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उत्तराखंड में एक ऐसा तंत्र बन चुका है, जिसमें राजनेता, अफसरशाही और मीडिया, सब एकजुट होकर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने और अपने खजाने भरने में लगे हुए हैं। चाहे जितने घोटाले सामने आ जाएं, इस तंत्र की ओर से पूरी तरह से चुप्पी साध ली जाती है। कोई सवाल उठाए या विरोध करे, तो
A heartbreaking scene that words can't describe—a 17-year-old girl, fighting for her life, insisted on tying rakhis to her brothers from her hospital bed. Just hours later, she took her last breath. This brave sister’s final act of love and tradition amidst unimaginable pain is a
चार धाम यात्रा: रिकॉर्ड बनाना या आत्मिक जुड़ाव?
चार धाम यात्रा को लेकर एक चिंताजनक खबर सामने आई है. इंदौर से 44 लड़के और 18 लड़कियां, कुल 62 लोग, 30 ढोल और 10 ताशों के साथ केदारनाथ पहुंचे। उनका मकसद? सबसे ऊंचाई पर ढोल बजाकर रिकॉर्ड बनाना!
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि
Pithoragarh's Dharchula faces yet another landslide, blocking the Tawaghat road. This recurring issue isn't just about clearing debris; it's Nature's stark reminder of Uttarakhand's fragile ecology.
We've consistently urged the government: Uttarakhand's development can't mirror
उत्तराखंड के युवाओं की दो तस्वीरें दिल को झकझोर देने वाली हैं। एक तरफ हवलदार बसुदेव सिंह हैं, जिन्होंने देश की सीमा पर अपने प्राणों की आहुति देकर मातृभूमि का कर्ज़ चुकाया। जब उनका पार्थिव शरीर गैरसैंण के सारकोट गांव पहुंचा, तो पूरे गांव ने गर्व और आँसुओं के साथ उन्हें विदाई दी।
Uttarakhand's Heart Beats with Pride and Sorrow 🇮🇳
Rifleman Adarsh Negi, a 26-year-old son of Tehri, Uttarakhand, made the ultimate sacrifice fighting terrorists in Kathua yesterday.
Adarsh's courage and selfless service remind us of the valor that runs in the veins of
The Dhol of Unity drums deep in the soul of
#Uttarakhand
, echoing from Parade Ground to the heavens. No smokescreen of promises can mask the fire in our eyes,
@pushkardhami
ji. We are the Ganga's mighty flow, united and unstoppable.
#PahadiHaiNaa
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
भारत के हर कोने में ओलंपिक की चर्चा हो रही है। मेडल तालिका पर बहस छिड़ी है। लेकिन यहाँ देखिए असली ओलंपिक:
उत्तराखंड के लोगों का रोज़मर्रा का संघर्ष, जो हर दिन एक नया ओलंपिक जीतते हैं।
उत्तरकाशी के सांकरी से तालुका जाने वाले मार्ग का यह वीडियो दिखाता है कि यहाँ के लोग किस तरह
Letter from
#IASAssociation
reveals pressure from a BJP MLA to secure tenders for his associates in Uttarakhand. The "Naa Khaunga, Naa Khane Dunga" slogan seems distant when party leaders act otherwise. Will the state government take swift action against the MLA? How long until
अब तो ऐसा लगता है कि देवभूमि में हर वीकेंड पर पर्यटक शराब पीने आना मानो आम बात हो गई है। गढ़वाल के वीरेंद्र चौहान और वन आरक्षी रामनगर के प्रयासों के बावजूद, जब इन युवकों को जंगल में शराब पीने से रोका गया, तो उन्होंने वीरेंद्र चौहान को ही मारपीट का शिकार बना दिया। क्या यह हमारी
ये वीडियो वन आरक्षी रामनगर में तैनात वीरेंद्र चौहान जी का हैं जो क्यारी रामनगर के जंगल में शराब पी रहे कुछ युवकों को मना कर रहें थे।
वीडियो मे साफ दिख और सुनाई दिया जा रहा हैं, की किस तरह चौहान जी के मना करने पर वो उन्ही पर हावी होने लगे और उनके साथ मारपीट की गई।
#Uttarakhand
उत्तराखंड में जंगल की आग: सुप्रीम कोर्ट 8 मई को करेगा तत्काल सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को उत्तराखंड में लगी भयानक जंगल की आग पर दायर याचिकाओं पर 8 मई को तत्काल सुनवाई करने का फैसला लिया है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इन आग में से 90% "मानव निर्मित" हैं, यानी लोगों द्वारा
पहले उत्तराखंड में बेमिसाल जंगल की आग, जिससे निजात पाने के लिए बारिश की आस लगाए बैठे थे लोग. बारिश तो आई, मगर उसका रूप इतना विकराल हुआ कि सोमेश्वर के चनौदा गांव में तबाही मचा दी. बादल फटा और देखते ही देखते भारी बारिश का सैलाब आ गया.
यहां के हालात इतने भयानक हैं कि लोगों को यही
उत्तराखंड: जागेश्वर धाम में पेड़ों की कटाई रोकी गई,
#SaveJageshwar
मुहिम की सफलता
पर्यावरण संरक्षण आंदोलनों की धरती उत्तराखंड एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का विषय है जागेश्वर धाम में सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित 1000 देवदार के पेड़ों की कटाई को स्थानीय लोगों,
उत्तराखंड की रंगीली परंपरा: कुमाऊं की खड़ी होली का 400 साल पुराना इतिहास
देवभूमि उत्तराखंड में बसंत पंचमी के आते ही रंगों का उत्सव खिल उठता है. यहां होली मुख्य रूप से तीन रूपों में मनाई जाती है - खड़ी होली, रंग वाली होली और धुंधारी होली. इनमें से खड़ी होली अपनी अनूठी परंपराओं और
वादों से नहीं, बदलाव से बनेगा कल! जो नेता युवाओं की आवाज़ नहीं सुनते, उन्हें इतिहास भुला देगा! उत्तराखंड के जवान साथी, परेड ग्राउंड पे जुटो, अपना हक़ लेने को!
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून
A somber day for Devbhoomi Uttarakhand 💔🏔️
Today, our hearts are heavy as we mourn the loss of five brave sons of Uttarakhand in the Kathua terror attack:
•Naik Vinod Singh (Tehri Garhwal)
•Rifleman Anuj Negi (Pauri Garhwal)
•Nb Subedar Anand Rawat (Rudraprayag)
•Rifleman
उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सत्ता के गलियारों में आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं होती। अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल की आग बुझाने के दौरान शहीद हुए चार वनकर्मियों के मामले में निलंबित किए गए दो वरिष्ठ IFS अधिकारियों को पुनः बहाल करने का फैसला
हल्द्वानी में गौला नदी ने खतरे के स्तर को पार कर लिया है। प्रशासन ने नदी से 28,980 क्यूसेक पानी छोड़ा है, जो चिंता का विषय बन गया है। पिछले 24 घंटों में यहाँ 206 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण करने वाले 50,000 से अधिक लोगों के पुनर्वास का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव को केंद्र और रेलवे के साथ बैठक करके हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण करने वाले 50,000 से
उत्तराखंड में मूल निवासियों का आंदोलन तेज, बागेश्वर और हल्द्वानी में होंगी रैलियां
उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून के मुद्दे पर चल रहा आंदोलन तेज हो गया है। मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने 24 दिसंबर को देहरादून में एक विशाल रैली निकाली थी, जिसमें हजारों लोगों ने
उत्तराखंड में पिछले 6 महीनों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दूनागिरी मंदिर जैसी पवित्र जगह भी इस आग की चपेट में आ चुकी है। चाहे बारिश की कमी हो, मानवीय लापरवाही हो या प्राकृतिक कारण, इन आगों ने भारी नुकसान पहुंचाया है।
लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय
देखो यार, सरकार ने परेड ग्राउंड पर नहाने-धोने का भी इंतज़ाम कर दिया है पानी की बंदूकें लगाकर! अब तो आओ जल्दी से, उत्तराखंड के लिए लड़ने का वक्त है!
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून
उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल! अल्मोड़ा के सगे भाइयों ने बैडमिंटन में रचा इतिहास, विश्व टॉप 100 में बनाई जगह
देवभूमि उत्तराखंड के युवा अपनी प्रतिभा और लगन से देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं। खेल के क्षेत्र में भी उत्तराखंड के खिलाड़ी लगातार नई ऊंचाइयां छू रहे हैं। इसी कड़ी में
उत्तराखंड के नेताओं की उदासीनता ने राज्य को निराश किया है। जोशीमठ जैसी गंभीर आपदा के मुद्दे को संसद में उठाने के लिए महाराष्ट्र के सांसद को आगे आना पड़ा। यह बेहद शर्मनाक है कि उत्तराखंड के अपने सांसद, जिनकी जिम्मेदारी है अपने क्षेत्र की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना, इस
उत्तराखंड के हिमालयी परिदृश्य को सजाता हुआ देवदार का पेड़ सिर्फ एक वृक्ष नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और पारिस्थितिक पहचान का अभिन्न अंग है। इसकी ऊंचाई, सुगंधित सुगंध और मजबूत लकड़ी ने इसे सदियों से श्रद्धा और महत्व दिलाया है।
देवदार के जंगल उत्तराखंड की पारिस्थितिकी तंत्र की
As chaos unfolded in Haldwani, a brave female police officer, injured in the attack by the radicals, recounts the ordeal: 'We barely made it back, fighting to save our lives.'
#Haldwani
#Uttarakhand
उत्तराखंड में सख्त भू-कानूनों की मांग केवल इसलिए नहीं उठ रही है कि प्रदेश के लोगों के अधिकार सुरक्षित रहें, बल्कि इसलिए भी है कि उमेश कुमार जैसे बाहरी लोग यहां आकर अमीर और शक्तिशाली बन गए हैं। अब ये लोग अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए हमारे स्थानीय भाषा और संस्कृति को खत्म करना चाहते
Change isn't a magic trick, it's a collective muscle we exercise. Raise your voice, lend your hand, join the movement for a better tomorrow. ✊
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून
Salute to the Brave: SDRF and Police Heroes in Action
Witness the extraordinary courage of SDRF and police personnel risking their lives to save others at Kedarnath. With the pilgrimage route severely damaged in multiple locations, these heroes are conducting perilous rescue
महोदय, आपका भाषण वाकई शानदार था। प्रधानमंत्री जी की इन सभी महान बातों को निजी तौर पर भी कहा जा सकता था, लेकिन आपने इसके लिए महत्वपूर्ण लोकसभा को चुना। वह मंच जहां आपको उत्तराखंड और इसके लोगों के मुद्दे उठाने के लिए चुना गया था।
लेकिन नहीं, आपको तो ऐसे ही लोगों ने चुना है जो खुद
जो बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहा है, वह निस्संदेह बेहद गंभीर और निंदनीय है। लेकिन अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसकी वजह से नींद नहीं आ रही, तो क्या उन्हें पहाड़ों में खराब सड़कों और चिकित्सा सेवाओं की कमी के चलते दम तोड़ते मरीजों, अंधाधुंध जमीन की खरीद-फरोख्त, कमजोर
अगर आपने इस वायरल वीडियो को देखा है, तो आपने या तो इसे नजरअंदाज कर दिया होगा या फिर मंत्री जी की पीआर टीम द्वारा दिखाई गई इस असंवेदनशीलता पर गुस्सा महसूस किया होगा। लेकिन जब आप इस वीडियो को दो या तीन बार देखेंगे, तो आपको मंत्री जी का छुपा हुआ संदेश समझ में आ सकता है।
हाल ही में
उत्तराखंड में मूल निवास के लिए पहाड़ियों का जन-सैलाब, भाजपा सरकार कितनी देर तक अनदेखा करेगी?
उत्तराखंड के हल्द्वानी में आज मूल निवास 1950 लागू करने और मज़बूत भू-कानून की मांग को लेकर पहाड़ियों का जन-सैलाब उमड़ पड़ा। इस रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और अपनी आवाज बुलंद की।
प्रधानमंत्री जब अन्य पार्टियों के 'रेवड़ी कल्चर' की आलोचना करते हैं, जिसमें मुफ्त बिजली और पानी जैसी सुविधाओं का वितरण शामिल है, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या बढ़ते हुए आरक्षण का यह सिलसिला भी उसी 'रेवड़ी कल्चर' का हिस्सा नहीं है?
उत्तराखंड में हाल ही में मुख्यमंत्री
केदारनाथ में पर्यटकों की शिकायतों के बाद अब उनके लिए थार के बाद गोल्फ कार्ट की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन वहीं, पहाड़ों में लोग आज भी मरीज़ों को डोली में लेकर जाते हैं।
#Kedarnath
#Uttarakhand
‘नहीं तो जो ये केदारनाथ बाबा का धाम है, ये भी फिर बंद हो जाएगा हमेशा के लिए क्योंकि हमारी वजह से ही इनका वजूद है, वरना केदारनाथ का कोई वजूद नहीं है, हम ही हैं जो हैं’— यह वही होता है जब हम ऐसे पर्यटकों को प्राथमिकता देते हैं, जिन्हें यह तक नहीं समझ आता कि वे बाबा केदारनाथ के बारे
बागेश्वर में अवैध खनन: विकास के नाम पर विनाश और जोशीमठ जैसी त्रासदी की ओर
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में अवैध खनन ने एक गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है, जो जोशीमठ जैसी स्थिति की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है। यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के
From mud house to Coke Studio: Kamla Devi's folk music journey takes her national! 🇮🇳
Kamla Devi, a 50-year-old folk singer from Uttarakhand, is making history! As the first folk artist from
#Uttarakhand
state to be invited to Coke Studio Bharat Season 2, she's ready to
‘नहीं तो जो ये केदारनाथ बाबा का धाम है, ये भी फिर बंद हो जाएगा हमेशा के लिए क्योंकि हमारी वजह से ही इनका वजूद है, वरना केदारनाथ का कोई वजूद नहीं है, हम ही हैं जो हैं’— यह वही होता है जब हम ऐसे पर्यटकों को प्राथमिकता देते हैं, जिन्हें यह तक नहीं समझ आता कि वे बाबा केदारनाथ के बारे
यह पत्रकारिता नहीं है जब सैनिकों और पुलिस को एक रिपोर्टर की सुरक्षा की अतिरिक्त जिम्मेदारी उठानी पड़ती है, जो सिर्फ दिखावा करने के लिए फायरिंग के बीच पहुंच जाता है। TRP की इस दौड़ में हम वास्तविकता से दूर होते जा रहे हैं। ऐसी घटनाओं में न केवल सुरक्षा बलों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता
आप इस वीडियो को देखिए और समझिए कि किसी पार्टी प्रवक्ता ने इतनी समझदारी से कभी बात नहीं की। कुछ प्रवक्ताओं को देखकर तो लगता है कि बेतुकी बातें करना ही उनकी नौकरी की शर्त है।
लेकिन अलोक शर्मा ने साबित कर दिया है कि कुछ मुद्दे राजनीति से परे होते हैं।
@Aloksharmaaicc
कुछ लोग कहते हैं कि अगर उत्तराखंड के लोग अन्य राज्यों में जा सकते हैं, तो दूसरे राज्यों के लोग भी उत्तराखंड आकर क्यों नहीं रह सकते? बिल्कुल, उत्तराखंड के लोग भी अन्य राज्यों में जाते हैं, लेकिन वे कभी भी वहां के लोगों और संस्कृति का अपमान नहीं करते। वे अपनी कर्मभूमि का सम्मान
प्रेमनगर क्षेत्र में पहाड़ी समुदाय और महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी की ऑडियो क्लिप वायरल हो गई। आरोपी चंद्रकांत, बिहार का निवासी है व देहरादून में Realty Magnet नाम से प्रॉपर्टी का काम करता है।
@SmtSudhaMurty
This story is historically inaccurate. Rani Karnavati (died 1534) and Emperor Humayun (reign 1530-1540, 1555-1556) were not contemporaries, and Raksha Bandhan's origins are much older, tracing back to ancient Hindu traditions.
आज हरेला है - उत्तराखंड की धरती का वो पर्व, जो हरियाली के साथ उम्मीदों के नए अंकुर लाता है।
पहाड़ों की गोद में मनाया जाने वाला यह त्योहार सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ हमारे गहरे रिश्ते का प्रतीक है।
हरेला हमें याद दिलाता है कि विकास और प्रकृति संरक्षण साथ-साथ चल सकते
उत्तराखंड के लोगों तैयार हो जाइए चौंकने के लिए! आज, सरकार ने "अविश्वसनीय" बदलावों की एक श्रृंखला का अनावरण किया है.
1. निजी अस्पताल आसमान छूएंगे - हर जिले में मिनी अस्पताल!
क्या आपने कभी किसी को चिकित्सा के लिए पालकी में पहाड़ से नीचे ले जाते देखा है? खैर, अब चिंता न करें!
उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है, जहाँ एक ओर मासूम बच्ची इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है, वहीं दूसरी ओर हमारे नेता विदेशों में मुफ्त इलाज की सुविधा की मांग कर रहे हैं। यह विरोधाभास राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ता हालत और नेताओं की
फिर हुई देवभूमि शर्मसार: देहरादून में एक और घिनौनी घटना सामने आई है, जहां 16 वर्षीय पंजाब की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यह दर्दनाक घटना अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) परिसर में खड़ी एक बस में घटित हुई, जहां दरिंदों ने मानवता की सारी हदें पार कर दीं।
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@jk_rowling
Biological Men should not be allowed to compete in Women's sports. Any political ideology which allows it should be abolished and boycotted By everyone.
Uttarakhand politics is in a state of crisis. We need leaders who understand the pain of living in the mountains and can fight for better education, healthcare, jobs, and protection of our land. Instead, we have leaders who are more interested in pandering to the PM and abusing
उत्तराखंड में जंगलों में लगी आग इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य में जिम्मेदार शासन की कितनी कमी है।जंगल जल रहे हैं, हवा जहरीली हो रही है, और लोग अपनी आजीविका और घरों को खो रहे हैं, लेकिन राज्य के नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं।
यह स्थिति बेहद निराशाजनक और अस्वीकार्य है। यह
Pushkar Dhami's tenure as Chief Minister will be judged by whether Ankita Bhandari gets justice or not. No amount of PR or promotion will be able to tell otherwise. 1 year since Ankita Bhandari's murder, and still no justice. The government must act now.
#JusticeForAnkitaBhandari
In Uttarakhand, where unemployment is a pressing issue, sports can be a powerful tool for empowerment. Unfortunately, the state's sports department, underwhelmingly led by
@rekhaaryaoffice
, reflects incompetence. Completing a football match in 10 minutes (with 5-minute halves)
Alarming scenes in Haldwani, Uttarakhand, as radicals attack police, setting vehicles on fire. If law enforcement is targeted, imagine the fear ordinary citizens must be living with. Urgent action is needed to ensure safety, restore law and order.
#Haldwani
#Uttarakhand
हाथ मिलाओ, आवाज उठाओ, सत्ता की गरमी को मिटाओ! मिलकर बनाओ ऐसा आंदोलन, कि सत्ता हिल जाये, इकता की आग में!
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून
उत्तराखंड में शिक्षा संकट: 1671 स्कूल बंद, हज़ारों में सिमटा नामांकन
उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के दावों के बीच जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शिक्षा विभाग की ताजा रिपोर्ट चिंताजनक रुझान की ओर इशारा करती है. सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में भारी
#उत्तराखंड के जंगलों में आग: मौतें, घायल, और नुकसान पर पत्रकारों की चुप्पी
उत्तराखंड के जंगल जल रहे हैं, 10 लोग मारे गए हैं, 9 घायल हुए हैं, और 1657 हेक्टेयर भूमि नष्ट हो गई है। लेकिन ऐसे पत्रकारों ने कभी इस बारे में रिपोर्ट नहीं की। जैसे ही घायल लोगों को एयरलिफ्ट किया जाता है,
संवेदनशीलता मनुष्यता का गुण है। कई बार लोग ऊँचे पदों पर पहुँचने के बाद इससे परहेज़ करने लगते हैं। मगर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री
@pushkardhami
के साथ ऐसा नहीं प्रतीत होता है। बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस
The whispers of the forest carry tales of love, echoing through the centuries. The enchanting story of Rajula & Malushahi, first penned in the 1930s, resonates within the lush landscapes of
#Uttarakhand
.
#Sonchadi
, a tribute to this timeless love, releases on 08.05.2024. Don't
From mud house to Coke Studio: Kamla Devi's folk music journey takes her national! 🇮🇳
Kamla Devi, a 50-year-old folk singer from Uttarakhand, is making history! As the first folk artist from
#Uttarakhand
state to be invited to Coke Studio Bharat Season 2, she's ready to
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित खूबसूरत भीमताल झील का जलस्तर लगातार कम होता जा रहा है. यह झील वर्तमान में 17 मीटर के ऐतिहासिक निम्न जलस्तर पर पहुंच गई है, जबकि पहले इसका जलस्तर 22 मीटर हुआ करता था. जलवायु कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुमाऊं क्षेत्र में कम बारिश और बर्फबारी के
जब बात अपने हक़ की हो, आवाज़ उठाने की हो, तो सत्ता के गलियारों से आते हैं ये परिचित शब्द - राष्ट्रविरोधी, बेरोज़गार, वामपंथी! ये वो हथियार हैं, जिनसे सरकार विरोध को कुचलने की कोशिश करती है। ये वो तख़्तियाँ हैं, जो सवाल उठाने वालों पर टांग दी जाती हैं।
ये शब्द महज़ शब्द नहीं,
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लोगों को इस वीडियो से सीखना चाहिए कि अपने हक के लिए आवाज़ उठाना कितना ज़रूरी है। ये लड़ाई तब तक जारी रहनी चाहिए जब तक कि आपकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। अगर सत्ता में बैठे लोग आपकी सुनने को तैयार नहीं हैं, तो फिर वक्त आ गया है कि उन लोगों को बदल
मंत्री मंडल सिर्फ अपने मानदेय को लेकर चिंतित हैं।
बाकि जनता का क्या हैं, 2-4 दिन जरूरतों की मांग को लेकर आंदोलन होंगें फिर शांति बनी रहेगी।
ये जन आंदोलन उत्तराखंड के कर्णप्रयाग जिले का हैं, जहां की तमाम जनता सिमली मे एक बेहतर अस्पताल की मांग को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधि को
#उत्तराखंड के जंगल पिछले नवंबर से जल रहे हैं और इसको राज्य आपातकाल घोषित करके युद्ध स्तर पर संभालना चाहिए था। लेकिन इसके बजाय, पूरी IT सेल "फायर जिहाद" चिल्लाने में व्यस्त रही। राज्य सरकार की पूरी विफलता और अक्षम्य अक्षमता सामने आई है।
चार वन कर्मियों के इस गाड़ी में जिंदा जल
उत्तराखंड में पिछले 6 महीनों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दूनागिरी मंदिर जैसी पवित्र जगह भी इस आग की चपेट में आ चुकी है। चाहे बारिश की कमी हो, मानवीय लापरवाही हो या प्राकृतिक कारण, इन आगों ने भारी नुकसान पहुंचाया है।
लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय
From Kedarnath to Badrinath, the Himalayas roar
#PahadiHaiNaa
! No amount of
#ModiHaiNaa
slogans can silence the mountains' voice. Our dignity, our land, they come first. Let the echoes reach every power corridor! ️
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
उत्तराखंड में कितनी बार प्रशासन को नींद से जगाया जाएगा?
उत्तराखंड में एक बार फिर लापरवाही का मामला सामने आया है। स्वयंभू बाबा योगी चैतन्य आकाश ने बागेश्वर जिले के सुंदरधंगा ग्लेशियर पर 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मंदिर का निर्माण कर लिया। बाबा का
उत्तराखंड के लोक संगीत जगत को लगा गहरा आघात, प्रहलाद सिंह मेहरा का निधन
उत्तराखंड के लोक संगीत जगत को एक बड़ा झटका लगा है। प्रसिद्ध लोक गायक प्रहलाद सिंह मेहरा का बुधवार को निधन हो गया। हृदयाघात के बाद उन्हें हल्द्वानी के कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने इलाज
नौकरी के लिए आवेदन करते समय पूछा जाता है: "क्या आपका कोई रिश्तेदार इस कंपनी में काम करता है?"
कारण? हितों का टकराव न हो।
लेकिन उत्तराखंड में: पिता मंत्री हैं, और बेटा उन्हीं के मंत्रालय में टेंडर के लिए आवेदन कर रहा है!
क्या यह हितों का टकराव नहीं है?
दो मापदंड:
•आम जनता के
टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ने क्रूज बोट संचालन के लिए आवेदन मांगे, और देखो तो सही - पर्यटन मंत्री के बेटे का नाम भी लिस्ट में!
उत्तराखंड के नेताओं ने तो अपना इंतजाम कर लिया:
•नौकरियां बाहर वालों को
•टेंडर परिवार और दोस्तों को
अब कोई पूछेगा, "आम जनता के लिए
संसाधनों की सीमितता के बावजूद, भाजपा की ताकत के खिलाफ लड़ते हुए, बॉबी पंवार ने 168081 वोट प्राप्त किए। यह पर्याप्त नहीं था, लेकिन यह उम्मीद जगाता है कि यदि आप महत्वपूर्ण सवाल पूछते हैं और स्थानीय मुद्दों को उठाते हैं, तो उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस से परे भी संभावनाएं हैं।
उत्तराखंड में भू-कानून की मांग ने सियासी गलियारों में भूकंप ला दिया है. जहां एक तरफ ज़्यादातर लोगों का समर्थन इस मांग के साथ है, वहीं कुछ आलोचक उत्तराखंड के बाहर रहने वाले लोगों को हथियार बनाकर इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. पर असल में सवाल ये है कि क्या पिछली सरकारों ने इतना कुछ
उत्तराखंड में मूल निवासियों का आंदोलन तेज, बागेश्व��� और हल्द्वानी में होंगी रैलियां
उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून के मुद्दे पर चल रहा आंदोलन तेज हो गया है। मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने 24 दिसंबर को देहरादून में एक विशाल रैली निकाली थी, जिसमें हजारों लोगों ने
उत्तराखंड में जहां एक ओर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गांवों में जंगली जानवरों के हमले लगातार चिंता का विषय बने हुए हैं। बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे की कमी से राज्य के लोग पहले ही परेशान हैं। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री की तरह
टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ने क्रूज बोट संचालन के लिए आवेदन मांगे, और देखो तो सही - पर्यटन मंत्री के बेटे का नाम भी लिस्ट में!
उत्तराखंड के नेताओं ने तो अपना इंतजाम कर लिया:
•नौकरियां बाहर वालों को
•टेंडर परिवार और दोस्तों को
अब कोई पूछेगा, "आम जनता के लिए
@jk_rowling
Political ideology has blinded people to basic human rights and women's safety, twisting even clear-cut issues into ideological battlegrounds at the expense of vulnerable individuals.
The Kosi Barrage in Almora, which was constructed in 2015 with the primary purpose of providing clean drinking water to over 1 lakh people in the area, now finds itself in a precarious situation. The absence of regular maintenance and cleaning has led to the contamination of the
24 वर्ष पूर्व, 9 नवंबर 2000 को, उत्तराखंड एक आशा के साथ जन्मा था - एक ऐसा पर्वतीय राज्य जो अपने मूल निवासियों के हितों की रक्षा करेगा। आज, वह स्वप्न अधूरा सा लगता है। गैरसैंण की राजधानी का सपना अभी भी अधूरा है, मूल निवासियों के अधिकारों पर प्रश्नचिह्न लगे हुए हैं। भू-माफिया का
@pushkardhami
ji, हम सब
#PahadiHaiNaa
फिर भी हमारे अधिकार क्यों लेट हो रहे हैं? कितनी और समितियां बनेंगी? हमारी मांग है, सख्त भूमि कानून का तुरंत लागू होना! 🏞️
#मूल_निवास_स्वाभिमान_रैली
#मूल_निवास_1950
#उत्तराखंड_मांगे_भू_कानून
बागेश्वर जिले के गरुड़ तहसील क्षेत्र से एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं है, बल्कि हमारे समाज की नैतिकता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। देवभूमि उत्तराखंड, जो अपने संस्कारों, धार्मिकता और शांति के लिए जाना जाता है,
बागेश्वर, उत्तराखंड में एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई है। श्री पान सिंह और उनकी पत्नी, जो गांव बयाली कुरसाली, पोस्ट कन्धार, विकास खंड गरुड़ में रहते हैं, आज भी एक जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं।
रेड अलर्ट और लगातार भारी बारिश के बीच, इस बुजुर्ग दंपति की स्थिति चिंताजनक
The spirit of
#PahadiHaiNaa
filled the Parade Ground, and it's spreading! Uttarakhand's message is clear: our vote will be for those who walk alongside us, not above us. The battle for our future has begun, village by village, post office by post office, district by district!
भू-कानून चाहिए, समीक्षा नहीं!
माननीय मुख्यमंत्री जी, समितियां और रिपोर्ट्स तो बनती रहेंगी, लेकिन ज़मीन पर किसानों को ज़रूरत है भू-कानून की! हर बार समिति बनाकर बहसें खींचने से बेहतर है, सीधे ज़मीनी हकीकत समझें और कानून लागू करें।
सरकार के पास अगर भू-कानून रिपोर्ट समीक्षा के लिए
भू कानून के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री
@pushkardhami
जी ने अपर मुख्यसचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बनाई एक 5 सदस्यीय समिति जो शासन को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट का परीक्षण करेगी । इस संवदंशील मुद्दे पर मुख्यमंत्री जी का यह कदम स्वागत योग्य है ।
उत्तराखंड का ओम पर्वत: प्रकृति का चमत्कार या मानव की लापरवाही का शिकार?
पिथौरागढ़ जिले के नाभीढांग में स्थित ओम पर्वत, जो अपनी चमत्कारिक 'ॐ' आकृति के लिए विश्व प्रसिद्ध था, आज एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि इस पर्वत पर बर्फ से बनने वाली प्राकृतिक 'ॐ'
पर्यटन मंत्री का दावा है कि स्थानीय लोगों, खासकर डोली वालों की वजह से पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. ये तर्क न सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि सरकार की नाकामी को भी सामने लाता है. क्या वाकई यही सच्चाई है?
सच तो ये है कि पर्यटन विभाग भीड़ को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने में नाकाम
तिलाड़ी कांड: उत्तराखंड के इतिहास का भुलाया नहीं जा सकने वाला वीभत्स अध्याय
30 मई, उत्तराखंड के इतिहास में एक काला दिन है। 1930 में इसी दिन तत्कालीन टिहरी रियासत के राजा नरेंद्र शाह ने तिलाड़ी मैदान में एक ऐसा नरसंहार किया जिसकी यादें आज भी लोगों को झकझोर देती हैं। जंगलों पर
Let them have their Whispered lies and airbrushed smiles, parade their wealth and influence. We, the people of Uttarakhand, gathered at Parade Ground with something far more powerful: righteous anger, voices echoing with clarity, hope lighting our eyes, and hearts overflowing
आज देहरादून में मुख्यमंत्री श्री
@pushkardhami
जी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री
@mahendrabhatbjp
जी एवं भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री
@Tejasvi_Surya
जी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित विशाल युवा पद यात्रा "मोदी है ना " में हज़ारों की संख्या में उपस्थित युवाओं को संबोधित कर
उत्तराखंड के लोगों के लिए देशप्रेम सर्वोपरि है, और राष्ट्रहित को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि कभी-कभी कुछ फैसले, चाहे कितने भी कठिन हों, लेने पड़ते हैं। हमें यह गौर करना होगा कि कहीं ऐसा न हो कि देशहित के नाम पर हम उत्तराखंड ही खो दें।
उत्तराखंड के जोशीमठ में चल रही आपदा ने एक बार फिर पर्यावरण संरक्षण और प्रशासनिक जवाबदेही के मुद्दों को सामने ला दिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस मामले में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं।
जोशीमठ की वर्तमान स्थिति अनियोजित विकास का
देर रात हुई भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। सोनप्रयाग मुख्य बाजार से लगभग एक किलोमीटर आगे नदी के कटाव और पहाड़ी दरकने से सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया है। इस क्षेत्र में फिलहाल पैदल चलना भी संभव नहीं है। यात्रियों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और अगली