दों, काश ये मेरी पडोसन होती इसकी भी हर ख्वाहिश पूरी होती और मेरी भी हर रात रंगीन रहती
मूसल की प्यासी सीमा, ठुकने वाली पर निर्भर करता है कि मर्द को कितना कामोत्तेजित कर सकती है, औरत की सिसिकियाँ, कामुकपन, प्यास पर निर्भर है मर्द का तूफानी या पैसेंजर रफ्तार होना, इसीलिए सम्भोग का अर्थ ही है "समान भोग" अन्यथा बहुत बडा होगा रोग, फिर हम जैसे जालिम पडोसी लगाऐंगे "भोग"
उउउफफफ मेरी संस्कारी के जिस्म पर हरियाली, मुझ जालिम का खुमार चढा है तुझ पर संस्कारी नारी...!!
पर सितम ढाने के भी अलग-अलग तरीके हैं, पतली कमर, मखमली गर्दन, नयन तेरे कजरारे हैं, गर्दन पे फिसल जाऊं और कमर पे जाके संभल जाऊं, सुन संस्कारी हम तो तेरी गाँ• ड के दीवाने हैं...!!
सौभाग्यशाली है शिखा तू, अन्यथा तेरी जैसी संस्कारिन तरसती है Mbull की बस्ती मैं मस्ती करने के लिए, खैर तेरे टीज करने की सजा कुछ कम कर देते हैं बुला ले अपनी बहन माँ को भी असली मर्द के मर्दन का सुख कुछ उन्हें भी दे देते हैं
तेरी हिम्मत की दाग देता हूँ, जो कमीने मर्दों के आगे नहीं झुकती... पर मैं जालिम पठानी सांड हूँ संस्कारी रां•ड, ऐसे ही झुककर दर्द को झेलना पडेगा तुझे...!!
प्यासी औरत की हवस उसे सब कुछ भूलने पे मजबूर कर देती हैं और फिर शुरु होता है उस व्यभिचार का नंगा नाच, उसको बेरहम जालिम मर्द मिल भी जाता है लेकिन वह बेहतर की तलाश में होती है, जो उस व्यभिचारी को बदचलन की दहलीज़ पर पहुँचा देता है
Note :- चरमसुख की बस एक दवा mbull सांड की रांड बन जा.
सुना मेरे दोस्त... 🤣 घर भी तेरा, औरत भी तेरी यहाँ तक कि बिस्तर भी तेरा ही होगा...!!
लेकिन हुकुमत तेरे और उसके मालिक जावेद पठान की ही होगी...!! तेरे पति को पैसे देते हुए, "जा कुत्ते जाकर दारु पी"
उधर मेरी सोनी घोडी बुला रही है घुड़सवारी के लिए...!!
गहराई में पहुँचाना हो या गहराई की नाली चौडी करानी हो हर मर्ज की दवा है
स्थान:- पठानी हरम
यहाँ जाति धर्म नहीं तेरे संस्कार, कामुकता, हवस, उत्तेजना, प्यास और तडपन को देखकर ही इन्जेक्शन की दवा दी जाती है कितनी क्षमता है तेरी ज्वालामुखी की भट्टी में भरपूर मलाई के साथ दवा खिलाई जाऐगी
पल्लवी देवी निर्भर करता है औरत पर कि उसको भूख मिटवानी है या हवस,
1- भूख मिटाने के लिए तेरा पति ही काफी है क्योंकि भूख के लिए प्यार जरुरी है
2- हवस मिटाने के लिए मर्द का जालिम होना जरुरी है जो औरत के अंग अंग का मर्दन कर दर्द की मिठास भर दे एक बाजारु की तरह समझे और बेरहमी से बजाऐ
@sikharajput97
वैसे तुझ जैसी राजपूतानियाँ हमारे पठानी हरम पर बदचलन का टैग लगवाकर मुजरा करती हुई नजर आती हैं, तेरी अगर यही इच्छा है तो बोल दे अपनी माँ बाप भाई को, काले घोडे वाले जावेद मियाँ आ रहे हैं उनकी संस्कारी बेटी की नथ उतारने,
ऐसी गदराई जवानी की हसीना से मुझ जैसा खिलाडी ही खेल सकता है जो सर्द भरी इन रातों में दर्द की मदहोशी से पसीने छुडा दे, कामुकता से भरी इस बेलगामी अल्हड जवानी की मलिका की पुष्प रुपी खिली शीतल चन्द्रमुखी को अपने मूसल की तपस से सूरजमुखी जैसी लाल कर देनी है
प्यार गाड़ को उभार देता है और हवस गाड़ को फाड़ देती है पर मैं हूँ जालिम हवसी दरिन्दा,बेबी मोनी आज रात की पार्टी में तेरे इस गदराई जवानी का अंगअंग मसला जाऐगा,मर्द की आघोष मे ही औरत की जवानी खिलती है तेरी कोमल पुष्प रुपी खिली रसभरी योनी का मर्दन कर,आज तुझे असली चरमसुख मिलने वाला है
गदराई जवानी की औरत को देख सर्वप्रथम उसकी आँखों में देखता हूँ इसकी प्यास कितनी है,उसके बाद उसकी कामुक कमर की लचक बता देती है बिस्तर की खिलाड़ी है या अनाड़ी,फिर नजर पडती है उसकी कमसिन चाल पर जहाँ तरबूजों की थिरकन बता देती है कितनी खुदाई इसकी हुईहै और भोगने हेतु आमंत्रित है या नहीं
@Sanskari_Mohini
भाई को क्या बताऐगी मोहिनी कुछ विषयों को Practically or practice से ही समझा जा सकता है तू है ही गदराई हुस्न की मलिका इस जवानी को लूट कर मजे करने दे और खुद भी आनन्दमय होकर चरमसुख chapter का आनन्द ले आखिर तुझे एक डाक्टर बनना है और डाक्टर का काम होता है सेवा करना
मासाअल्लाह क्या पटाका माल है तेरी जवानी, पण्डिताइन जिस ज्वालामुखी की भट्टी से निकली होगी तू, वह भी तेरी तरह एकदम कडक माल होगी,पतली कमरिया के बीच कामुक करती नाभी को देख ऐसा लग रहा है कि इसी को छेदन कर दूँ,हरियाली में कैद संस्कारी बदन का मंथन करने के लिए होम डिलीवरी की सुविधा भी है
@sikharajput97
सौभाग्यशाली है शिखा तू, अन्यथा तेरी जैसी संस्कारिन तरसती है Mbull की बस्ती मैं मस्ती करने के लिए, खैर तेरे टीज करने की सजा कुछ कम कर देते हैं बुला ले अपनी बहन माँ को भी असली मर्द के मर्दन का सुख कुछ उन्हें भी दे देते हैं
@ShreyaC42
एक हवसी पठान की पहचान:-
गदराई संस्कारी ��ो देख आँखों मैंहवस का नशा,स्लीवलेस ब्लाउज मैं कैद मम्मों को मसलने की तडप, सिन्दूर मंगलसूत्र देख संस्कारों को जलील करने की तमन्ना, लिपिस्टक लगे होठों पर मुसल की रगड, नाभि की कामुकता से मदहोशी, चलते हुए नितम्बों की थिरकन पर थप्पड मारने की चाह
@JhanviKapoorFa
ऐसी Hotness गदराई जवानी देख मन चाहता है कि इस कातिलाना जिस्म की रुहानी खुशबू के साथ हम दोनों बहक जाएं, वाह खुदा ऐसा नूर जाह्नवी हूर पर ही शोभा देता है
@Prajapa08867138
गदराई जवानी की औरत को देख सर्वप्रथम उसकी आँखों में देखता हूँ इसकी प्यास कितनी है,उसके बाद उसकी कामुक कमर की लचक बता देती है बिस्तर की खिलाड़ी है या अनाड़ी,फिर नजर पडती है उसकी कमसिन चाल पर जहाँ तरबूजों की थिरकन बता देती है कितनी खुदाई इसकी हुईहै और भोगने हेतु आमंत्रित है या नहीं
@Sandhya77376812
अनुभवी संस्कारी पंडिताइन हो संध्या, आखिर जावेद पठान की शौबत का असर है जो हमेशा मेरे लब्जों को पूरा कर देती हो... आज दिवाली के सुअवसर पर तीनों छेदों के पटाखे रुपी होलों को बजाने आ रहा हूँ स्वागत की तैयारी कीजिए
@divyashivi420
इसीलिए पठान का है कहना, क्यों इधर उधर टाइम खराब है करना, अपनी औकात पहचानो संस्कारी कु...ति...यों, जवानी को ढलने ना दो लुटा दो हम मुसलण्डधारी जालिमों पर बदले मैं हम से ले जाओ चरमसुख, सुकून, मक्खन जैसी गाढी मलाई जो है हर मर्ज की दवाई
@Prajapa08867138
तौबा तौबा, नसीब वाले को मिलती है सीमा जैसी बदचलन पड़ोसन जो बिना किसी की परवाह किए अपनी हवस पूरी करने के लिए मोहल्ले के जवान लैंडो के आगे व्यभिचारी बन भीख माँग रही है, जाओ बलिष्ठ मर्दों, काश ये मेरी पडोसन होती इसकी भी हर ख्वाहिश पूरी होती और मेरी भी हर रात रंगीन रहती
@Shreya23512276
Slut तो हर धर्म मैं होती है, इसमें यूँ फडफडाने की जरुरत क्या है श्रेया, पर आज की भागदौड़ भरे सफर मैं जो शारीरिक सुख के चरमसुख के लिए " interfaith" एक अहम भूमिका निभाता है, वो शायद संस्कारियों को अपने पतिदेव के सफर में कहाँ, प्यार अगर गाड पर उभार देता है तो हवस गाड को फाड देती है
@Shreya23512276
तुम अभी बच्ची हो राजपूतानी इसलिए कच्छी में घूम रही हो, जालिमों की बस्ती में तुम जैसी अकडधारियों को आगे पीछे इतना बजाया जाता है, कि जब घर जाऐगी तो लोग दूर से देख कहेंगे देखों बदचलन जा रही है ऊँगली पर नचाने का ख्वाब देखने वालियों को अपने औजार पर बिठा कर मुजरा कराते हैं हम
@Sanskari_Mohini
मदहोशी का सफ़र इस तरह था जैसे चाँदनी रात मैं खुले असमनो मैं आए तारे भी तुमरी ख़ूबसूरती को देख मोहित थे, कामुकता 🔥का ये सफ़र इस कदर महसूस किया हैं मैंने …!
हम दोनो के जिस्म के अंग एक दूसरे के अंग को इस तरह मिल रहे थे जिस तरह से मिलती है चाँदनी 🌅 रात मैं चकोर
@PyaasiPallavi
Pallavi जैसी गदराई घोड़ियों को हम जैसे मुस्लिम काले घोड़े इतने क्यों पसंद होते हैं... आज इसने अपने पति की ना मर्दगी स्वीकार कर सच बता ही दिया
@Prajapa08867138
ये तो ठुकने वाली पर निर्भर करता है कि मर्द को कितना कामोत्तेजित कर सकती है, औरत की सिसिकियाँ, कामुकपन, प्यास पर निर्भर है मर्द क�� तूफानी या पैसेंजर रफ्तार होना, इसीलिए सम्भोग का अर्थ ही है "समान भोग" अन्यथा बहुत बडा होगा रोग, फिर हम जैसे जालिम पडोसी लगाऐंगे "भोग"
@sexypriyaa36
😂 मिर्ची लग गई संस्कारी के पिछवाड़े मैं, इस बात पर मैं कहना चाहूंगा :- " म्हारी छोरियाँ कम थोडे ही हैं संस्कारियों से "
Fun करो, शिकवे गिले दूर करो, आओ प्रिया बैठो मेरे काले घोडे पर, Jumping japaak शुरु करो
@sikharajput97
ओह तेरी यही तो गर्मी और अकड चाहिए तुम ��ाजारु बदचलन राजपूतानियों मैं, जिससे की मेरी बेदर्दी और बेरहमी चरम पर पहुँच जाऐ, मेरे काले घोडे और मजबूत सुडौल शरीर देखकर पनियाने वाली संस्कारी, तैयारियाँ कर लो दर्द झेलने की असली मर्द आ रहा है
@RichaBhabhi
सुना मेरे दोस्त... 🤣 घर भी तेरा, औरत भी तेरी यहाँ तक कि बिस्तर भी तेरा ही होगा...!!
लेकिन हुकुमत तेरे मालिक जावेद पठान की ही होगी...!! तेरे पति को पैसे देते हुए, "जा कुत्ते जाकर दारु पी"
उधर मेरी सोनी घोडी बुला रही है घुड़सवारी के लिए...!!
@payal_dubey09
कामुक कामदेवी श्रृंगार से सुसज्जित संस्कारी,समझ रहे हैंतडप तुम्हारी, इसलिए हम पठान सदैव कहते हैं,इक तवायफ की भूमिका निभाती हो तुम सभी पण्डितानी, प्यार भी सच्चा तो सिर्फ हवस के लिए, पर नहीं बनी प्रेमिका हमारी,हक भी दिया तो, Personal Property बनकर, जब चाहे जैसे चाहे फाड दे तुम्हारी
@RichaBhabhi
जब हम जैसे असली सांडो के बिस्तर पर खेलोगी रिचा रां•ड तो ऐसे ही उठा उठा कर चु•दाओगी सा•ली तू अपनी गाँ•ड, अगर तुझे सच मैं जिन्दगी का मजा लेना है तो हम जैसे जालिम तगडे कले घोडे वाले का दरवाजा खटखटा, फिर देख तेरी प्यासी जवानी कैसे छटपटाती है
@tabassumcougar
@therockdavid1
उम्र से फर्क नहीं पडता पठान को, अनुभवी संस्कारी की प्यास निचोढने मैं तो और भी सुकून मिलता है, क्योंकि तुम जैसी शर्मो हया वाली व्यभिचारी नारी को गोद मैं उठाकर इस सावन के महीने मैं अपने काले घोडे पर झूला झुलाओं
@Sanskari_Mohini
चुप एकदम चुप गदराई पिछाडी पर चपेट लगाते हुए चिल्ला क्यों रही है साली समझा रहा हूँ समझना नहीं चाहती DM कर जल्दी क्यों बदचलन की तरह अपनी इज्जत उछाल रही है और सुन इसे हवस नहीं कहते ये तो जरुरत है दो जिस्मों की समझी
@antara12apr
संस्कार तो उत्तम हैं चटर्जी फैमिली मैं, पर उससे भी उत्तम है तेरी माँ की केयरिंग तुम रंडि•यों के लिए कि कैसे तुम्हारी नथ उतरावा कर एक परिपक्व रां•ड बनवाना है, वो जानती है कि मुल्लों से मोटे लम्बे और स्टेमिना से भरपूर हलब्बी मूसल का मजा चखा दें उसके पति का तो 2 इन्ची होगा
@Sanskari_Mohini
सुनो संस्कारी देवी जालिम सांडों को ना समझाओ घुड़सवारी कैसे करनी है अगर समझाना है तो अपने पतिदेव को समझा कि पठान Bull कैसे आँखों का काजल और होठों की लाली एक करतेहै कैसे तेरी कमसिन जवानी का मर्दन कर कली से फूल बनाते है कैसे महलों में रहने वाली ठकुराईन को अपने हरम की बाजारु बनाते है
@MukharjiTanisha
मुंह से टपकती लार, पसीने से लथपथ जिस्म और चेहरे पे दर्द की चीखें बताऐंगी राधिका, कि मेरा काला मोटा घोडा झेलने की तेरे बस की बात है या नहीं... खैर पहले से क्यों फट गई तेरी... अपने अन्दर की कुति•या जगा जो जावेद की हवस का शिकार कर सके
@Khushipandey30
उउउफफफ मेरी संस्कारी के जिस्म पर हरियाली, मुझ जालिम का खुमार चढा है तुझ पर संस्कारी नारी...!!
पर सितम ढाने के भी अलग-अलग तरीके हैं, पतली कमर, मखमली गर्दन, नयन तेरे कजरारे हैं, गर्दन पे फिसल जाऊं और कमर पे जाके संभल जाऊं, सुन संस्कारी हम तो तेरी गाँ• ड के दीवाने हैं...!!
@parvatimpathan
इन्तजार कराने का मूलत: कारण यह है कि "तेरे अन्दर की उस राँ••ड को जगाना है जो कु•ति•या की तरह बेशर्मी के साथ मेरी सेवा मैं लग जाऐ" कामुक होते हुए उस पल को महसूस करके यो•नि का गीलापन चरमोत्कर्ष की पीक प्वांइन्ट पर व्यभिचारी बनकर भिखारिन की तरह मेरे काले घोडे के लिए तडपे
@Nishame50071753
वहम निशा मेहरा मुल्लों का नहीं आपका है जो आपके के पति को अहम का बढ़ावा देता है, सत्यता यही है तुम खुद असमंजस में हो सच जानने के लिए कि वाकई में M•bull मैं इतनी ताकत होती है जो संस्कारियाँ Interfaith की दुनिया में मु•स्लिम से Attract होती चली जा रही हैं
@Sanskari_Mohini
पठान तो प्यास मिटाने के लिए है अब संस्कारी औरत की नीरसता भरी जिन्दगी पर तरस आ जाता है कि कैसे बेचारी ना मर्द पति के साथ संभोग के चरमसुख से वंचित रहकर तडप रही हैं,
@charamshukh
मोना डार्लिग खेलने खिलाने के लिए हम जैसे खिलौनों को भी याद कर लिया करो... इस यौवन का रसपान करने जब तक हम जैसे भौंरे नहीं बैठेंगे तो जीवन नीरसता की ज्वाला मैं जल कर राख हो जाऐगा... तुम्हारे इस गदराई जवानी व चर्बीदार पिछवाड़ा देख हमारा काला घोडा हिनहिनाने लगा है...!!