*अच्छे के साथ अच्छे बनें,*
*किंतु बुरे के साथ बुरे नहीं,*
*क्योंकि ....!!*
*हीरे से हीरा तराशा जा*
*सकता है ...*
*परंतु ....*
*कीचड़ से कभी कीचड़ साफ*
*नहीं होता।।*
🌹 *शुभ-प्रभात* 🌹
रा��े राधे
भूत-पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावे ।। नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बल बीरा।। यदि व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है तो निरंतर सुबह-शाम 108 बार जप करके तथा मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति के सामने पूरी हनुमान चालीसा के पाठ से रोगी रोग मुक्त हो जाता ह
*माता पिता जानते है कि,*
*वो रह तो रहे हैं बेटों के घर में,*
*मगर ....*
*वैसे नहीं जैसे बेटे रहते थे,*
*उनके घर में..!!*
राधे राधे बोलना पड़ेगा।।
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*रिश्तों की फसलें नही होती*
*जो पके और काट ली जाए,*
*रिश्तों के वट वृक्ष होते है,*
*जो वर्षों की मेहनत के बाद*
*गहरी छाया और गहरी जड़ों*
*के समान मजबूत बनते है...*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
*दो नियम आपके*
*व्यक्तित्व को निखारते हैं,*
*"पहला" जब आपके पास*
*कुछ ना हो तो ‘धीरज’*
*और ....*
*दूसरा जब आपके पास*
*सब कुछ हो तब ‘व्यवहार’!!"*
राधे राधे बोलना पड़ेगा।।
ब्राह्मण सनातन कि वह नीव है जिसने इतिहास के सारे थपेड़े झेल कर भी सनातन की पोथी नहीं छोड़ी, सदियों से सनातन को हिंदुओं की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में रोपता रहा...!!
#ब्राह्मण
#जय_परशुराम 🏹🙏🏻📿🔱
चरण शरण में आयें के धरु तिहारो ध्यान,
संकट से रक्षा करो हे महावीर हनुमान!
ट्विटर पर उपस्थित सभी प्यारे सनातनी साथियों को जय श्री राम 🙏🚩
#जय_बजरंगबली 🙏🚩🚩
#जय_श्रीराम 🙏🚩
दैवाधीनम जगत सर्वं, मंत्राधीनाश्च देवता।
ते मंत्रा ब्रम्हानाधीना, तस्मात् ब्राम्हण देवता।
भावार्थ - सम्पूर्ण जगत देवताओं के अधीन है, देवता मन्त्रों के आधीन है, मंत्र ब्राम्हण के अधीन है, इसलिए ब्राम्हण देवता है।
कैसे भूल गए ब्राह्मण अपने अस्तित्व को ?
*कौन कहता है..!*
*NATURE और SIGNATURE*
*नही बदलते...!!*
*वक्त सब बदल देता है जनाब..*
*उंगली मे अगर जख्म हो जाये*
*तो SIGNATURE बदल जाता है*
*और....*
*दिल पर जख्म हो तो NATURE*
🌹 *सुप्रभात* 🌹
राधे राधे
*🌹केवल ज्ञानी ही घोषणा कर सकता है,कि "संपूर्ण ब्रह्मांड मेरा शरीर है," आवागमन के बंधन से मुक्त है। क्योंकि वह अनंत है। फिर वह कहां जाए और कहां से आए? उन्हीं में सारा ब्रह्मांड स्थित है।*
बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पैड खजूर, पंछी को छाया नहीं। फल लागे अति धूल।। इंसान के पास धन दौलत हो और अगर किसी जरूरत मंद के काम न आये तो ऐसी दौलत का क्या फायदा वो खजूर के पेड़ कि तरह है जो पंछी तक को छाया नहीं दे सकता।।